नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम आरुष है आज मैं अपनी सेक्स कहानी को आगे जारी करने जा रहा हूँ. आप सभी ध्यान से पढने बैठ जाइये. जितने भी मर्द पाठक हैं, वो अपना लंड हाथ में लेकर बैठ जाएं और जितनी भी लेडीज हैं, वो अपनी चूत में खीरा डाल कर बैठ जाएं क्योंकि इस सेक्सी कहानी को पढ़कर बहुत पानी निकलेगा.
सबसे पहले मैं एक बार फिर से अपना परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम तो आपको मालूम ही हो गया है, मैं मध्यप्रदेश के शहर देवास का रहने वाला हूँ और जॉब करने के लिए रोजाना इंदौर आता जाता हूं.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
हवस की देवियों को चोदकर मैं बना जिगोलो
में अभी तक आपने पढ़ा था कि ट्रेन में सेक्सी भाभी प्रीति के मिलने के बाद, उसके घर जाकर जबरदस्त चुदाई हुई.
अब आगे..
अब मैं रोजाना जॉब की कहकर इंदौर जाकर भाभी की चुदाई करने लगा. लेकिन जब 15 से 20 दिन की चुदाई के बाद जब जॉब का सीन आया तो सोचने लगा कि अब मैं क्या करूंगा … क्योंकि महीना खत्म होने वाला था और जॉब कुछ किया ही नहीं था. वेतन नहीं मिला तो घर पर क्या जवाब दूंगा. मैं यही बात मन में सोच रहा था.
उस दिन प्रीति भाभी चुदाई से थक कर सो गई थीं. जब वो शाम को उठीं, तो उन्होंने मेरे चेहरे पर परेशानी देख कर मुझसे बात की.
प्रीति भाभी- क्या हुआ … आज परेशान लग रहे हो?
मैंने भाभी को सारी बात बताई, तो वो हंसने लगीं.
उसके बाद मैंने पूछा- आप हंस क्यों रही हो?
वो बोलीं- तुमने मेरी सारी ख्वाहिशों को पूरा किया … मैं तुम्हारे साथ नाइंसाफी कैसे कर सकती हूं.
उन्होंने मोबाइल लेकर अपने फ़ोन से मेरे नंबर पर गूगल की मदद से कुछ रूपए ट्रांसफर कर दिए.
फिर भाभी ने मुझसे कहा- तुम दिखते भी अच्छे हो, तुम्हारा लंड भी जबरदस्त है, तो तुम इसी काम को अपना प्रॉफेशन क्यों नहीं बना लेते?
मुझे उनकी बात ठीक लगी. मैंने कहा- शुरुआत कैसे करूं?
उन्होंने कहा- मेरी एक सहेली है, जिससे मैंने तुम्हारे बारे में चर्चा की थी. वो तुमसे मिलना चाहती है. वो तुम्हें पूरे दिन और पूरी रात अपने साथ रखकर अच्छे पैसे दे देगी.
मैं भाभी की बात मान गया और मैंने उस भाभी से मिलने के लिए हां बोल दी.
तभी प्रीति भाभी ने कहा- एक बात समझ लो, वो साधारण सेक्स नहीं चाहती … वो जोरदार वाइल्ड सेक्स चाहती है.
मैं भला क्यों मना करता … मैंने उनसे हां कर दी.
प्रीति भाभी ने उसे फ़ोन करके अगले दिन की मीटिंग तय कर दी.
फिर मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लंड सहलाने लगीं. लंड ने भी इतनी देर में अंगड़ाई लेना शुरू कर दी थी, तो मैंने चड्डी से लंड बाहर निकाल कर भाभी के सामने कर दिया और भाभी लंड चूसने लगीं.
करीब 5 मिनट के बाद मेरा लंड अपने विकराल रूप में आ गया. ये करीब साढ़े सात इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया.
उसके बाद प्रीति की करीब आधे घंटे तक की लंबी चुदाई करके मैं घर आ गया.
अगले दिन मैं जल्दी तैयार होकर घर पर बोल कर निकल गया कि महीने का अंत में काम ज्यादा होने की वजह से मैं रात में दोस्त के यहां रुक जाऊंगा.
मैं इंदौर पहुंच कर प्रीति भाभी के बताए हुए ठिकाने पर पहुंच गया और भाभी की उस सहेली को कॉल किया.
पलट कर एक बहुत ही सुंदर और मधुर आवाज आई, जिसे सुनकर मैं खो सा गया. लेकिन जैसे ही अगले पल उसने फिर से हैलो बोला, मुझे होश आया.
मैंने उसे बताया कि मैं अपार्टमेंट के गेट पर खड़ा हूँ.
उसने सिक्योरिटी से बात करवाने को कहा और लिफ्ट से ऊपर आठवीं मंजिल पर आने को कहा.
मैं भाभी के बताए फ्लैट नम्बर पर चला गया … वहां जाकर मैंने जैसे ही बेल बजायी, एक 32 साल की खूबसूरत भाभी सामने आई. उसकी चूचियां 36 की कमर 30 की और गांड 38 इंच की होगी. उसका चेहरा बिल्कुल अन्वेषी जैन जैसा और वैसा ही कातिल फिगर देख कर ही मेरा लंड अपने रूप में आ गया. लंड पेंट फाड़ कर बाहर निकलने को तैयार हो गया. काली साड़ी में वो प्यासी भाभी कोई जन्नत की अप्सरा लग रही थी.
उसने मेरे लंड की पहाड़ी फूलते हुए देखी और मुस्कुराते हुए अन्दर आने को कहा. मैं अन्दर आ गया. उसने मुझे पानी पिलाया, फिर नाश्ते को कहने लगी. मैंने भी ना नहीं की. हम दोनों ने साथ ही नाश्ता किया.
इस दौरान उससे मेरी औपचारिक बातचीत होती रही. वो भी अपने ब्लाउज के ऊपर से साड़ी का पल्लू हल्का सा हटा कर चूचों की घाटी का दीदार कराने लगी. इस दौरान उसकी नजर मेरे खड़े होते लौड़े पर थी और मेरी पिपासु नजरें उसकी मदमस्त चूचियों का आंखों से चोदन कर रही थीं.
फिर वो मेरे पास आ कर बैठ गयी. उसके जिस्म की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
कुछ देर बाद नार्मल बात करते करते वो भाभी मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे पागलों की तरह एकदम जंगली तरीके से किस करने लगा.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. वो भी मेरे होंठों पर जीभ फेर रही थी और बहुत बहिशयाना तरीके से मेरे होंठ काट रही थी. इसी तरह किस करते करते हम खड़े हो गए और किस करते करते ही बेडरूम तक चले गए.
बेडरूम में भी जाकर करीब बीस मिनट तक हम किस ही करते रहे. फिर अचानक से उसने मुझे एक हल्का सा धक्का देकर बेड पर गिरा दिया. मैं चित्त होते हुए नर्म बिस्तर में धंस गया. मैंने उठने का प्रयास भी नहीं किया. क्योंकि मुझे मालूम था कि भाभी चुदासी है और वाइल्ड सेक्स की ख्वाहिश पूरी करने के लिए उसने मुझे यहां बुलाया है.
इसके बाद उसने मुझे अश्लीलता से देखते हुए पहले अपनी साड़ी निकाली … और ब्लाऊज़ और पेटीकोट में ही मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसने फिर से मुझे किस करना शुरू किया और धीरे धीरे मेरी शर्ट के बटन भी खोल दिए. मुझे ऊपर से नंगा करके उसने मुझे मेरे सीने पर किस करना शुरू किया. मैंने वासना के इस आनन्द के अहसास से अपनी आंख बंद कर ली.
वो मुझे बहुत बुरी तरीके से काट रही थी. बीस मिनट में उसने मेरे पूरे शरीर में लव बाईट बना दिए थे. मुझे उसके दांतों से काटने से बहुत जलन हो रही थी … लेकिन मजा भी आ रहा था.
फिर उसने मुझे खड़ा होने का बोला. मैं खड़ा हो गया. उसने मेरी आंखों में पट्टी बांधी और बेड पर लेट कर मेरे दोनों हाथों को दोनों कोनों से बांध दिए. फिर उसने मेरी पैंट और अंडरवियर दोनों एक साथ खींच कर निकाल दीं.
मुझे बेबस देखने के अलावा कुछ भी न कर पाने की स्थिति बनाने के बाद उसने अपना ब्लाऊज़, ब्रा, पैंटी और पेटीकोट भी निकाल दिया.
अब हम दोनों पूरे नंगे थे. उसने फिर से ऊपर से नीचे तक मुझे किस करना शुरू किया और हल्के हल्के से काटना भी शुरू किया. पहले गले पर, फिर सीने और फिर पेट पर सब जगह उसने अपने दांतों से निशान बना दिए. वैसे मेरी चौड़ी छाती और सिक्स पैक्स सभी लड़कियों को पसंद आते हैं. इसलिए मैंने भी उसे सब करने दिया.
पर कुछ ही देर में मुझे ऐसा लगने लगा था कि साली जंगली बिल्ली की तरह मुझे सालम खा जाना चाहती थी.
फिर उसने मेरे लंड पर जुबान फिराना शुरू की और मेरे गोटों को भी चाटने लगी. कसम से इस वक्त क्या मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था कि मैं उसे नहीं … वो मुझे चोदना चाहती है.
अभी मैं इस चुसाई का मजा ले ही रहा था कि तभी एकदम से उसने मेरे लंड के सुपारे को मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
करीब 15 मिनट की जबरदस्त लंड चुसाई के बाद उसके मुँह में मेरी पिचकारी छूट गयी.
ये पहला मौका था, जब मैं किसी लड़की के मुँह में उसे बिना चोदे झड़ गया. अब तक का मेरा रिकॉर्ड रहा था कि किसी ने कितनी भी देर तक मेरे लंड को चूसा हो, लेकिन मैं जब तक उसे चोद कर संतुष्ट ना कर दूं … तब तक नहीं झड़ता हूँ.
लेकिन इस अप्सरा भाभी की 15 मिनट की लंड चुसाई में मैं झड़ गया.
अब उसने मेरे हाथ और आंखें खोल दीं और वो काम की देवी मेरी बगल में नंगी ही लेट गयी. मैं उसे धीरे धीरे किस करने लगा. गले और कान के पास किस करने लगा.
उसके मुँह से ‘आह ससस ससस..’ की सिसकारी गूँजने लगी. मैं भी उसे दांतों से लव बाईट कर रहा था.
मैंने उसके चूचों को मसलना शुरू किया. इससे वो एकदम गर्म हो गई और मुझे खुद से चूचे पिलाने की कोशिश करने लगी. मैंने भाभी का एक दूध मुँह में लेकर चूसना कर दिया … साथ ही दूसरे चुचे को मसलना भी चालू हो गया.
इसी तरह मैंने दूसरे दूध को चूसना और पहले को मसलना जारी रखा. इससे वो एकदम गनगना उठी थी और मुझसे चिपक कर मेरा सर अपने मम्मों पर दबाए जा रही थी.
कुछ पल मैंने भाभी की नाभि की चटाई शुरू कर दी. कोई दस मिनट की चटाई के बाद उसके नीचे पैरों के तलवे पर आ गया. अब मैंने धीरे धीरे उसके दोनों पैरों की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था.
इस समय वो सिर्फ ‘आह आह ससशसस आह आह..’ की सिसकारी ले रही थी.
मैं उसकी मक्खन सी चिकनी जांघों पर किस करता हुए उसकी चुत तक आ पहुंचा. उसने जल्दी से अपनी चुत उठा कर चूसने का इशारा किया. तो मैंने उस भाभी की चुत पर अपनी नाक लगा कर चुत की महक को अपने अन्दर समा लिया.
आंह … क्या चुत थी … एकदम गुलाबी होंठ वाली चिकनी चुत … जिस पर एक भी बाल नहीं था. वो पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई. मैंने उसकी चुत के दाने को उंगलियों से छेड़ना शुरू किया. उसकी सिसकारियां जोर जोर से आने लगी.
इसके बाद मैं अपने होंठों से उसकी चुत के दाने को पकड़ कर चूसने लगा. अपनी जीभ चुत के अन्दर डाल कर जोरदार चुसाई करने लगा. वो मेरा सर अपनी चुत में दबाते हुए बहुत जोर जोर से सीत्कार करने लगी.
वो ‘आह आह आह सस … सस..’ की सिसकारियां भरने लगी. उसकी मादक सिसकारियों से मुझे भी जोश चढ़ने लगा और जोर जोर से उसकी चुत की जबरदस्त चुसाई में जुट गया.
कोई पांच मिनट की चुत चुसाई में वो बुरी तरह से अकड़कर झड़ गयी और उसकी चुत से नमकीन अमृत निकलने लगा. मैं भाभी की चुत का पूरा अमृत पी गया. मैंने आज पहली बार किसी औरत को इतना अधिक झड़ते हुए देखा था. वो रुक रुक कर करीब 3-4 मिनट तक झड़ती रही. पता नहीं भाभी कितने दिनों से चुदाई की प्यासी थी.
इसके बाद भाभी की चुदाई की कहानी शुरू होनी बाकी है. जिसे मैं अगली बार लिखूंगा.
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