नमस्ते दोस्तों, मेरी कहानी पढने के लिए आपने टाइम निकला इसके लिए शुक्रिया. मेरी शादी के एक साल बाद मेरा पहला बेटा और उसके दो साल बाद दूसरा बेटा पैदा हुआ.
इसके दो साल बाद मेरे साले की शादी हुई और एक एक करके उसकी दो बेटियां पैदा हुईं.
मेरा साला फरीदाबाद में कपड़े की दुकान करता है. बैंक की नौकरी के कारण समय समय पर मेरा ट्रांसफर होता रहता था.
धीरे धीरे मेरे दोनों बेटे पढ़ लिख कर विदेश में नौकरी करने लगे और शादी करके वहीं सेटल हो गये.
मेरे साले की बड़ी बेटी मिनी डॉक्टर बन गई और एक डॉक्टर से उसकी शादी हो गई. दोनों गुड़गांव के सरकारी अस्पताल में नौकरी करते हैं.
साले की छोटी बेटी गिन्नी एम. कॉम. कर रही है.
साल भर पहले रिटायर होने के बाद मैंने भी फरीदाबाद में एक फ्लैट खरीद लिया और रहने लगा. मेरी और मेरी पत्नी की अच्छी अण्डरस्टैंडिंग है. हम लोग यदाकदा मेरी ससुराल जाते रहते हैं.
पिछले कुछ दिनों से मेरी नजर मेरे साले की छोटी बेटी गिन्नी पर अटक गई है. गिन्नी की उम्र करीब 22 साल, कद 5 फुट 5 इंच, रंग गोरा, बदन भरा, चूचियां बड़ी बड़ी और चूतड़ भारी हैं. कुल मिलाकर ऐसी कदकाठी है कि उसके बारे में सोचकर 62 साल की उम्र में भी मेरा लण्ड टनटना जाता है.
गिन्नी को चोदने के चक्कर में मैंने ससुराल में आना जाना बढ़ा दिया और गिन्नी को प्रभावित करने के लिए उस पर खर्च करने लगा. गिन्नी और उसकी मां का हमारे घर आना जाना बढ़ गया.
ऐसे ही एक दिन गिन्नी और उसकी मां हमारे घर आईं.
मैंने अपनी पत्नी से कहा कि तुम बहुत दिन से साड़ी दिलाने को कह रही थी, जाओ अपनी भाभी के साथ चली जाओ. और हाँ, एक साड़ी अपनी भाभी को भी दिला देना.
इतना कहकर मैंने अपनी पत्नी को दस हजार रुपये दिये.
जब वे दोनों जाने लगीं तो गिन्नी भी उनके साथ जाने को तैयार हो गई.
मैंने गिन्नी से कहा- तुम रुको, हम लोग पिज्जा पार्टी करते हैं.
मुझे मालूम था कि गिन्नी को पिज्जा बहुत पसंद है और मेरा साला अव्वल दर्जे का कंजूस है इसलिये पिज्जा मंगाता नहीं है.
पिज्जा पार्टी सुनते ही गिन्नी रुक गई.
मेरी पत्नी और सलहज के जाते ही मैंने पिज्जा ऑर्डर कर दिया और कोकाकोला की बॉटल व दो गिलास लेकर गिन्नी के बगल में बैठ गया. पिज्जा आने तक हम लोग एक एक गिलास कोकाकोला पी गये. कोकाकोला की बॉटल में मैं व्हिस्की मिलाकर लाया था.
पिज्जा आया तो मैंने गिन्नी से कहा- चलो बेडरूम में ए.सी. चलाकर बैठते हैं.
बेडरूम में आकर ए.सी. ऑन किया और पिज्जा खाते खाते एक एक गिलास कोकाकोला और पी गये. दो गिलास कोकाकोला में दो पेग व्हिस्की गिन्नी पी चुकी थी जिसका असर दिख रहा था.
गिन्नी के बालों पर हाथ फेरते हुए मैंने कहा- गिन्नी तुम्हारे बाल बहुत सुंदर हैं, बाल ही क्या तुम्हारा चेहरा, तुम्हारा जिस्म सब कुछ बहुत सुंदर है. हकीकत यह है कि मैं तुम पर फिदा हो चुका हूँ और हर हाल में तुममें समा जाना चाहता हूँ, एक बार सिर्फ एक बार.
इतना कहकर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होठों पर अपने होंठ रखकर उसकी चूचियां मसलने लगा.
“ये क्या कर रहे हैं अंकल? मुझे … आह … कुछ हो रहा है.” यह कहते कहते गिन्नी मुझे धकेलने लगी.
मैंने उसकी चूचियों से अपना हाथ हटाकर उसकी चूत पर रख दिया और सहलाने लगा. होंठ चूसने और चूत सहलाने से गिन्नी गर्म हो गई और शिथिल हो गई. धीरे धीरे मैंने गिन्नी को पूरी नंगी कर दिया और उसके एक एक अंग को चूमने, चाटने, सहलाने लगा.
गिन्नी मदहोश होने लगी थी और मेरा लण्ड लोअर के अन्दर फड़फड़ाने लगा था.
अब मैंने अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो गया. मैंने अपने होंठ गिन्नी की चूत पर रख दिये. अब मैं 69 की पोजीशन में आ गया और गिन्नी की चूत चाटते चाटते अपना लण्ड गिन्नी के मुंह में दे दिया.
बिना नानुकर के गिन्नी मेरा लण्ड चूसने लगी. एक घंटा पहले मैंने शिलाजीत गोल्ड के दो कैपसूल खाये थे जिनका असर दिख रहा था. मैंने गिन्नी के मुंह से अपना लण्ड निकाला और मैं गिन्नी की टांगों के बीच आ गया.
गिन्नी के चूतड़ों के नीचे तकिया रखकर मैंने गिन्नी की चूत ऊंची कर दी. ड्रेसिंग टेबल से कोल्ड क्रीम को शीशी उठाई, ढेर सा क्रीम अपने लण्ड पर लगाया और गिन्नी की चूत में भी ऊंगली से लगा दिया.
साले की बेटी गिन्नी की चूत के गुलाबी लबों को खोलकर अपने लण्ड का सुपारा रखा तो गिन्नी कसमसाने लगी. दोनों हाथों से गिन्नी की कमर पकड़कर धक्का मारा तो टप्प की आवाज से मेरे लण्ड का सुपारा अंदर हो गया, एक झटके में आधा और दूसरे झटके में पूरा लण्ड गिन्नी की चूत के अंदर हो गया.
“आआआ आआह …” कहते कहते गिन्नी बोली- अंकल आपका बहुत बड़ा है.
मैंने चौंकते हुए पूछा- बहुत बड़ा है मतलब? और कितने लण्ड खा चुकी हो?
“नहीं अंकल, एक भी नहीं, आज पहली बार ये हो रहा है.”
मैंने लण्ड को अंदर बाहर करते हुए देखा कि मेरा लण्ड खून से सना हुआ था. इसका मतलब गिन्नी सच कह रही थी कि पहली बार चुद रही है.
तो मैंने पूछा- जब पहली बार हो रहा है तो तुम्हें कैसे पता कि मेरा लण्ड बहुत बड़ा है?
गिन्नी ने बताना शुरू किया:
मिनी की शादी के बाद जब मिनी का जन्मदिन पड़ा तो उसके बुलावे पर मैं गुड़गांव गई.
जन्मदिन के दूसरे दिन अस्पताल में मिनी की नाईट शिफ्ट थी. जीजू मुझे सिनेमा दिखाने ले गये. बड़ी रोमांटिक फिल्म थी.
इंटरवल तक तो कुछ नहीं हुआ लेकिन इंटरवल के बाद जीजू ने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया, मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा, फिर जीजू मेरा हाथ सहलाने लगे. बड़ी रोमांटिक फिल्म थी, मुझे जीजू का हाथ सहलाना अच्छा लग रहा था. फिर जीजू ने मेरी जांघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और धीरे धीरे अपना हाथ मेरी चूत पर ले आये.
चूत पर हाथ फेरने से मेरी चूत गीली होने लगी थी. अपनी कई सहेलियों से सुने उनकी चुदाई के किस्से मेरे कानों में गूंजने लगे, इस बीच जीजू अपना हाथ मेरे ब्लाउज में डालकर मेरे निप्पल्स से छेड़खानी शुरू कर चुके थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी फिल्म खत्म हो गई और हम घर आ गये. घर पहुंचकर जीजू ने अपने सरकारी क्वार्टर का ताला खोला, अंदर से दरवाजा बंद किया और वहीं ड्राइंग रूम में मुझे दबोच लिया, मैं चुदवाने के लिए मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी.
मुझे चूमते चाटते जीजू बेडरूम में ले आये. बेडरूम में आते ही जीजू फटाफट नंगे हो गये. जीजू ने मेरा ब्लाउज उतार दिया और मेरी जींस का हुक खोलकर नीचे खिसका दिया. जल्दी से चुदवाने के लिए मैंने अपनी जींस उतार दी. मैंने ब्रा और पैंटी पहनी थी जबकि जीजू पूरी तरह से नंगे थे. उनके लण्ड की एक झलक मैंने देखी लेकिन शर्म के मारे अच्छी तरह से नहीं देख रही थी.
जीजू ने मुझे बेड पर लिटा दिया, मेरी ब्रा और पैंटी उतारी और मेरी चूत में उंगली चलाने लगे, जब उनको लगा कि चूत गीली है और चुदने के लिए तैयार है तो जीजू मेरी टांगों के बीच आ गये और मेरी टांगें फैलाकर मेरी चूत को फैला दिया.
अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर जीजू ने धक्का मारा लेकिन लण्ड अंदर नहीं गया, जीजू ने दोबारा कोशिश की तब भी लण्ड अंदर नहीं गया तो जीजू उठे और अपनी हथेली में तेल लेकर लण्ड पर मला और लण्ड को सहलाते सहलाते फिर से मेरी टांगों के बीच आ गये.
जीजू का लण्ड अपनी चूत में लेने को मैं इतनी उतावली हो रही थी कि मैंने अपनी टांगें फैलाकर लण्ड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया. जीजू ने अपना लण्ड मेरी चूत रखकर धक्का मारा, तेल से सना होने के कारण जीजू का लण्ड चूत के मुहाने से फिसल कर मेरी नाभि तक आ गया.
झेंपते हुए जीजू ने अपना लण्ड फिर से मेरी चूत पर रखकर धक्का मारा. जीजू का लण्ड इस बार भी अंदर नहीं गया बल्कि जीजू का वीर्यपात हो गया. मेरी चूत के आसपास फैला जीजू का वीर्य जीजू को मुंह चिढ़ा रहा था.
पास में रखे टॉवल से मेरी चूत और अपना लण्ड पौंछकर जीजू मेरे बगल में लेट गये और मेरी चूचियां चूसने लगे. मेरा हाथ अपने लण्ड पर रखकर जीजू ने सहलाने का इशारा किया.
मैंने जीजू का लण्ड सहलाना शुरू कर दिया. मुरझाये लण्ड को सहलाने से थोड़ी देर में हरकत होने लगी. अब जीजू 69 की पोजीशन में आकर मेरी चूत चाटने लगे और मुझे अपना लण्ड चूसने को कहा. मैंने अपनी सहेलियों से सुन रखा था कि चूसने से लण्ड टाइट हो जाता है इसलिये मैं लण्ड चूसने लगी.
जीजू का लण्ड पूरी तरह से टाइट हो गया और मेरी चूत भी चुदवाने के चरम पर थी. जीजू सीधे हुए, मेरे होठों पर होंठ रखकर चूसने लगे, मैं जीजू का टाइट लण्ड सहलाते हुए जन्नत के द्वार पर थी, जीजू का लण्ड मेरे शरीर में प्रवेश करने को तैयार था. मेरे होठों को चूसते चूसते मेरी चूचियों के निप्पल्स भी जीजू ने मसल मसल कर लाल कर दिये थे.
जीजू ने लम्बी सी किस ली, अपने लण्ड पर तेल लगाया और मेरी टांगें फैलाकर चूत का मुंह खोल दिया. जीजू ने अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत के मुंह पर रखा, बड़ा गर्म और चिकना सुपारा था. मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, जीजू ने अपने दोनों हाथों में मेरी चूचियां दबोच लीं.
तभी डोरबेल बजी, घड़ी की ओर देखा, 6 बज गये थे, दीदी अस्पताल से वापस आ गई थी.
हमने जल्दी जल्दी कपड़े पहने, जीजू ने दरवाजा खोला.
दरवाजा खुलने में हुई देर, जीजू का बदहवास चेहरा, अस्त व्यस्त बेडरूम सारी कहानी बयां कर रहा था. जीजू के वीर्य से सने टॉवल ने गवाही दे दी. कहने को कुछ नहीं था. दीदी ने तूफान उठा लिया, मैं तो दुबक गई लेकिन जीजू माफी मांगते रहे.
दीदी ने उसी समय टैक्सी मंगाई और मुझे भेज दिया.
गिन्नी की आपबीती सुनते सुनते मैं अपना काम जारी रखे था, मेरा लण्ड गिन्नी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और मेरे हाथ गिन्नी की चूचियों की गोलाई नाप रहे थे.
शिलाजीत गोल्ड का कमाल था कि मैं डिस्चार्ज नहीं हो रहा था.
मैंने कॉण्डोम पास में रखा हुआ था कि डिस्चार्ज करीब आने पर चढ़ा लूंगा. लण्ड पर कॉण्डोम चढ़ाकर मैंने तेज तेज धक्के मारने शुरू किये ताकि डिस्चार्ज हो जाये लेकिन डिस्चार्ज नहीं हुआ और लण्ड का सुपारा फूलकर संतरे जितना बड़ा हो गया.
अपना लण्ड बाहर निकालते हुए मैंने गिन्नी से कहा- चलो बेबी, घोड़ी बन जाओ.
यह कहते कहते मैंने उसको पलटाकर घोड़ी बना दिया और उसके पीछे घुटनों के बल खड़ा हो गया.
उंगली में थोड़ी सी क्रीम लगाकर गिन्नी की चूत में फेरी और अपना लण्ड पेल दिया. घोड़ी बनने से चूत और टाइट लगने लगी थी. गिन्नी की कमर पकड़कर मैंने घुड़सवारी शुरू कर दी. लण्ड महाराज पूरे जोश से अंदर बाहर हो रहे थे.
गिन्नी के गोरे गोरे चूतड़ और गांड के गुलाबी रंग के चुन्नट गिन्नी की गांड मारने के लिए उकसा रहे थे लेकिन आज पहले ही दिन मैं यह सब नहीं करना चाहता था. फिर भी चेक करने के लिए लिए मैंने क्रीम से सना अपना अंगूठा उसकी गांड के चुन्नटों पर फेरना शुरू किया और हल्के हल्के से दबाते हुए अंगूठा उसकी गांड में डालकर चला दिया.
मेरे साले की सेक्सी बेटी जरा सा चिहुंकी लेकिन कुछ बोली नहीं. मेरा लण्ड पूरे उफान पर था और गिन्नी भी हवाई जहाज हो चुकी थी मैं तो धक्कमधक्का कर ही रहा था, गिन्नी भी पूरी रफ्तार से चूतड़ आगे पीछे कर रही थी.
मेरी गाड़ी मंजिल के करीब पहुंची तो मैंने स्पीड और बढ़ा दी. जब मेरे लण्ड ने फव्वारा छोड़ा तो मैंने गिन्नी को कमर से जकड़ लिया. मेरी पत्नी और गिन्नी की मम्मी के लौटने से पहले हम लोग फ्रेश हो चुके थे.
इसके बाद हमारी दूसरी मीटिंग तीन दिन बाद गिन्नी के घर पर हुई और उसके बाद हर चार छह दिन में मौका मिल जाता है. लैपटॉप पर ब्लू फिल्म देखते हुए मैंनें गिन्नी की गांड भी मारी और तमाम आसन बदल बदलकर चुदाई जारी है.
कैसी लगी मेरे साले की बेटी की चूत चुदाई?
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