लंड की हसीन किस्मत-1
एक जवान लड़की की चुदाई की मेरी इच्छा थी. लेकिन वो मेरी पहुँच से बाहर दिख रही थी. फिर भी दिल है कि मानता नहीं. मैंने अपने अरमान दिल में संजो कर रखे.
अन्तर्वासना सेक्स कहानी with thousands of hindi sex stories in hindi.
गरमागरम सेक्स कहानी पढ़िए, खूबसरत कमसिन लड़कियों, हॉट भाभियों और चुदाई की प्यासी आंटियों की स्टोरीज का खजाना… स्कूल कॉलेज के स्टूडेंट्स के कामुकता भरे कारनामे!
Hindi mein Sexy Kahani padhen Chut chudai ki aur gaand marne ki. Ye sabhi kahaniya hame hamare lekhak mitro se mili he. Wo apni chudai ke anubhaw aap ko batayenge. Aap lund chusne ke anubhaw, chut me lund kaise dalte he aur gaand kaise marte he wo sab aap ko detail me aur mazedar wiwran ke sath batayenge.
एक जवान लड़की की चुदाई की मेरी इच्छा थी. लेकिन वो मेरी पहुँच से बाहर दिख रही थी. फिर भी दिल है कि मानता नहीं. मैंने अपने अरमान दिल में संजो कर रखे.
मेरे मित्र की अपनी बीवी को मुझसे चुदवाने की इच्छा मैंने पूरी की, उसकी बीवी को चोद दिया. अगली सुबह मेरे दोस्त की बीवी ने पहल करके कैसे मुझसे चुदाई करवाई. पढ़ें!
मैं कॉलेज की एक लड़की को पसंद करता था, उससे दोस्ती भी थी लेकिन प्रोपोज करने से डरता था. और एक दिन मैंने हिम्मत करके अपने दिल की बात उस से कही तो …
मेरी गली में एक कामवाली रहती थी. उसकी बेटी जवान हो गयी थी. वो मेरे घर भी आती थी. मैं उसे छोड़ना चाहता था. लेकिन मेरी उम्र उससे काफी ज्यादा थी. तो मैंने क्या किया?
एक बार चूत चुदवाने के बाद मुझे चुदाई की तलब उठने लगी थी. मैं अपने ममेरे भाई की शादी में गयी तो अपनी सहेली को भी साथ ले गयी. शादी में एक स्मार्ट लड़के को देख कर …
मैंने अपनी पहली चुदाई किसी लड़की के साथ नहीं बल्कि मेरी स्कूल टीचर के साथ की. एक दिन मैडम ने मुझे किसी काम से अपने घर बुलाया और अपने जलवे दिखाने शुरू किये.
हिंदी चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी सहेली के बॉयफ्रेंड को बहुत पसंद करती थी. मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था तो मैं सहेली के बॉयफ्रेंड से ही सेक्स का पहला मजा लेना चाहती थी.
वो हमारे पड़ोस में नए आए थे. मैं उनकी मदद कर देता था. कभी कभार वो हमारे घर आती तो हम दोनों स्माइल पास करते. ऐसे प्यार हुआ, इकरार हुआ और फिर …
पड़ोस में एक भाभी से मेरी दोस्ती हो गई. मुझे लगा जैसे जिन्दगी में कोई अपना मिल गया. जिस दिन उनसे बात नहीं होती तो दिन बेकार लगता. हमारी दोस्ती कहाँ तक पहुंची?
पापा के दोस्त हमारे पेईंग गेस्ट थे. वे इंग्लिश टीचर और लेखक थे. एक दिन वे मुझे अपने कमरे में बुलाकर बोले कि मुझे जवान लड़की के पहले चुम्बन का अहसास पर लेख लिखना है.