फ्रेंड्स, मैं आज आपको सच्ची हॉट लेस्बियन सेक्स की कहानी सुना रही हूँ.
एक दिन मैं घर पर फ्री थी तो मैं अपनी सासू मां के घर पर गई.
उनकी बॉडी बहुत सेक्सी है. उनकी उम्र 45 साल के आस-पास है पर वो उतनी उम्र की लगती नहीं हैं.
उनके घर जा कर मैं बैठ गई और उनसे बातें करने लगी.
सुबह का समय था तो उनके घर पर अभी ससुर जी भी थे.
बीस मिनट बाद वो अपने काम पर चले गए.
फिर उन्होंने कहा- बेटा मेरा एक काम है. क्या तुम कर दोगी?
मैं बोली- हां बताइए न
उन्होंने कहा- मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे हैं … जरा मेरे पैर दबा दोगी?
मैंने कहा- हां मम्मी, मैं आपके पैरों की मालिश कर देती हूँ. आप लेट जाइए.
वो बिस्तर पर लेट गईं और मुझसे बोलीं- तू मेन गेट लगा दे, फिर आ जा.
मैं गेट बंद करके आ गई.
फिर मैं सासू मां के पैर दबाने लगी.
उन्होंने अपने घुटनों में नीकैप पहने हुए थे.
मम्मी के पैर बहुत सेक्सी थे. एकदम चिकने और मक्खन से मुलायम पैर थे.
मुझे मम्मी के पैरों में हाथ लगाते ही करंट सा लगा.
फिर वो बोलीं- अब तेल लगा कर मालिश कर दो बेटा.
मैं किचन तेल ले कर आ गई और उनके पास बैठ गई.
मैंने उनके पैरों पर तेल टपकाया और हाथ फेरने लगी.
कुछ देर बाद सासू मां ने अपने पैर मोड़ लिए, वो बोलीं- अब मेरी पिंडली मसल कर तेल लगा दो.
मैंने धीरे धीरे से उनकी पिंडलियों को मसलना शुरू कर दिया.
वो बोलीं- आह बेटी … बड़ा अच्छा लग रहा है. तू तो बड़ी अच्छी मसाज कर लेती है … क्या मेरा बेटा भी तुझसे ऐसे ही मालिश करवाता है?
मैं शर्मा गई और बोली- हां मम्मी, कभी कभी जब वो कहते हैं तो मैं उनकी भी मालिश कर देती हूँ.
फिर सासू मां हंस कर बोलीं- तू उसकी तो पूरे बदन की मालिश करती होगी!
मैंने शर्माते हुए हामी भर दी.
सासू मां बोलीं- बेटा, मेरा प्लाजो ऊपर करके थोड़ा जांघों पर भी मालिश कर दी.
मैंने उनके प्लाजो को जांघों तक उठाया और तेल लगा कर मसाज की.
मुझे अपनी सासू मां की जांघों पर हाथ फेरने में बड़ा मजा आ रहा था.
न जाने क्यों मेरी चूत में पानी आने लगा था.
फिर मैंने कहा- मम्मी आप अपने प्लाजो को उतार दीजिए. मैं ढंग से मालिश कर दूंगी.
वो मान गईं और उन्होंने अपने प्लाजो को कमर से नीचे सरका दिया.
वो मुझसे बोलीं- तू नीचे से खींच कर इसे उतार दे.
मैंने धीरे से उनके प्लाजो को उनके बदन से अलग कर दिया.
अब मेरी सासू मां एक थोंग पैंटी में मेरे सामने थीं. मुझे उनकी फूली सी चूत देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ कि इस उम्र में भी मम्मी की चूत बड़ी मस्त लग रही है.
मैंने मम्मी की जांघों के ऊपर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे मैंने उनकी चूत पर हाथ फेर दिया.
अपनी चूत पर मेरा हाथ लगते ही उन्होंने कहा- यहां तेल मत लगा.
फिर मैंने कहा- ओके मम्मी, जांघों पर तो लगा दूँ?
उन्होंने कहा- हां उधर लगा दे.
मैंने अपनी सासू मां की चिकनी जांघों की मसाज की और ऊपर हाथ करके मैं धीरे से अपनी एक उंगली को उनकी छूट पर फेरने लगी.
मैंने देखा कि सासू मां की चूत गीली ही गई थी. मैंने अपनी उंगली धीरे से पैंटी के बगल से अन्दर कर दी.
उन्होंने अपने हाथ से मेरी उंगली को अन्दर ही दबा दिया. मैं समझ गई कि सासू मां को अपनी चूत में उंगली करवाने का मन है.
मुझे खुद भी अपनी सासू मां की चूत में उंगली करने का मन था. मैंने बिना रुके अपनी सास की चूत में उंगली डाल दी. मेरी सास की चूत भभक रही थी और बेहद गीली थी.
मेरी उंगली अपनी चूत में पाते ही सासू मां ने सीत्कार भरी और अपने हाथ से मेरे हाथ को ऐसे पकड़ लिया जैसे वो उंगली को अपनी चूत में अन्दर बाहर करवाना चाह रही हों.
फिर मैंने अपनी उंगली को अपनी सासू मां की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दी.
वो बोलीं- मैं तेरी सासू मां हूँ, बहू तू यह क्या कर रही है. तू एक जवान लड़की है और मैं औरत हूँ.
मैंने कहा- कोई बात नहीं मम्मी आप लेटी रहो, मैं आपकी सब जगह की मसाज कर देती हूँ. आप बस फील करो और कुछ नहीं बोलो.
उन्होंने कहा- ठीक है बहु, जैसा तुझे अच्छा लगे तू वैसे ही कर दे.
अब वो अपनी टांगें खोल कर सीधी लेट गईं.
मैंने उनके जांघों पर खूब सारा तेल लगाया और धीरे से मसाज करती हुई अपनी सास को मजा देने लगी. सास ने अपना टॉप भी ऊपर कर लिया था तो
मैंने उनसे पूछा- मम्मी टॉप उतार दूँ क्या … आपके पूरे बदन की मालिश कर दूंगी.
वो बोलीं- हां बेटा कर दे. और सुन, तेरे कपड़े तेल से खराब न हो जाएं, तू भी अपने कपड़े उतार दे.
मैंने अपनी सास के सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार लिए.
मैंने सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.
सास के जिस्म पर सिर्फ पैंटी थी.
मेरी सास के मम्मे बड़े सख्त थे. मैंने उनके मम्मों पर हाथ फेरा और मजाक करते हुए कहा- मम्मी जी आपके दूध तो बड़े सख्त हैं.
मम्मी भी खुल गईं- और बोलीं- हां तेरे ससुर अब उनके साथ खेलते ही नहीं है. तेरा पति तो तेरे आम मस्त मसलता होगा?
मैंने शर्माते हुए कहा- हां मम्मी जी वो तो एक बार चूसने में लगे तो बस उनका छोड़ने का मन ही नहीं होता है.
वो हंसने लगीं और मेरे दूध मसल कर देखने लगीं.
फिर बोलीं- अभी इतने तो नहीं चूसे कि ढीले या पिलपिले हो गए हों.
मैंने अब अपनी सास के साथ खुल कर मजा लेना शुरू कर दिया था. मैंने उनके दोनों मम्मे पकड़े और मसलने लगी.
मैंने कहा- कैसा लग रहा है मम्मी जी?
उन्होंने कहा- बड़ा मजा आ रहा है बेटा. तू आज मेरी वैसी वाली मसाज भी कर दे.
मैंने कहा- कौन सी वाली मम्मी जी?
मम्मी ने आंख दबाते हुए कहा- वही जो लड़की लड़की के साथ करती है.
मैंने कहा- अच्छा लेस्बियन करवाना है आपको!
वो बोलीं- हां तेरे ससुर ने बहुत पहले मुझे एक ब्लू फिल्म दिखाई थी. उसमें मां बेटी के बीच में ऐसा ही दिखाया गया था.
मैं कहा- हां मम्मी जी उसे लेस्बो कहते हैं.
अब मैं धीरे धीरे से उनकी चूचियों पर हाथ डाल कर मसलने लगी.
फिर धीरे धीरे दूध मसलते हुए मैंने अपनी सास के एक मम्मे के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
उससे वो गर्मा गईं और आह आह करने लगीं.
मैंने उनके मम्मों पर तेल लगाने के लिए शीशी उठाई तो वो बोलीं- यहां तेल मत लगाना.
मैंने कहा- फिर?
वो बोलीं- वो सामने क्रीम रखी है. वो ले आओ और उसे लगाओ.
मैंने वो क्रीम लाकर उनके मम्मों पर लगाई और मालिश शुरू कर दी.
वो सेक्सी आवाजें निकालने लगीं.
मैं एक हाथ से उनके एक दूध की मालिश करती हुई दूसरे हाथ को नीचे ले आई और उनकी जांघों पर फेरने लगी.
उन्होंने अपनी टांगें खोल दीं, तो मैंने अपनी उंगली अपनी सासू मां की चूत अन्दर पेल दी और चूत में उंगली चलाने लगी.
उनकी मादक आवाज़ आने लगी- आह और कर बेटा … आह मजा आ रहा है.
मैं ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.
मेरी सास ने कहा- अब तू मेरी पैंटी उतार दे और अपनी ब्रा पैंटी भी उतार दे.
मैंने ब्रा को ना खुलने का ड्रामा करते हुए उनको कहा- मम्मी आप जरा इसको खोल दो.
वो उठीं और मेरी ब्रा खोलने लगीं.
फिर उन्होंने मेरी चूत में हाथ लगाया, तो मैं पूरी गीली हो गई थी.
मेरी सासू मां बोलीं- तेरी चूत तो बह रही है.
मैंने कहा- हां मम्मी आपके मस्त जिस्म से खेल कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
वो मेरी चूत में उंगली चलाने लगीं.
कुछ देर के बाद मैंने उनसे खा कि प्लीज़ मम्मी मेरे मम्मों पर तेल लगा दो.
वो बोलीं- साली तू पूरी रंडी है … चल आ जा, अब अपन दोनों मजा लेती हैं.
उन्होंने मेरे एक दूध को चूसना शुरू कर दिया.
मैंने फिर से कहा- मम्मी प्लीज़ तेल लगा कर करो न!
उन्होंने कहा- नहीं, मैं तेल नहीं लगाऊंगी. अब तू मेरी मसाज कर.
मैंने फिर से अपनी सास को लेटा दिया और उनकी चूत में उंगली पेल दी.
कुछ देर बाद सासू मां अपनी टांगें फैला कर बैठ गईं और गांड उठा कर मादक सिसकारियां लेने लगीं.
कुछ देर बाद सासू मां ने कहा- बहू मेरी चूत में बड़ी आग लग गई है.
मैंने कहा- हां मम्मी जी, मेरी चूत भी भभक रही है.
वो बोलीं- तू एक काम कर, किचन ने एक बड़ा सा खीरा ले आ.
मैंने कहा- यार मम्मी, मेरे होते हुए खीरे की क्या ज़रूरत है.
वो मेरी तरफ देखने लगीं.
मैंने जीभ निकाल कर उन्हें दिखाई कि ये किस दिन काम आएगी.
मेरी सास हंस दीं और उन्होंने कहा- तो चल अब जल्दी से आ जा.
मैंने 69 का पोज बनाया और उनके पैरों की उंगलियों को चाटने लगी.
फिर धीरे धीरे मम्मी की टांगों को किस करते हुए उनकी चूत पर अपनी जीभ रख दी.
मेरी जीभ को अपनी चूत पर पाते ही मेरी सास की तड़प बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी थी.
मैं उनके मुँह के ऊपर अपनी चूत को रगड़ने लगी और उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
वो मेरी चूत में जीभ से मेरी चूत के दाने को सहलाती हुई बोलीं- आह बहू … बहुत मजा आ रहा है और जोर जोर से मेरी चूत चाट!
मैंने तभी सासू की चूत से जीभ हटा ली और उनके ऊपर से उठ कर अलग हो गई.
वो बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा कि मुझे भी तो करो … मुझे भी कुछ मजा आना चाहिए.
वो बोलीं- हां, मैं अपने सुख चक्कर में तेरे बारे में भूल ही गई थी. चल फिर से आ जा!
इस बार मैं बिस्तर पर लेट गई.
मैंने सासू मां से कहा- अब आप मेरे ऊपर आओ.
वो आ गई और बोलीं- हां बोल अब क्या करूं?
मैंने कहा- ऐसे नहीं आप 69 में आ जाओ.
वो बोलीं- यार, मुझे चूत चाटने में घिन सी आती है. मैं नहीं कर पाऊंगी.
मैंने उनको मनाया और उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
फिर वो 69 में आ गईं और मेरी चूत पर जीभ लगा कर फेरने लगीं.
मेरा रक्तचाप एकदम से बढ़ गया और मैं पूरी गर्म हो गई.
मैंने अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत चटवाना शुरू कर दी.
उनकी स्पीड भी तेज़ हो गई और वो मेरे ऊपर बैठ कर मेरी चूत चाटने लगीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मैं तो झड़ भी गई.
मैं समझ गई कि उनकी चूत से सिर्फ़ दो बूँद पानी ही निकला था. जो मुझे चूत चाटते वक्त प्रीकम सा नमकीन लगा था.
फिर मैंने उनको नीचे उतार कर कहा- चलो मम्मी अब चूत के ऊपर चूत लगाते हैं.
उनको ये करना नहीं आया.
मैं उनको लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गई और उनकी चूत को फैला कर उनकी छूट के साथ अपनी चूत को लगा दिया.
मैं चूत से चूत रगड़ने लगी.
मेरी सास बोली- आआहह … बहू मजा दिला दिया तुमने तो … आह क्या कमाल का सुख दे रही हो.
हम एक दूसरे से लिपट कर हिलने लगी.
कुछ देर में मेरी चूत से सासू मां की चूत का संपर्क टूट गया.
मैंने फिर से लगा कर जोर से उनको जकड़ा और चूत रगड़ने लगी.
कुछ ही देर में मैं झड़ गई और झड़ कर मैंने उनके कंधे पर सिर रख दिया.
वो लम्बी लम्बी सांस लेती हुई बोलीं- आह मजा आ गया बहू … तुझे यह सब का अनुभव कैसे है?
मैं बोली- मम्मी स्टूडेंट लाइफ में मैं लेस्बियन रही हूँ.
वो ये सुन कर हैरान रह गईं और कहने लगीं- चल फिर तो आ जाया करना हॉट लेस्बियन सेक्स के लिए मेरे पास … कोई शक भी नहीं करेगा हम दोनों पर!
मैंने हंस कर उनके होंठों को होंठों से दबाया और हंस कर कहा- ठीक है मेरी बन्नो.
उन्होंने हंस कर मुझे धक्का दे दिया और बोलीं- यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- अरे करो तो सही यार मम्मी … मैं ऐसे ऐसे सुख दूंगी कि आप बस खुश हो जाओगी.
उन्होंने कहा- मैं सिर्फ़ एक बार करूंगी.
मैं मान गई और अपनी सास को किस किया.
उन्होंने मेरी चूत में उंगली डाल दी और मेरे मम्मों को मसलने लगीं.
मैंने भी ऐसा ही किया.
हम दोनों एक एक बार फिर से लग गयी.
फिर झड़ने के बाद कपड़े उठाए और पहन ही रही थी कि किसी ने दरवाजा खड़का दिया.
मैंने जाकर देखा तो दरवाजे पर मेरी ननद खड़ी थी.
दोस्तो, यह हॉट लेस्बियन सेक्स की इस कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे कमेंट्स करके बताएं.