हेलो दोस्तों, आज मैं आपको अपनी विधवा सास के सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं. कैसे मेरी सास ने अपने हुस्न का जलवा दिखा कर मुझे आकर्षित किया और मैं भी अपना दिल दे बैठा. और यह दिल देना सास के जिसमें के करीब में जला दिया और फिर वासना की आग में वह भी जलने लगी मैं भी चलने लगा धड़कती दो जिस्म को पास आने में ज्यादा समय नहीं लगा और फिर वही हुआ जो हम दोनों चाहते थे.
कई बार ऐसा होता है दोस्तों कि जब परिस्थितियां विपरीत होती है जब किसी को दुख होता है तो करीब आ जाता है इसलिए किसी को दुख होना किसी को तकलीफ होना यह भी चुदाई का कारण बनता है. वही हुआ मेरे साथ और उनके साथ जब मैं उनके दुख में शामिल हुआ यानी कि मेरे ससुर जी का देहांत हुआ तो सास भी मेरे करीब आ गई और मैं भी अपने सास के करीब आ गया.
मेरी पत्नी इकलौती बेटी है. पापा जाने के मेरे ससुर बीमारी में आकर अपने प्राण त्याग दिए. जबकि ज्यादा उम्र भी नहीं हो रहा था मात्र 45 साल के थे और मेरे साथ 40 साल की है. जब मेरे ससुर का देहांत हुआ तो मैं लखनऊ जाने कि अपने ससुराल ज्यादा जाने लगा ताकि सास को ऐसा नहीं लगे कि उनका और कोई नहीं है.
मैं और मेरी पत्नी दोनों दिल्ली में रहते हैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं तो मुझे तो ज्यादा छुट्टी मिल जाता है पर मेरी पत्नी को नहीं मिलता है क्योंकि वह तोड़े उसकी जिम्मेदारी ज्यादा है इस वजह से वह लखनऊ ज्यादा नहीं जा पाती पर मैं अपने साथ की देखरेख ज्यादा कर सकता हूं क्योंकि मैं घर से काम करता हूं और मुझे भी ज्यादा मिलती है और कोई दिक्कत ही नहीं है तो मैं हमेशा लखनऊ के पास चला जाता था.
ससुर जी को देहांत हुए करीब 3 महीने हो गए थे धीरे-धीरे सास भी मेरी उनको भुलाने लगे और फिर अपनी दुनिया में धीरे-धीरे आने लगी उनको भी पता है किस से कुछ नहीं होगा जिंदगी जीना है तो हंसना भी होगा रोना भी होगा और वह फिर यह भी सोचे कि मेरी बेटी है ना अब हम इसी के सहारे रहे और मेरा जो दामाद है उनको ज्यादा प्यार तो उन्होंने खुद ही कहा था कि देखो बेटा पापा जी अब नहीं रहे तुम ही मेरे सब कुछ हो तो मुझे मत भुलाना कभी.
फिर मैं उनके इतना करीब आ गया दोस्तों कि रिश्ते जो पाक होते हैं सास और दामाद में वह सेक्स में बदल गया और रिश्ते तार-तार हो गए कैसे हुआ अब हम लोग यह जानते हैं.
1 दिन में ससुराल में था. रात में पहुंचा था उस दिन मेरी सास कुछ अच्छे मूड में थी मैं भी उनको खुश करने की कोशिश कर रहा था. तो मैंने उनको कहा कि आज खाना हम लोग बाहर खाते हैं तो मैंने उसको बोला कि आप तैयार हो जाएंगे तो मना करने लगी तो मैंने उनको कहा कि आप खुद कहती हैं कि मैं आपका ख्याल रखो और खुद ही आप नहीं जाती. मैंने उनको तैयार होने के लिए कहा वह तैयार भी हो गई जब वह तैयार हुई तो हैरान हो गया.
पहले जैसे वह कपड़े पहनती थी उससे उलट पहने कपड़े साड़ी पहनी थी और उनका ब्लाउज बहुत सेक्सी था उनका पूरा पेट दिखाई दे रहा था और साड़ी भी बहुत पतला था इसलिए उनके बदन दिखाई दे रहे थे मैं तो उनके गोरे-गोरे पेट को देख कर फिदा हो गया क्योंकि नाभी ऐसा लग रहा था दोस्तों कि मैं अपना लंड उसी में पेल दूँ.
तभी से मेरा मन उनको देखकर बदल गया और मुझे लगा कि यह तो मेरे बीवी से भी ज्यादा हॉट और सुंदर है. फिर वही हुआ दोस्तों कि मैंने उनका हाथ पकड़ा तो वह भी मना नहीं कि हम दोनों जब रेस्टोरेंट में खाना खाने गए तू ही बहुत खुश थी और ऐसा लग रहा था वह अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं चाहे वह मेरे साथ ही क्यों ना हो क्योंकि वह ऐसे व्यवहार कर रही थी मेरे साथ जैसे कि वह मेरी पत्नी हो.
खुशी मजाक कर रही थी मेरा हाथ पकड़ रही थी जो कर रही थी बार-बार उनके बूब्स मुझे दिखाई दे रहे थे बार-बार. हम दोनों खाना खाकर निकले तो मेरे से चिपक के चलने लगे उतना हाथ मेरे हाथ में डालकर चलने लगे उनके बूब्स मेरे हाथ में बार-बार टकरा रहे थे दब रहे थे फिर भी उनको ऐसा कुछ नहीं लग रहा था कि कुछ गलत हो रहा है वह मेरे साथ ऐसे चल रही थी जैसे कि एक पति पत्नी चलता हो.
हम दोनों घर पहुंचे तो वह अपने कपड़े चेंज करके आए और मुझे भी बोले कि आप भी कपड़े चेंज कर लो. जब वह कपड़े चेंज कर मेरे सामने आई तो मैं हैरान रह गया वह अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी बहुत सेक्सी लग रही थी उनके बूब्स बाहर दिखाई दे रहे थे गांड के गोलाई भी दिख रही थी. सबसे हैरानी की बात तो यह थी दोस्तों विधवा थी फिर भी वह लिपस्टिक लगा कर आए. है ना हैरानी की बात जाने कि उनके मन में कुछ चल रहा था.
सच पूछिए दोस्तों तो मेरा भी मन अपने सासू मां को अपने बिस्तर पर आने का मन करने लगा. मेरी सांसे तेज हो गई है घबराहट होने लगी क्योंकि मुझे लग रहा था कि आज मैं उनको बोल रही तो. फिर मैं हिम्मत करके सासु मां को बोला कि सासु मां आज आप मेरे साथ ही सो जाओ.
इतना कहते ही सासू मां मेरी तरह देखें और बोली. सोतो जाऊंगी पर यह बात किसी और को पता नहीं चलना चाहिए और मेरे बीच के रिश्ते भी सभी लोगों के सामने सास दामाद का ही रहना चाहिए भले कमरे के अंदर कुछ भी हो.
दोस्तों हरी झंडी मिल चुकी थी बस मैं खड़ा हुआ और उनको अपनी बाहों में भर लिया वह भी अपने बाहों में भर ली. हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को टटोलने लगे धीरे-धीरे करके होठ मेरे उनके होंठ के ऊपर पहुंच गए. दोनों के लिए ब्लॉक हो गए देखते देखते हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे के जिस्म के साथ खेलने लगे.
हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे मैं तो अपनी सासू मां के जिस्म को देखकर खुशियों से भर गया मेरे तन बदन में आग लग गया था दोस्तों. कड़क गोल गोल बूब्ज़, गोल गोल गांड, जिस्म कसा हुआ. मैंने तुरंत उनके चुचियों को अपने मुंह में ले लिया और निप्पल को पीने लगा. वह भी मेरे को बोलते हुए मेरे होंठ चूसने लगे मेरे उनके दोनों बड़े-बड़े बूब्स के ऊपर था. में मसल रहा था. उस मैं मुंह अपना लंड दे दिया वह मेरे लंड को चूसने लगी दोस्तों जैसे जैसे वह मेरे लंड को चूस रहे थे मेरा लैंड मोटा और लंबा हो रहा था.
जब मैंने उनके चुत पर हाथ लगाया तो देखा कि चुत काफी गर्म हो चुकी थी और गरम गरम पानी निकल रहा था सांसों में खुद बोले. क्या तुम मेरी चुत को चाट सकते हो दोस्तों मैं तो तुरंत ही उनके चुत के करीब पहुंच गया और दोनों पैरों को फैलाकर बीच में बैठकर अपनी जीभ से उनके चुत को चाटने लगा गरम गरम पानी निकाल रहा था और मैं सारे पाने को पहले पी रहा था. करीब 10 मिनट में ही वह इतना ज्यादा गरम हो गई कि क्या बताऊं दोस्त पागल होने लगे.
उसने कहा कि अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है जल्दी से मेरे जिस्म की ज्वाला को शांत कर दो मैं भी तुरंत नीचे गया दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को उनके चुत पर लगाया और जोर से धक्का दिया कर पूरा का पूरा लंड उनकी चुत में चला गया दोस्तों जैसे ही उनके चुत में लंड गया वह पागल हो गई नीचे से धक्के देने लगी. मैं भी ऊपर से धक्के देने लगा.
दोनों एक दूसरे को खुश करने की कोशिश कर रहे थे. उसके बाद मैं नीचे हो गया मेरे ऊपर चढ़ गई मेरा लंड पकड़ कर वह अपनी चुत पर लगाए और बैठ गई. अब उछाल उछाल कर चुदवाने लगी.
दोस्तों उसके बाद तो फिर कभी वह नीचे कभी मैंने कभी घोड़ी बनाकर कभी कुत्ता बना कर तुझे कुत्ता बना कर जैसे मन हुआ हम दोनों एक दूसरे को खुश करते रहे. रात में करीब 3 बार हम दोनों ने सेक्स किया और साथ में अब तो दोस्तों.
हर 1 सप्ताह में लखनऊ में होता हूं मेरे बीवी को लगता है कि मैं उनके मां का ध्यान रखना और दोस्तों अब तो मेरे दो बीवी हो गई अब सास को मैं अपनी बीवी ही मानता पर हर 1 सप्ताह 15 दिन में लखनऊ में होता और बस 2 दिन जमकर उनके चुदाई करता हूं.
हम दोनों का प्यार परवान चल रहा है हम दोनों कहीं घूमने जाने वाले भी हनीमून मनाने मेरे बीवी को लग रहा है कि मां को मन नहीं लगता इसलिए मेरे पति उनको घुमाने जा सच्चाई क्या है दोस्तों अब आपको भी पता चल गया है और मैं जो भी हूं खुश हूं मेरी सास देखो खुश रहे भगवान करे सब को मिले.