मेरा नाम आकाश है दोस्तो. मैं 30 साल का एक हत्ता कट्टा गोरा चिट्टा नौजवान हूँ.
मेरी शादी दो साल पहले दीक्षा नाम की एक लड़की से हुई है.
दीक्षा एक बहुत ही सुन्दर सुशील और सरल स्वभाव वाली लड़की है.
वह एक वर्किंग वुमन है.
Xxx साली की चूत का मजा मुझे मेरे बीवी की बहन ने दिया.
मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता दूँ.
मैं हैंडसम हूँ, स्मार्ट हूँ और घुंघराले वालों वाला हूँ.
कॉलेज की दिनों में मुझे सेक्स में बहुत ज्यादा मज़ा आता था.
मैं लड़कियों से खूब हंस हंस कर बातें करता था और मजे लेता था.
चूँकि मैं पढ़ने में बहुत अच्छा था और स्पोर्ट्स में भी बहुत अच्छा था तो हमारे कॉलेज की लड़कियां मुझ पर मरा करती थीं और मेरे आगे पीछे घूमा करती थी.
मैं भी मौके के फायदा उठाया करता था.
धीरे धीरे मैं लड़कियों को पटाने लगा; उन्हें अपनी मोटर साइकिल पर बैठा बैठा कर घुमाने फिराने लगा.
फिर आहिस्ते आहिस्ते उन्हें अपना लण्ड पकड़ाने लगा.
मुझे लड़कियों को लण्ड पकड़ाने में बड़ा मज़ा आता था तो मैं बहाने से लड़कियों को सिनेमा दिखाने ले जाता था और वहां सबसे पीछे की सीट पर बैठ कर लड़कियों को अपना लण्ड पकड़ाया करता था और उनकी चूचियाँ मसला करता था.
एक बार फरीदा नाम की एक लड़की मुझे अपने पैसों से सिनेमा दिखाने ले गयी.
हम दोनों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए.
फिल्म फ्लॉप थी इसलिए कोई भीड़ तो थी नहीं.
जैसे ही हाल में अँधेरा हुआ वैसे ही उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया.
वह लण्ड खूब प्यार से हिलाती रही, सहलाती रही और मेरे कान में गन्दी गन्दी बातें मुझे सुनाती रही.
फिर वह मुझे बाहर लेडीज टॉयलेट में ले गयी और कमोड पर अपनी चूचियाँ खोल कर बैठ गयी.
उसने मुझे अपने सामने खड़ा किया, मेरी पैंट खोल कर मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया.
फिर वह बड़े प्रेम से मेरा लण्ड चाटने और चूसने लगी.
मुझे लण्ड चाटवाने और चुसवाने में मज़ा आने लगा.
फिर उसने लण्ड मुट्ठी में लिया और मुट्ठ मारने लगी.
लण्ड ने कुछ ही देर में वीर्य उगल दिया जिसे वह चट कर गई.
यह देख कर मुझे उससे प्यार हो हो गया.
मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया.
सिनेमा तो देखना ही नहीं था तो हम दोनों फिर वापस आ गए.
ऐसा मैंने कई लड़कियों के साथ किया और सबको लण्ड पकड़ाने का मज़ा लिया.
मेरी शादी के पहले मेरी नौकरी लग गयी.
मैं बहुत खुश हुआ.
लेकिन शादी के बाद भी मेरा लड़कियों को लण्ड पकड़ाने का सिलसिला रुका नहीं.
मैं अभी भी चुपके चुपके लड़कियों को लण्ड पकड़ा ही देता हूँ.
एक दिन अचानक मेरे घर में मेरी सगी साली साक्षी आ गई.
मैं तो उसे देख कर हैरान हो गया और मस्त भी हो गया.
मुझे उसे देखे दो साल हो चुके थे.
अपनी शादी के बाद आज पहली बार उसे देख रहा था.
वह 21 साल की थी.
उसने साड़ी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना हुआ था. ब्लाउज़ के अंदर से उसकी छोटी सी ब्रा का दायरा भी साफ़ साफ़ दिख रहा था.
उसकी चूचियों का साइज साफ़ साफ़ झलक रहा था.
चूचियाँ तो बहनचोद बाहर निकलने के लिए बड़ी बेताब हो रही थीं.
मुझे यह जानने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि उसके मम्मे मेरी बीवी के मम्मों से बड़े बड़े हैं.
मेरा तो मन हुआ कि मैं अभी इसके मम्मों के बीच अपना लण्ड घुसेड़ दूं.
उसकी खुली खुली बाहें बड़ी सेक्सी लग रहीं थीं और उसकी बाहों की गोलाई तो बड़ा गज़ब ढा रही थी.
उसके बड़े बड़े चूतड़ देख कर, पीछे से उसकी आधे से अधिक नंगी पीठ देख कर, उसकी मोटी मोटी जाँघों का अंदाजा लगा कर मेरा तो लण्ड साला आपे से बाहर हुआ जा रहा था.
लग रहा था कि साला चड्डी फाड़ कर बाहर निकल आएगा.
मैं उसकी चूत और गांड की कल्पना में खो गया.
उसका गोरा गोरा गदराया हुआ बदन मुझे अपनी तरफ खींच रहा था.
उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आँखें गोल चेहरा और गुलाबी होंठ मेरी जान ले रहे थे.
उसने जब बड़े प्यार से मुझे जीजा जी कहा तो मेरा मन हुआ कि मैं उसे अपनी गोद में उठा लूं.
बस मैं अपनी साली साक्षी के आगे पीछे घूमने लगा, उससे बातें करने लगा और वह सब करने लगा जो वह चाहती थी.
उधर मेरी बीवी दीक्षा ने अपनी बहन के आने पर उसको घुमाने फिराने के लिए 3 दिन की छुट्टी ले ली.
मुझे भी 3 दिन की छुट्टी लेनी पड़ी.
हम तीनों खूब घूमते फिरते रहे.
इन तीन दिनों में मैंने उसे खुश करने के लिए बहुत कुछ किया.
मैं साली जी के साथ दूसरे ही दिन से थोड़ी थोड़ी छेड़खानी करने लगा.
मेरी बीवी जब बाथ रूम में होती या टॉयलेट में होती या अकेली किचन में होती तो मैं साली का कभी हाथ पकड़ लेता, कभी उसकी चुम्मी ले लेता और कभी उसकी चूचियाँ दबा देता.
वह भी जवाब में कभी प्यार से अपना कंधा मेरे कंधे पर मारती, कभी मुझे अपने कूल्हे से छू लेती, कभी मेरी जांघ पर हाथ रख देती तो कभी मुंह बना बना कर जबान निकाल निकाल कर मुझे चिढ़ाती.
वह भी मुझ पर डोरे डालने लगी जैसे मैं उस पर डोरे डाल रहा था.
लेकिन हम दोनों को कभी अकेले में रहने का मौक़ा नहीं मिला इन 3 दिनों में.
एक दिन जब मैं तौलिया लपेट कर एकदम नंगे बदन नहाने जा रहा था तो साक्षी वरांडा में बैठी हुई सब्जी काट रही थी.
मेरी बीवी अंदर किचेन में नाश्ता बना रही थी.
मेरा लण्ड बहन चोद खड़ा था.
मुझे शरारत सूझी.
मैं किचन की तरफ पीठ करके साक्षी के आगे खड़ा हो गया और अपनी तौलियां के दोनों सिरे फैलाकर अपना नंगा लण्ड उसे दिखाते हुए कहा- लो साक्षी, ज़रा इधर देखो!
उसने देखा तो बोली- बाप रे बाप … इतना बड़ा? इतना मोटा?
मैं फिर बाथ रूम में चला गया.
उधर किचन से मेरी बीवी बोली- अरी साक्षी, क्या बड़ा है और क्या मोटा है?
वह बहाना बनाती हुई बोली- दीदी, गोभी के फूल में देखो न कितना बड़ा और कितना मोटा कीड़ा है.
मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ.
आखिरकार मैंने साली जी को अपना लण्ड दिखा ही दिया.
मुझे मालूम हो गया कि आग अगर मेरे लण्ड में लगी है तो उसकी चूत में भी लगी है.
चौथे दिन मेरी बीवी काम पर चली गयी और मैं भी काम पर चला गया.
लेकिन मैं एक घंटे के बाद वापस घर लौट आया.
साली जी ने जैसे ही दरवाजा खोला तो मैंने दरवाजा बंद कर उसको अपनी बाँहों में भर लिया, चिपका लिया उसे अपने बदन से!
वह बोली- अरे जीजा जी, ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा. यहाँ और कोई नहीं है हम दोनों के अलावा. मैं कई दिन से तड़प रहा हूँ. आज मौक़ा मिला है मेरी रानी!
वह बोली- अगर दीदी को मालूम हो गया तो?
मैंने कहा- उसे मालूम ही नहीं होगा. तुम चिंता न करो.
वह मुझसे अपने आप को छुड़ाती रही लेकिन मैं उसे छोड़ने के मूड में कतई नहीं था.
मैंने उसे कस के चिपका लिया था और उसकी ताबड़तोड़ चुम्मियाँ ले रहा था.
वह बोली- अच्छा रुको, मुझे बाथरूम लगी है.
तब फिर मैंने उसे छोड़ दिया.
उसने एक ताला उठाया और बगल वाले छोटे दरवाजे से बाहर जाकर मेन दरवाजे पर ताला लगा दिया और फिर वापस आ गयी.
अंदर से छोटा वाला दरवाजा बंद कर लिया.
उसने कहा- अब अगर जो भी आएगा वह ताला देख कर चला जायेगा. अगर दीदी आ गयी तो वह मुझे फोन करेगी, तब तुम छत से कूद कर बाहर निकल जाना और मैं कह दूंगी की मैंने अपनी सेफटी के लिए ताला बंद किया था.
मैंने उसकी चुम्मी फिर ली और कहा- हाय मेरी रानी, तुम तो सच में बड़ी चालाक हो, बड़ी बुद्धिमान हो और बड़ी चालू चीज हो. अब तो मैं बिना तुम्हे चोदे जाऊंगा नहीं. आज मैं तुम्हे खूब जी भर के चोदूंगा मेरी रानी!
वह नखरा करती हुई बोली- तुम मुझे बहनचोद तभी चोद पाओगे जब मैं चुदवाऊंगी. वरना मुझे कभी नहीं चोद पाओगे.
मैंने कहा- तो फिर चुदवा लो न मुझसे मेरी रानी. मैं तुम्हें खुश कर दूंगा.
मैं उसके कपड़े खोलने लगा.
वह बोली- नहीं जीजा, मुझे नंगी मत करो, मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा- अब तुम जवान हो गयी हो यार! शर्म वरम छोड़ो. मैं तेरा जीजा हूँ कोई बाहर नहीं हूँ. जब तेरी बहन मेरे आगे नंगी हो जाती है तो तुम भी मेरे आगे नंगी हो जाओ मेरी रानी.
मैंने उसकी चूचियाँ खोल डाली तो मेरे लण्ड में करंट लग गया.
फिर मैंने उसका पेटीकोट भी खोल डाला तो उसने अपनी चूत दोनों जांघों दबाकर बैठ गयी.
मैंने कहा- अरे यार, अपनी मस्तानी चूत के दर्शन तो कराओ मेरी साली जी! तुम तो गज़ब की खूबसूरत हो. मैं तेरी चूत देखने के लिए तड़प रहा हूँ.
मैंने उसकी जांघें खोल कर अलग कर दी और झुक कर उसकी चूत की कई बार चुम्मी ले ली.
वह भी गनगना उठी.
उसको भी जोश आ गया.
वह भी उत्तेजित हो गई तो उसने मेरे कपड़े खोल कर मेरा नंगा खड़ा लण्ड पकड़ लिया और उसे चूम कर बोली- हाय दईया, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लण्ड जीजू! उस दिन जब मैंने तेरा लण्ड देखा था तो मुझे एक नजर में पसंद आ गया था. मेरी चूत बुरचोदी गीली हो गयी थी. तब से मेरी आँखों में तेरा लण्ड ही बसा है जीजू! कितना प्यारा और कितना मस्त लौड़ा है तेरा!
मैंने कहा- आई लव यू माय डियर साक्षी! .
वह बोली- आई लव यू जीजू वैरी मच एंड आई लव योर लण्ड टू!
फिर हम दोनों नंगे नंगे बेड पर गए और एक दूसरे के सामने 69 बन कर लेट गए.
मैं उसकी बुर चाटने लगा और वह मेरा लण्ड!
बुर के साथ मैं उसकी खूबसूरत जांघें भी चाटने लगा.
पोले पोले दांतों से जांघें प्यार से काटने भी लगा.
उसकी मस्तानी गांड भी चाटने लगा, चूतड़ों पर प्यार से थप्पड़ मार मार कर मज़ा लेने लगा.
फिर मैं दोनों उसके दोनों निपल्स भी मसलने लगा.
वह भी मेरे नंगे जिस्म पर सब जगह फिराने लगी, मेरी जाँघों पर मेरे चूतड़ों पर फिर मेरे पेल्हड़ भी प्यार से चूमने चाटने लगी.
मेरे लण्ड पर थप्पड़ मारकर बोली- तू भोसड़ी का बड़ा प्यारा है यार! कितना मोटा है तू … कितना लंबा है तू! तू मेरी जान जान ले लेगा. मुझे तुम पर बड़ा प्यार आ रहा है.
मैंने कहा- मुझे भी रहा है साक्षी!
वह बोली- अरे जीजू, मैं तुमसे नहीं आपके लण्ड से बात कर रही हूँ. मुझे लण्ड से बात करना बड़ा अच्छा लगता है. मैं जब किसी का लण्ड पकड़ती हूँ तो लण्ड से बातें जरूर करती हूँ. मुझे लण्ड से बतलाना बड़ा अच्छा लगता है.
मैंने पूछा- तुम अब तक कितने लण्ड पकड़ चुकी हो साक्षी?
वह बोली- लण्ड तो मैंने बहुत पकड़े हैं जीजा जी, पर किसी मादरचोद का लण्ड इतना जबरदस्त नहीं था जितना आपका है. मुझे तो आपके लण्ड से मोहब्बत हो गई है जीजा जी.
तब तक मैं बहुत जोश में आ गया था.
मैंने उसे बेड कोने में घसीटा और उसकी टांगें फैला दीं और मैं नीचे खड़ा हो गया.
मेरा लण्ड उसकी चूत के सामने आ गया.
मैंने लण्ड गच्च से पेल दिया लण्ड अंदर!
लण्ड सरसराता हुआ अंदर पूरा घुस गया.
उसके मुंह से उफ निकला, वह भी मजे से चुदवाने लगी.
मुझे अहसास हुआ कि वह पहले से चुदी हुई है.
लेकिन मुझे उसे चोदने में मज़ा आने लगा.
मैं स्पीड बढ़ाता गया और वह भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाती गयी.
उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने नाचने लगीं.
मैं उन चूचियों पर बार बार प्यार से हाथ मारने लगा.
वह बोली- हाय मेरे जीजू, मेरे राजा, आज मुझे खूब अच्छी तरह से चोदो, सच पूछो तो मैं तुमसे चुदवाने ही आयी हूँ. आपके लण्ड का मज़ा लेने आई हूँ. आपका लण्ड अपनी बुर में ठोकवाने आई हूँ. तुमसे चुदने आयी हूँ मेरे भोसड़ी के जीजू! मुझे रंडी की तरह चोदो, मुझे हर रोज़ चोदो, मुझे चोद चोद के रंडी बना दो. मैं बुरचोदी बहुत चुदक्कड़ लड़की हूँ. हर रोज़ लण्ड लेती हूँ. हर रोज़ चुदवाती हूँ. फाड़ डालो मेरी बुर … चीर डालो मेरी चूत! वॉवो हूँ हो हूँ हो बड़ा !अच्छा लग रहा है. ही हूँ ही हो चोद हाय रे … क्या लौड़ा है क्या मस्त चुदाई है. वाह, मज़ा आ गया. और चोदो दिन रात चोदो मुझे. खुल्लम खुल्ला चोदो मुझे … तेरी बहन का भोसड़ा जीजू. मुझे चोदे जाओ. तेरी बहन की बुर. तुम ही मेरे मरद हो यार. लण्ड पेल पेल कर चोदो!
साक्षी सच में चुदाने में बड़ी मस्त थी.
मेरी साली के साथ पहली चुदाई थी तो न वह बड़ी देर तक रुक सकी और न मैं.
वह भी खलास हो गयी और मैं भी.
तब वह मेरा झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी.
फिर मैं नहा धोकर फ़ौरन अपने ऑफिस चला गया.
शाम को मैं अपने ऑफिस से आ गया और मेरी बीवी अपने ऑफिस से!
हम लोग ऐसे मिले जैसे कुछ हुआ ही नहीं.
आते ही मेरी बीवी ने बताया- अरे सुनो, आज जेठानी जी का फोन आया था. कल उसके बेटे का मुंडन संस्कार है. उसमें हम सबको सवेरे से ही जाना है. हमारे साथ कुछ और भी लोग हैं जो चलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है, मैं कल की छुट्टी ले लूंगा.
मेरे भाई साहब का घर यहाँ से 12 किलोमीटर दूर है.
सवेरे सवेरे हम सब तैयार हो गए और गाड़ी में बैठ गए.
तब तक कुछ और भी लोग आ गए तो मेरी बीवी ने कहा- साक्षी, तुम अपंने जीजू के साथ मोटर साइकिल से आ जाना. अब कार में तो जगह है नहीं.
साक्षी ने कहा- ठीक है दीदी, मैं जीजू के साथ आ जाऊंगी, आप लोग चलिए.
उन लोगों के जाने के बाद साक्षी मुझसे लिपट गयी और बड़े सेक्सी अंदाज़ में बोली में बोली- अब तो मैं तुमसे चुद कर ही जाऊंगी जीजू! तेरे लण्ड का मज़ा लेकर ही जाऊंगी जीजू!
मैंने भी हंस कर कहा- हां हां मेरी रानी, मैं भी तुझे चोद कर ही जाऊंगा. तेरे चूत का मज़ा लेकर ही जाऊंगा.
फिर क्या … उसने अपने कपड़े उतार दिया और मैंने अपने कपड़े!
वह मेरे आगे नंगी हो गयी और मैं उसके आगे नंगा हो गया.
साली मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उसके नंगे बदन से खेलने लगा.
मैंने कहा- साक्षी, आज मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा. डॉगी स्टाइल में चोदूंगा.
वह बोली- हां हां, बिल्कुल चोदो. किसी भी स्टाइल में चोदो, मगर चोदो और खूब जम कर चोदो.
मैंने सच में उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से पहले उसकी चूत में उंगली डाल कर खूब गर्म किया.
वह भी इतनी मस्त जवान है कि उसकी चूत हमेशा गीली ही रहती है, हमेशा गर्म ही रहती है.
मैंने जैसे ही लण्ड घुसेड़ा तो वह अंदर तक घुसता ही चला गया.
वह भी अपने दोनों हाथ नीचे जमीन पर रखे हुए अपनी गांड को आगे पीछे करती हुई बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी.
साक्षी चुदवाने में बड़ी जबरदस्त लड़की है.
इतनी अच्छी तरह से तो मेरी बीवी भी नहीं चुदवा पाती.
वैसे भी साली की चूत बीवी की चूत से कहीं ज्यादा अच्छी और प्यारी लग रही थी मुझे!
मैंने उसे वहां जाने के पहले एक बार नहीं दो बार चोदा और खूब घपाघप चोदा.
अब उसकी शादी हो गयी है मगर वह जब भी मिलती है तो मुझसे चुदवाती जरूर है.
उसकी ससुराल लोकल ही है.
जब जब उसका पति बाहर जाता है तो वह मुझे बुला लेती है और मैं भी उस Xxx साली की चू जी भर के चोदता हूँ और खूब मजे ले ले कर चोदता हूँ.