नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम विशु तिवारी है. प्यारे पाठको, इस सच्ची कहानी में ज्यादा सेक्स की बातें नहीं हैं इसलिए आपको थोड़ी बोरियत महसूस हो सकती है मगर जब आप इस कहानी को अपना दर्द समझ कर पढ़ोगे तभी मेरे दर्द को समझ सकते हो.
इसमें मेरी दर्द भरी आपबीती, जैसे जैसे मेरी फोन पर बातें होती थी, उसी की रिकॉर्डिंग सुन के सब वैसे ही लिखी गई है. कोई शब्दों में हेर-फेर नहीं है. सिर्फ जगह के नाम बदल दिए गए हैं. बाकी तारीख और समय सब वैसे ही हैं.
मेरे प्यारे पाठको आपने मेरी पिछली कहानी
दिल दे बैठा दोस्त की बहन को
में आपने पढ़ा कैसे उसने ही मुझे प्रपोज किया और प्यार करने पर मजबूर किया.
मैंने भी उसकी सारी आप बीती को सच मान कर उसका प्रपोजल स्वीकार कर लिया था.
उससे जब अंतिम बार 28 जून को बात हुई थी तब उसने कहा था कि जब मैं नया फोन और नई सिम ले लूँगी, तब तुमसे फिर पहले जैसे बात किया करूँगी. और हाँ अगर मैं व्यस्त रहती हूँ तो उसका मतलब यह नहीं कि मैं कहीं किसी और से बात करने लगी हूँ. तुम चिन्ता न करो. तुम्हें कभी भूलूँगी नहीं, साथ नहीं छोडूँगी और कभी धोखा नहीं दूँगी.
मैं भी उसकी बात को सच मान कर अपने आपको तसल्ली दे देता था कि जब सिम बदलेगी तब खुद ही फोन करेगी.
उसके बाद हमारी लगभग 25 दिन तक कोई भी बात नहीं हुई. हालांकि मैं हर दूसरे तीसरे दिन कई कई बार फोन लगाता था. उधर या तो फोन काट दिया जाता था या उठाया ही नहीं जाता था।
25 जुलाई को उसने घर वाले पुराने नम्बर से खुद ही फोन किया.
पहले तो उसने पूछा- क्या कर रहे हो? खाना खाया या नहीं?
मैंने कहा- तुम्हें ही याद कर रहा था.
फिर मैंने कहा- ये बताओ … पहले तो बहुत प्यार था, एक पल भी बिना बात किये नहीं रह सकती थी. अब कैसे इतने दिन तक बिना बात किये रह लेती हो? मेरी तो नींद चैन सब हराम है.
तो वो बोली- क्या बताऊँ … जीजा ने ऐसा पति के दिमाग में शक पैदा कर दिया है कि अब तो मुझपे पूरी नजर रखता है. फोन भी ले लिया है मेरा. बोलता है तुम किसी से बात नहीं करोगी. जिसका भी फोन आएगा, मैं बात कर लूँगा. तुम फोन करते थे तो काट देता था.
फिर बोली- आज मौका मिल गया, फोन रख कर बाहर चला गया था तो मैंने तुरन्त तुमको फोन लगा लिया.
मैंने कहा- ऐसे ही समय निकाल कर फोन कर लिया करो.
तो उसने कहा- अब कर लिया करूँगी.
फिर बोली- पति आ रहा है, मैं बाद में फोन करूँगी.
इतना कह कर फोन काट दिया.
उसके 3 दिन बाद मैं उसके भाई से मिलने गया. रात में उन्होंने रोक लिया. रात में उसके भाई से बातचीत हो रही थी. उसका भाई अपनी गर्लफ्रैंड के बारे में बताने लगा और फोटो दिखाने के बाद बोला- ये फोटो कितनी अच्छी है. मैंने अभी दीदी को व्हाट्सएप में भेजी है. वो भी तारीफ कर रही थी.
मुझे यह सुन कर झटका सा लगा कि उसका तो व्हाट्सएप नम्बर तो बन्द है.
मैंने उसके भाई को तुरन्त बोला- दीदी का व्हाट्सएप तो बन्द है.
तो भाई ने बताया- नए नम्बर में चालू हो गया है.
मैंने पूछा- नया नम्बर कौन सा है?
तब उसने बताया- जो आप अपनी आई डी से जो जिओ की 2 सिम खरीद कर मेरे भाई को दिया था उसी से एक नम्बर भाभी ने दीदी को दे दिया है
मैंने उसके भाई से कहा- दिखाओ कौन सा नम्बर है?
जब उसने नम्बर बताया तो संयोग से उसके पास वही नम्बर पहुँच गया था जो मैंने अपने जिओ ऐप में लिंक किया था.
मेरा दिमाग खराब हो गया. मैंने सोचा ‘बताओ मुझसे कह रही थी कि जब नया नम्बर लूँगी, तब बात होगी.’
तुरन्त मैंने उस नम्बर की कॉल डिटेल और रिचार्ज डिटेल निकाली. जो उसमें चालू करने के बाद सबसे पहली कॉल की गई थी वो उसके नए प्रेमी का नम्बर था जो मुझे बाद में पता चला.
मैंने सोचा कि देखते हैं ये कितने दिन तक मुझसे नए नम्बर के बारे में नहीं बताती है.
अगले दिन मैं वहाँ से वापस आ गया.
29 जुलाई को उसका फोन आया, बोली- क्या कर रहे हो? खाना खाया या नहीं?
मैंने कहा- कुछ नहीं. बैठा हूँ और नाश्ता कर लिया था सुबह!
फिर बोली- मैंने जिओ का सिम ले लिया है जो तुम भाभी को दिए थे. उनका मोबाइल खराब हो गया था तो सिम बन्द करके रख दिया.
मैं बोला- मुझे सब पता है कि कब तुम्हारे पास सिम आयी थी, कब तुमने रिचार्ज करवाया. मगर मुझे दुःख इस बात का है कि जब तुमने सिम चालू किया, तब न तो तुमने मुझे बताया, न ही उस नम्बर से फ़ोन किया.
तो वो बोली- तुमसे मेरी 25 को बात हुई है. उसके बाद मेरे पास सिम आई है.
मैंने कहा- तुम झूठ बोल रही हो. तुम्हारे पास सिम 25 से 1 हफ्ते पहले सिम आयी थी और 24 को तुमने सिम चालू कर लिया था.
वो बोली- जब तुम्हें पता था तो तुम ही फोन कर लेते. मुझे बताने का ध्यान नहीं था, मैं घर में व्यस्त थी.
उसके बाद फोन काट दिया.
फिर 1 अगस्त को फोन आया, मेरा हाल चाल लिया. फिर बोली- भैया आये हुए हैं और आज जाना है इनको. और इनको भी आज नौकरी के सिलसिले में इलाहाबाद जाना है. आज रात को बात करूँगी.
मैंने कहा- ठीक है.
मुझे तो यही पता था कि घर में सिर्फ ये और इसका लड़का रहेगा. रात को 9 बजे मैंने इसके व्हाट्सएप में मैसेज किया- क्या कर रही हो? वीडियो कॉल करो.
इसने मैसेज नहीं देखा.
तो थोड़ी देर बाद मैंने नार्मल कॉल किया और पूछा- क्या कर रही हो?
वो बोली- खाना बना रही हूँ. बारिश हो रही थी इसलिए वो लोग नहीं गए.
मैंने कहा- तुम्हारे व्हाट्सएप में मैसेज किया था, देख लेना.
बोली- ठीक है, देख लूँगी.
तब रात को व्हाट्सएप में मैसेज आया- आज के बाद कोई मैसेज नहीं भेजना. न ही फोन लगाना.
इतना भेज कर नम्बर ब्लॉक कर दिया गया.
अब अगले दिन मैंने फोन किया, उसने फोन नहीं उठाया.
3 अगस्त को फोन उठाया, बोली- आदमी जब किसी को मैसेज भेजता है तो पहले हाय हेल्लो कुछ लिखता है. तुम सीधे … क्या कर रही हो? वीडियो कॉल करो. लिख दिया.
लड़के ने देख लिया तुरन्त पापा को दिखाया और बोला कि भैया ने ऐसे मैसेज भेजा है. लगता है मम्मी इन्ही की है. पूरी रात झगड़ा हुआ है. जो न करवाने का तुम वो करवा रहे हो!
इतना कह के फोन काट दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने दूसरे नम्बर पे व्हाट्सएप चालू किया देखा तो ये ऑनलाइन थी. मैंने व्हाट्सएप कॉलिंग किया तो व्यस्त आ रहा था. थोड़ी देर मैसेज आया- भैया आप कोई फोन या मैसेज मत किया करो, आपकी वजह से मम्मी पापा में रोज झगड़ा होता है.
इतना लिख कर वो नम्बर भी ब्लॉक कर दिया गया.
उसके बाद मेरे जितने भी नम्बर थे सब व्हाट्सएप और नॉर्मल कॉलिंग में ब्लॉक कर दिए गए.
अब मेरा दिमाग खराब हो गया कि बताओ मैंने ऐसा कुछ किया भी नहीं न ऐसा कोई मैसेज भेजा जिसकी वजह से सारे नम्बर ब्लॉक कर दिए.
इधर मैं रोज जिओ एप में डिटेल चेक करता था कि किससे कितना बात करती है, कब मैसेज भेजती है.
अब मैंने मन बना लिया था कि रक्षाबन्धन में घर जरूर जाऊँगा और उससे मिल कर आऊँगा. सब पता चल जाएगा.
संयोग से उसका छोटा भाई भी तैयार हो गया जाने के लिए! बोला- मैं भी चलूँगा.
अब मैंने दोनों की टिकट बुक की.
जब हम लोग रास्ते में थे तो उसके भाई के फोन में कई बार उसका फोन आया- कहाँ तक पहुँचे?
मेरे बारे में कोई चर्चा नहीं होती थी.
हम लोग अपने अपने घर पहुँच गए.
अगले दिन मैंने उसके पापा को फोन किया. उसके पापा मुझसे बात कर रहे थे. तभी पापा के दूसरे फोन में उसका फोन आ गया. पापा ने उसका भी फोन उठा लिया और मेरा नाम लेकर बोले कि विशु का फोन आया है, उसी से बात कर रहा हूँ, बाद में करता हूँ.
तो वो बोली- भैया से पूछो कि हमारे यहाँ नहीं आयेंगे क्या?
उसके पापा मुझसे बोले- तुम्हारी दीदी पूछ रही है कि हमारे यहाँ नहीं आयेंगे क्या?
मैंने कहा- मेरा फोन तो उठाती नहीं हैं, क्या करने जाऊँगा.
उनसे मैंने नहीं बताया कि मेरा नम्बर ब्लॉक किया हुआ है.
तो उसने कहा कि काम में व्यस्त रहती थी इसलिए किसी का फोन नहीं उठा पाती थी. अभी थोड़ी देर में फ्री होकर करूँगी.
अब उसका 2 घण्टे बाद फोन आया तो मैं बोला- मेरे सभी नम्बर ब्लॉक कर दिये तुमने? मैंने ऐसा तुम्हारे साथ क्या कर दिया?
वो बोली- तुमने कुछ नहीं किया है. और मुझे पता ही नहीं है. यही दोनों बाप बेटे ने ब्लॉक किया होगा.
मैंने कहा- तो तुम अब ब्लॉक से हटा दो.
बोली- मुझे नहीं आता है. तुम कब आओगे मेरे पास?
मैंने कहा- जल्दी ही आऊँगा. तुम्हारा पति जब बाहर जाए मुझे बता देना, मैं आ जाऊँगा.
फिर मैं बोला- जब हम लोग आ रहे थे, तुमने कितनी बार अपने भाई के पास किया मगर मेरे पास एक बार भी नहीं किया?
वो बोली- मेरा पति राहु यहीं था. 2 दिन से कहीं नहीं गया, इसलिए तुम्हें नहीं लगाया. और मैं इसीलिए बार बार अपने भाई के पास लगाती थी कि तुम पास में होंगे तो तुम्हारी भी आवाज सुन लूँगी, थोड़ा तसल्ली मिलेगी.
उसके बाद रोज कई कई बार फोन आता था.
20 अगस्त को सुबह फोन आया कि आज वो बाहर जाने वाला है, तुम आ जाना 11 बजे तक. और मेरा टी वी नहीं चल रहा तो वो भी देख लेना, बहाना भी हो जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं 11 बजे उसके घर पहुँच गया. देखा तो उसका पति भी घर में था.
खैर कोई बात नहीं, पहले नाश्ता किया, फिर सबने एक साथ बैठ कर खाना खाया, फिर आराम किया.
उसके बाद उसका पति बाहर के कमरे में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा.
मुझे मौका मिला तो मैंने उसको बांहों में लिया.
उसने अपने आपको तुरन्त छुड़ा लिया, बोली- कोई देख लेगा.
मैंने पूछा- तुमने झूठ क्यों बोला कि वो बाहर जा रहा है, आ जाओ?
तो बोली- जाने की तैयारी की, फिर आधे रास्ते से लौट आया, बोला कि आज काम नहीं होगा. फिर किसी दिन जाऊँगा.
फिर बोली- जिस दिन जाएगा तो फोन करूँगी. आज कुछ नहीं हो पायेगा.
इतना कह कर सामने बेड में मैक्सी ऊपर करके बैठ गयी. नीचे पैंटी नहीं पहनी थी.
बोली- तुम टी वी ठीक करो, मैं ऐसे ही बैठी हूँ नंगी. तुम बस आज देखते रहो मेरी चूत को!
उसके बाद शाम को मैं अपने घर चला आया.
अब 22 अगस्त को उसका पति बाहर गया. उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया, न ही फोन किया.
शाम को उसकी मम्मी से बात हुई तो उन्होंने मुझे बताया कि आज दामाद नौकरी के सिलसिले में बाहर गए थे.
तब मुझे और शक हो गया कि ये जरूर मुझसे छुपा रही है. इसका चक्कर कहीं और चल गया है.
खैर मैंने उसको फोन किया और पूछा कि आज तो बाहर गया हुआ था तुमने फोन क्यों नहीं किया?
तो बोली- अचानक उसका फोन आ गया था. वो घर से 11 बजे निकला और 3 बजे वापस आ गया था. और अपने साथ दोनों मोबाइल ले गया था, फोन किससे करती.
फिर मैंने कॉल डिटेल चेक किया तो 12 बजे से 12:57 बजे तक उसी नम्बर में बात किया था जिस पर मुझे शक था. खैर अभी तक मेरे पास कॉल डिटेल के अलावा कोई भी पक्के सबूत नहीं थे.
अब मैं 26 अगस्त को उसके यहाँ अचानक पहुँच गया तो पता चला कि वो तो 23 को बाँदा चली गयी.
उसके पति ने मुझसे कहा- फोन नहीं उठा रही है. तुम्हारे पास बाँदा का कोई नम्बर हो तो कॉल करो.
मेरे पास उसके रिश्तेदार का नम्बर था, मैंने फोन किया तो पता चला कि वो हॉस्पिटल गयी है, जब आ जायेगी तो बात करवा देगें.
अब मैंने फिर से कॉल डिटेल देखा तो पता चला इसका मोबाइल 25 तारीख से अभी तक रोमिंग में है. ये अपने प्रेमी से मिलने छतरपुर गयी थी. तभी इसका मोबाइल रोमिंग में था जो मुझे बाद में पता चला क्योंकि वो छतरपुर का ही कोई इसका दूर का रिश्तेदार है.
फिर वहाँ से शाम को अपने घर आ गया.
उसके बाद इसका रात को 8 बजे मेरे पास फोन आया, उसने मुझसे 1 घण्टे तक बात की. 27 को फिर 26 मिनट तक बात होती रही.
इस दौरान मैं लगातार इसकी कॉल डिटेल देखता रहा. 28 अगस्त की रात 12 बजे के बाद 29 लग गयी रात को 12 बजे उसने उसी नम्बर 4 बार कॉल हर बार 10 से 12 सेकेण्ड तक बात हुई फिर इसने 3 मैसेज भेजे.
मैंने सोचा कि रात को 12 बजे क्या मैसेज करेगी.
अब मैं 30 अगस्त फिर उसके यहाँ गया. तब तक वो बाँदा से वापस आ चुकी थी. मैं अपने साथ नींद की गोली भी ले गया था क्योंकि मेरा रात को रुकने का प्लान था.
मैंने मौका पा कर उसको नींद की गोली दी और बोला- रात को पति को और बच्चे ये गोली खिला देना, फिर रात अपनी होगी.
तो बोली- उसको पता चल जाएगा. वैसे भी उसको तुम पर शक है इसलिए सारी रात जागता रहेगा.
मैंने कहा- तुम्हें अपने प्यार की और बच्चे की कसम है. ये गोली खिला देना.
बोली- सोचूँगी.
अब मैं उसके ऊपर नजर रखे था कि ये कब इधर उधर हो तो इसका फोन चेक करूँ.
संयोग से वो बाथरूम गयी थी, उसका पति बच्चों की ट्यूशन पढ़ा रहा था. मुझे मोबाइल चेक करने का मौका मिल गया.
मैंने सबसे पहले मैसेज चेक किया तो मैसेज मिल गया.
लिखा था- फोन क्यों नहीं उठा रहे हो? बात करने का मन कर रहा है. याद आ रही है.
इतना लिखा था तीनों मैसेज में. और नम्बर काजल के नाम से सेव किया था.
मैंने व्हाट्सएप चेक किया तो उसमें कुछ नहीं था. शायद डिलीट कर दिया था. वो इमो ज्यादा चलाती थी. मगर इमो अनइंस्टॉल किया हुआ था. मैंने अपने मोबाइल में इसके नम्बर से इमो चालू कर लिया.
इतने में वो भी बाथरूम से आ गयी. अब रात को अपने पति के ही सामने मुझसे बोली- मेरे मोबाइल से इमो डिलीट हो गया है. उसको डाउनलोड करके सेटिंग कर दो पूरी और कौन से नम्बर ब्लॉक हैं, देख लो. जो फालतू के नम्बर हों, उन्हें डिलीट कर दो और बाकी सारे नम्बर की ब्लॉकिंग हटा दो.
मेरे पास ही बैठ के वो ये सब करवाने लगी.
मेरे मन में मैसेज देख कर गुस्सा तो था ही. खैर मैं अपने गुस्से को काबू में किये हुए था.
मैंने उसका पूरा मोबाइल सेटिंग किया. अपने सारे नम्बर ब्लॉक से हटाए और इमो डाउनलोड करके दे दिया.
जब रात को सोने की बारी आयी तो मैंने पूछा- दवा खिलाई या नहीं?
तो बोली- नहीं खिलायी.
मुझे रात भर नींद नहीं आयी, सिर्फ करवटें बदलता रहा और उसके बारे में ही सोचता रहा.
खैर कैसे करके रात बिताई और सुबह 7 बजे अपने घर आ गया. घर आकर मैंने सबसे पहले इमो खोला और हिस्ट्री डाउनलोड की. तो जितनी भी इसने उसको वीडियो, फोटो भेजे थे, और इन दोनों की जितनी भी चैटिंग भी सब वापस आ गयी.
अब मेरे सामने सब कुछ साफ हो चुका था.
3 सितम्बर को मैं घर से मुम्बई वापस आ रहा था. सोचा कि जाते-जाते एक बार मिलता जाऊं क्योंकि मुझे पता था इसका पति आज भी घर में नहीं है.
मैंने जब इसको फोन किया तो बोली- मत आओ, यहाँ मत आओ. जहाँ जा रहे हो आराम से जाओ. मैं तुमसे समय निकाल कर वीडियो कॉल करती रहूँगी.
मैंने कहा- सिर्फ एक बार जाते जाते मिल लेता … और वो भी तो घर में नहीं है.
तो बोली- तुम यही चाहते हो न कि वो मुझसे झगड़ा करे, मारे-पीटे? बगल में मेरी जेठानी रहती है, वो बता देगी कि तुम आये थे तो मेरी शामत आ जायेगी. वैसे भी कुछ होगा नहीं क्योंकि अभी थोड़ी देर बाद बुआ आने वाली हैं. अगर नहीं मानते हो तो जो मर्जी आये करो.
मैंने भी सोचा कि अगर मैं जाता हूँ और उसको पता भी नहीं चलेगा तो भी कह देगी कि मेरे पति को पता चल गया है, मुझसे झगड़ रहा था.
इसलिए मैंने वहाँ जाने का फैसला बदल दिया.
अब जब मैं मुम्बई आ गया तो दो तीन दिन तो उसका फोन आया- मगर अब मेरे सभी नम्बर फिर से ब्लॉक कर दिए है. अभी पिछले हफ्ते फिर से बाँदा गयी थी मगर अबकी बार कोई और दो नम्बरों में लगातार 15 दिन से खूब बात होती हैं. और दोनों लोग बाँदा के ही हैं, उनको मैं अच्छी तरह से जानता हूँ. उन दोनों का इसके घर परिवार से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है. हालांकि वो छतरपुर वाले से अब इसकी ज्यादा बनती नहीं है. वो इसको भाव नहीं देता मगर ये उसके पीछे पड़ी है. इमो की वीडियो से और चैट से पता चलता है इसीलिए इसने दोनों नए लोग पटाये हैं. मगर अब शायद इसको पता लग गया है कि मेरा इमो हैक है तो अब ये 1 हफ्ते से इमो नहीं चला रही है क्योंकि एक दिन गलती से मुझसे इमो में वॉयस कॉलिंग की बटन दब गयी थी मैंने तुरन्त काट दिया था.
तभी से उसने इमो चलाना बन्द कर दिया है.
अभी कल इसके प्रेमी का इमो मैसेज आया था क्योंकि कल इसका जन्मदिन था तो उसने ‘हैप्पी बर्थडे जानू’ लिख कर भेजा है.
मगर इसने अभी तक नहीं देखा. और ये बात उन दोनों लड़कों से और उससे रोज खूब बात करती है.
कल मैंने भी इसको जन्मदिन की बधाई देने के लिए नए नम्बर से फोन किया था.
पहले तो फोन उठा के हेलो किया. जब मैंने हेलो बोला तो मेरी आवाज सुन कर फोन काट दिया.
मैंने फिर कई बार फोन किया, हर बार काट देती थी.
फिर एक बार अपने पति को दे दिया फोन.
जब उसने हेलो बोला तब मैंने सोचा कि चलो इन्ही से बात कर लेता हूँ.
वो जानती सब थी मगर फिर भी अपने पति से पूछ रही थी- कौन है?
वो इससे बोले- विशू भैया का फोन है.
उन्होंने मुझसे खूब अच्छे से बात की, हाल-चाल लिया. फिर अपने नौकरी के बारे में भी बताया. मगर उनकी बातों से मुझे कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि उनको हमारे बारे में ज्यादा पता हो.
ये अब तक जितना भी अपने पति का या बच्चे का सहारा लेकर कहती थी कि उन्होंने ब्लॉक किया है या मुझसे झगड़ते हैं, सब झूठ है.
मुझे दुःख इस बात का नहीं है कि इसने मुझे छोड़ दिया. मुझे दुःख इस बात का है इसने अपनी तरफ से मुझे प्रपोज किया था उसके बाद इसने मेरे साथ ऐसा किया.
हालांकि इसकी सच्चाई सामने आने से ये मेरे दिल से एकदम से उतर गई है. मगर दिल में कहीं न कहीं जख्म तो है ही. इतने शातिर अन्दाज से मेरे दिल से खेल गयी. बताओ … इतनी सीधी-सादी भोली-भाली दिखने वाली इतनी खूबसूरत हो कर ऐसा भी कर सकती है.
मैं ये नहीं कहता कि दुनिया की हर औरत या लड़की गलत होती है मगर दुनिया में कुछ लड़की या औरत इसके जैसी भी होती है जिन्होंने सच्चे प्यार को मजाक बना कर रखा है. लड़कों को कपड़े की तरह इस्तेमाल करती हैं और बदनाम पूरी औरत जाति होती है.
मेरे प्रिय पाठकों कृपया अपनी राय मुझे कमेन्ट करके जरूर बतायें
आपका अपना लेखक
प्यार का मारा विशू बेचारा
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