गरम चूत चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि मम्मी पापा की चुदाई देख देख कर मेरे बदन में वासना भड़क उठी थी. एक दिन मैं सहेली के साथ लेस्बियन कर रही थी कि उसका भाई आ गया.
नमस्ते दोस्तो, देसी गर्म चुत सेक्स स्टोरी के इस मादक संसार में मैं रुचिका आप सभी का स्वागत करती हूँ.
मेरी यहां यह पहली सेक्स स्टोरी है. मेरी सलाह है कि सेक्स कहानी को पढ़ने वाली सभी लड़कियां अपनी चुत में उंगली, मूली, मोमबत्ती बैगन आदि जो भी डालना चाहती हैं, जल्दी से डाल लें और सभी लड़के अपने मोटे लम्बे लंड को हाथ में ले लें.
मैं चाहती हूँ आप सभी देसी गर्म चुत सेक्स स्टोरी पढ़ते वक़्त अपना अपना माल मेरा नाम लेकर निकालें.
मेरा नाम रुचिका है, उम्र 28 साल है. मेरी फिगर 36-32-38 की है. मेरे घर में मेरी मॉम रुबिका और मेरा एक छोटा भाई मेरे साथ रहता है.
मैं जब भी मोहल्ले से निकलती हूँ, तो शायद ही कोई लंड ऐसा नहीं होता है, जो मेरे नाम की सलामी ना दे.
बुड्ढा हो या जवान हो, हर कोई मेरे तने और उठे हुए मम्मों से दूध पीना चाहता है और मेरी बड़ी गांड पर चांटे मारते हुए मेरी चुत को फाड़ना चाहता है.
मैं बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज़ थी और लड़कियों से ज़्यादातर दूर ही रहती थी. मेरे भाई को मम्मी पापा ने बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था.
एक रात मैंने चोरी छिपे देखा कि मेरे पापा, मेरी मम्मी की जबरदस्त चुदाई कर रहे थे.
पापा अपना लम्बा लंड मम्मी की चुत में डाल कर आगे पीछे कर रहे थे.
मम्मी भी बड़ी सेक्सी आवाज निकालते हुए पापा को गर्म कर रही थीं.
पापा का लंड बहुत बड़ा था और मम्मी के पीछे से बहुत तेजी से मम्मी की चुत में आगे पीछे हो रहा था.
मेरी मम्मी की चूचियां भी बहुत मस्त थीं जिन्हें पापा अपने दोनों हाथों से पकड़ मम्मी को लगभग कुतिया सी चोद रहे थे.
उन दोनों की चुदाई बड़ी ही कामुक थी और चुदाई के समय मम्मी के मुँह से पापा के लिए निकलने वाली गालियों से भी मुझे बड़ी हैरानी हो रही थी.
उधर पापा भी मम्मी को रंडी साली बहिन की लौड़ी कहते हुए चोद रहे थे.
बदले में मम्मी भी उनसे कह रही थीं- आह भड़वे साले मादरचोद … चोद दे कमीने … क्या हुआ आज तेरे लंड में बड़ी सुर्खी आई हुई है … आह चोद अन्दर तक लंड पेल दे हरामी.
उस दिन मम्मी पापा की मदमस्त चुदाई देख कर पहली बार मेरी चुत में अजीब सी हलचल हुई और मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई.
मैंने पहली बार कुछ ऐसा होते हुए देखा था.
मुझे ये खेल बड़ा मस्त लगा और अब मैं रोज़ चोरी छिपे मम्मी पापा की चुदाई देखने लगी थी.
अब मैं मम्मी की चुदाई देखते समय अपनी चुत में पेन चलाने लगी थी.
मगर पेन ज्यादा अन्दर जाता तो मुझे दर्द होने लगता था. इसलिए मैं अपनी चुत की क्लिट को मींज कर अपना पानी निकाल लेती थी.
फिर एक दिन बहुत गड़बड़ हो गई. हार्ट अटैक की वजह से पापा की डेथ हो गई. अब मेरी मम्मी अकेली हो गई थीं.
मैं भी अब बड़ी हो गई थी और चुदाई का पूरा ज्ञान ले चुकी थी. बस कमी थी तो एक लंड की.
मुझे चोदने वाले लंड तो अनेकों थे, पर मुझे डर लगता था.
मैं उस वक़्त तक कॉलेज जाने लगी थी. कॉलेज में मैंने कई दोस्त बना लिए थे.
मगर मेरी बेस्ट फ्रेंड सोनम नाम की एक लड़की बन गई थी.
वो साली शुरू से ही लंडखोर थी.
एक दिन मैं सोनम के घर किसी काम से गई थी. उसके घर में बस उसका भाई और सोनम ही थी.
उसके भाई का नाम राहुल था. हम दोनों सोनम के कमरे में बैठ कर बातें कर रहे थे.
बातों बातों में ही हम दोनों एक दूसरे से मस्ती करने लगे. सोनम मेरे मम्मों को दबाने लगी.
इससे मुझे बड़ा अजीब सा लगा और मेरे मुँह एक आवाज़ निकल गई- आआहह.
इससे पहले मैं कुछ और बोलती, उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और मुझे चूमने चूसने लगी.
इससे मेरे जिस्म में मानो करंट सा दौड़ गया.
मैंने उसे अपने से दूर हटाया और कहा- क्या तुम पागल हो गई हो … ये क्या कर रही हो?
सोनम बोली- रुचिका बेबी, यही तो उम्र होती है ये सब करने की.
ये कह कर उसने दुबारा मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया.
अब धीरे धीरे मैं भी उसका साथ देने लगी.
थोड़ी देर बाद हम दोनों फुल जोश में आ गए. सोनम ने अपने और मेरे सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे नंगे मम्मों के साथ खेलने लगी और अपने मुँह में मेरा एक दूध डा कर पीने लगी.
सोनम मेरे जिस्म के हर हिस्से को चूमती हुई मेरी चुत के पास आ पहुंची.
जैसे ही उसने मेरी चुत को अपने होंठों से चूमा, मेरे जिस्म में आग लगना शुरू हो गई.
मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी- आआअहह अहह अहहह आह उफ्फ़ सोनम ये क्या कर दिया तूने!
सोनम ने मेरी एक न सुनी. वो लगातार मेरी चुत चूसती गई और मेरी भी टांगें खुद ब खुद खुलती चली गईं.
उसने मेरी चुत की फांकें खोलीं और उसके अन्दर अपनी जीभ डाल दी.
मैं तो जैसे पागल हो गई. मैं ‘आहह है ह हह अहह सोनम सोनम.’ करने लगी.
मगर सोनम नहीं रुकी, उसने मेरी चुत को चाट चाट कर लाल कर दी.
कुछ मिनट तक पूरी मस्ती से चुत चाटने के बाद उसने मुँह हटाया और नशीली आंखों से मेरी तरफ देखा.
मेरी चुत पूरी गीली हो गई थी.
तभी सोनम ने अपनी दो उंगलियों से मेरी चुत चोदना चालू कर दी.
मैं और भी जोश में आ गई.
तभी मेरी नजर दरवाज़े पर पड़ी. वहां सोनम का भाई राहुल खड़ा था और अपना लंड सहला रहा था.
मैं उसे देख कर डर गई.
तभी सोनम उसे देख कर बोली- आ जा भाई … इस रंडी की चुत एकदम वर्जिन है.
मैं सोनम के मुँह से यह सुनकर हैरान रह गई.
सोनम बोली- हां … मैं अपने भाई से भी चुदती हूँ. इसका लंड मेरा फेवरिट लंड है.
मैं आश्चर्यचकित रह गई कि ये साली इतनी बड़ी चुदक्कड़ है कि अपने ही भाई का लंड खा गई.
इससे पहले मैं कुछ और सोच पाती, राहुल ने करीब आकर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और बोला- चल छिनाल चूस मेरा लौड़ा.
मुझे घिन आ रही थी, पर मुझे भी लंड चाहिए था. मैं बेमन से उसका लंड चूसने लगी.
कुछ ही देर बाद मुझे लंड चूसना अच्छा लगने लगा और मैं अन्दर गले तक लंड लेकर चूसने लगी.
अब मेरे मुँह से गुंगउम्म्म्म गोंग म्म्मम गम्म्म ..’ की आवाज निकलने लगी थी. उसका गर्म लंड मेरे हलक तक घुस कर मेरे मुँह को चोद रहा था.
तभी सोनम ने मेरे मुँह से लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और मुझसे बोली- आह भैनचोदी … चल अब मेरी चुत चाट.
मैं भी किसी रंडी की तरह उसकी गर्म चुत चाटने लगी.
चुत चाटते चाटते उसका पेशाब मेरे मुँह में ही निकल गया, जिसे मैं सारा पी गई.
फिर राहुल ने अपना लंड मेरे पास किया और मेरी चुत को चूम कर उसके ऊपर रख दिया.
वो मुझे गाली देने लगा- कुतिया की औलाद साली छिनाल रंडी रुचिका, आज तेरी चुत को फाड़ कर तुझे रंडी बना दूंगा.
इतना कहते ही उसने एक साथ पूरा लंड मेरी चुत में डाल दिया.
उसका मोटा लंड क्या घुसा, मेरी तो जैसे जान ही निकल गई.
मैं दर्द से चीख पड़ी- आआहह आहह मर गई मम्मी रे … अहह आहह.
मेरी चुत से खून तक निकल गया मगर उसने मेरी हालत पर तरस नहीं खाया.
बल्कि कमीने ने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
इधर मैं बेहोशी की हालत में आ गई और दर्द से चिल्ला रही थी- छोड़ दो मुझे आअहह अहह आअहह आहह मैं मर गई.
तभी सोनम ने अपनी चुत मेरे मुँह पर रख दी.
थोड़ी देर बाद मेरा दर्द खत्म हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. अब मैं भी मज़े से चुत चुदवाने लगी.
करीब दस मिनट तक मेरी चुत चोदने के बाद राहुल ने अपना लंड चुत में से निकाला और सोनम के मुँह में दे दिया.
वो सोनम को गाली देने लगा- रंडी भैन की लौड़ी … खा जा मेरे लंड को कुतिया चुदक्कड़ छिनाल, तेरी मां की चुत मादरचोद … ले चूस लंड.
उसकी गाली सुनकर मैं पागल हो गई और सोनम की चुत में उंगली डालने लगी.
राहुल ने सोनम की गर्म चुत में लंड पेला और अपनी बहन की चुदाई करने लगा.
बहन की चुत चोदने साथ राहुल मेरे मम्मों को दबाने लगा. मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.
सोनम भी फुल फॉर्म में अपनी चुत चुदवाते हुए अपने भाई को गाली दे रही थी- आह फाड़ दे अपनी रंडी बहन की चुत भैनचोद दल्ले सुअर के लंड … चोद भैन के लौड़े … आह अपना पूरा लंड घुसा दे मादरचोद.
ये कहते हुए सोनम अकड़ गई और झड़ गई.
उसकी चुत से लंड खींच कर राहुल ने मुझे उठाया और मेरी चुत में लंड पेल कर मुझे चोदने लगा.
मैं और राहुल दोनों कामवासना से युक्त सिसकारियां लेने लगे- आहह आहअहह!
तभी उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मैं और राहुल साथ में झड़ गए और राहुल मेरे ऊपर ही ढेर हो गया.
तभी सोनम हंस कर बोली- भैया, अब इस रंडी के ऊपर से उठ भी जाओ.
जैसे ही राहुल उठा, मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
सोनम भी आ गई … हम दोनों राहुल के लंड को बारी बारी से चूसने में लग गई थीं.
राहुल हम दोनों को गालियां दे रहा था- आह छिनालों कुतिया की बच्चियों आह चूस्सओ आह तुम्हारी यही औकात है साली रंडियां.
उसकी गालियां सुनकर हम दोनों और भी जोश में आ गयी और उसका लंड, आँड सब चूसने लगीं.
तभी उसने अपनी आंखें बंद की और दुबारा अपना माल निकाल दिया.
सोनम और मेरे मुँह पर उसका माल पिचकारी की शक्ल में आ गिरा.
हम दोनों ने एक दूसरे को चूम चूम कर सारा साफ कर दिया और बैठ गईं.
मैं बोली- इतना मज़ा मुझे लाइफ में कभी नहीं आया.
सोनम हंसने लगी और बोली- अभी तूने मज़े देखे ही कहां हैं मेरी जान!
मैंने राहुल से कहा- अब कब देखने को मिलेगा यही मजा!
राहुल बोला- मैं तो आज रात को लंडन जा रहा हूँ.
सोनम बोली- कोई बात नहीं, मैं हूँ ना! मैं तुझे हर तरह के मज़े दिलाऊंगी.
मैं हल्के से मुस्कुरा दी. फिर मैं वहां से निकल गई.
मुझसे चला भी नहीं जा रहा था और चुत में बहुत दर्द हो रहा था.
पहली चुदाई के बाद मेरी चाल भी बदल गई थी.
मैं जैसे ही घर पहुंची, रात के 10 बज रहे थे.
मैंने सुना कि मम्मी के कमरे से आवाजें आ रही थीं ‘आहह आह आह ..’
मैंने जाकर देखा तो मम्मी अपनी चुत में बैगन चला रही थीं. यह देख कर मेरी चुत और गीली हो गई.
मेरी प्यासी मम्मी को पापा के बाद मर्द का सुख नहीं मिला था. उनकी चुत की प्यास मुझसे देखी नहीं जा रही थी.
आगे क्या हुआ इसकी देसी गर्म चुत सेक्स स्टोरी मैं अगली बार आपके साथ साझा करूंगी. अभी के लिए बस इतना ही. आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी.
आपकी रुचिका रंडी
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