यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
भाभी ने कहा- उसे कुछ भी नहीं मालूम है। अगर उसे कुछ मालूम होता तो भला वो मुझे चुदने को क्यों कहती। चलो अच्छा ही हुआ कि अब मुझे और शालू को एक दूसरे के सामने तुमसे चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हमारा रास्ता पूरी तरह से साफ़ हो गया। मैं शालू से भी इस बार में बात कर लूंगी।
मैंने भाभी से पूछा- गाण्ड कब मरवाओगी?
वो मुस्कुराते हुये बोली- क्या मेरी गाण्ड भी फ़ाड़नी है?
मैंने कहा- हां।
वो बोली- कल फ़ाड़ देना।
मैंने कहा- थोड़ा सा आज अन्दर ले लो बाकी का कल अन्दर ले लेना।
वो बोली- जो तेरा जी कहे कर … अब तो मैं तेरी बीवी बन गई हूँ।
मैं भाभी के बगल में लेटा हुआ उनसे बातें करता रहा और उनकी चूत को सहलाता रहा। वो मुझे तरह तरह की स्टाईल में चोदना सिखा रही थी और मेरे लण्ड को भी सहला रही थी।
लगभग 1 घण्टे के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा।
मैंने भाभी से कहा- शालू ने अभी तक मुझे बुलाया ही नहीं। मैं अब तुम्हारी गाण्ड में ही लण्ड घुसाने की कोशिश करता हूँ।
भाभी और हम दोनों अभी तक नंगे ही थे। मैंने भाभी से घोड़ी बन जाने को कहा तो वो घोड़ी बन गई। मैंने अपने लण्ड का सुपारा उनकी गाण्ड के छेद पर रखा तो वो बोली- तेल तो लगा ले।
मैंने कहा- नहीं ऐसे ही।
वो बोली- फिर तो बहुत दर्द होगा।
मैंने कहा- होने दो। तुम कोई 18 साल की थोड़े ही हो।
वो बोली- ठीक है, जैसी तेरी मरजी।
मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदाई शुरु कर दी।
5 मिनट में ही भाभी झड़ गई तो मेरा लण्ड गीला हो गया। अब तेल लगने कि जरूरत नहीं थी। मैंने अपने लण्ड का सुपारा उनकी गाण्ड के छेद पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया। भाभी के मुँह से जोर की आह निकाली और मेरे लण्ड का सुपारा उनकी गाण्ड में घुस गया।
मैंने थोड़ा जोर और लगाया तो वो तड़प उठी और बोली- जरा धीरे से।
मैंने फिर से जोर लगाया तो उनके मुँह से चीख निकल गई। मेरा लण्ड भाभी की गाण्ड में अब तक 4″ घुस चुका था। मैंने और ज्यादा अन्दर घुसाने की कोशिश नहीं की। मैंने धीरे धीरे धक्के लगने शुरु कर दिये।
2 मिनट में ही भाभी का दर्द जाता रहा तो वो बोली- थोड़ा और अन्दर कर दे।
मैंने फिर से थोड़ा जोर लगाया तो वो फिर से चीखी और मेरा लण्ड उनकी गाण्ड में 5″ तक घुस गया।
तभी शालू आ गई, उसने कपड़े नहीं पहने थे, वो एकदम नंगी थी।
उसने हम दोनों को देखा तो बोली- दीदी, तुम भी मज़ा ले रही हो?
भाभी ने कहा- ये तेरा बड़ी देर से इनतजार कर रहा था लेकिन तूने इसे बुलाया ही नहीं। इसे जोश आ गया और उसने मेरी गाण्ड में अपना लण्ड घुसाना शुरु कर दिया। मैं इसे मना नहीं कर पाई।
वो बोली- मुझे भी फिर से चुदवाना है।
भाभी ने कहा- तो आ जा।
शालू ने कहा- लेकिन ये तो आपको चोदने जा रहा है।
भाभी ने कहा- मेरा क्या है, मैं तो कभी भी चुदवा लूंगी। पहले तू चुदवा ले। तेरा चुदवाना ज्यादा जरूरी है। मैं तो बहुत मज़ा ले चुकी हूँ।
शालू भाभी के बगल में ही घोड़ी की तरह बन गई। मैंने अपना लण्ड भाभी की गाण्ड से बाहर निकाल कर शालू की गाण्ड में घुसाना शुरु कर दिया। वो दर्द के मारे आहे भरने लगी। धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लण्ड शालू कि गाण्ड में घुस गया तो मैंने उसकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी।
वो बोली- आगे के छेद में घुसा कर चोदो। मुझे उसमें ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने कहा- थोड़ी देर पीछे के छेद की चुदाई कर लूं फिर आगे के छेद को भी चोदूंगा।
वो बोली- ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी।
मैं शालू की गाण्ड मारता रहा।
भाभी शालू से कहने लगी- तू तो जानती है कि सूरज के भैया का स्वर्गवास हुये बहुत दिन हो चुके हैं। मैंने बहुत दिन से चुदवाया नहीं था और मेरी इच्छा भी मर चुकी थी। लेकिन आज मैंने तेरी खुशी के लिये तेरे कहने पर इससे चुदवा लिया। इससे चुदवाने के बाद मेरी चूत और गाण्ड की आग फिर से भड़क गई है। मैं जानती हूँ कि ये बहुत ही गलत बात है लेकिन मैं अब इससे चुदवाये बिना नहीं रह सकती। अगर किसी को ये पता चल गया तो मेरी बड़ी बदनामी होगी। अब तू ही बता कि मैं क्या करूं। मैं तो अब मर जाना चाहती हूँ।
वो बोली- दीदी, तुम ऐसा क्यों कह रही हो? तुम इनसे जी भर कर चुदवाओ और खूब मज़ा लो। मुझे कोई एतराज़ नहीं है। अगर मैं तुम्हें कभी मना करूं तो तुम मुझे ही मार डालना। ये बात किसी को नहीं पता चलेगी।
भाभी ने कहा- फिर तू मेरी कसम खा कर कह दे कि तू कभी भी किसी से नहीं कहेगी।
शालू ने अपना हाथ पीछे करके मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- मैं तुम्हारी कसम क्यों खांऊ। मैं अपने पति का लण्ड पकड़ कर कसम खाती हूँ कि मैं कभी भी किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी। अब तो आप को मेरी बात पर विश्वास हो गया।
भाभी ने कहा- मुझे तुझ पर पूरा विश्वास है।
वो बोली- अब इनसे कह दो कि मेरी चूत में अपना लण्ड डाल कर मेरी चुदाई करें। मुझे गाण्ड मरवाने में ज्यादा मज़ा नहीं आता है।
भाभी ने मुझसे कहा- सुन रहा है ना तू कि शालू क्या कह रही है। अब इसकी इच्छा पूरी कर।
मैंने अपना लण्ड शालू की चूत में घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा।
दो मिनट में ही वो एकदम मस्त हो गई। उसने पूरी मस्ती के साथ मुझसे चुदवाना शुरु कर दिया। वो तेजी के साथ अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ दे रही थी। मैं भी पूरे जोश और ताकत के साथ उसे चोदता रहा।
शालू की चुदाई करते हुये मुझे लगभग 30 मिनट गुजर चुके थे। वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
शालू बोली- दीदी, मैं थक गई हूँ।
भाभी ने कहा- क्यों, मज़ा नहीं आ रहा है क्या?
वो बोली- मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन अभी मेरी चुदवाने के आदत नहीं है ना।
भाभी बोली- फिर मैं क्या करूं? जब सूरज झड़ जायेगा तब ही तो तुम्हारी चुदाई बंद करेगा।
वो बोली- मुझे थोड़ा सा आराम कर लेने दो। मैं बाद में चुदवा लूंगी।
भाभी ने कहा- जब लण्ड खड़ा हो तो चुदाई नहीं बंद की जाती इससे आदमी के सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
वो बोली- इनसे कह दो कि अब रहने दे। बाद में चोद लेंगे। तब तक तुम ही इनसे चुदवा लो।
भाभी ने कहा- अच्छा बाबा, मैं ही चुदवा लेती हूँ।
मैंने अपना लण्ड शालू की चूत से निकाल कर भाभी की गाण्ड में घुसाना शुरु कर दिया। मेरा लण्ड शालू की चूत के पानी से पहले से ही भीगा हुआ था। धीरे धीरे मेरा लण्ड भाभी की गाण्ड में 5″ तक घुस गया। मैंने धक्के लगाने शुरु कर दिये।
थोड़ी देर बाद जब मैंने देखा कि भाभी भी मस्ती में आ गई है तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया। इस धक्के के साथ ही मेरा लण्ड भाभी की गाण्ड को चीरता हुआ 7″ तक अन्दर घुसा गया।
एक जोर की चीख भाभी के मुँह से निकली तो शालू ने कहा- दीदी, तुम क्यों चीख रही हो? तुम तो चुदवाने कि आदी हो।
भाभी ने कहा- मैंने आज तक इस से गाण्ड नहीं मरवाई थी। तुम तो जानती ही हो कि इसका लण्ड बहुत लम्बा और मोटा है इसीलिये मुझे भी दर्द हो रहा है और मैं चीख रही हूँ। बस अभी थोड़ी ही देर में मेरा दर्द कम हो जायेगा फिर मुझे भी तेरी तरह खूब मज़ा आने लगेगा।
धीरे धीरे भाभी फिर से मस्ती में आ गई। मैंने पूरे ताकत के साथ फिर से जोर का धक्का मारा। वो फिर से चीखी और मेरा लण्ड 8″ तक घुस गया। मैंने फिर एक धक्का मारा तो वो बुरी तरह से चीखने लगी और मेरा पूरा का पूरा लण्ड भाभी की गाण्ड में समा गया।
मैंने तेजी के साथ धक्के लगने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर में भाभी शान्त हो गई और उन्हें मज़ा आने लगा।
तभी शालू बोली- दीदी, अब मैं तैयार हूँ। इनसे कह दो कि अब मुझे चोद दे।
भाभी ने कहा- बार बार मुझसे क्यों कहती है। तू खुद ही इस से कह दे। अब मैं इस से कुछ नहीं कहूँगी।
शालू ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- अब तुम मुझे चोद दो।
मैं खुश हो गया, मैंने अपना लण्ड भाभी की गाण्ड से निकाल कर शालू की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरु कर दी। उसने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया।
15 मिनट कि चुदाई के बाद मैं झड़ गया। शालू भी मेरे साथ ही साथ झड़ गई। जैसे ही मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसने मेरा लण्ड चाटना शुरु कर दिया। मैं बहुत खुश हो गया।
भाभी ने शालू से कहा- अब घिन नहीं आ रही है?
वो बोली- बिल्कुल नहीं, अब तो मुझे भी खूब मज़ा आने लगा है।
हम सब नंगे ही सो गये।
रात के 7 बजे शालू मेरा लण्ड सहलाने लगी।
मैं जग गया तो वो बोली- एक बार फिर से चोद दो।
मैंने कहा- क्यों श्रीमती जी, अब चुदवाने में मज़ा आने लगा है?
वो बोली- हां, अब तो मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे सारा दिन चोदते रहो।
उसने कुछ कहे बिना ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
तभी भाभी भी उठ गई, भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा- शालू, तू इसका लण्ड क्यों चूस रही है?
वो बोली- मुझे चुदवाना है।
भाभी ने शालू से मजाक किया- पहले तो बहुत चिल्ला रही थी, अब क्या हुआ?
वो बोली- पहले मुझे मालूम नहीं था कि इसमें इतना मज़ा आता है।
थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने शालू की चुदाई शुरु कर दी। उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया। मैंने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग 20 मिनट तक चोदा। वो इस बार की चुदाई के दौरान 2 बार झड़ चुकी थी।
उसके बाद भाभी और शालू खाना बनने चले गये, मैं टीवी देखने लगा।
लगभग डेढ घन्टा गुजर गया तो शालू किचन से बाहर आई। उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मैंने पूछा- अब क्या हुआ?
वो बोली- चुदवाना है भई।
मैंने कहा- पहले मुझे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दो। बहुत थक गया हूँ।
वो बोली- बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो। मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
तभी भाभी आ गई, उन्होंने शालू से कहा- सुबह से ही ये हम दोनों को कई बार चोद चुका है। इसे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जम कर चुदवाना।
वो बोली- दीदी, मुझसे रहा नहीं जा रहा है, मेरा मन अज़ीब सा हो रहा है।
भाभी ने मजाक करते हुये कहा- अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में … मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड़ देती हूँ।
वो बोली- फिर घुसेड़ दो ना। मैं आप को कुछ भी नहीं कहूँगी। शादी के पहले मैं अच्छी भली थी। शादी के बाद इन्होंने मेरी चुदाई कर के मेरी चूत और गाण्ड में आग सी भर दी है। अब आप ही बताओ कि मैं क्या करूं?
भाभी ने कहा- थोड़ा सब्र करना सीख; आखिर ये भी तो इन्सान है; थक गया है बेचारा।
वो बोली- एक बार ये मुझे और चोद दे। फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने की ज़िद नहीं करूंगी। जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लण्ड मुँह में लेकर चूस लूंगी। उसके बाद ये मुझे चोदना चाहें तो चोदेंगे।
मैंने कहा- ठीक है, आ जाओ मेरे पास।
मैं सोफ़े पर बैठा था, शालू के चूसने से मेरा लण्ड खड़ा हो ही चुका था, मैंने उससे कहा- अब तुम खुद ही मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ लो और धक्के लगओ।
वो तुरन्त ही मेरी जांघो पर बैठ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर घुसेड़ लिया। उसके बाद उसने धक्के लगने शुरु कर दिये।
5 मिनट में ही वो हांफ़ने लगी और बोली- मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है। जब तुम खूब जोर जोर के धक्के लगते हुये मुझे चोदते हो तब ही मुझे मज़ा आता है। चोद दो ना मुझे।
मैंने कहा- अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ।
वो तुरन्त ही मेरे सामने घो्ड़ी बन गई। उसकी चूत मेरे तरफ़ थी। मैं थोड़ा गुस्से में था। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया। उसके बाद मैंने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरु कर दी। भाभी कभी मुझे और कभी शालू को देख रही थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं शालू को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ।
शालू भी बहुत सेक्सी निकली। मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी। मैंने उसे लगभग 25 मिनट तक खूब जम कर चोदा। इस बार की चुदाई के दौरान शालू 2-3 बार झड़ गई थी। भाभी और मैं उसे देख कर दंग रह गये। शालू ने मेरे लण्ड को चाट कर साफ़ किया और फिर बाथरूम चली गई।
भाभी ने मुझसे कहा- तुमने उसे उसे इतनी बुरी तरह से चोदा फिर भी उसे मज़ा आ रहा था। वो तो मुझसे भी ज्यादा सेक्सी है।
मैंने कहा- अभी वो नई है इसलिये और उसे ज्यादा जोश आ रहा है। अभी तो उसने ज्यादा बार चुदवाया ही कहां है। केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवाओ। मुझे केवल शालू की चुदाई करने दो। मैं उसे इतनी ज्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूंगा कि उसकी चूत और गाण्ड की आग ठण्डी हो जायेगी। वो मुझसे रो रो कर कहेगी कि मुझे अब मत चोदो।
भाभी ने कहा- ठीक है।
तभी शालू बाथरूम से वापस आ गई और बोली- देवर भाभी क्या बातें कर रहे हो?
भाभी ने शालू से कहा- मैं इसे समझा रही थी कि ये कुछ दिन तक मेरी चुदाई ना करे, खूब जम कर केवल तुम्हारी चुदाई ही करे।
शालू बोली- आपने तो मेरे मुँह की बात छीन ली, मैं भी यही चाहती थी।
भाभी ने कहा- मैं समझ सकती हूँ क्यों कि अभी तुम नई नई हो और तुम्हारे अन्दर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है। ये तुम्हारे चूत के ज्वालामुखी को अपने लण्ड के पानी से बुझा देगा उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरु कर दूंगी।
शालू बोली- दीदी, तुम एकदम ठीक कह रही हो।
अगले 4 दिन तक भाभी तड़पती रही, उनका चेहरा एकदम उदास हो गया था। मैं केवल शालू की ही चुदाई करता रहा। शालू को चुदवाने में ही ज्यादा मज़ा आता था। मैंने भी शालू की खूब जम कर चुदाई की। उसने भी पूरी मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जम कर चुदवाया।
मैंने इन 4 दिनों में उसे लगभग 30 बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था। उसकी चूत का मुँह एकदम चौड़ा हो चुका था। अब उसका जोश कुछ ठण्डा पड़ चुका था। अब तो वो कभी कभी चुदवाने से इन्कार भी करने लगी थी।
शालू की विदाई भी होने वाली थी; उसे 1 महीने के लिये मायके जाना था। पांच दिन गुजर जने के बाद वो मायके चली गई। मायके जाते समय वो मुझसे लिपट कर बहुत रोई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- 1 महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूँगी?
मैंने कहा- तुम्हे इतना सब्र तो करना ही पड़ेगा। सभी औरतो को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है।
वो मायके चली गई।
उसके जाने के बाद भाभी मुझसे लिपट गई और फूट फूट कर रोने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोली- तुम्हारे भैया के स्वर्गवास हो जने के बाद मेरा जोश एकदम ठण्डा हो गया था। मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैंने कभी भी तुम्हे बुरी नज़र से नहीं देखा। मैं आराम से रहने लगी थी। तुम्हारा लण्ड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैंने तुमसे चुदवा लिया। शालू को गाण्ड मरवाते हुये देख कर मैंने तुमसे गाण्ड भी मरवा ली। उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया। तुमने मेरी चुदाई कर के और मेरी गाण्ड मार कर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है। पांच दिनों से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गाण्ड मारी। मैंने ये 5 दिन कैसे गुजारे हैं, मैं ही जानती हूँ। शालू तो अब 1 महीने के लिये मायके चली गई है। अब तुम मेरी चूत और गाण्ड की आग को पूरी तरह से बुझा दो।
मैंने कहा- भाभी, मैंने तो इन्कार नहीं किया है।
वो बोली- तुमने ऑफ़िस से शादी के लिये 7 दिन की छुट्टी ली थी। तुम 7 दिन की छुट्टी और ले लो; फिर मुझे 7 दिनो तक खूब जम कर चोदो। मुझे उसी तरह से चोदना जैसे कि उस दिन तुमने गुस्से में शालू को चोदा था।
मैंने कहा- तुम जैसा कहोगी मैं तुम्हे वैसे ही चोदूंगा। मैं तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर दूंगा।
भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एकदम नंगी हो गई। उन्होंने मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया। दो मिनट में ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो मैंने ठीक उसी ताह से भाभी को चोदना शुरु किया जैसे मैंने शालू को गुस्से में चोदा था। उस तरह की चुदाई से भाभी एकदम मस्त हो गई।
7 दिन तक मैं ऑफ़िस नहीं गया। मैंने इन 7 दिनों में सारा दिन और सारी रात भाभी की खूब जम कर चुदाई की। उसके बाद भी शालू के आने तक मैंने उन्हें खूब चोदा। भाभी की चूत की आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी।
शालू के वापस आ जाने के बाद मैं उन दोनों की चुदाई करने लगा। अब वो दोनों ही मुझसे चुदवा कर पूरी तरह से खुश हैं और मैं भी।