गर्लफ्रेंड की बुर को चूत बनाया-1
गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे अपनी क्लास की एक लड़की पसंद आ गयी, उससे दोस्ती हो गयी. बात आगे कैसे बढ़ी? मैंने कैसे उसे प्रोपोज़ किया?
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गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे अपनी क्लास की एक लड़की पसंद आ गयी, उससे दोस्ती हो गयी. बात आगे कैसे बढ़ी? मैंने कैसे उसे प्रोपोज़ किया?
वह नीचे बैठ कर अब मेरी योनि भी चाटने लगा और मैं समझ न सकी कि जो मुझे थोड़ी देर पहले “छी” कहने लायक गन्दा लग रहा था, आखिर उसमे इतना मज़ा क्यों आता है। साथ ही उसने एक उंगली मेरे छेद में उतार दी।
मेरी बहन मेरी चूत की झिल्ली अपनी उंगली से तोड़ चुकी थी. उसके बाद उसने मेरी योनि को साफ़ किया और अब उसके हाथ में एक लम्बा बैंगन था जो वो मेरी बेचारी चूत में घुसाने वाली थी. क्या होगा मेरा?
मेरी बहन मेरी फैली टांगों के बीच औंधी लेट कर हाथ से मेरी योनि के ऊपरी सिरे को सहलाने लगी। मेरे दिमाग में चिंगारियां छूटने लगीं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि पेशाब करने वाली जगह में इतना अकूत आनंद हो सकता है।
पद्मिनी बापू के लंड पर झुक गयी. पहले बापू के कहने पर अपनी जीभ को लंड के ऊपर वाले हिस्से पर फेरा, फिर और एक बार फिर से.. और एक बार.. धीरे धीरे वो अपने बाप का लंड चाटती गयी.
बापू आहिस्ते आहिस्ते अपनी बेटी पद्मिनी की जवान कुंवारी चुत की पंखुड़ियों को अपनी उंगलियों से आराम से खोलते हुए अपनी जीभ को चूत के उन मुलायम हिस्सों पर फेर रहा था.. जो ज़्यादा लाल और नाज़ुक होते हैं.
मैं टीचर के साथ क्लास में बिल्कुल अकेली थी, तो उसने मुझको किस किया, मेरे जिस्म पर हाथ फेरा. पता नहीं क्यों वह मुझे अच्छा लगा. उसके बाद जब भी मौका मिलता वह मेरा ब्लाउज खोल मेरी चूचियों को चूसता!
खूब चूमाचाटी के बाद अब बापू से रहा न गया और वो पद्मिनी के ऊपर चढ़ गया. पद्मिनी सोच रही थी कि उफ़ क्या करेगा यह बापू अब… ओह माय गॉड? कहीं अन्दर तो नहीं डालेगा… मैं क्या करूँगी अगर अन्दर डाला तो??
एक दो मिनट खेलने के बाद उसने एकदम से पप्पू को गड़प से मुंह में भर लिया। उसके मुंह का वो गर्म गर्म और मखमली एहसास, आज भी पप्पू को और मुझे अच्छे से याद है।
अपना चेहरा मेरी बाहों में छुपाकर वो बोली- मुझे विश्वास है कि आप मेरी खुशी के लिए कुछ भी करोगे और मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ कुछ भी नहीं करोगे।