हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रवीण है और मैं 21 साल का हूं.
आज मैं आपको अपने साथ घटी एक प्यारी सी घटना से वाकिफ करवाना चाहता हूं.
ब्यूटीफुल गर्ल हॉट सेक्स कहानी उस वक्त की है जब मैं और मेरा दोस्त रोहण हमारी पुरानी दोस्त रीतिका की शादी में जबलपुर गए थे.
हम जबलपुर पहुंच गए तो हमारी दोस्त ने हमारा आवभगत किया और पूछने लगी कि बाकी के दोस्त कहां रह गए?
हमने कहा कि वो लोग भी शाम तक यहां पर पहुंच जाएंगे.
फिर उसने हमें फ्रेश होने के लिए कह दिया.
हम फ्रेश हो गए.
अब शाम को बारात आने वाली थी तो हमारे सारे दोस्त आ गए.
हम सब शादी हॉल में चले गए.
बारात आ चुकी थी और हम सब दोस्त बैठ कर बातें कर रहे थे.
तभी मेरे दोस्त आशीष ने मुझे एक लड़की के बारे में बताया जो मुझे देख रही थी.
मैंने उसे देखा तो उसने मुंह घुमा लिया.
सब मुझे देखकर मुस्कराने लगे.
आशीष- वो तुझे देख रही है और तूने मुंह फेर लिया?
मैंने उसे कहा- जाने दो, शायद ऐसे ही देख रही थी.
वैसे मैं आपको बता दूं कि उसका नाम कृतिका था और वो दिखने में बहुत सुंदर थी.
अवनी- तू बोले तो मैं बात करूं?
मैंने कहा- तू उसे जानती नहीं तो तू कैसे बात करेगी?
अवनी- वो देख … वो रीतिका से बात कर रही है. उससे पूछते हैं कि वो कौन है.
फिर सबने मुझे कि कहा कि तू भी चल तो मैं भी मान गया.
हम रीतिका के पास गए तो पता चला वो उसकी ननद थी … उसके हस्बेंड के मामा की लड़क).
अब सब मुझे बोलने लगे- उससे बात तो कर?
मैंने कहा- ओके.
उसके लिए मैंने एक बुके भिजवाया.
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कराकर बुके ले लिया.
अब मैं क्लियर था कि उससे बात कर सकता हूं.
उसके पास जाकर मैंने बात शुरू की और बोला- आप कैसे हो कृतिका?
कृतिका- आपको मेरा नाम कैसे पता चला?
मैंने उससे कहा- इतनी ब्यूटीफुल गर्ल का नाम मुझे नहीं पता होगा तो किसे पता होगा.
कृतिका हंसते हुए बोली- ठीक है, काम क्या है आपको … बोलिए?
मैंने कहा- मैं चांद देख रहा था.
कृतिका- हॉल में चांद कैसे दिखेगा?
मैंने कहा- जी मैं चांद ही देख रहा था तो तभी मैंने आपको देखा और सोचा कि चांद तो नीचे ही है.
कृतिका ने मुस्कराकर कहा- फ्लर्ट कर रहे हो मेरे साथ!
हंसकर मैं बोला- आपको देखकर तो किसी का भी मन करेगा फ्लर्ट करने का!
हम दोनों में कुछ और गपशप हुई और मैं उसको अपने दोस्तों के पास ले गया. हम सब वहीं पर साथ में बातें करने लगे.
करीब रात के 2 बजे सब रस्में ख़त्म हुईं और विदाई हुई.
हम लोग रीतिका के घर ही रुकने वाले थे.
रोहण ने मुझसे कहा- भाई आज की रात ही है तेरे पास!
मैं समझ गया और उससे कहा- क्या करूं फिर?
रोहण- वो रीतिका के घर ही रुकेगी.
मैंने कहा- लेकिन यार इसमें थोड़ा रिस्क है.
रोहण- अरे टैरिस पर एक खाली रूम है. उसे वहां ले जाना.
मैंने उसे थैंक्स बोला और चला गया.
फिर कृतिका को अपना नंबर दिया और कहा कि मैं जब कॉल करूं तब टैरिस पर आ जाना.
वो कुछ बोली नहीं.
मैंने उससे पूछा- तुम मुझे पसंद तो करती हो ना?
कृतिका- हां! मगर मम्मी पापा भी मेरे साथ ही सोएंगे, मैं कैसे आऊंगी?
मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा- आई लाइक यू.
वो मुस्कराकर बोली- आई लाइक यू टू … मैं संभाल लूंगी. तुम चिंता मत करो.
तभी रोहण का फोन आया- हैल्लो भाई … छाता (कॉन्डम) ले लेना.
मैंने कहा- ओके ब्रो.
फिर मैं मेडिकल से ल्यूब और प्रोटेक्शन लेकर ऊपर चला गया.
तभी कृतिका का कॉल आया और उसने कहा- मम्मी-पापा सो गए.
मैं बोला- तो ऊपर आ जाओ.
वो थोड़ी देर के बाद ऊपर आ गई.
हम दोनों पास बैठकर बात करने लगे.
दो मिनट बात करने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
उसने अपना हाथ हटा लिया.
मैं बोला- क्या हुआ? मन नहीं है क्या तुम्हारा?
वो सिर झुकाकर बोली- कुछ नहीं.
मैं समझ गया कि वो करना चाहती है लेकिन शर्मा रही है.
उसे मैंने अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा.
वो मेरे बाल पकड़कर किस करने लगी.
मैं उसे कमरे में ले गया.
वहां एक गद्दा था. उस पर उसे पटककर उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
मैंने उसको वहीं पटक लिया और उस पर चढ़ गया.
मैं उसको बेसब्री से चूमने लगा, उसके होंठों को लेकर मुंह में चूसने लगा, उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को भींचने लगा.
मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स पर थे और मेरे होंठ उसके होंठों से चिपके हुए थे.
उसने मेरी टांगों को अपनी टांगों से जकड़ लिया था और वो मेरी पीठ पर हाथ फेर रही थी.
अब मैंने उसकी ब्रा खोली और पैंटी भी नीचे खींच दी.
बिना ब्रा के मस्त माल लग रही थी वो!
उसी टाइम उसके बूब्स पर मैं टूट पड़ा और वो सिसकारियां भरने लगी.
मैं उसके बूब्स पी रहा था.
मेरा पेट बिल्कुल उसकी चूत से सटा हुआ था. मुझे अहसास हुआ कि मेरा पेट गीला हो गया है.
तभी मैं खड़ा हुआ और अपनी अंडरवियर उतार दी.
अंडरवियर में मेरा लंड तनकर परेशान हुआ जा रहा था इसलिए उतारते ही वो उछलकर बाहर आ गया.
वो मेरे लंड को देख रही थी.
उसकी चूत को फैलाये हुए वो जैसे चुदने का इंतजार कर रही थी.
मैं उसके मुंह के पास गया और लंड को हिलाने लगा. मैं सोच रहा था कि वो लंड चूस लेगी मगर उसने मना कर दिया.
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया और बोला- देखो कितना गर्म है ये! एक बार मुंह में ले लो इसको. बहुत तड़प रहा है … प्लीज जान … चूस दो एक बार.
उसने कहा- मुझसे नहीं होगा.
मैं बोला- बस एक बार मुंह में ले लो.
वो फिर मेरे लंड पर झुक गई और मेरे लंड को मुंह में लिया.
एक दो बार चूसने के बाद उसने लंड को निकाल दिया.
मैं बोला- कैसा लगा?
वो कुछ नहीं बोली.
मैं बोला- इसको अच्छे से अपनी लार से गीला कर दो ताकि अंदर डालने में आसानी होगी.
वो बोली- नहीं, नहीं … अंदर नहीं.
मैं बोला- बिना अंदर डाले तो मैं अधूरा रह जाऊंगा यार … प्लीज … अंदर तो लेना ही पड़ेगा एक बार!
वो बोली- कुछ हो गया तो?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा. सब इन्तजाम करके आया हूं.
फिर मैंने उसको कॉन्डम का पैकेट दिखाया.
उसने फिर लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
अबकी बार उसने काफी देर तक मेरा लंड चूसा.
कुछ देर चूसने के बाद वो निकालने लगी मगर मेरा मन नहीं कर रहा था.
मैंने उसके सिर को दोबारा से लंड पर दबाया तो वो फिर से चूसने लगी.
अब मुझे इतना मजा आने लगा कि मैंने उसके बाल पकड़ लिए और उसके सिर को आगे पीछे करते हुए उसके मुंह को चोदने लगा.
उसकी सांस भारी होने लगी.
मगर मैं इतने मजे में था कि बस उसके मुंह को चोदता जा रहा था.
वो मेरे चूतड़ों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी लेकिन मैंने उसके सिर को और जोर से लंड पर दबाना शुरू कर दिया.
फिर दो मिनट के बाद मैं उसके मुंह में झड़ गया.
उसने मेरे लंड को एकदम से निकाला और सारा माल थूक दिया.
वो बोली- ये क्या तरीका है यार … ऐसे कौन करता है?
मैंने उसको सॉरी बोला और प्यार से सहलाते हुए उसको किस करने लगा.
वो भी मेरे लंड को सहलाने लगी.
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा; मैं चाहता था कि पूरा कड़क तनाव आने के बाद उसको चोदूं.
फिर वो बोली- जल्दी करो यार … इतना टाइम नहीं है, कोई आ जाएगा.
जल्दी से मैंने कॉन्डम का पैकेट फाड़ा और गुब्बारा अपने हथियार पर चढ़ाकर उसकी जांघें खोलते हुए उसकी टांगों के बीच में आ गया.
मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा तेल लगाया और चूत को हाथों से रगड़ने लगा.
वो आह्ह … आह … करके सिसकारियां भरने लगी.
उसकी चूत पूरी गीली गीली हो चुकी थी.
मैंने कुछ देर उसकी चूत को हथेली से रगड़ा और उसकी चूत फूल गई.
वो बोली- बस करो … डाल भी लो अब … जल्दी!
अब मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और उसकी चूत पर अपना लन्ड रगड़ने लगा.
वो अपने होंठों को काटते हुए सिसकारियां निकालने लगी.
अब वो अपनी उंगली से अपनी चूत को मसलने लगी.
फिर उसने एकदम से मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं नीचे हाथ ले जाकर उसकी चूत में उंगली करने लगा.
मेरी उंगली के साथ साथ वो अपनी गांड को भी उठाने लगी.
उसका मन कर रहा था कि मैं अंदर तक उंगली डालूं.
वो मेरी जीभ को अपने मुंह में खींचने की कोशिश कर रही थी.
अब मैं भी नहीं रुक सका और मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को सेट करके एक जोर का धक्का दे दिया.
आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
वो छटपटाने लगी और मेरी पीठ पर मुक्के मारने लगी.
मैंने उसकी चूचियों को पीना जारी रखा और बीच बीच में उसकी गर्दन पर भी काटता रहा.
धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
अब मैं उसको चोदने लगा.
उसकी चूत काफी टाइट थी. चोदने में ऐसा मजा मिल रहा था कि मैं बता नहीं सकता.
वो भी मेरी पीठ पर हाथ फिराते हुए चुदने का मजा ले रही थी.
धीरे धीरे जैसे जैसे चुदाई का नशा बढ़ता गया वैसे वैसे मेरी स्पीड भी बढ़ती गई.
मैंने तेज झटके मारने चालू कर दिए.
वो अपने बूब्स दबाते हुए गहरी सांसें लेने लगी.
कुछ टाइम बाद उसे और भी मजा आने लगा तो मैंने उसे उठाया और खुद लेट गया.
अब वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई.
मैंने उसे थोड़ा उठने को कहा और अब मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर सेट किया और कहा कि इस पर बैठ जाओ.
वो मेरे लंड पर बैठने लगी तो लंड उसकी चूत में अंदर जाने लगा.
उसको तकलीफ सी हुई तो मैंने उसको अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठों को कसकर पीने लगा.
मैं उसकी कमर पर अपने दोनों हाथ टाइट बांध कर झटके मारने लगा.
अब वो पागलों की तरह मुझे किस करने लगी.
मैं उसके चूतड़ों पर अपने हाथ रखकर झटके मारने लगा.
अब मेरा माल बाहर आने वाला था तो मैं उसको और तेज झटके मारते हुए चोदने लगा.
दो चार झटके देने के बाद मेरा माल निकल गया और मैं धीरे धीरे शांत हो गया.
कॉन्डम लगा लंड मैंने बाहर निकाला और उसको गांठ मारकर वहीं पास में फेंक दिया.
फिर हम दोनों जल्दी से अपने अपने कपड़े पहनने लगे.
फिर वो जाने लगी लेकिन मैंने उसको कहा- मैं केवल आज रात के लिए यहां पर हूं.
उसने उस वक्त तो कोई जवाब नहीं दिया लेकिन एक घंटे के बाद उसने फिर से मैसेज किया और वो मेरे पास उसी रूम में आ गई.
उसके बाद हम लोगों ने सुबह तक सेक्स किया और मैंने उसको तीन बार चोदा.
उसके बाद वो सुबह के 4 बजे वापस चली गई.
मैं भी थक कर सो गया.
अगले दिन हम लोग वहां से आ गए.
एक दो बार मेरी फोन पर कृतिका से बात हुई मगर कभी मिलना नहीं हो पाया.
उसके बाद उसका नम्बर भी बंद हो गया.
दोस्तो, मैंने उसको एक रात में तीन बार चोदा. वो बहुत मस्त लड़की थी इसलिए कई बार मुझे उसकी याद आ जाती है.
इसीलिए मैंने आपके साथ ये घटना शेयर की.