नमस्कार दोस्तो… काफी समय बाद आपसे बात करने का मौका मिला. गर्मी का मौसम आ गया है क्यों ना स्विमिंग पूल में कुछ मस्ती की जाये. इसी तरह की एक कहानी मुझे एक पाठक ने भेजी है. जिसे मैं आप तक पंहुचा रहा हूँ.
मेरे पाठक मित्र का नाम राहुल है. राहुल फिजियोथेरेपी में एप्रेंटिसशिप डिग्री करके एक नामी अस्पताल में फ़िज़ियोथेरेपिस्ट के पद पर कार्यरत है. वह कालेज के समय से ही एक अच्छा तैराक रहा है. वह छह फिट का सुंदर गोरा बांका जवान है. उम्र 28 वर्ष, पर अभी शादी नहीं की. राहुल अपने कॉलेज में तैराकी में चैंपियन होने के साथ ही स्विमिंग कोच भी था. उसका स्विमिंग सिखाने का तरीका इतना कामयाब था कि कॉलेज के लड़के और यहाँ तक कि प्रोफेसर भी उससे स्विमिंग सीखना चाहते थे. स्विमिंग राहुल का जूनून था.
अब जॉब के लिए राहुल को नॉएडा आना पड़ा. यहाँ फ्लैट देखते समय उसकी चाहत यही थी कि उस सोसाइटी में कोई बड़ा स्विमिंग पूल हो. अब नॉएडा में ऐसी इच्छा सस्ते में तो पूरी होती नहीं.
राहुल ने जिस सोसाइटी में फ्लैट लिया, उस सोसाइटी वालों को उसकी तैराकी और जॉब दोनों भा गए और उसे बहुत रियायती दर पर टू बेडरूम फ्लैट मिल गया. सोसाइटी की एक रिक्वेस्ट थी जिसे बाद में एक कॉन्ट्रैक्ट का नाम दिया कि राहुल गर्मियों में देर शाम को कुछ देर स्वीमिंग सिखा दे.
हालाँकि राहुल ने ये कह दिया था कि वो रोज तो नहीं आ सकता, फिर भी वो कोशिश करेगा कि बड़े लोगों को स्वीमिंग सिखा दे. राहुल जैसा बांका जवान कॉलेज के समय से ही लड़कियों के बीच लोकप्रिय था या यूं कहिये लड़कियां उस पर मरती थीं.
और ऐसा नहीं कि राहुल शरीफ था, पर लफंगा नहीं था. बड़े घर कि लड़कियों के साथ घूमना उसका भी शौक था पर चूमा-चाटी के अलावा ज्यादा उसके बारे में कुछ अफवाह नहीं थी. पर अपनी जबरदस्त पर्सनालिटी के कारण राहुल जवां लोगों की पसंद था.
खैर अब राहुल अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हो गया और पहले ही दिन अपनी फ्लोर पर रहने वाले विजय शर्मा जी के घर रात का डिनर भी ले आया.
हुआ यूं कि सुबह से दोपहर तक तो राहुल अपना सामान लेकर आया. दोपहर को उसने अपना लंच आर्डर किया एक होटल में तो उसका डिलीवरी बॉय बजाये राहुल के घर की घंटी बजाने के पड़ोसी शर्मा जी कि घंटी दबा आया. विजय की पत्नी रजनी ने उसको राहुल का फ्लैट बताया और जब राहुल ने दरवाजा खोल कर पैकेट लिया तो रजनी ने मुस्कुरा कर राहुल को हेलो बोला.
राहुल बरमूडा और टी शर्ट में था. उसने रजनी को थैंक्स बोला और डिलीवरी बॉय को पेमेंट किया. रजनी अभी भी बाहर ही खड़ी थी, उसने राहुल को चाय पीने के लिए आमंत्रित कर दिया, जिसे राहुल ने बेबाकी से मान लिया.
रजनी बहुत उन्मुक्त स्वभाव की उसी की उम्र की लड़की थी. उसकी शादी को एक साल हो गया था, पर अभी बच्चे की उन लोगों की कोई प्लानिंग नहीं थी. रजनी ने प्लाजो और टॉप पहना था. रजनी को उन्मुक्त इसलिए कहा कि बावजूद इसके कि वो राहुल से पहली बार मिल रही थी उसने बड़ी गर्मजोशी से राहुल से हाथ मिलाया.
राहुल ने महसूस किया कि रजनी ने ब्रा-पैंटी कुछ नहीं पहना है और उसे इसकी कोई चिंता भी नहीं थी. रजनी के निप्पल उसकी टीशर्ट से उठ के अपनी मौजूदगी बता रहे थे और उसकी मटकती गांड इस बात कि गवाही दे रही थी कि वो भी पैंटी के दवाब से आज़ाद हैं.
आधे घंटे की मुलाकात में बातूनी रजनी ने राहुल के बारे में पूरी जानकारी ले ली और अपने मोबाइल नंबर भी शेयर कर लिए. यही नहीं रजनी ने रात के डिनर के लिए भी राहुल को आमन्त्रित कर लिया.
रजनी के पति विजय एक एम एन सी में मार्केटिंग में थे, तो रात को लेट ही लौटते थे और अक्सर बाहर के दौरे पर रहते थे. पर आज राहुल को डिनर के लिए बोलने से पहले रजनी ने विजय से फोन करके पूछ लिया था कि वो समय से आ जाएगा.
रजनी को भी स्वीमिंग का मन करता था पर डर लगता था. तो राहुल ने उससे कह दिया कि एक दो दिन बाद जब वह पूल में जाना शुरू करेगा तो वह रजनी को स्वीमिंग सिखा देगा.
रजनी के पास से आकर राहुल सोसाइटी के पूल पर घूमने चला गया. वहां टाइम टेबल लगा था. सुबह और शाम को 7 बजे तक तो पूरी सोसाइटी के लोग आ सकते थे, शाम सात से रात नौ बजे तक पूल में पानी बढ़ा दिया जाता था तो केवल बड़े लोग ही आते थे.
पूल के गार्ड ने बताया कि सात से नौ के बीच तो केवल लेडीज या दो-चार कपल ही आते हैं. अमूमन सोसाइटी में पूल फ्लैट्स के पास होते हैं पर यहाँ पूल सोसाइटी के क्लब के पीछे की ओर बना था, जहां कुछ एकांत सा रहता है, शायद इसीलिए सात बजे के बाद लोग अपने बच्चों को नहीं भेजते थे.
सोसाइटी में अधिकांश लोग 30 से 40 उम्र वर्ग के थे, कुछ लोगों के साथ उनके अभिभावक भी थे, जिन्होंने अपने लिए पार्क का एक अलग कोना चुना हुआ था. और शायद इसीलिए देर शाम को जवां युगल या केवल पत्नियां पूल में रहते थे.
राहुल घूम फिर कर अपने फ्लैट में आ गया. पसीने से लथपथ राहुल पहले तो नहाया. राहुल को घर में बहुत कम कपड़ों के रहना ही अच्छा लगता था. इसलिए आज भी उसने एक बहुत ही पतला बरमूडा पहना और खाना खाकर सो गया. शाम को पांच बजे उसकी आँख खुली.
आज रविवार होने से हॉस्पिटल से छुट्टी थी. शाम को उसने सोचा चलो स्वीमिंग करके आया जाए. रजनी ने उसे डिनर के लिए 9 बजे का टाइम दिया था. राहुल ने फटाफट शावर लिया और अपना कॉस्टूम पहन कर ऊपर से ट्रैक सूट डाल लिया और स्वीमिंग पूल की ओर चल दिया.
पूल पर रविवार की वजह से भीड़ थी. गार्ड ने उसका परिचय सब बच्चों और उनकी मम्मियों से करा दिया. बच्चे उसे कोच के रूप में देखकर खुश हुए तो जवान मम्मियों के मन में हुक सी उठी, रही सही कसर जब राहुल ने अपने ट्रैक सूट उतारा तो उसके कसे हुए बदन ने निश्चित रूप से कइयों के नीचे गीला कर दिया होगा.
राहुल ने पहले तो अपनी स्वीमिंग से सबको प्रभावित किया, फिर उसने बच्चों को टिप्स भी दिये.
कब सात बज गए, मालूम ही नहीं पड़ा. हूटर बजा जो इस बात की चेतावनी थी कि बच्चों को पूल से बाहर जाना है. राहुल भी पूल से बाहर आ गया. पूल में पानी बढ़ रहा था.
वो वापिस जा ही रहा था कि कुछ लेडीज और दो-तीन कपल आ गए. उन्होंने राहुल से कुछ देर रुकने के लिए कहा. राहुल ने उनकी रिक्वेस्ट मान ली. राहुल क्लब में जाकर कॉफ़ी पीकर आया.
आठ बजे करीब वो पूल में उतरा. सभी ने उसे घेर लिया. कोई कह रही थी राहुल मुझे फ्लोटिंग सिखा दो, तो किसी को बेक फ्लोटिंग सीखनी थी. राहुल ने एक मंझे हुए कोच की तरह उन्हें टिप्स दी. अब उस ओर हल्का अँधेरा सा हो चला था. राहुल ने महसूस किया कि जो कपल हैं वो अपनी बीवियों से चिपका चिपकी सी कर रहें हैं और आपस में हलके मजाक भी कर रहे थे.
जो औरतें अकेली थी वो भी बिल्कुल उन्मुक्त थीं और सब कुछ देख कर भी अनजान बन रही थी.
राहुल ने उनको कहा कि वो लोग अगर अच्छी स्वीमिंग करना चाहते हैं तो स्विम सूट में आयें न कि सलवार सूट में. उनमें से सीमा तो ज्यादा ही मस्त थी और स्वीमिंग सीखना चाहती थी, वो बरमूडा और टी शर्ट पहन कर आई थी.
राहुल ने उसे कहा कि वो पूल की वाल पकड़ कर पैर चलाये. राहुल ने उससे कहा कि उसे सिखाने के लिए उसे सीमा के पैरों को पकड़ कर उठाना पड़ेगा.
सीमा ने हंस कर कहा- कुछ भी कर लो, बस स्वीमिंग सिखा दो.
इस पर उसकी सहेली नीता बोली- राहुल, कुछ भी पकड़ लो, बस सीमा को तो स्वीमिंग सिखा दो.
सब हंस पड़े.
सीमा की टांगों को पीछे से पकड़ कर राहुल ने ऊपर साधा और सीमा ने वाल पकड़ कर पैर चलने शुरू किये. अब राहुल ने उसके पेट को सहारा दिया. उसे संकोच हो रहा था पर सीमा को कोई ऐतराज नहीं था, वो तो बस पैर चलाने में मस्त थी.
राहुल ने बाकी लेडीज से भी सीमा की तरह करने को कहा. तो रीमा ने भी उसे आवाज दी- राहुल, प्लीज फ्लोट करना सिखा दो.
राहुल ने देखा कि रीमा तो सलवार सूट पहने है, उसने हंस कर कहा- या तो आप फ्लोट कर सकती हैं या आपका सूट. दोनों एक साथ नहीं.
तो सीमा ने हंस कर कहा- रीमा, उतार दे सूट, कम से कम फ्लोटिंग तो सीख लेगी.
अब राहुल भी वापिस जाना चाहता था तो सबसे ये तय हुआ कि आल्टरनेट दिन पर राहुल उनको स्वीमिंग सिखाएगा, पर सभी स्विम सूट में आयेंगे.
राहुल रात को विजय-रजनी के घर डिनर पर पहुंचा. विजय ने बहुत जिंदादिल और रोमांटिक आदमी था. पहले विजय-रजनी और राहुल ने एक पेग ड्रिंक ली. विजय ने तो तीन पेग खींचे. राहुल ज्यादा नहीं पीता था तो उसने एक छोटा सा पेग केवल साथ देने के लिए ले लिया और रजनी डिनर लगाने चल दी.
रजनी ने एक डीप नैक का फ्रॉक डाला था, जिसके अंदर से ब्रा में कसे उसके कबूतर उसके झुकते ही साफ़ दिख रहे थे. राहुल तो सुबह से ही रजनी की चूचियों का दीवाना हो गया था और यह बात रजनी ने महसूस भी कर ली थी. पर वो बिंदास थी, उसकी बला से.
डिनर लेकर रात 11 बजे राहुल फ्लैट पर आया. अभी उसे नींद नहीं आ रही थी. उसे स्वीमिंग सिखाने का शौक था पर यहाँ स्वीमिंग सिखाना सेक्सी लग रहा था, जो राहुल को पसंद भी था. उसने अपना मोबाईल चेक किया और कल के अपॉइंटमेंट देखे.
सुबह उसे 8 बजे हॉस्पिटल पहुंचना था, इसलिए वो सोने चला गया.