अन्तर्वासना के सभी फैंस, खासतौर से सभी भाभियों को मेरे लंड का नमस्कार. मैं आपको अपना परिचय दे दूँ. मैं करन सिंह राजपूत पटना का रहने वाला हूँ. वैसे तो मैं पटना में सोशल मीडिया एक्सपर्ट के रूप में एक कंपनी में कार्यरत हूँ. मैं बचपन से ही भाभियों पर मरा करता हूँ.
अब तो पार्ट टाइम भाभी और लड़कियों को खुश करने का काम करता हूँ. या यूं कहें कि कॉलबॉय का काम करता हूँ, बदले में दोनों तरफ का काम बन जाता है. महिलाओं को नया लंड का स्वाद मिल जाता है, तो मुझे कुछ पैसे मिल जाते हैं.
मैं अब तक कई महिलाओं को उनके घर पर जाकर चोद चुका हूँ. खासकर वैसी महिलाओं को, जिनके पति बिजनेस के सिलसिले में शहर या देश से बाहर रहते हैं.
मैं अन्तर्वासना का पिछले नौ साल से पाठक हूँ. आज सोचा कि क्यों न अपनी सेक्स कहानी भी अन्तर्वासना के पटल आप सभी के साथ साझा की जाए. आइये जानते हैं कि कैसे मैंने पहली बार शालिनी भाभी को अपने लंड पर नचाया और उनकी प्यासी चूत में लंड डालकर कोहराम मचा दिया.
दोस्तो, मेरे जॉब के मुताबिक़ कम्पनी कभी कभी दूसरे शहरों में किसी इवेंट के दौरान भेज देती है, जहां रहने खाने का व्यवस्था क्लाइंट की तरफ से होता है.
पिछले साल एक राजनैतिक पार्टी के प्रशिक्षण शिविर को कवर करने के लिए कंपनी ने मुझे राजगीर भेजा. बेहद ही सुन्दर मनोरम छटा वाला छोटा सा नगर राजगीर, जहां के एक बड़े अंतराष्ट्रीय हॉल में मीटिंग चल रही थी. मैं कम्पनी के कैमरे से अपने लिए जरूरी फोटोग्राफ्स उतार रहा था.
अचानक पहली पंक्ति में बैठी एक भाभी जी के ऊपर मेरी नजर पड़ी.
भाभी जी क्या माल थीं … मैंने ऊपर से नीचे तक भाभी के बदन का एक्स-रे कर दिया. भाभी का भरा पूरा बदन, बड़ी-बड़ी चूचियां मुझे पागल कर रही थीं.
मुझसे रहा नहीं गया. मैंने अचानक ही अपने कैमरे से भाभी का एक सिंगल फोटो ले लिया. भाभी जी ने मुझे फोटो लेते हुए देख लिया और पास में बुलाया.
भाभी के बुलाने से मेरी तो गांड फट रही थी कि कहीं डांट न दें.
लेकिन नजदीक जाने पर भाभी ने अपना पिक देखने के लिए मुझसे कहा.
मैंने कैमरे में उनकी फोटो को देखते हुए कहा- आपका पिक एकदम झकास आया है. भाभी जी माल लग रही हैं आप … आपके सामने तो लड़कियां भी कुछ नहीं हैं.
मुझे ये कहते समय लगा कि आज पिटाई पक्के में होगी.
लेकिन भाभी ने झेंपते हुए मुझसे कहा- मुझे ये फोटो कैसे मिलेगी?
मैंने कहा- मेल आईडी या व्हाट्सअप नंबर दे दीजिए, मैं आपका फोटो भेज दूंगा.
भाभी जी ने ओके कह दिया और कहा कि चलिए कुछ और फोटो निकाल लीजिएगा, फिर सारी एक साथ भेज देना.
उनकी इस बात से एकदम बिंदास हो गया और मैंने कहा कि कुछ रूमानी सी फोटो भी बढ़िया आएंगी. आप कुछ सहयोग कीजिएगा.
भाभी जी हंस दीं और उन्होंने अगले ही पल अपना आंचल ढुलका दिया. उनके रसीले संतरे मेरे भेजा गांडू किये दे रहे थे. मैंने कैमरे को उनकी चूचियों की क्लीवेज में सैट किया और दनादन कई शॉट्स ले लिए.
मैंने शॉट्स लिए और उनको अपने कैमरे की गैलरी में देखा, तो मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तभी मेरी नजर भाभी जी की तरफ गई, तो वो बड़ी बेचैनी से मेरी तरफ देख रही थीं. उनको भी शायद कैमरे के रिजल्ट जानने की इच्छा थी.
मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए थम्ब का इशारा किया. तो वे फिर से हंस दीं.
इसी तरह से मैंने पहले दिन पूरे कार्यक्रम में उनकी कई फोटो खींची.
रात में जब खाना खाकर वापस अपने होटल पहुंचा, तो देखा होटल के रिसेप्शन के पास भाभी जी अपने रूम की चाभी ले रही थीं. भाभी जी ने अचानक सर घुमाया, तो मुझे उधर देखा.
भाभी जी पूछने लगीं- मिस्टर आप यहां कैसे?
मैंने कहा- भाभी जी मेरा नाम मिस्टर नहीं बल्कि करन है … और मैं तो इसी होटल में रुका हूँ.
अब तक हम दोनों एक तरफ को आ गए थे.
भाभी जी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा- कोई बात नहीं … मैं भी कम्पनी देने के लिए आ गई हूँ. मेरा नाम शालिनी है. वैसे मैं हूँ तो बिजनेसमैन की बीवी, लेकिन अकेली बोर होती हूँ, इसलिए समाजसेवा और राजनीति में अपना अपना टाइम पास करती हूँ.
उनके हाथ के स्पर्श से मैं चौंक गया था. क्योंकि भाभी जी ने अपनी एक उंगली से मुझे कुरेद कर वो इशारा दिया था, जो एक चुदासी औरत या लड़की देती है.
मैं भी उनका हाथ दबा कर उनकी कम्पनी देने के लिए ओके बोलते हुए कहा- आपको मुझसे निराशा नहीं होगी.
भाभी ने कहा- चलिए देखते हैं.
कुछ देर बात करने के हम दोनों अपने अपने कमरे की तरफ चल पड़े. संयोग से हम दोनों का रूम सटा हुआ था. मैंने अन्दर जाकर देखा, तो हम दोनों कमरा एक दरवाजे से अटैच था.
मैं अपनी तरफ से खोलकर भाभी के कमरे में फट से घुस गया. कमरे का नजारा देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. भाभी ब्रा और पेंटी में थीं और नाईट सूट पहनने ही वाली थीं.
मैंने पहले तो सोचा कि लौट जाऊं. फिर सोचा जब भाभी को इतना नंगी देख ही लिया, तो अब चूत और चूचियों का दर्शन भी करता चलूं.
मुझे आया देख कर शालिनी भाभी अपनी चूचियों को हाथों से ढकने लगीं.
मैंने कहा- शालिनी जी मैंने तो सब कुछ देख लिया, अब अपनी चूत और चुचियों का दीदार करा भी दो. आप कम्पनी देने की बात तो कह ही रही थीं, मेरी योग्यता को भी परख लीजिएगा.
उन्होंने एक बार मेरी तरफ देखा और दूसरी नजर कमरे के दरवाजे और खिड़कियों पर डाली. कमरे का दरवाजा तो बंद था, मगर एक खिड़की का पर्दा हल्का सा हटा हुआ था.
मैंने दौड़ कर सभी पर्दे ठीक किये और दरवाजे की कुंडी को चैक किया. फिर मैं घूमा ही था कि भाभी मेरे करीब खड़ी थीं. मैंने उनको अपनी बांहों में भर लिया. भाभी भी मुझसे लिपट गईं. ये सब इतना अनायास हुआ था कि हम दोनों अपने संतुलन खो बैठे और मैं भाभी को अपनी बांहों में लेते हुए बिस्तर पर गिर पड़ा.
अब एक तरफ मेरे हाथ उनकी चुचियों पर चल रहे थे, तो दूसरी तरफ उनका हाथ मेरे लंड को जांघिया के ऊपर से ही मसल रहा था.
भाभी अपने होंठों को मेरे होंठों पर रखते हुए चूसने लगीं. सब कुछ कंट्रोल से बाहर हो चुका था.
मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी को निकाल फेंका.
इस वक्त भाभी चुदास से भर उठी थीं और उनके मुँह से एक ही बात निकल रही थी- आह फक मी … फ्क्क करन … फक मी … भोसड़ी वाले ने छह महीने से मुझे चोदा नहीं है … मेरी चूत प्यासी है, इसमें अपना लौड़ा डालकर मुझे जी भर कर चोद दो … आज मेरी प्यास बुझा दो करन.
हॉट भाभी मुझसे चुदने की आरजू विनती करती रहीं, लेकिन मैं उनको तड़पाने में लगा रहा. मैंने भाभी के होंठों का रसपान करते हुए, उनकी कठोर हो चली चुचियों को जी भर कर चूमा. फिर पेट पर उंगलिया फिराते हुए अपनी जीभ को भाभी जी की नाभि पर फेरते हुए उनकी वासना को बढ़ाता चला गया.
भाभी आपे से बाहर हो रही थीं. अभी मैं उनको चोदने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था. मुझे अभी उनके चूत का दीदार करना बाकी था. चूत के उपरी हिस्से को खुदेरने से भाभी नागिन की तरह बल खाने लगीं. भाभी की चूत एकदम पावरोटी की तरह फूली हुई पहाड़ी थी. भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
भाभी की चूत को ऊपर से नीचे की ओर चाटने के क्रम में मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में डाल दी. अन्दर का ज्वालामुखी एकदम किसी भट्ठी की तरह जल रहा था.
मैंने जीभ को जैसे ही भाभी की चूत में डाला, मुझे लगा कि मैं तृप्त हो गया.
भाभी ‘सिसिस्स. … सिस्स..’ करती रहीं. उनके मुँह से इस समय एक मदहोश और चुदास से गर्म औरत की मादक आवाजें भर निकल रही थीं.
फिर कुछ पल हॉट भाभी मादक अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठीं और मेरा सर अपनी चूत में जबरदस्ती डालने लगीं. मुझे लगा कि मेरी सांसें रुक सी गईं.
इतने में भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल होकर बेड पर गिर गईं. जबकि मैंने तो अभी काम भी नहीं शुरू किया था.
मैं भाभी को सेक्स के लिए तैयार करने में जुट गया. मैं उनकी चुचियों को मसलने लगा. इसी के साथ दूसरी तरफ भाभी के रसीले होंठों का रसपान भी करने लगा. मैंने अपने आपको भाभी के ऊपर लाद सा दिया. अपना सारा बोझ उन पर डाल भाभी को अपनी बांहों में लेकर बेतहाशा चुम्मों की बौछार लगा दी.
कुछ ही देर में भाभी की कामवासना जाग गई. अब भाभी ने देर न करते हुए मेरी चड्डी में से लंड महाराज को आजाद कर दिया. जैसे ही चड्डी नीचे की, लंड महाराज बाहर निकलते ही उनके चेहरे से जा टकराए.
मैंने भाभी से लंड चूसने को कहा. पहले तो मना किया, फिर लंड को लॉलीपॉप की तरह जमकर चुसाई करने लगीं. इस समय भाभी की आंखें एकदम नशीली हो चुकी थीं.
भाभी ने अपनी टांगें खोलीं और आंखों से ही अपनी चूत में लंड डालने का इशारा कर दिया.
मैंने भी देर न करते ही उनकी चूत में अपना लंड फंसाकर धक्का मारा, लेकिन फिसल गया. भाभी के मुँह से एक कराह सी निकली.
मैंने पूछा- भाभी, आपकी चूत तो एकदम कुंवारी सीलपैक की तरह है.
भाभी बड़बड़ाते हुए बोलीं- भोसड़ी का साला हरामी पैसे कमाने में ही लगा रहता है. मुझे चोदता ही कहां है … पिछले एक साल में सात बार ही चुद पाई हूँ. भैन का लौड़ा छह महीने से इस चूत में कोई लंड अन्दर ही नहीं गया है. अब तरसाओ नहीं … मुझे जल्दी से चोद दो. चोदकर भुर्ता बना दो मेरी चूत का.
मैंने शालिनी की चूत पर अपना थूक लगाया और अपने लंड पर उनको थूक लगाने कहा. इसके बदले शालिनी भाभी ने लंड चूसकर ही रसीला कर दिया.
मैंने गर्म लोहे पर हथौड़ा मारना सही समझा. भाभी की कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे चूत ऊपर सामने की तरफ दिख रही थी.
फिर मैंने अपना 6 इंच का लंड चूत के मुहाने पर रख एक ही झटके में जड़ तक पहुंचा दिया. बिन पानी की तरफ हॉट भाभी तड़पने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उनके मुँह से गालियों का अम्बार लग गया- आह बहन के लौड़े मैं कोई रंडी हूँ … जो इस तरह लौड़ा पेल दिया … धीरे चोद मादरचोद.
लेकिन मेरे ऊपर अब भूत सवार हो चुका था- रांड कहीं की … अपने खसम को छोड़ कर दूसरे के लंड से चूत चुदवा रही है, तो क्या सती सावित्री है … साली रंडी ही तो है … चल रंडी देख कैसे तेरी चूत के चीथड़े बनाता हूँ.
मैंने शालिनी भाभी की कमर के नीचे से तकिया को निकाला और उनको अपनी बांहों में लेकर ताबड़तोड़ चुदाई करने में लग गया.
पहले दर्द में गालियां देने वाली भाभी अब मुझे प्यार से देखे जा रही थीं. शालिनी भाभी ने मुझे बांहों में भरते हुए अपने पैरों से बांध लिया. इधर उनकी चूत में मेरा लंड ऐसे चल रहा था, जैसे लकड़ी को आरी काटती है, वैसे ही मेरा लंड उसके चूत में कोहराम मचाये हुए था. इसका जवाब भाभी कमर उठा-उठाकर दे रही थीं.
करीब पंद्रह मिनट के बाद मेरा लंड से वीर्य निकलने वाला था. मैंने कहा- मेरा होने वाला है … कहां डालूं?
भाभी ने मुझे जोर से पकड़ कर अपने से चिपका लिया. शायद वो मेरा पानी अपने चूत में लेना चाहती थीं. मैं समझ गया और ताबड़तोड़ चुदाई से भाभी को चोदने लगा. उनके चहरे पर एक ख़ुशी झलक रही थी. मुझे भी पहली बार किसी भाभी को चोदने का सौभाग्य प्राप्त हो गया.
अगले दो दिनों तक मैंने हॉट भाभी की चूत को उसी होटल में रात में जमकर चोदा. इसके अलावा उनकी सहेलियों को भी चोद लेता हूँ. उसके सेक्स कहानी को अगली बार पेश करूंगा.
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