यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की हिंदी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैं अपनी एक्स-गर्लफ्रेंड को चोदने के लिए उसके घर आ पहुंचा था. इस वक्त वो मेरी बांहों में मुझसे चुदने के लिए मचल रही थी.
अब आगे:
कुछ पल बाद कोमल ने मुझे रोका और घूम कर मेरे होंठों को चूमने लगी. अब मैं उसकी गांड को हाथ से सहलाने लगा था. एक पल के लिए चुम्बन का सिलसिला रुका और हम दोनों एक दूसरे की ओर देखने लगे.
मैं- तुम तैयार हो?
कोमल ने सर हिला कर इशारे से हामी भर दी. उसका इशारा मिलते ही मैंने अपनी पेंट निकाल दी. उसने भी अपने लोवर को निकाल दिया.
हम दोनों अब पूरी तरह से नग्न अवस्था में आ गए थे.
कोमल- प्रोटेक्शन साथ लेकर आए हो?
मैं- आज तो बिना कंडोम के चुदाई होगी.
कोमल- सोचना भी मत.
तभी मैंने अपने पेंट की जेब से कंडोम के कुछ पैकेट निकाल कर उसे दिखा दिए. कोमल मेरी ओर देखकर मुस्करा दी.
फिर मैंने उसको इशारे से घोड़ी बनने को कहा और वो मेरी बात सुनकर बेड पर टिक कर घोड़ी बन गई. मैंने एक कंडोम का पैकेट फाड़कर लंड पर पहना और बाकी के कंडोम वहीं डेस्क पर रख दिए जहाँ उसका फोन रखा था.
अब मैं कोमल के पास हुआ और वो मेरी ओर देखने लगी. मैंने उसको आंख मारी और अपनी पोजिशन ले ली.
कोमल- राज, धीमे से डालना.
मैं- डोन्ट वरी.
फिर मैंने उसकी गांड पर किस किया और पीछे से उसके मम्मों को सहलाने लगा. कोमल अभी पूरी तरह से गर्म हो गई थी और चुदने के लिए तैयार थी. उसके बाद मैंने अपने खड़े लंड को उसकी चिकनी चमेली गांड पर लंड सैट कर दिया.
अपनी गांड पर लंड की चमड़ी का अहसास होते ही उसकी गांड ने झुरझुरी सी ली. मैंने कोमल की कमर को पकड़ लिया और एक धक्का लगाया. जिससे थोड़ा सा लंड कोमल की गांड में घुस गया और उसके मुँह से आवाज निकल गई.
मैं रुका नहीं … मैंने फिर से धीमे से धक्का लगा दिया. तीन-चार धक्के बाद मैंने एक जोर का धक्का लगाया … जिससे आधा लंड कोमल की गांड में घुस गया और कोमल चिल्ला उठी- ओहह मां आहह … राज निकाल ले … बहुत दर्द हो रहा है … उन्हह ओहह राज निकाल ले.
अब मुझे सिर्फ चुदाई दिख रही थी इसलिए मैंने कोमल की बात को अनसुना कर दिया और बस पूरे जोश में झटके मारने लगा. इस वक्त कमरे में फच फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी और कोमल जोरों से चिल्ला रही थी.
दर्द की अधिकता की वजह से कोमल की आंख से आंसू गिरने लगे. मगर मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था. मैं सेक्स के लिए एक साल से बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
इस समय कोमल के चूचे हवा में झूल रहे थे और मैं पूरे तेजी से धक्के मार रहा था. कोमल को पता था कि आज मैं रुकने वाला नहीं हूँ … लेकिन उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. जिसकी वजह से वो जोरों से कामुक आवाज निकाल रही थी.
जब मुझे अहसास हुआ कि कोमल को बहुत दर्द हो रहा है और वो मुझसे बार-बार निकालने को रिक्वेस्ट कर रही है, तो मैं रुक गया. मैंने लंड बाहर निकाला और उसको पलट कर बेड पर लेटा दिया. लंड निकलने से कोमल ने चैन की श्वांस ली.
अभी वो सम्भलती, उससे पहले मैंने उसके ऊपर चढ़कर उसकी चुत पर लंड सैट कर दिया. उसकी चुत में लंड जैसे ही फिट हुआ, मैंने अगले ही पल जोरों से धक्का मार दिया और मेरा लंड चुत में घुसता चला गया.
इस हमले से कोमल छटपटा उठी और उसे अपने दोनों हाथों से बेड की चादर को पकड़ लिया. मैं बिना रुके चुत में लंड के धक्के लगा रहा था और हर धक्के के साथ अपनी स्पीड बढ़ा रहा था. इससे कोमल की आवाज भी गूंज रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो तो अच्छा था कि बगल वाले फ्लैट के लोग बाहर गए थे, जिससे इस मंजिल पर अब सिर्फ हम दोनों ही थे. आजू बाजू कोई भी हमारी चुदाई की आवाजें सुनने वाला नहीं था.
इस समय कोमल की हालत बहुत पतली थी और वो दर्द को सहते हुए मेरे धक्के झेल रही थी. मैं पूरे जोश से कोमल को पेल रहा था. वैसे भी कोमल अब किसी और की बीवी थी. किसी और की बीवी की चुदाई करने में मैं बहुत मजा आता है.
चुदाई में काफी देर हो गई थी. मैं चुदाई करते समय हांफ भी रहा था … साथ ही कोमल की अच्छी तरह से चुदाई कर रहा था.
कोमल- आहह राज, प्लीज स्लो स्लो … उहह उम्मह ओहह राज धीमे साले … दर्द हो रहा है.
घमासान चुदाई की वजह से कोमल ज्यादा बोल नहीं पा रही थी. करीब पंद्रह मिनट लगादार चुदाई के बाद मैं हांफते हुए झड़ गया और उसी के ऊपर ढेर हो गया. कोमल ने मुझे अपनी बांहों में समेट लिया.
फिर मैंने कोमल की चुत से लंड निकाल कर कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया. कोमल अभी भी अपनी चुत को सहलाते हुए आवाज कर रही थी. लंड झड़ जाने से अब उसे थोड़ी राहत मिल गई थी.
मैं भी पूरी तरह से थक चुका था, इसलिए मैं कोमल के पास ही लेट गया और उसकी ओर देखने लगा. कोमल मेरी और घूर कर देख रही थी.
मैं- आज बहुत मजा आया सच में … दर्द देने के लिए सॉरी कोमल … वो मैं अपने आप पर सब्र नहीं कर पाया.
कोमल- अब सॉरी का क्या अचार डालूं … इससे अच्छा तो मैं बिना सेक्स के ही ठीक थी.
मैं- क्यों मजा नहीं आया?
कोमल- मजा तो तुमने किया है … ऐसे चोद रहा था … मानो मैं तेरी रांड हूँ.
मैं- डोन्ट वरी … इन दो दिन में मैं तुझे रांड ही बना डालूंगा.
कोमल- शटअप.
मैं हंस दिया.
फिर कोमल खड़ी होकर बाथरूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि उसकी थोड़ी चाल भी बदल गई थी … क्योंकि उसने पहली बार अपनी गांड मरवाई थी. कोमल ने गांड मरवाते समय अपने पति का एक शॉट भी नहीं झेल पाई थी. जबकि आज मैंने उसकी मस्त गांड की अच्छी तरह से चुदाई कर दी थी.
मैं- जल्दी आना … लंड इंतजार कर रहा है.
कोमल बिना कुछ बोले बाथरूम में चली गई और मैं आराम करने लगा. मैं कोमल के बारे में सोच रहा था. आज वो पराये मर्द से चुदी है … या यूं कहूँ कि मैंने आज किसी और की बीवी की चुदाई की है.
एक बात तो पक्की थी कि इन दो दिन में मैं कोमल की चुत और गांड दोनों खोल दूंगा. आज मैंने अपनी उम्र से छह साल बड़ी औरत को चोदा है. पहले वो लड़की थी … जब उसकी सील खोली थी.
मैं कोमल के आने का इंतजार कर रहा था और अपने लंड को सहला रहा था. तभी कोमल बाथरूम से बाहर निकल आई. वो मेरी ओर देख रही थी. अभी उसने एक नाइट ड्रेस पहना हुआ था.
फिर पानी पीकर लाइट की तरफ गई और नाइट लैम्प ऑन करके मेरे पास आकर लेट गई.
मैं- मैं तो अभी दूसरा राउंड का सोच रहा था.
कोमल- अभी नहीं … मैं पूरी तरह से थक चुकी हूँ … और दर्द भी हो रहा है.
मैं- यह हथियार तुम्हारी चुत पाने के लिए खड़ा है … इसका क्या करूं?
कोमल- उससे बोल दो कि कल आना आज पोस्टऑफिस बंद है.
मैं- वैसे चुदाई के समय तुम्हें चिल्लाते देखकर बहुत मजा आ रहा था.
कोमल- मेरी जगह पर तुम होते, तो तब तुम्हें पता चलता. साले ऐसे कोई चोदता है.
मैं- हां, मैं चोदता हूं.
कोमल- अब सो जा.
फिर मैंने उसकी कमर पर हाथ रख दिया और कोमल के गाल पर किस करके हम दोनों सो गए.
सुबह मेरी नींद खुली, तब कोमल बेड पर नहीं थी और ना ही कमरे में थी. मैं बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और बाहर आ गया.
कोमल अभी किचन में नाश्ता बना रही थी. मैंने रसोई में जाकर उसको पीछे से बांहों में भर लिया- गुड मॉर्निंग जानेमन.
कोमल- गुड मॉर्निंग.
मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा और वो मुझे रोकने लगी.
कोमल- क्या कर रहे हो?
मैं- गुड मॉर्निंग किस कर रहा हूँ.
कोमल- नाश्ता रेडी हो गया है.
फिर हम दोनों किचन से बाहर निकल कर साथ में ब्रेकफास्ट करने लगे. नाश्ता करते समय मुझे मजाक सूझा.
मैं- कोमल सच बोलना … किस के साथ सेक्स करने में मजा आया? मेरे साथ या अपने पति के साथ.
कोमल- चुपचाप नाश्ता कर.
मैं- प्लीज़ बता ना?
कोमल- तुम्हारे साथ.
मैं- वैसे तुम्हारे पति की फैमिली में कौन कौन है?
कोमल- मेरे सास-ससुर अहमदाबाद में रहते हैं … और आकाश की एक बहन है. वो मेरे साथ ही रहती है. वो कुछ दिन बाद आएगी.
मैं- बड़ी या छोटी.
कोमल- तुम्हें उसे क्या मतलब?
मैं- बस ऐसे ही.
कोमल ने कुछ नहीं कहा.
मैं- कमसे कम नाम तो बता दे.
कोमल- मैं सब समझ रही हूँ.
मैं- वैसे चुदाई के लिए तैयार हो न!
कोमल- तुम्हें सेक्स के अलावा कुछ सूझता नहीं है.
मैं- क्या करूं, अभी प्यास बहुत लगी है.
फिर हम दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे. नाश्ता के बाद मैं कमरे में चला गया और वो घर का काम करने लगी. कुछ देर बाद कोमल भी कमरे में आ गई … क्योंकि उसे पता था कि मैं उसका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं.
कोमल के अन्दर आते ही मैंने उसको दबोच लिया और उसकी कमर को पकड़ कर किस करने लगा. वो भी किस करते हुए मेरा साथ देने लगी. कुछ ही पलों में वासना का ज्वार कमरे में घुमड़ने लगा और मैंने कोमल की टी-शर्ट निकाल दी. उसकी टी-शर्ट हटते ही मैंने अपनी भी टी-शर्ट उतार दी.
अब कोमल को किस करते हुए मैंने बेड पर पटक गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसके रसभरे होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरे होंठों को बड़ी बेताबी से चूमने लगी. मैं कुछ देर बाद उसकी गर्दन को चूमने लगा और फिर उसकी ब्रा निकाल दी. इसमें कोमल ने भी मेरी मदद की.
अभी हम दोनों के अन्दर चुदास की प्यास अपने चरम पर आ चुकी थी. मैं उसके बदन को बेहद मदहोशी से चूमे जा रहा था. इस वजह से कोमल सीत्कार कर रही थी. मैंने उसके कमनीय बदन को चूमते हुए उसके लोवर और गीली हो चुकी पेन्टी को निकाल दिया.
मैं वासना के अतिरेक से कोमल की गीली चुत को चाटने लगा … इससे कोमल और भी ज्यादा चुदासी हो उठी.
कोमल- आह … राज फक मी … अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा है.
पर मुझे कोमल को अभी और तड़पाने को मन कर रहा था … इसलिए मैंने खड़े होकर अपनी पैंट और निक्कर निकाल दी. कोमल मेरी तरफ सेक्सी नजर से देख रही थी. मैं उसे अपना खड़ा लंड दिखाते हुए उस पर कंडोम लगाने लगा.
मैंने लंड पर छतरी चढ़ाने के बाद उसकी तरफ देखा तो उसने बड़े अश्लील भाव से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए मुझे आंख मार दी. मैं बिना देर किए कोमल पर चढ़ गया और उसकी चुत पर लंड घिसने लगा. कोमल ने भी अपनी टांगें पूरी तरह खोलते हुए चुत को लंड के दरबार में पेश कर दिया. मैंने चुत की फांकों में लंड का सुपारा घिसा, इससे कोमल और ज्यादा उत्तेजित हो उठी. वो अपनी गांड उठा कर लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी. मगर मैं उसे अब भी तड़पा रहा था.
कोमल- राज क्या कर रहे हो … अब अन्दर डाल दे न … और मत तड़पा.
मैं- पहले बोल … मैं तुम्हारी रांड हूँ.
कोमल- मैं तुम्हारी रांड हूँ … प्लीज़ फक मी.
मैं- मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है.
कोमल- कमीने पहले चुत में लंड डाल … बाद में गांड भी मार लेना.
कोमल इतनी खूबसूरत और हॉट थी कि उसके मुँह से गाली सुनने से मुझे जोश आ गया. कोमल अभी अपने पति को भूलकर मुझसे चुदना चाहती थी. मैं भी इसी लिए उसे आज पूरा मजा देना चाहता था. जब वो फोन पर बात करने के लिए रूम में गई थी, तब मैंने चुपके से उसकी चाय में सेक्स वाली दवा मिला दी थी … जिससे अभी वो इतनी चुदासी हो रही थी.
फिर मैंने चुत पर लंड सैट करके एक जोर का धक्का लगा दिया. मेरा आधा लंड चुत में घुस गया और उसके मुँह से आवाज निकल गई.
एक दो झटकों में ही लंड ने रफ्तार पकड़ ली और मैं पूरे जोश के साथ धक्का लगा कर कोमल की चुत चुदाई करने लगा. कोमल जोरों से सीत्कार कर रही थी और कमरे में फच फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी.
कोमल- आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओहह राज सो हार्ड … आहह ओह यस यह.
मैं- ओह कोमल आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो … आज तो मैं तेरी चूत की धज्जियां उड़ा डालूंगा.
कोमल- आंह … चोद कमीने … उहह ओहह चोद यस फक फक मी.
मैं पूरी तेजी से कोमल की चुदाई कर रहा था और वो भी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.
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कहानी जारी है.