यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
शालू भाभी के बगल में बैठ गई। मैंने भाभी की चूत में अपना लण्ड घुसेड़ना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया। शालू आंखें फ़ाड़े देखती रही। उसके बाद मैंने भाभी की चुदाई शुरु कर दी। शालू मेरे लण्ड को भाभी की चूत में सटासट अन्दर-बाहर होते हुये देखती रही।
5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गई तो शालू ने कहा- दीदी, तुम्हारे छेद में से क्या निकल रहा है?
भाभी ने कहा- यह मेरी चूत का पानी है। अभी यह कई बार निकालेगा। जब यह तुम्हारी चूत में भी अपना लण्ड घुसा कर तेजी से अन्दर-बाहर करेगा तब तुम्हारी चूत में से भी ऐसा ही पानी निकलेगा। चूत से पानी निकलने पर बहुत मज़ा आता है। तुम खुद ही देख लो कि मुझे कितना मज़ा आ रहा है।
मैंने भाभी को लगभग 20 मिनट तक खूब जम कर चोदा। मेरी कुवारी बीवी शालू आंखें फ़ाड़े देखती रही।
लण्ड का सारा पानी भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया तो शालू बोली- तुम्हारे लण्ड पर तो जरा सा भी खून नहीं लगा है?
मैंने कहा- खून तो केवल पहली पहली बार घुसाने में ही निकालता है।
वो कुछ नहीं बोली।
भाभी ने शालू से कहा- अब तो तैयार हो इसका लण्ड अपनी चूत में लेने के लिये?
मेरी बेचारी सी दुल्हन बोली- हां, लेकिन दीदी, बहुत दर्द होगा।
भाभी ने कहा- पगली, केवल एक ही बार तो दर्द होगा। उसके बाद तो तू खुद ही इससे बार-बार कहेगी कि अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो।
वो बोली- भला मैं ऐसा क्यों कहूँगी?
भाभी ने कहा- क्योंकि तुझे इसमें मज़ा जो आयेगा।
मैं भाभी के बगल में लेट गया। शालू मेरे लण्ड को देखती रही। थोड़ी देर बाद वो बोली- इनका लण्ड अब खड़ा क्यों नहीं हो रहा है?
भाभी ने कहा- अभी इसने मुझे चोदा है ना इसीलिये। तू इसके लण्ड को सहलाना शुरु कर दे। थोड़ी ही देर में यह फिर से खड़ा हो जायेगा।
शालू को भी भाभी की चुदाई देख कर थोड़ा जोश आ गया था। उसने अपना हाथ धीरे से मेरे लण्ड पर रख दिया। थोड़ी देर तक वो मेरे लण्ड को देखती रही। उसके बाद उसने मेरे लण्ड को सहलाना शुरु कर दिया।
15-20 मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने देखा कि उसकी आंखें कुछ गुलाबी सी होने लगी। लण्ड खड़ा होते देख शालू जोश में आ गई और भाभी से बोली- दीदी, अब तो इनका लण्ड खड़ा हो गया।
भाभी बोली- अब तू लेट जा।
इतना कह कर भाभी उठ कर बैठ गई और शालू लेट गई।
मुझसे भाभी ने कहा- तू मेरे साथ जरा बाहर आ।
मैं भाभी के साथ बाहर आ गया।
भाभी ने कहा- इस बार शालू के ऊपर जरा सा भी रहम मत करना। पूरे ताकत के साथ धक्का लगते हुये पूरा का पूरा लण्ड अन्दर घुसा देना। ज्यादा देर भी मत करना। उसके बाद उसकी किसी दुश्मन की तरह खूब जम कर चुदाई करना। समझ गये?
मैंने कहा- ठीक है, मैं ऐसा ही करुंगा।
भाभी ने कहा- मैंने कभी तेरे भैया से गाण्ड नहीं मरवाई थी, मेरी गाण्ड कब मारेगा?
मैंने कहा- जब तुम कहो।
वो बोली- ठीक है, मैं तुझे बता दूंगी। अब चल मेरे साथ कमरे में।
मैं भाभी के साथ कमरे में आ गया। शालू बेड पर लेटी हुई थी।
मुझसे भाभी ने कहा- अब तू अपने लण्ड पर तेल लगा ले और शालू की चुदाई शुरु कर। मैं इसके पास ही बैठ जाती हूँ।
शालू के बगल में बैठ भाभी गई।
मैंने अपने लण्ड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और शालू के पैरों के बीच आ गया।
जैसे ही मैंने अपना लण्ड शालू की चूत पर रखा तो भाभी ने कहा- ऐसे नहीं, मैं बताती हूँ।
मैंने कहा- बताओ?
भाभी ने कहा- तू अपना हाथ इसके पैरों के नीचे से डाल कर इसके कन्धे को जोर से पकड़ ले। उसके बाद अन्दर घुसा।
शालू के पैरों के नीचे हाथ डाल कर मैंने शालू के कन्धे को जोर से पकड़ लिया।
भाभी ने कहा- अब जैसा मैंने तुझे समझाया था, ठीक उसी तरह अन्दर घुसा दे।
मैंने शालू के चूत के मुँह पर अपने लण्ड का सुपारा रख दिया। जैसे ही मैंने धक्का लगाया तो भाभी ने शालू के मुँह को जोर से दबा कर पकड़ लिया। शालू के मुँह से गू गू की आवाज ही निकाल पाई।
भाभी मुझसे बोली- घुसा दे जल्दी से पूरा का पूरा।
मैं तो ताकतवर था ही … मैंने अपनी सारी ताकत लगाते हुये फिर से एक धक्का मारा। शालू की चूत से खून की धार निकलने लगी। मेरा लण्ड खून से नहा गया। वो अपने हाथों को जोर जोर से बेड पर पटकने लगी। उसकी सारी की सारी चूड़ियां टूट गई और उसका हाथ लहुलुहान हो गया।
मुँह दबा होने की वजह से उसके मुँह से केवल गू गू की आवाज ही निकल पा रही थी।
मैंने फिर से एक धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा लण्ड शालू की चूत में 7″ तक घुस गया। शालू तड़प रही थी। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। बेड की चादर पर भी ढेर सारा खून लग गया था।
भाभी बोली- जल्दी कर।
मैंने एक धक्का और मारा तो मेरा लण्ड 8″ घुस गया। मैंने गहरी सांस लेते हुये फिर से जोर का धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लण्ड शालू की चूत में समा गया।
भाभी ने बताया- अपना पूरा लण्ड बाहर निकाल कर एक ही झटके में फिर से अन्दर कर दे।
मैंने वैसा ही किया.
भाभी ने कहा- शाबाश … ठीक इसी तरह से 4-5 बार और कर।
मैंने 4-5 बार फिर से वैसा ही किया।
शालू तड़प रही थी, उसका सारा बदन पसीने से नहा गया थी। उसकी सांस बहुत तेज चल रही थी और सारा बदन थर थर कांप रहा था। मैंने शालू की चुदाई शुरु कर दी। भाभी अभी भी उसका मुँह दबाये हुये थी। उसके मुँह से गू गू की आवाज निकल रही थी।
उसकी चूत ने मेरे लण्ड को बुरी तरह से जकड़ रखा था। मेरा लण्ड आसानी से उसकी चूत में अन्दर-बाहर नहीं हो पा रहा था। पूरी ताकत के साथ मैं लगभग 10 मिनट तक उसकी चुदाई करता रहा। शालू अब कुछ हद तक शान्त हो चुकी थी।
भाभी ने अपना हाथ उसके मुँह पर से हटा लिया तो शालू सिसक सिसक कर रोते हुये कहने लगी- दीदी, आप दोनों ने मिलकर मुझे मार ही डाला। बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा- अब तो पहले जैसा दर्द नहीं है ना?
वो बोली- नहीं, अब पहले से बहुत कम है।
भाभी बोली- थोड़ा सबर कर, अभी बाकी का दर्द भी चला जायेगा।
मैं तेजी के साथ उसकी चुदाई कर रहा था। अब वो चीख नहीं रही थी केवल आहें भर रही थी। मैंने उसे 5 मिनट तक और चोदा तो शालू झड़ गई। उसकी चूत और मेरा लण्ड एकदम गीला हो गया। अब मेरा लण्ड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा था।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। शालू ने धीरे धीरे सिसकारियां भरनी शुरु कर दी।
भाभी ने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो बोली- अब कुछ कुछ मज़ा आ रहा है लेकिन दर्द अभी भी है।
भाभी ने कहा- अब इस दर्द को जने में समय लगेगा। उसके बाद बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा।
वो बोली- समय क्यों लगेगा?
भाभी ने कहा- जब यह तुम्हें 3-4 बार चोद देगा तब तुम्हारी चूत इसके लण्ड के आकार की हो जायेगी। उसके बाद यह दर्द अपने आप चला जायेगा।
मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये थे और उसे तेजी के साथ चोद रहा था। शालू ने भी अब धीरे धीरे अपना चूतड़ उठाना शुरु कर दिया था। वो भी अब मस्ती में आ रही थी। पांच मिनट में ही वो फिर से झड़ गई।
उसने मेरे होंठों को चूम लिया और कहा- अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
मैंने उसकी चुदाई जारी रखी।
2 मिनट भी नहीं गुजरे थे कि भाभी ने कहा- शालू, अब तुम इसका लण्ड अपने दूसरे छेद में ले लो।
वो बोली- फिर से दर्द होगा?
भाभी ने कहा- अब ज्यादा दर्द नहीं होगा क्योंकि तुम इसका लण्ड पहले ही अन्दर ले चुकी हो।
वो बोली- फिर इनसे कह दो कि धीरे धीरे करें।
भाभी ने बताया- यह धीरे धीरे ही करेगा। मैं हूँ ना यहाँ पर। अगर यह बदमाशी करेगा तो मैं इसे बहुत मारूँगी।
वो बोली- ठीक है।
मैंने अपना लण्ड शालू की चूत से बाहर निकाला और उसकी गाण्ड में घुसाने लगा। मेरे लण्ड पर शालू की चूत का ढेर सारा पानी लगा हुआ था। धीरे धीरे मेरा लण्ड 7″ तक उसकी गाण्ड में घुस गया। उसके बाद जब मैंने और ज्यादा घुसने की कोशिश की तो उसे फिर से दर्द होने लगा और वो चीखने लगी लेकिन इस बार उसने मुझे रोका नहीं।
वो बोली- अब रहने दो, दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा- बस थोड़ा सा ही तो बाकी है, उसे भी अन्दर ले लो।
वो कुछ नहीं बोली।
भाभी ने मुझे आंख मारी तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया। मेरा बाकी का लण्ड भी उसकी गाण्ड में समा गया।
वो जोर से चीखी तो भाभी ने कहा- बस हो गया।
उसके बाद मैंने उसकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। थोड़ी देर चीखने के बाद वो शान्त हो गई। अब उसे गाण्ड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था।
लगभग 5 मिनट तक मैंने उसकी गाण्ड मारी तो भाभी ने कहा- अब रहने दो।
मैंने कहा- अभी तो मेरे लण्ड का पानी ही नहीं निकाला है।
वो बोली- मैं मना थोड़े हो कर रही हूँ। अब तुम इसकी चूत में अपना लण्ड डाल कर इसे चोदो।
मैंने अपना लण्ड शालू की गाण्ड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया। उसके बाद मैंने पूरे ताकत के साथ जोर जोर से उसकी चुदाई शुरु कर दी। 5 मिनट में ही शालू फिर से झड़ गई। मैं इसके पहले 2 बार शालू की गाण्ड मार चुका था और 2 बार भाभी को चोद चुका था। इसलिये मेरे लण्ड का पानी निकालने का नाम ही नहीं ले रहा था।
मैं जोर जोर के धक्के लगाते हुये शालू को चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ उठाने लगी थी। थोड़ी देर बाद वो बोली- दीदी, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इनसे कह दो कि थोड़ा और जोर जोर से धक्का लगाये।
भाभी ने मुझसे कहा- तुमने सुना, यह क्या कह रही है?
मैंने कहा- हां।
वो बोली- तो फिर तुम इसका कहा मानो और अपनी ताकत दिखा दो इसे।
मैंने पूरा ताकत लगते हुये बहुत ही जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये।
भाभी ने शालू से पूछा- अब ठीक है?
वो बोली- हां, अब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा है।
शालू अब चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अन्दर बाहर हो रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद शालू फिर से झड़ गई। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लण्ड को तुरन्त पकड़ लिया और कहने लगी- बाहर क्यों निकाल रहे हो? अभी मुझे और मज़ा लेना है।
मैंने कहा- मैं तुम्हें अभी और मज़ा दूंगा। अब तुम घोड़ी की तरह हो जाओ।
वो डोगी स्टाईल में हो गई तो मैं उसके पीछे आ गया। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में घुसा दिया और उसकी गाण्ड मारने लगा। वो जोश के मारे सिसकारियां भरने लगी।
5 मिनट तक उसकी गाण्ड मरने के बाद मैं अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा। मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ देने लगी थी।
दस मिनट उसकी चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया। मेरे साथ ही साथ शालू भी फिर से झड़ गई। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला तो भाभी ने शालू से कहा- अब तुम इसके लण्ड को चाट लो।
वो बोली- मैं इनके लण्ड को नहीं चाटूंगी। इनका लण्ड गंदा है।
भाभी ने कहा- गंदा कहां है। इसके लण्ड पर तुम्हारी चूत का और इसके लण्ड का पानी ही तो लगा है। इसे चाटने से प्यार बढ़ता है। चाट लो इसे।
वो बोली- मैं नहीं चाटूंगी, मुझे घिन आती है।
भाभी ने कहा- मैं ही चाट लेती हूँ। फिर आगे से तुझे ही चाटना पड़ेगा।
वो बोली- ठीक है, पहले तुम चाट कर दिखाओ, बाद में मैं चाट लूंगी।
भाभी मेरे लण्ड को चाटने लगी। शालू देख रही थी।
मेरे लण्ड पर लगा हुआ थोड़ा सा पानी भाभी ने चाट लिया फिर शालू से बोली- अब बाकी का तुम चाट लो।
शालू ने शरमाते हुये मेरे लण्ड को चाटना शुरु कर दिया। उसने मेरे लण्ड पर लगे हुये बाकी के पानी को चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
भाभी ने शालू से कहा- अब तुम्हे जब ये फिर से चोदेगा तो चिल्लाओगी तो नहीं।
वो बोली- अब क्यों चिल्लाऊंगी? अब तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा है।
भाभी ने कहा- फिर ठीक है, तुम आराम कर लो। जब तुम्हारा मन करगा तो इसे बुला लेना। मैं इसके साथ अपने कमरे में जा रही हूँ। मुझे इस से कुछ बात करनी है।
वो बोली- ठीक है, बुला लूंगी।
भाभी बोली- मैं भी इसके साथ आऊँगी तुम्हारे पास और अपने सामने ही तुम्हारी चुदाई करा दूंगी।
भाभी बाहर चली गई तो मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर चला आया।
कहानी जारी रहेगी.