दोस्तो, मेरा नाम अवधेश कश्यप है. मैं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का निवासी हूं.
सबसे पहले तो गीली चूत वाली कमसिन लड़कियों आंटियों और भाभियों को मेरे खड़े लंड का सादर प्रणाम!
मेरे प्यारे भाईयो, मेरे जैसे काले मोटे लंड वाले भाइयों को मुठ मारने की दावत और मेरे हथियार की तरफ से तुम सभी को लंडवत प्रणाम.
ये ऑफिसर सेक्स कहानी उन दिनों की है जब मैं कोई भी काम नहीं करता था और काम की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता था.
मेरी उम्र लगभग उस समय 19 साल की रही होगी.
इसी बीच मेरी मुलाकात एक सामाजिक कार्यकर्ता से हुई.
उसने कहा- कि आप मेरे साथ सामाजिक हित में सामाजिक कार्य कीजिए. इसी के साथ मैं आपको अच्छी आमदनी भी कराता रहूंगा.
मैं उस आदमी के साथ सामाजिक कार्य करने में लग गया.
एक दिन की बात है, मैं कुछ काम से अपने नजदीकी ब्लॉक में किसी का काम कराने गया था.
उस समय पंचायत चुनाव का काम चल रहा था इसलिए ब्लॉक के सारे अधिकारी पंचायत चुनाव के काम में व्यस्त थे.
ब्लॉक में एक अधिकारी थी ताहिरा … जो बहुत ही गजब की खूबसूरत और मस्त चूचियों की मालकिन थी.
मैं उसे देखते ही मन ही मन सोचने लगा काश इसकी चूत मुझे चोदने मिल जाती तो मजा आ जाता.
उसके बारे में सभी को मालूम था कि ये पक्की छिनाल औरत है. किसी का भी लंड अपनी चूत गांड में ले लेती है.
मैं लोगों की लाइन में खड़ा यही सब सोच रहा था कि मुझे पता ही नहीं लगा कि मेरा नंबर कब आ गया.
मैं खड़ा रहा.
मैडम कुछ काम में बिजी थी.
जब मैडम का काम हो गया, तो मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- क्या काम है … जल्दी बोलो?
लेकिन मैं तो उसकी चुदाई के ख्वाब में मस्त था. मैं उसे रंगीन ख्वाबों में देख रहा था.
मेरे मुँह से आवाज ही नहीं निकल सकी.
ऑफिसर मैडम ने फिर मुझे टोका- जल्दी बोलें.
अब मैं मैडम की तरफ झुका और मैंने उनके सामने अपने पेपर रख दिए.
मैंने कहा- इन पर आपके हस्ताक्षर कराने हैं.
मैडम बोली- मैं इतनी देर से आपको बुला रही हूं, आपको सुनाई नहीं देता क्या?
मैं बोला- नहीं, ऐसी बात नहीं है. मैं कुछ सोच रहा था.
मैडम ने मेरे पेपर अपने पास रख लिए और बोली- शाम को 4:00 बजे ले जाना.
ठीक 4:00 बजे मैं ब्लॉक में पहुंच गया तो मैडम कुछ काम में बिजी थी.
मैं मैडम के सामने खड़ा हो गया.
ऑफिसर मैडम ने मेरी तरफ देखा और हम्म कहा.
मैंने कहा- मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने कहा- अच्छा वो … कुछ समय ठहरो देती हूं.
मुझे वहां बैठे लगभग आधा घंटा हो चुका था.
मैंने मैडम से फिर से कहा- मैडम मेरे पेपर दे दो.
मैडम ने मेरी तरफ देखा और बोली- तुझे बड़ी जल्दी है?
मैंने कहा- हां मैडम जल्दी है.
वो बोली- किस बात की जल्दी है?
मैंने कहा- घर जाना है.
वो बोली- घर पर क्या तेरी बीवी तेरा इंतजार कर रही है?
मैंने कहा- अभी मेरी शादी नहीं हुई है.
मैडम मुस्कुरा दी और बोली- काम कराने के लिए कुछ लाया है.
मैंने कहा- क्या लाना था?
मैडम चटक गई और बोली- साले हाथ भर का हथियार लिए घूम रहा है और तुझे मालूम नहीं है कि क्या लाना पड़ता है.
मैंने अपने हथियार पर हाथ फेरा और कहा- आपको मैं क्या दे सकता हूँ.
मैडम को मेरी मासूमियत पर हंसी आ गई.
वो धीरे से बोली- अपने हथियार से मेरी गांड मार सकता है!
मैं शान्ति से बोला- हां मैडम, मैं गांड भी बड़ी आसानी से मार लेता हूं. आप जब चाहें बता दीजिएगा.
मैडम हंस पड़ी और बोली- साले इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी बात कर रहा है?
मैं बोला- मैडम आप मौका तो दो.
मैडम मेरे लंड को घूरती हुई बोली- ठीक है … कल 4:00 बजे आ जाना.
मैं घर गया और रात भर मैडम के ख्यालों में खोया रहा.
पूरी रात में मैंने चार बार मुठ मारी.
लंड से 4 बार पानी गिराने के बाद मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
फिर भी मैं अगले दिन 4:00 बजे का इंतजार करता रहा.
जैसे ही 4:00 बजे का टाइम हुआ, मैं ब्लॉक में पहुंच गया.
मैडम के कमरे में कोई नहीं था. मैडम अकेली ही बैठी कुछ लिख रही थी.
मुझे देखते ही मैडम खड़ी हो गई और बोली- अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर आ गया.
मैडम ने मुझसे मेरा नाम पूछा.
मैंने बताया- मेरा नाम अवधेश है.
मैडम बोली- शिट … कितना पुराना नाम है तुम्हारा … आज मैं तुम्हारा नाम दूसरा रख देती हूँ. आज से तुम्हारा नाम विपुल है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं मैडम … नाम में क्या रखा है. आप मिल जाओ तो मैं यह शहर गांव सब छोड़ दूंगा. आपकी मस्त सेवा करूंगा.
वो बोली- क्या क्या सेवा कर लेता है?
मैंने कहा- आपकी चूत चुदाई और गांड मारने का काम तो करता ही हूँ … बाकी आप जिसकी भी लेने की कहोगी, उसकी भी चोद दूँगा.
मैडम बोली- हूँ … बातें अच्छी कर लेते हो.
मैं बोला- सिर्फ बातें नहीं, मैं सब कुछ अच्छा कर लेता हूं.
मैडम की निगाहें मेरे उभरे हुए पैंट पर थीं, जो कि मेरे पैंट के अन्दर से झांकते हुए लंड को देख रही थीं.
मेरी भी निगाह मैडम की चूची से हट नहीं रही थी. मैं मैडम की दूधघाटी को बार-बार ताके जा रहा था.
मैडम बोली- क्या मुझे देखते ही रहोगे या मुझे भी कुछ दिखाओगे?
मैं बोला- क्या देखना है आपको?
मैडम बोली- मुझे तेरा चेतक देखना है.
मुझे चेतक शब्द सुनकर बहुत हंसी आई.
मैडम बोली- हंस क्यों रहे हो?
मैंने कहा- आपके शब्दों पर.
मैडम बोली- मुझे तुम्हारे चेतक पर सवार होना है.
बस फिर क्या था.
मैंने मैडम की पजामी के ऊपर से ही उनकी चूत पर हाथ फिराना चालू कर दिया, एक उंगली से उनकी चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया.
मैडम कराह उठी और बोली- मेरे प्यारे चेतक के मालिक … जल्दी से अपना चेतक मेरे हवाले कर दो. मैं इस पर बैठकर चांद की सैर करने जाऊंगी.
मैंने कहा- ओके मैडम जी, मेरे इस चेतक पर अब आप ही का अधिकार है.
मैडम बोली- प्यारे जानू, कमरे का दरवाजा बंद कर दो.
मैंने ऑफिस का गेट बंद कर दिया और मैडम अपनी टेबल पर बैठ गई.
वो मुझसे बोली- अपना चेतक बाहर निकालो.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और मैडम के हाथ में दे दिया.
मैडम ने मेरे प्यार से सहलाया. वो मेरे लंड को मुँह में लेना चाहती थी पर ले नहीं पा रही थी.
मैंने मैडम का सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर और अपने लंड के ऊपर रख दिया.
पहले तो मैडम ने ना कहा, फिर मेरे लंड का सुपारा मुँह अपने मुँह में डाल लिया और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
मैडम मेरे लंड को चूसे जा रही थी और मैं कामोत्तेजना के चरम को पहली बार महसूस कर रहा था.
मैडम मेरे लंड को जोर-जोर चूस रही थी, मेरे हाथ मैडम के सर पर रखे थे.
मैं उसके मुँह को बार-बार अपने लंड में आगे पीछे कर रहा था.
मैडम मेरे अंडकोष को बार-बार अपने दोनों कोमल कोमल हाथों से सहला रही थी.
इस बीच मैं भी अपनी दो उंगलियों को मैडम की पजामी के ऊपर से ही चूत के ऊपर फेर रहा था.
मैडम की रसीली चूत से पानी निकल रहा था.
उस पानी के कारण मैडम की पजामी तक भीग गई थी.
फिर मैडम खड़ी हुई और अपनी टेबल पर लेट गई.
वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
मैं समझ गया कि मैडम अपनी चूत को मुझसे चटवाना चाहती है.
तो मैं खड़ा हुआ और मैंने मैडम की पजामी को उतारकर फेंक दिया.
मैं मैडम की चूत को चाटने लगा और मैडम के दाने को रगड़ रगड़ कर मैंने लाल कर दिया.
इसी बीच मैडम की चूत से पानी निकलने लगा.
मैं मैडम का सारा पानी पी गया.
फिर मैंने मैडम को उसी टेबल पर सीधा लिटा दिया और अपने लंड पर टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
मैडम आह उह की आवाज निकालने लगी और बोली- अब घुसेड़ भी दो मेरी जान … जल्दी से मेरी बुर का भोसड़ा बना दो.
मैंने कहा- मेरी जान चिंता मत करो; आज मैं तुम्हारी बुर में घुस जाऊंगा और तुम्हारी बुर को फाड़ दूंगा.
अब मैंने मैडम की चूत पर धीरे से धक्का लगाया.
मैडम मोटा लंड लेते ही चिल्ला उठी.
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने जोरदार शॉट लगाया और पूरा का पूरा लंड नंगी चूत में समा गया.
कुछ देर रुकने के बाद मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मैं मैडम की चूत में धक्के लगा रहा था और मैडम गांड उठा उठा कर लंड का स्वागत कर रही थी.
मैडम- आह उफ़ ओह डार्लिंग और अन्दर घुसा दो … मेरी छोटी चूत को चौड़ा कर दो … आह इसका भोसड़ा बना दो.
मैं- हां मेरी जान, मैं तुम्हारी चूत को फाड़ दूंगा … मेरा भूखा लंड तुम्हारी चूत का प्यासा है.
मैडम- आंह … मेरी गांड में भी घुसाओ अपना मोटा लंड.
मैं- हां मेरी जान … मैं तुम्हारी गांड भी मारूंगा.
कुछ देर बाद मैंने एक झटके से मैडम की चूत से अपना मोटा लंड निकालकर उनकी गांड के छेद पर सैट कर दिया.
फिर धीरे से धक्का मारा तो मैडम की मां चुद गई और उसकी चीख निकलने लगी.
मैंने झट से मैडम की मुँह पर अपना हाथ रखा और उनकी चीख दबा दी.
मैडम बोली- आंह मेरी फट रही है … धीरे धीरे से करो.
मैडम को थोड़ा आराम मिलने के बाद मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड मैडम की गांड में समा गया.
मैडम फिर से चिल्ला उठी.
मगर उसके मुँह पर मेरा हाथ लगा था तो मैडम की आवाज घुट कर रह गई.
मैडम जी आंखों से आंसू आ गए.
मैंने कहा- बस जरा देर का दर्द सह लो मेरी जान … फिर गांड में मीठा मजा आएगा.
मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और बाद में झटके देने लगा.
अब मैडम मस्ती में अपनी मोटी गांड को मेरे लंड पर एक फुटबॉल की तरह उछालने लगी थी.
मैंने मैडम को सीधा किया और उसकी चूट पर ऐसे टूट पड़ा मानो कितने दिनों से प्यासा था.
मैं मैडम की चूत में लगातार धक्के लगा रहा था.
कुछ देर बाद मैडम अकड़ गई, मैं समझ गया कि मैडम का पानी निकलने को है.
मैंने उसे पेलना तेज कर दिया और मैडम झड़ गई.
इस चुदाई में मैडम अब तक दो बार पानी छोड़ चुकी थी.
दस मिनट बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था. मैंने मैडम से पूछा- कहां निकालूं?
मैडम बोली- मेरे मुँह में छोड़ो.
मैडम ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मेरे लंड ने मैडम के मुँह में पिचकारी छोड़ दी और मैडम का पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को साफ़ किया और मैं अपने घर आ गया.