यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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इस मजेदार सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि हम चारों होली की मस्ती भरे इस दंगल में कामुक रोमांस की शुरूआत कर चुके थे.
अब आगे:
धीरे धीरे हम चारों इस ताश के मस्ती भरे खेल के दंगल को चुदाई के दंगल में बदलने की ओर बढ़ने लगे थे.
गेम फिर से शुरू हो गया, ताश के पत्ते एक बार फिर से बंट गए और इस बार नतीजा ये आया कि टास्क करने की बारी सोनल की थी. इस गेम को राधिका ने जीत लिया था.
सबसे पहले तो सोनल ने एक पैग मारा, फिर वो राधिका की तरफ देखने लगी.
राधिका- राज, मैं चाहती हूं कि तुम अपनी बहन का कुरता अपने हाथों से निकाल कर मुझे दे दो.
राधिका की बात सुनकर मुझे अन्दर से जोश भर गया. मैं अब तक भूल चुका था कि सोनल मेरी सगी बहन है. मैं सोनल के पास गया और मैंने उसका कुरता निकालकर राधिका को दे दिया.
अब मेरे सामने तीनों लौंडियां बिना कुरता के बैठी थीं, जिसमें राधिका ने लाल रंग की ब्रा, दिशा ने प्रिन्टेड ब्लू कलर की ब्रा और सोनल ने एक जालीदार ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी.. जिसमें से उसके पिंक निप्पल मुझे साफ़ तने हुए दिख रहे थे. मेरा लंड एकदम से फूलने लगा था, जिसे सोनल ने बड़े ध्यान से देखा था.
गेम फिर शुरू हुआ. इस बार फिर से राधिका जीत गई और दिशा हार गई. लेकिन अब बियर खत्म हो गई थी. नशा भी काफी हो गया था, तो हम सबने तय किया कि अभी कुछ देर रुकने के बाद पैग वाला नियम जारी करेंगे.
राधिका ने दिशा से कहा- दिशा, तुम अपना लहंगा निकाल दो.
दिशा नशे में लहराते हुए खड़ी हुई और गांड हिलाते उसने अपना लहंगा निकाल दिया. अब दिशा एक पेंटी में हम सभी के सामने खड़ी थी. उसको इस तरह से देखकर मेरा लंड खड़ा होकर आन्दोलन करने लगा. मैंने जैसे तैसे लंड को समझाया कि भोसड़ी के शान्ति रख दोनों नए छेद तेरे से ही खुलेंगे.
सोनल ने अपने निप्पल मींजते हुए दिशा से कहा- देख दिशा, तुम्हें टू पीस में देखकर मेरे भाई का हथियार खड़ा हो गया है.
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- अब इतने हॉट माल को बिना कपड़े के देखकर भला मैं तो क्या, कोई भी नहीं रुक सकता.
सोनल हंसने लगी.
मैंने राधिका से कहा- डार्लिंग, अब बियर न जाने कितनी देर में शुरू करोगी, तब तक एकाध सिगरेट ही पिलवा दो.
राधिका का भी मन हो गया था, तो वो गांड मटकाते हुए मेरी टेबल से सिगरेट का पैकेट ले आई. मैंने एक सिगरेट सुलगाई और दिशा की चूत को देखने लगा.
दिशा- जीजाजी अभी क्या देखते हो, अभी तो आगे और भी मजा आने वाला है.
यह कहते हुए उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और बड़े ही कामुक अंदाज में एक सुट्टा लगा कर धुंआ उड़ाने लगी. तभी सोनल ने दिशा के हाथ से सिगरेट ले ली. उसने भी अपने होंठों से सिगरेट दबा कर आगे ताश के पत्ते बांटना शुरू कर दिए. सच में इस वक्त सोनल कोई बड़ी गैम्बलर सी लग रही थी. ऊपर से ब्रा में से उसके गोरे मम्मे हिलते हुए एक अलग ही मजा दे रहे थे.
मेरी नजरें पढ़ कर राधिका ने मुझसे कहा- लगता है राज, तुमको अपनी बहन की चूचियां ज्यादा पसंद आ गई हैं.
उसकी बात पर हम चारों मुस्कराने लगे.
तभी राधिका आगे बोली- अब हम चारों को पता ही चल गया है कि आगे क्या होने वाला है, तो क्यों ना हम डायरेक्टर फ़ाइनल टास्क वाला गेम खेलते हैं.
दिशा- यह बात आप दीदी सही बोल रही हो.
मैं- राधिका ठीक है, शुरूआत पहले तुम ही करो.
राधिका- ठीक है.. राज तुम अपना पजामा निकाल दो.
मैंने झट से खड़े होकर अपना पजामा निकाल दिया. अब में सिर्फ एक निक्कर में रह गया था जिसमें से मेरा लंड नब्बे डिग्री पर अपनी उत्तेजना से उन तीनों चुदासियों की चूतों में चीटियां रेंगा रहा था.
अब टास्क देनी की बारी मेरी थी.
मैं- राधिका अब तुम भी अपना लंहगा निकाल दो.
राधिका तो जैसे यही सुनने के इन्तजार में थी उसने तुरंत अपना लंहगा निकाल दिया. राधिका और दिशा को ब्रा पेंटी में देखा कर सोनल ने भी अपना लंहगा निकाल दिया अब वो भी ब्रा पेंटी में मेरे सामने थी.
सोनल बोली- भाई मैं चाहती हूँ कि आप भाभी को अपनी जांघ पर बैठाकर उसके मम्मे दबाओ.
मैं राधिका की ओर देखकर बोला- आ जा मेरी जानेमन … अपनी कैरियों का रस निकालने के लिए मेरी जांघ पर बैठ जा.
राधिका इठलाते हुए मेरी जांघ पर बैठ गई और मैं दिशा और सोनल को दिखाते हुए अपने दोनों हाथ से राधिका के मम्मे दबाने लगा.
राधिका कामुक सीत्कार करने लगी- उह्ह … ह आह मेरी जान धीरे मसको न … उह आह!
मुझे इस बात से बड़ा ही रोमांच हो रहा था कि आज मैं अपनी बीवी के मम्मे अपनी बहन और साली के सामने दबा रहा था. ये सीन देखकर वो दोनों ही एकदम से गर्म हो रही थीं और मैं भी अपना होश खो रहा था.
फिर राधिका मेरी जांघ से नीचे उतर गई.
मैंने सोनल की तरफ देखा और उससे कहा- सोनल मैं चाहता हूं कि तुम दिशा के मम्मों पर किस करो.
सोनल दिशा के मम्मों को किस करने लगी और मैं ये रंगीन नजारा देख कर लंड हिला रहा था. सोनल के किस करने की वजह से दिशा जोर से सिसकारी भर रही थी- उह्ह.. आह उह.. ओह..
एक पल के लिए सोनल रुक गई और दिशा को देखने लगी. अब दिशा ने राधिका को टास्क दिया- दीदी, आप अपनी ब्रा निकाल दो.
राधिका ने झट से अपनी ब्रा निकाल दी. उसे तने हुए मम्मे हवा में फुदकने लगे.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने हाथ बढ़ा कर राधिका के एक मम्मे को मसल दिया, जिससे राधिका की गर्म आह निकल गई.
फिर राधिका ने कहा- तुमको मम्मे दबाने की इतनी जल्दी है, तो तुम अब अपनी बहन को अपनी जांघ पर बैठाकर उसके मम्मे को दबाओ न.
मैंने सोनल को अपने जांघ पर बैठा लिया. वो झट से मेरी कमर के दोनों तरफ टांगें डाल कर ऐसे बैठ गई, जिससे मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ने लगा. मैं उसके मम्मे दबाने लगा, जिससे सोनल गर्म आहें निकालते हुए मुझे चूमने लगी.
वो बोली- ब्रा उतार कर मेरे दूध मसलो न भाई.
मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दिया.
अब वो मेरी गोद में जोरों से मोन कर रही थी. सोनल के मम्मे दिशा की तरह बिल्कुल टाइट थे. मैं सोनल के मम्मे जोर से दबा रहा था और वो तेज आवाज में मोन कर रही थी.
सोनल- उह ओह आह … ओह ओह अऊ आह आह.
उसकी गर्म आवाजें निकल रही थीं. उसे अपनी गोद में बिठा कर उसके चूचों को दबाने से मैं भी बहुत ज्यादा गर्म हो गया था.
हम दोनों को ऐसा करते देख कर दिशा ने भी अपनी ब्रा निकाल दी और खुद ही अपने मम्मों पर हाथ घुमा कर मसलने लगी.
इतनी देर में सोनल इतनी गर्म हो गयी थी कि वो अपना होश खो बैठी. तब मैंने सोनल के मम्मे दबाना बंद कर दिए. सोनल मेरी ओर देखकर हल्की सी मुस्करा दी और मेरी गोद से उतर कर अपनी जगह बैठ गई.
राधिका के साथ दिशा और सोनल के नंगे मम्मे देख कर मुझे बियर की तलब लगने लगी. लेकिन मैंने फिलहाल कुछ देर रुकने का फैसला किया.
मैंने दिशा से कहा- दिशा, तुम अपनी बहन के साथ मिलकर लेस्बियन किस करो.
वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगीं और मैं उन दोनों के इस गर्म सीन को देख कर सोनल की जांघ को सहलाने लगा, जिससे सोनल को भी मजा आ रहा था.
सोनल- दिशा, अब तुम्हारी बारी अपने मम्मे दबवाने की है, जा बैठ जा अपने जीजाजी के लौड़े पर.
सोनल के मुँह से लौड़े पर बैठने का सुनकर मेरे लौड़े ने एक बार तुनकी मार कर ख़ुशी जाहिर की कि शायद उसका नम्बर चूत में घुसने का आ गया है.
खैर … दिशा को मेरे खड़े लौड़े पर बैठने की कह कर सोनल और राधिका मुस्करा दीं.
दिशा मेरे पास आई और मैंने उसे अपनी गोद में उल्टा बैठाकर उसके मम्मे दबाने लगा. इस समय दिशा की पीठ मेरी छाती से लगी थी और मेरे दोनों हाथ उसके तने हुए चूचों की चटनी बनाने में लगे थे. चूचों की मिंजाई से दिशा मोन करने लगी और उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. उसकी गांड भी मेरे खड़े लंड पर रगड़ने लगी थी.
दिशा मेरे लंड पर खुद की चूत को घिसते हुए सीत्कार करने लगी- उह आह ओह औह आह आह जीजू … कितना कड़क हो गया है आपका.
मेरी साली के दोनों हाथ मेरे हाथों पर रखे हुए थे. वो तो मानो मेरे हाथों को अपने मम्मों से हटाने ही नहीं देना चाहती थी. मैं तो खुद उसकी चूत घाटी में अपने लंड को रगड़ कर जन्नत की सैर कर रहा था.
फिर मैंने अपने आपको संभाला और दिशा के मम्मों पर से हाथ हटा दिए. दिशा अपनी जगह पर जाकर बैठ गई.
इसके बाद दिशा का नम्बर राधिका को टास्क देने का आया. दिशा वासना से भर के बोली- दीदी, आप जीजाजी के लंड पर किस करो.
जब सोनल ने लौड़े का कहा था, तब से ही शायद दिशा को लंड सूझ रहा था. राधिका ने भी मुझे खड़े होने का इशारा किया. मैं झट से खड़ा हो गया. अब राधिका ने मेरे 7 इंच के लंड को मेरे निक्कर से बाहर निकाला और हाथ में लेकर लंड को हिलाया.
मेरे खड़े लंड को देख कर वो दोनों एकदम से चौंक उठीं. सोनल ने अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहा- हाय भाई … इतना बड़ा लंड!
राधिका- हां इतना बड़ा लंड … और यही लंड आज तुम दोनों की चुतें भी फाड़ेगा.
इसके बाद राधिका मेरे लंड पर किस करने लगी, साथ ही उसने मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और लंड के स्वाद का चटखारा लेकर वापस बैठ गई.
मैं अभी अपनी निक्कर वापस ऊपर करके पहन ही रहा था कि तभी दिशा बोलने लगी- जीजाजी ये फाउल है, अब आप इसे वापस नहीं पहन सकते हो.
मैं- ओके मेरी प्यारी साली साहिबा, लेकिन इसको खुला रखने से संभालना मुश्किल हो जाएगा.
दिशा- बड़े आराम से सम्भल जाएगा जीजू … आज हम तीनों इसके लिए भारी पड़ने वाली हैं. आप अकेले कब तक झेलोगे हम सबको?
उसकी बात का मैं कोई उत्तर नहीं देना चाहता था. इसका उत्तर मेरा लंड देने वाला था. मैं बिल्कुल नंगा हो गया और तभी मेरी बीवी ने मेरी बांछें खिला दीं.
राधिका- दिशा अब तुम अपने जीजू के लंड को किस करोगी.
मैं राधिका की तरफ प्यार से देखने लगा. आज मेरी बीवी मुझे अपनी बहन की चुदाई का सुख देने वाली थी.
मेरी साली दिशा मेरे पास आई और जैसे ही उसने मेरे लंड पर किस किया, मेरे पूरे शरीर में मानो बिजली सी दौड़ गई. मैंने भी इस पल का भरपूर लाभ उठाया और दिशा के एक मम्मे भी जोर से मसल दिया.
दिशा गनगना उठी और उसके मुँह से एक किलकारी सी निकल गई- उफ्फ्फ … जीजू.
इसके बाद वो दिशा मेरे करीब ही बैठ गई … वो मेरे लंड से खेलने लगी.
मैंने राधिका से कहा- राधिका मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी और सोनल की पेन्टी निकाल दो.
राधिका ने तुंरत उठ कर अपनी ऐसे खींच कर उतारी, जैसे वो उसे चुभ रही हो. फिर उसने सोनल की तरफ देखा, तो सोनल ने खुद ही अपनी पेंटी निकाल दी थी. इससे वो दोनों भी बिल्कुल नंगी हो गईं. मुझे अपनी सगी बहन सोनल की सील पैक चुत साफ दिख रही थी.
सोनल ने अपनी चूत पर अपना हाथ फेरा और मुझे चूत दिखाते हुए राधिका से बोली- भाभी आप जल्दी से मेरे भाई का लंड चूसो. अब उनके लंड को बड़ी बेताबी होती दिख रही है.
राधिका ने मुझे खड़े होने का इशारा किया और मैं खड़ा हो गया.
राधिका घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को पकड़ कर मुँह में लेते हुए चूसने लगी. मेरा पूरा लंड राधिका के मुँह में चला गया था, जिससे मैं धीमे स्वर में सिसकारने लगा था.
अब पूरा माहौल बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुका था. हम सभी पूरे नंगे ही चुके थे.
मैं- ओह आह उफ़ … मेरी जान कितना मजा दे रही हो आह.
मेरे मुँह से कामुक और मदभरी आवाज निकल रही थी, जिसे सुनकर दिशा और सोनल और भी ज्यादा मदहोश हो रही थीं. वे दोनों अपनी चूचियां मसल कर अपनी चुदास कमरे में बिखेर रही थीं.
मैंने भी अपने हाथ से राधिका के बाल पकड़ लिए और पूरे लंड को उसके गले तक पेल कर मुँह चोदन में जुट गया.
तभी राधिका रुक गई और खड़ी होकर बाहर निकल गई.
दिशा- जीजाजी. आप सोनल की चूत पर किस करो न.
मैंने कहा- क्यों तुमको अपनी चूत पर चुम्मी नहीं करवानी है?
दिशा बोली- मुझे तो आपका लंड चूसना है.
उसकी बात सुनकर मैं हंसते हुए सोनल के पास गया और नीचे झुककर उसकी चुत पर किस किया.
इतने में राधिका भी अन्दर आ गई. वो ब्लैक डॉग की बोतल और कुछ टेबलेट ले कर अन्दर आई थी.
उसने मुझे एक गोली दी, जो कि डबल डोज वाली वायगरा की थी. साथ ही राधिका ने उन दोनों को भी एक एक गोली दे दी, जिससे आगे जाकर चुदाई के मजे में कोई दिक्कत न हो.
अब हम चारों चुदाई का समय बढ़ाने वाली गोली ले चुके थे. इसके बाद राधिका ने ब्लैक डॉग के चार पटियाला पैग बनाए और हम सबको अपने अपने गिलास उठा कर चियर्स करने के लिए बोला. हम चारों ने दारू से भरे गिलास आपस में टकराए और अपने होंठों से लगा कर आज की चुदाई के कार्यक्रम की सफलता के लिए चियर्स बोला.
अब आगे जाकर ये रोमांस घमासान चुदाई और कामुक आवाजों में बदलने वाला है. तो प्रिय पाठकों, मिलेंगे अगले भाग में इस चुदाई के खेल में. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे.
आपका अपना राजा
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