यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अभी तक की इस सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि हम दोनों एक पार्क में सुनसान जगह पर बैठ कर एक दूसरे के होंठों का रसपान कर रहे थे. मैं उसकी चूचियों को भींचने लगा था.
अब आगे:
वो मेरी बांहों में मचलने लगी और उसकी आहें निकलने लगी. लेकिन वह मुझे लगातार अपनी चूचियां भींचने दे रही थी. मैंने कोशिश करके उसकी दूसरी चूची भी दबाई. मैंने उसकी दोनों चुचियों को एक के बाद एक जोर जोर से दबाया और फिर उसकी चूची के एक निप्पल को अपनी उंगलियों में भर के स्क्रू की तरह घुमाने लगा.
वह चिल्ला उठी- उईईईई माँ …
उसने धीरे से मेरी हथेली पर हाथ मारा और एक बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली- नॉटी ब्वॉय … मुझे हर्ट क्यों कर रहे हो. आराम से करो ना, जो करना है. मैं कहीं भागी तो नहीं जा रही.
उसके बाद उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और अपना चेहरा करीब लाते हुए मेरे होंठों पर होंठ रख दिए. हम एक दूसरे के होंठ फिर से चूसने लगे और मैं उसकी चुचियों को दबा दबा कर, मसल मसल कर जन्नत का मजा लेता रहा.
हम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे कि अचानक हमें कुछ शोर सुनाई दिया. फिर देखा कि सभी कपल वहां से उठ उठ कर भाग रहे थे.
शाम हो गई थी और लगभग अंधेरा होने लगा था. मैंने सोनिया का हाथ पकड़ा और उसे लेकर गेट की तरफ भागने लगा. जब हम बांस के पेड़ों के झुरमुट से बाहर निकले, तो हमने देखा वहां कुछ लोग खड़े थे. उनके हाथों में लाठियां थीं और उन्होंने कुछ कपल्स को पकड़ रखा था … जिनसे वह सवाल कर रहे थे. मैं उन्हें देखते ही समझ गया, वो किसी कथित राष्ट्रवादी पार्टी के गुंडे थे, जो उन कपल्स को भारतीय संस्कृति को खराब करने का दोष दे रहे थे.
उन्हें देख कर सोनिया बहुत डर गई और उसने कसकर मुझे पकड़ लिया. तभी तीन गुंडे हमारे पीछे आ गए. उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा. मैंने ऐसे ही उनसे कहा कि मेरा नाम पुनीत है और चुपके से उन्हें 200 दिए. उनके लीडर ने उन्हें इशारा किया और उन्होंने हमें छोड़ दिया. हम जल्दी से पार्क के गेट से बाहर निकल गए.
सोनिया ने कहा- रोहन अब बहुत देर हो रही है. मैं चलती हूं, फोन पर बात होगी. बाय.
वो ऑटो में बैठी और हाथ हिलाकर मुझे बाय कहा. मैंने भी उसे बाय कहा और एक दूसरे ऑटो में बैठ गया.
तभी सोनिया का मैसेज आया- तुम बड़े झूठे हो.
मैंने कहा- नहीं तो, मैंने क्या झूठ बोला तुमसे??
उसने कहा- बिल्कुल बोला है, तुमने कहा था कि तुम कभी भी किसी लड़की के साथ रिलेशन में नहीं रहे हो.
मैंने कहा- हां और मैंने बिल्कुल सच कहा था.
वह बोली- अगर ऐसी बात होती, तो तुम्हारे हाथ अपना काम करना इतने अच्छे से कैसे जानते हैं. तुमने सब कुछ इतने अच्छे से कैसे किया?
मैंने कहा- रियली? थैंक यू सो मच. तुमने तो यह बात कह कर मेरा दिल जीत लिया.
उसने कहा- थैंक्स तो मुझे बोलना चाहिए. एक बात बोलूं, तुम्हारे होंठ लाजवाब हैं. मुझे लग रहा था कि वो किस बस कभी खत्म ना हो.
मैंने कहा- तो फिर तुमने किस ब्रेक क्यों किया?
वो बोली- उन कमीने गुंडों की वजह से. पता नहीं कहां से आ गए वो सब. मुझे बहुत डर लग रहा था, लेकिन तुमने सिचुएशन को कितने अच्छे से हैंडल किया. मुझे कहना पड़ेगा कि तुमने एक असली मर्द होने का परिचय दिया. तुम्हारे साथ मैं डर के बावजूद कितना सेफ फील कर रही थी.
रोहन- अच्छा..! वैसे मैंने सिर्फ उनके सामने असली मर्द की तरह काम किया या उससे पहले भी?
‘ऑफ़ कोर्स उससे पहले भी. तुम्हें बहुत अच्छे से आता है कि एक औरत को कैसे प्यार किया जाता है. मैं तो तुम्हारी फैन हो गई हूं.’
मैं हंस दिया.
सोनिया- एक बात बताऊं.
रोहन- हां बोलो ना.
सोनिया- आई लव यू.
सोनिया का ये मैसेज पढ़ कर तो मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया.
मैंने जवाब दिया- आई लव यू टू जान. मैं तुम्हें नहीं बता सकता कि मैं कितना खुश हूं और मेरे लिए तुम्हारा ये मैसेज कितना कीमती है.
उसने कहा- तुम्हारे मुँह से ‘जान’ सुनना बहुत अच्छा लगा. प्लीज फिर से कहो ना.
मैंने कहा- आई लव यू जान.
उसने कहा- आई लव यू टू जानू.
मैं मदहोश हो गया.
सोनिया- अच्छा मैं घर पहुंचने वाली हूं … थोड़ी देर बाद बात करती हूं.
रोहन- ठीक है … मैं भी बस पहुंचने ही वाला हूं.
मैं घर पहुंच गया और थोड़ा फ्रेश हो गया. मैं कपड़े बदल ही रहा था कि मेरे फोन की घंटी बजी.
रोहन- हैलो.
सोनिया- हाय हीरो, पहुंच गए.
रोहन- हां और तुम?
सोनिया- हां पहुंच गई … क्या कर रहे हो?
रोहन- कुछ खास नहीं … बस अभी थोड़ा फ्रेश हुआ हूँ. कपड़े बदल रहा हूं.
सोनिया- वॉव, तो तुम कपड़े बदल रहे थे और मैंने कॉल किया … कितना हसीन इत्तफ़ाक़ है.
रोहन- अच्छा, वो कैसे?
सोनिया- पहले ये बताओ, अभी क्या पहन रखा है तुमने?
रोहन- एक बनियान और अंडरवियर.
सोनिया- ओ माय गॉड, तुम अपने अंडर गारमेंट्स में हो.
रोहन- हम्म्म … और तुम?
सोनिया- मैंने नाइटी पहन रखी है.
रोहन- ओके मैं भी जरा अपनी टी-शर्ट और लोअर पहन लूँ.
सोनिया- नहीं कुछ मत पहनो अंडर गारमेंट्स में ही रहो … बल्कि अपनी बनियान भी निकाल दो.
रोहन- रियली?
सोनिया- हां बिल्कुल … अब उतारो.
रोहन- मैंने अपनी बनियान उतार दी.
सोनिया- सच में उतार दी?
रोहन- हां उतार तो दी, लेकिन यह नाइंसाफी है.
सोनिया- क्यों नाइंसाफी कैसी?
रोहन- मैं सिर्फ अपने अंडरवियर में हूं जबकि तुमने पूरी नाइटी पहनी हुई है
सोनिया- तो?
रोहन- तुम भी अपनी नाइटी उतारो ना प्लीज.
सोनिया- नहीं रोहन … नो प्लीज.
रोहन- प्लीज डार्लिंग. देखो तुमने मुझे बनियान उतारने के लिए कहा, मैंने उसको फ़ौरन उतार दिया. क्या मेरा तुम पर इतना भी हक नहीं?
सोनिया- लेकिन मुझे शर्म आती है.
रोहन- दरवाजा बंद कर लो.
सोनिया- दरवाजा तो पहले से बंद है और मैं बेड पर लेटी हूं … मुझे शर्म इसलिए आ रही है क्योंकि मैं तुमसे बातें कर रही हूं.
रोहन- लेकिन मैं तुम्हें देख तो नहीं सकता ना.
सोनिया- तो क्या हुआ. तुमसे बात करना ही काफी है. मुझे शर्म आने लगती है.
रोहन- प्लीज जान उतारो ना.
कुछ देर उसकी तरफ से कुछ जवाब नहीं आया.
रोहन- सोनिया?
सोनिया- ह्म्म्मम्म …
रोहन- उतारो ना प्लीज..
सोनिया- उतार दी बाबा.
रोहन- हाय … इसका मतलब तुम इस वक्त सिर्फ अपनी ब्रा और पेंटी में लेटी हो?
सोनिया- ह्म्म्मम्म … मुझे बहुत शर्म आ रही है रोहन. प्लीज मुझे नाइटी पहनने दो ना.
रोहन- बिल्कुल नहीं. एक बात बोलूं.
सोनिया- ह्म्म्मम्म … बोलो …
रोहन- तुम्हारा सलाइवा इतना ज्यादा टेस्टी है. पता है, मुझे अभी तक अपने होंठों पर उसका टेस्ट महसूस हो रहा है.
सोनिया- रोहन इस तरह की बातें करके तुम मुझे दीवाना कर रहे हो.
रोहन- तो क्या हुआ जान थोड़ी देर के लिए दीवाने हो जाते हैं ना.
सोनिया- अच्छा एक बात बताओ.
रोहन- पूछो.
सोनिया- तुम्हें मेरे ‘उन..’ से खेल कर मजा आया?
रोहन- ‘किन..’ से खेलकर?
सोनिया- तुम्हें अच्छे से पता है … मैं किसकी बात कर रही हूं
रोहन- नहीं जान … प्लीज खुल कर बताओ ना.
सोनिया- बहुत बदमाश हो तुम … मैं पहले से यहां लगभग नंगी लेटी हूं और ऊपर से तुम चाहते हो कि मैं तुम्हें खुल कर बताऊं. पहले ही मुझे इतनी शर्म आ रही है.
रोहन- प्लीज जान बताओ ना.
उसने शरमाते हुए जवाब दिया- तुम्हें मजा आया मेरी चूचियों से खेलने में.
रोहन- ओ जान … तुम्हारी चूचियां इतनी प्यारी इतनी सॉफ्ट इतनी मस्त हैं कि क्या बताऊं. तुम्हारी चुचियों को छूना, उन्हें दबाना, उन्हें फील करना मेरे हाथों ने आज तक कभी इतनी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी चीज को नहीं छुआ. तुम्हारी चूचियां तो कमाल हैं जान … इतनी खूबसूरत … इतनी बड़ी बड़ी, इतनी सॉफ्ट … मुझे तो शब्द ही नहीं मिल रहे हैं कि मैं तुम्हारी उन चूचियों से मिले मजे को कैसे बताऊं.
सोनिया- हाय … बस और कुछ मत बोलो जानू.
रोहन- वैसे जान तुम्हारी चुचियों का साइज क्या है?
सोनिया- अंदाज करो … तुमने तो आज बहुत अच्छे से फील किया था?
रोहन- हम्म्म्म … 38??
सोनिया- ओह्ह्ह जानू तुम तो आसपास भी नहीं पहुंचे … किसी दिन खुद माप लेना.
रोहन- एक बात बताऊं जान … तुम्हारे होंठों को चूसना और तुम्हारी चुचियों से खेलना … इतना सुकून मिला है मेरे दिल को, मेरे हाथों को, मेरे दिमाग को … लेकिन बस सिर्फ एक बॉडी पार्ट है, मेरा जो बेचैन हो गया है.
सोनिया ने एक नॉटी स्माइल के साथ जवाब दिया- वह क्या है?
रोहन- वह मेरी टांगों के बीच में है.
सोनिया- ओ गॉड .. तुम्हें एक बात बताऊं.
रोहन- हां जान, प्लीज बताओ ना.
सोनिया- मेरी टांगों के बीच में भी कुछ बेचैनी हो रही है.
रोहन- ओ गॉड. मुझे एक बात सच सच बताओ जान.
सोनिया- हम्म्म्म … पूछो न.
रोहन- टांगों के बीच में गीला गीला लग रहा है क्या?
सोनिया- ओ गॉड … रोहन प्लीज ऐसे सवाल मत पूछो.
रोहन- प्लीज जान बताओ ना!
सोनिया- हां जानू बहुत गीला है … यहां तक कि मेरी पेंटी तक पूरी भीगी पड़ी है.
रोहन- हाय यह बात सुनकर तो मुझे प्यास लगने लगी है … मेरा गला सूख गया है.
सोनिया- मेरे पास आ जाओ ना … तुम्हारी प्यास बुझाने के लिए मेरे पास बहुत सारा पानी है … आओ और जी भर के पियो.
रोहन- और मेरी टांगों के बीच में यह 8 इंच का सिपाही, जो परेड कर रहा है … इसका क्या करूं?
सोनिया- हाय उसे आजाद क्यों नहीं कर देते … हटाओ ना यह स्टुपिड अंडरवियर और उस सिपाही को आजाद कर दो.
रोहन- उसे तो मैंने पहले ही आजाद कर रखा है और यह सिर्फ आजाद ही नहीं … बल्कि एक्साइटमेंट में झटके मार रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हें सैल्यूट कर रहा है.
सोनिया- ओ गॉड … तुम्हारी बातों की वजह से मेरी टांगों के बीच में बारिश हो रही है.
रोहन- तुम्हारा हाथ कहां है जान!
सोनिया- हाय यह मत पूछो.
रोहन- बोलो ना जान.
सोनिया- और कहां होगा जानू … मेरी टांगों के बीच में पेंटी के अन्दर ही है.
रोहन- हाय हाय.
सोनिया- बहुत गंदे हो तुम पूरा हाथ गीला हो गया, मेरी बरसाती नाले की तरह बह रही है … यह इतनी गीली आज से पहले कभी नहीं हुई.
रोहन- और तुम्हारा दूसरा हाथ कहां है?
सोनिया- वह मेरी ब्रा के अन्दर है. तुमने इन दोनों को बेचैन कर दिया है. अब बिना दबवाये मान नहीं रहे हैं.
रोहन- जान अपने निपल्स को स्क्रू करो ना.
उसने अपने निप्पल्स को स्क्रू किया और उसकी आह निकल गई.
सोनिया- बहुत बदमाश हो तुम … न जाने क्या-क्या करवा रहे हो मुझसे … इतनी शर्म आ रही है मुझे.
रोहन- जान अपनी ब्रा और पैंटी उतार दो ना.
सोनिया- ओह गॉड … नहीं रोहन.
रोहन- प्लीज जान … मैंने भी तो सब कुछ उतार दिया.
सोनिया- ओह्ह्ह रोहन, नहीं प्लीज!
रोहन- जान तुम्हें मेरी कसम.
एक मिनट के तक उसकी आवाज नहीं आई.
रोहन- क्या हुआ जान!
सोनिया- उतार दी … बिल्कुल नंगी लेटी हूं. मार डालोगे आज तुम मुझे … इतना एक्साइटमेंट हो रहा है, लेकिन उतनी ही शर्म भी आ रही है.
रोहन- हाय दिल कर रहा है कि तुम्हारे साथ उस बेड पर आकर लेट जाऊं.
सोनिया- हाय आ जाओ ना … फिर मुझे बहुत शर्म आ रही है इस तरह नंगी लेटी हूं. मुझे चादर की तरह अपने बदन से ढक लो.
रोहन- लेकिन पहले इस बेचारे के लिए तो कुछ करो. इक्कीस तोपों की सलामी दे रहा है तुम्हें.
सोनिया- ओह्ह्ह रोहन अपनी आंखें बंद करो … मेरे बारे में सोचो, इमेजिन करो. मैं नंगी लेटी हूं. अपने पेनिस को अपने हाथों में ले लो.
रोहन- जान पेनिस वेनिस नहीं, हिंदी में बोलो न.
सोनिया- नो रोहन … हिंदी में नहीं प्लीज!
रोहन- प्लीज जान.
सोनिया- हाय … अपने लंड को अपने हाथों में होल्ड करो और सोचो कि मैंने पकड़ रखा है तुम्हारा लंड.
रोहन- ओह्ह्ह जान अपनी आंखें बंद करके मैं तुम्हें देख पा रहा हूं … हाय कितनी सेक्सी और हॉट लग रही हो तुम इस तरह नंगी लेटी हुई.
सोनिया- अपने लंड को सहलाओ रोहन और सोचो कि मैं सहला रही हूं.
रोहन- जान तुम भी अपनी आंखें बंद करो ना अपनी टांगों को खोल दो और अपनी उंगलियां अपनी पूसी के ऊपर मसलो और सोचो कि मैं मसल रहा हूँ.
सोनिया- पूसी? अब इंग्लिश नहीं जानू … हिंदी में बोलो.
अब वह खुद हिंदी में बात करना चाह रही थी. उसे कामुक भाषा में बोलना अच्छा लग रहा था.
रोहन- हाय अपनी चूत को अपने हाथों से मसलो जान और सोचो कि मैं तुम्हारी खूबसूरत चूत मसल रहा हूं.
सोनिया- कितना एक्साइटिंग है तुम्हारे मुँह से अपनी चूत की तारीफ सुनना … वैसे तुम्हें मेरी चूत कैसी लगी जानू.
रोहन- ओ मेरी जान … इससे खूबसूरत चूत तो दुनिया में किसी की हो ही नहीं सकती.
सोनिया- हाय तो मेरी चूत में उंगली डालकर रब करो ना … मेरा दाने और दूसरे हाथ से मेरी चूचियों को दबाओ जानू.
रोहन- एक हाथ में तो आएंगे ही नहीं जान … तुम्हारे चूचे बहुत बड़े हैं.
सोनिया- नहीं … अभी एक ही हाथ से दबाओ और एक हाथ से मेरी चूत को मसलो … बाद में मेरी चुचियों को, दोनों हाथों में भर भर कर प्यार कर लेना.
रोहन- हाय जान तुम्हारे निप्पल को पिंच करो.
सोनिया- काटो ना मेरी चूचियों और निप्पल्स को अपने दांतों से जोर जोर से जानू.
रोहन- अच्छा जान, तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा?
सोनिया- हाय मैं तो दीवानी हो गई हूं इसकी … और तेज तेज धक्के मारो ना इससे.
रोहन- आह्ह्ह आह्ह तुम भी अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से रब करो ना मेरी जान.
सोनिया- कर रही हूँ जानू … मैं अपनी चूत के दाने को रगड़ कर रही हूँ और अपनी चुचियों को मसल रही हूं. … आह्हह अह्ह्ह …
रोहन- आह्ह अह्ह्ह सोनिया … आह्हह अह्ह्ह … फैलाओ अपनी चूत को … और ज़्यादा खोलो न … जान और मसल डालो अपने दाने को और अपनी चुचियों को जोर जोर से दबाओ.
सोनिया- आह्ह्ह आह्ह्ह … रोहन … कितना मजा आ रहा है जानू … काश तुम खुद मसलते मेरी चूत को खुद अपने हाथों से … आह.
रोहन- आह्ह्ह आह्ह जान, मसलो और ज़ोर ज़ोर से.
सोनिया- आह्ह्ह आह्हह आह्ह्ह … जानू, अपने लंड को और तेज तेज आगे पीछे करके उसकी आवाज सुनाओ ना मुझे.
मैंने अपने लंड को और तेजी से सड़का मारा और फोन को लंड के पास ले जाकर उसे मुठ मारने की आवाज़ सुनाई.
सोनिया- ओह्ह्ह रोहन जानू … मैं पागल हुई जा रही हूँ … आह्ह्ह ह्ह्ह्ह … हाय कितना मजा आएगा जब तुम्हारा लंड मेरे हाथों में होगा.
रोहन- जान तुम भी सुनाओ ना मुझे अपनी चूत को रगड़ने की आवाज.
उसने अपनी उंगली चूत में डालकर तेजी से उसे अन्दर बाहर किया. उसकी आवाज सुनकर तो मैं पागल हो गया. हम दोनों ने अपने अपने फोन के स्पीकर ऑन कर दिए और एक दूसरे को आवाज सुनाते हुए हस्तमैथुन कर रहे थे. हमारे कमरे हमारी आहों की आवाज से गूंज रहे थे.
कोई 5 मिनट के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूं और उसे भी ऐसा ही लगने लगा.
सोनिया- आह आह्ह रोहन … मुझसे नहीं रहा जा रहा अब जानू … आह मैं झड़ने वाली हूँ … मैं झड़ने वाली हूँ.
रोहन- ओह्ह्ह जान … मैं भी झड़ने वाला हूँ … आह्ह अह्ह्ह.
सोनिया- ओह गॉड रोहन … आह्ह्ह आह्ह … मैं झड़ रही हूँ … मैं झड़ रही हूँ … आह्ह आह्ह्ह्ह.
रोहन- आह्ह्ह आह्ह आह्ह … सोनिया … जान … आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह … मैं गया … आ आ..
मैं बहुत ज़ोर से झड़ गया.
रोहन- आह्ह्ह्ह … ओह्ह जान मैं झड़ गया … मैं झड़ गया.
सोनिया- ओह्ह्ह रोहन जानू … कम ऑन … कम ऑन … मुझे तो सफ़ेद गाढ़ी क्रीम चाहिए … कम ऑन कम ऑन … आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह..
रोहन- ओह्ह्ह्ह जान …
सोनिया- आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह … मैं भी झड़ रही हूँ जानू … मैं भी झड़ रही हूँ जानू … आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह मैं गई … ई..ई..
रोहन- यस जान … कम्म जान कम्म … कम्म कम्म …
उसने बहुत जोर से एक लम्बी आह भरी और वो झड़ गई … उसे बहुत ही तगड़ा स्खलन हुआ था और यह उसकी सांसों की आवाज सुनकर पता चल रहा था.
कोई 5 मिनट के बाद जाकर उसकी सांसें सामान्य हुईं.
सोनिया- ओ गॉड कितना मजा आया जानू मैं क्या बताऊं … अभी तक काँप रही हूँ मैं.
रोहन- हां जान मुझे भी बहुत मजा आया.
सोनिया- एक बात बोलूं जानू, मैं अपनी जिंदगी में कभी इतनी जल्दी नहीं झड़ी, तुमने मुझे बहुत ही ज़्यादा एक्साइट कर दिया था.
रोहन- ऑर्गेज्म कैसा था जान?
सोनिया- और रोहन प्लीज … अब ऐसे वर्ड्स यूज मत करो.
रोहन- बताओ ना जान प्लीज.
सोनिया- आज तक इतना अच्छा ऑर्गेज्म मुझे कभी नहीं हुआ जानू … कभी इतना मजा नहीं आया, जितना आज झड़ने में मजा आया. मुझे नहीं पता था फोन पर बात करके भी झड़ने में भी इतना ज्यादा मजा आ सकता है.
रोहन- मुझे भी जान बहुत ही ज्यादा मजा आया आई लव यू.
सोनिया- लव यू टू जानू … एक मिनट रुको मुझे कपड़े पहनने दो.
रोहन- क्यों जान, ऐसे ही लेटे लेटे बात करो ना.
सोनिया- नहीं रोहन इस तरह नंगी लेटे लेटे तुमसे बात करते हुए मुझे बहुत शर्म आ रही है.
रोहन- क्यों अगर इस वक्त मैं तुम्हारे पास होता, तब भी कपड़े पहनती क्या?
सोनिया- तब क्यों पहनती, तब तो तुम्हें ही अपने बदन से लिपटा कर सोती ना. कितनी अच्छी नींद आएगी प्यार करने के बाद तुमसे लिपट कर तुम्हारी बांहों में सोने में.
रोहन- हाय मैं भी उस रात का इंतजार कर रहा हूं जान … जब हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लिपटकर सोयेंगे.
सोनिया- हाय … मुझे उम्मीद है, हमारा इंतजार जल्दी खत्म होगा.
रोहन- आई लव यू सो मच जान.
सोनिया- आई लव यू टू जानू … चलो अब सो जाते हैं.
रोहन- ओके स्वीटहार्ट. स्वीट ड्रीम्स.
सोनिया- यू टू जानू. गुड नाइट.
रोहन- गुड नाइट जान.
तो दोस्तो, यह था कहानी का फोन सेक्स से भरा भाग. इसके बाद मेरा सोनिया के साथ सचमुच का सेक्स कैसे हुआ, उस कहानी को मैं अपने एक अन्य भाग में लिखूँगा.
मुझे अपनी राय से अवगत कराएं … मुझसे मेरी ईमेल आईडी [email protected] पर संपर्क करें.