फ्रेंड्स, मैं रवि आपको अपने साथ बीती बातें बताना चाहता हूँ.
मेरी उम्र 24 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है. मेरा शरीर दिखने में काफी आकर्षक है, जिसे देख कर लड़की एक बार देखती ज़रूर है.
मेरे लंड का साइज एक औसत भारतीय लंड के साइज जितना ही है, बस यह कुछ असाधारण रूप से मोटा है.
यह अभी कुछ महीने पहले की देसी बुआ चुदाई कहानी है. जब मैं अपने दोस्त की शादी में गया हुआ था और मेरी बुआ भी उसी शहर में रहती थीं.
मैं अपने दोस्त की शादी से 4 दिन पहले ही चला गया ताकि मैं उसके कामों में कुछ हेल्प कर सकूँ.
मैं वहां आ गया. हमने शादी के दिन तक फुल मस्ती की.
दोस्त की शादी होने के बाद हम सब घर आए और रात को दारू पीकर मज़े लिए.
उस दिन रात के एक बज चुके थे और शादी के काम करते करते मैं काफ़ी थक भी गया था.
मैं अपनी बुआ के घर गया कि उधर जा कर सो जाऊंगा और थकान भी मिट जाएगी.
मैं बुआ के घर गया तो फ़ोन करके बुआ से गेट खुलवाया.
गेट खोलते ही बुआ बोलीं- तू पी कर आया है?
मैं कुछ नहीं बोला और कमरे में चला गया.
उधर अपने कपड़े खोल कर बेड पर सो गया.
मैंने कुछ ध्यान नहीं दिया और सो गया.
जब रात को प्यास लगी तो देखा कि मैं अपनी बुआ से चिपक कर सोया हुआ हूँ.
मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मेरी सोने की आदत ऐसी ही है.
मैं पानी पीने चला गया. फिर वापस आकर मैं दुबारा सो गया.
मैंने बुआ के ऊपर फिर से हाथ रख लिया.
जैसे ही मैंने हाथ रखा, बुआ उठ गईं और बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं, मैं पानी पीने गया था.
यह कह कर मैंने हाथ हटा लिया.
मैं सो गया.
सुबह उठते ही देखा कि मेरा हाथ बुआ की सलवार में था और हाथ भी चिपचिपा हो रहा था.
मैं उठा और नहाने चला गया.
जब नहा कर वापिस आया, तो बुआ भी उठ चुकी थीं.
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.
ना वे दारू पीने पर ही कुछ बोलीं और ना ही मेरी रात की हरकतों पर.
मैंने सोचा कि बुआ को शायद मालूम नहीं चला होगा.
मैं अपनी वापसी के लिए पैकिंग करने लगा क्योंकि एक घंटा बाद मेरी ट्रेन थी.
मैंने थोड़ी देर बाद ध्यान दिया कि फूफा नहीं दिखाई दे रहे हैं और कल भी दारू के नशे में होने के कारण मैंने बुआ से पूछा भी नहीं था.
अब मैंने पूछा, तो बुआ ने बताया- वे बाहर गए हैं और तीन चार दिन बाद लौटेंगे. तुम यदि रुक सकते हो तो रुक जाओ. बाद में घर चले जाना!
उनकी बात सुनकर मैं खुश हुआ कि जो रात में नहीं हो पाया, हो सकता है कि आज अभी हो जाए.
मैंने अपना टिकट कैंसिल करा दिया और आज के लिए और रुक गया.
मुझे लगने लगा था कि आज की रात मेरे लिए यादगार होने वाली है.
शाम को मैं एक बार से दो पैग दारू पीकर आ गया ताकि बुआ को लगे कि मैं नशे में हूँ.
रात में सोने की बारी आई.
मैं नशे में धुत्त होने की एक्टिंग कर रहा था.
नशा अधिक है, ऐसा जता कर मैं सोने लगा.
बुआ कमरे में आईं.
आज उन्होंने मैक्सी पहनी थी.
मैं खुश था कि काम आसानी से होने के लिए बुआ ने भी मैक्सी पहनी है.
बुआ आकर लेट गईं और उन्होंने मुझे आवाज दी.
मैं जाग गया.
हम दोनों ने थोड़ी देर बात की.
आज बुआ ने मेरे शराब पीकर आने पर कुछ नहीं कहा.
बुआ ने बात करते करते मेरे बदन पर हाथ फेरना चालू कर दिया और मेरे जिस्म में तेल की मालिश करने के बहाने वे मुझे सहलाने लगीं.
मैंने भी सोचा कि बुआ मस्त होने की कोशिश कर रही हैं तो क्या मैं भी उन्हें मस्त करने में कुछ करूं.
मैंने उनके ऊपर हाथ रखते हुए कहा- बुआ, क्या मैं भी आपकी मालिश करूं?
बुआ पहले तो मना करने लगीं.
मगर मैंने उन्हें मना ही लिया.
वे बोलीं- अच्छा तू मेरी पीठ दबा दे.
मैं बुआ की पीठ दबाने लगा.
उनकी पीठ दबाते दबाते कब मैक्सी ऊपर गई, कुछ पता ही नहीं चला और ना ही बुआ ने कुछ कहा.
अब बुआ का पिछवाड़ा मुझे साफ़ दिख रहा था.
मैं तेल लेकर बुआ के पिछवाड़े पर लगाने लगा, तो बुआ बोलीं- उधर नहीं.
मैं बोला- अरे बुआ, लगे हाथ पूरे शरीर की तेल मालिश कर देता हूँ.
इस पर वे कुछ नहीं बोलीं तो मैं समझ गया और उनकी गांड मसलते हुए मालिश करने लगा.
मैंने धीरे धीरे उनकी मैक्सी पूरी ऊपर कर दी और आखिर में उतार कर अलग कर दी.
बुआ मस्त होने लगी थीं और वे मुझसे कुछ भी नहीं कह रही थीं.
मैं पीछे से उनकी मालिश करने लगा था और अब आगे मालिश करने को जी करने लगा था.
मैंने कहा- बुआ आगे की मालिश करनी है, अब आप घूम जाओ.
उन्होंने कहा- अब रहने दे.
पर मैं नहीं माना और ज़ोर लगा कर बुआ को पलट दिया.
जैसे ही मैंने उन्हें पलटा, बुआ ने आंखें बंद कर लीं.
मैं उनके मदमस्त दूध देख कर समझ गया कि आज चुदाई का काम हो गया समझो!
मैंने आगे मालिश शुरू की और चूत की तरफ़ बढ़ गया.
मैं बुआ की चूत में उंगली करने लगा.
पहले मुझे लगा कि बुआ शायद इसका विरोध करेंगी.
पर जब उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि जो कुछ सुबह हुआ था, इनको वह सब पता है और इनके मन में भी कुछ चल रहा है.
अब मैं बिना देर किए नीचे आ गया और मैंने उनकी चूत में अपना मुँह लगा कर चूत को चाटना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर बाद बुआ गर्म हो गईं और और सारी शर्म भूल गईं.
उनके मुँह से कराहने की आवाज आने लगी थी.
‘आह आह आह …’
मुझे और भी आगे का खेल करना था तो तो मैं 69 की पोजीशन में आ गया और बुआ के मुँह में अपना लंड डाल दिया.
बुआ मेरे लंड को खूब मस्ती से चूस रही थीं और मेरे टट्टे भी चाट रही थीं.
बुआ से लंड चुसवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद बुआ झड़ गईं.
मैं उठ कर सीधा हुआ और बुआ को चूमने लगा.
वे भी मुझसे लिपट गईं और हम दोनों प्रेमी प्रेमिका के जैसे एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेने लगे.
वे हंस कर कहने लगीं कि साले तुझे सब मालूम था और तू नशे में नहीं था न!
मैंने कहा- बुआ, कल का कुछ भी होश नहीं है कि कब मैंने आपकी चूत में उंगलियां डालीं और आपकी चूत से पानी निकाला.
बुआ हंसने लगीं.
मैंने कहा- आपने क्यों नहीं रोका था बुआ?
वे बोलीं- मेरी चूत में खुद आग लगी थी. तेरे फूफा जी अब मुझे चोदते ही नहीं हैं. इसीलिए मैंने तुझे मना नहीं किया. मैं समझ रही थी कि तू जानबूझ कर उंगली कर रहा है और कल रात को ही मुझे चोद देने वाला है. मगर तूने चूत का रस निकलवा कर कुछ किया ही नहीं.
मैंने कहा- तो आप जगा लेतीं न!
वे बोलीं- पहले तो मैंने सोचा कि तुझे जगा लूँ, पर बाद में बस संकोच करके रह गई.
अब मैंने उनकी एक चूची को मुँह में लिया और चूसते हुए कहा- बुआ आपकी चूचियां बड़ी मस्त हैं.
वे मुझे अपने दूध चुसवाती हुई बोलीं- तो पी ले न!
मैंने उनकी दोनों चूचियों का भर्ता बनाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बार बुआ फिर से गर्म हो गईं और मेरे लौड़े को पकड़ने लगीं.
मैंने बुआ को चूमा और पोज बना कर उनकी चूत की फांक में लंड लगा दिया.
बुआ ने खुद अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद में सैट किया और मुझे इशारा कर दिया.
मैं लंड को आगे पीछे करने लगा.
मेरा सुपारा बुआ की चूत को रगड़ने लगा था.
इससे बुआ भी मूड में आ गई थीं.
वे ‘आह आह उम्म उम्म …’ कर रही थीं.
मैं भी जोश में आ गया और उनके ऊपर चढ़ कर लंड को अन्दर ठांस दिया.
बुआ की तेज कराह निकल गई और उन्होंने लौड़े को अपनी चूत में खा लिया.
मैं भी तेज़ी से देसी बुआ चुदाई करने लगा.
बीस मिनट तक धकापेल करने बाद के बुआ थक गईं.
वे बोलीं- मैं थक गई … तेरा अभी नहीं हुआ क्या?
मैंने उनको बताया कि ड्रिंक करने के बाद मेरा काम देरी से काम होता है.
वे कुछ नहीं बोलीं और मैं उन्हें चोदने में लगा रहा.
कुछ देर और चुदाई करने के बाद जब मेरी झड़ने की बारी थी तो मैंने बुआ की चूत से लंड निकाला और उनके मुँह की तरफ़ आ गया.
बुआ समझ गईं और उन्होंने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया.
वे लंड चूसने लगीं और मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
अब मैं भी थक चुका था तो मैं उनके बाजू में लेट गया.
थोड़ी देर बाद बुआ में फिर से जवानी आयी और वे शुरू हो गईं.
मैंने भी मज़े करने के लिए उनसे कहा- बुआ, दुबारा में जरा खुल कर मस्ती करते हैं.
वे बोलीं- हां तूने सही कहा, जरा रुक आज पार्टी करते हैं.
वे नंगी ही उठीं और फूफा जी की अलमारी से दारू की बोतल उठाया लाईं.
हम दोनों ने भुने हुए काजू के साथ एक एक पैग लिया और उसके बाद मैंने उठ कर अपनी पैंट जेब से सिगरेट की डिब्बी निकाली.
बुआ सिगरेट देख कर खुश हो गईं और उन्होंने सिगरेट मेरे हाथ से लेकर खुद सुलगाई.
वे नंगी थीं और मेरे लौड़े पर बैठ गईं.
मैं आधा लेटा हुआ था और वे मेरे लौड़े पर चूत रगड़ने लगीं.
हम दोनों ने मस्ती करते हुए सिगरेट खत्म की और बुआ ने शराब की बोतल उठा कर मेरे सीने पर टपका दी.
वे मेरे सीने को चाटने लगी थीं. मुझे तिहरा मजा मिल रहा था.
एक तो वे मेरे सीने को चाट रही थीं, तो उनकी जीभ से गुदगुदी हो रही थी.
दूसरा मजा उनकी चूचियां मेरे पेट में रगड़ रही थीं, उससे मिल रहा था और तीसरा मजा उनकी चूत मेरे लंड को रगड़ कर दे रही थी.
मैंने उन्हें सीधा बिठाया और शराब की बोतल उनके हाथ में पकड़ाए रख कर उनकी चूचियों पर टपकवाई.
वे समझ गईं कि मैं क्या चाह रहा हूँ.
अब उनकी चूचियों पर शराब की बूंदें टपक रही थीं और मैं उनकी चूची को मुँह में लेकर शराब पी रहा था.
जितना मजा शराब पीने में नहीं आ रहा था, उससे ज्यादा मजा मुझे उनकी चूत की गर्मी से आ रहा था.
लंड एकदम लोहा हो गया था.
तभी बुआ उठीं और लंड को चूत में लेकर धप्प से बैठ गईं. अब मस्ती चालू हो गई थी.
धकापेल देसी बुआ चुदाई होने लगी.
इस तरह से पूरी रात हम दोनों ने चार बार चुदाई की. वह रात मेरे लिए बेस्ट नाइट ऑफ़ द लाइफ थी.
अब मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं अपनी बुआ के पास चला जाता हूँ और दारू सिगरेट के साथ मस्त चुदाई की पार्टी चलती है.