तलाकशुदा औरत की हवस से भरी चूत मारी

नमस्कार दोस्तो! मैं हूं आपका अपना साथी सन्दीप सिंह! मेरी उम्र 26 साल है. मैं दिल्ली में जॉब करता हूं. वैसे मैं उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर का रहने वाला हूं.

दिल्ली में मैं अपने एक दोस्त के साथ रहता हूं. अपनी शारीरिक बनावट की बात करूं तो मेरी हाईट 5.7 फीट है. मेरा शरीर बिल्कुल फिट है. उसकी वजह ये है कि मैं प्रतिदिन एक्सरसाइज़ करता हूं. मेरे लण्ड का साइज़ करीब 7 इन्च लम्बा और करीब 2.5 इन्च मोटा है.

मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि आप सबको मेरी कहानियां बहुत पसंद आ रही हैं. मुझे उम्मीद है कि आप सब इसी तरह से मुझे अपना प्यार और मेरा साथ देते रहेंगे और मेरी कहानियों को पसंद करते रहेंगे.

आपके ईमेल और कमेंट्स का मैं इंतजार करता हूं क्योंकि उसी से मुझे कहानी लिखने की प्रेरणा मिलती है. कई बार हो सकता है कि कोई मेल मुझसे छूट जाता हो जिसका जवाब मैं न दे पाता हूं तो उसके लिए क्षमा चाहता हूं.

मैं यह  हिन्दी सेक्स साइट पर साल 2012 से नियमित पाठक हूँ. मैं अपनी एक और नयी हॉट लड़की की होटल चुदाई कहानी के साथ हाजिर हूँ.

इस कहानी को पढ़कर आप मुट्ठ मारने के लिए मजबूर हो जाओगे और सेक्सी चूतों में लन्ड लेने की प्यास बढ़ जायेगी.

आज की कहानी मेरे और एक मेरी पाठिका के बीच की है. मेरी उस प्यारी कमसिन पाठिका का नाम लव्या (बदला हुआ नाम) था.

एक दिन मेरे मेल में एक मैसेज आया कि आपकी जो कहानी है वह बहुत अच्छी है और मुझे उसे पढ़कर अच्छा लगा.
मैंने भी उसे धन्यवाद लिख कर जवाब दिया.

कुछ दिनों बाद उनका फिर एक मैसेज आया कि आपने सचमुच ऐसा किया था?
तो मैंने जवाब दिया- हां, बिल्कुल सचमुच ऐसा ही हुआ था.
इसी तरह दो-तीन दिन हमारी मेल के जरिए बात हुई.

एक दिन उसने मेरा मोबाइल नम्बर मांगा तो मैंने अपना नम्बर भेज दिया.

कुछ दिनों के बाद एक अंजान नम्बर से फोन आया.
मैंने पूछा- कौन?
उसने अपना परिचय दिया.

फिर उसने मुझे याद दिलाया कि वो कौन है, उसने कहानी वाली बात बताई.
लव्या ने बताया कि वो किसी कम्पनी में नौकरी करती हैं.

फिर हमारी व्हाट्सएप के द्वारा बातचीत होने लगी.
उसने बताया कि वो अकेले अपने मम्मी पापा के साथ रहती है. उसकी शादी किसी वजह से टूट चुकी है.

फिर हमने एक दूसरे की फोटो देखी तो उसे मुझपर विश्वास हुआ.

एक दिन उसने मुझसे मिलने के लिए बोला.
दो दिन बाद हमारा मिलना तय हुआ और तय समय के अन्दर मैं गाजियाबाद पहुंचा.

लव्या ने मेरे ठहरने की व्यवस्था एक होटल में की थी और हम वहीं मिलने वाले थे.

वह दिन भर ऑफिस के काम में व्यस्त रही.
शाम को काम खत्म होने के बाद फिर मुझसे मिलने के लिए होटल पहुंची.

किसी ने मेरे कमरे की बेल बजाई. जैसे ही मैंने दरवाजा खोला सामने एक लड़की थी.
उसने मुंह ढका हुआ था.

दरवाजा खोलते ही वह अन्दर आ गयी.

जैसे ही उसने अपने चेहरे से दुपट्टा हटाया तो मैं उसे पहचान गया और हमारा हाय, हैल्लो हुआ.
मैं आप लोगों को लव्या की बॉडी के बारे में बताना भूल गया.

भले ही उसकी शादी टूट चुकी थी लेकिन वो कहीं से नहीं लगती थी कि वो शादीशुदा है.
लव्या की हाईट 5.2 फीट के करीब होगी. उसका फिगर 30-28-30 का रहा होगा. बिल्कुल एक कमसिन लड़की की तरह.

उसे देखकर मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं हुआ कि वो शादीशुदा थी.
चेहरे पर कोई दाग नहीं… गुलाबी होंठ जो इतने रसीले कि हर कोई पीना चाहे!
कुल मिलाकर कहें तो वो बहुत क्यूट थी.

मैं भी उसे थोड़ी देर देखता रहा.
उसके कहने पर मैं उसके सामने गया तो उसने मेरे होंठों पर एक प्यारा सा किस कर दिया.

हम एक-दूसरे से लिपट गये. हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.
मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बहुत दिनों से प्यासी है.

मैं धीरे-धीरे उसकी गर्दन और कानों चूसने लगा; उसके चूचों पर कपड़े के ऊपर से धीरे-धीरे सहलाने लगा.

उसकी चूचियां बहुत नर्म थीं और उनको दबाने में मुझे ऐसा मजा आ रहा था कि बस लंड बस लव्या से झूम रहा था.
मेरी पैंट को फाड़ने पर उतारू था.

मैं उसके होंठ पीता रहा.
फिर मैंने धीरे से लव्या के टॉप को निकाल दिया. उसने नीचे से लाल रंग की बहुत ही सेक्सी ब्रा पहनी हुई थी जिसमें उसकी चूची एकदम से कसी हुई थीं.

मैंने उसकी चूचियों की घाटी में मुंह लगाकर चाटा तो वो उसकी इस्स … निकल गयी और उसने मेरे बालों को सहला दिया.
तब मैंने उसको घुमाकर उसकी ब्रा खोल दी और उसके कबूतर आजाद कर दिए.

उसको मैंने सामने की ओर घुमाया तो उसकी गोरी और टाइट तनी हुई चूचियां देखकर शॉक हो गया.

उसकी चूची बिल्कुल एक कुंवारी लड़की की तरह थीं जैसे किसी ने उनको छुआ ही न हो कभी!

उनको देख मैं पागल सा हो गया; मैं उसके बूब्स को खूब जोर से दबाने लगा; एक को हाथ से रौंदने लगा तो दूसरे को जोर से चूसने लगा जैसे कोई आम हो.
वो सिसकारने लगी.
उसकी आवाज बहुत तेज थी इसलिए मुझे उसके मुंह पर हाथ रखना पड़ा.

उसकी चूची के निप्पल को काटते हुए मैं चूची पीने का पूरा मजा लेता रहा.
इस बीच मैंने महसूस किया कि लव्या अपनी जांघों को मेरे लंड पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी.

वो बार बार अपनी गांड हिलाकर अपनी चूत वाले हिस्से को मेरे तने लंड से टच करवाने की कोशिश कर रही थी.
ऐसा लग रहा था जैसे उसको बहुत दिनों से लंड का सुख नहीं मिला है.

फिर मैं नीचे की ओर चलने लगा.
धीरे-धीरे लव्या के पेट को किस करते हुए उसकी चूत को उसकी टाइट जीन्स के ऊपर से सहलाने लगा. जल्दी ही मैंने उसकी जीन्स निकाल दी.

उसकी चूत पर सफेद रंग की पैंटी कसी हुई थी जो चूत के मुंह को साफ साफ शेप में बता रही थी.
उसकी चूत के मुंह के ऊपर से पैंटी गीली हो गई थी.

मैंने उसकी पैंटी में मुंह लगाकर सूंघा लंड में तूफान मच गया.
मेरा लंड बगावत पर उतर आया और चूत मांगने लगा.

पैन्टी के ऊपर से ही मैं चूत को चाटने लगा.
फिर मैंने लव्या की पैन्टी निकाल दी और लव्या की चूत को पीने लगा.

जैसा कि आप लोगों को पता है कि मुझे चूत चाटना कितना पसन्द है.
लव्या की चूत में मैं अपनी जीभ अन्दर डालने लगा तो लव्या जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी और मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी.

मैं चूत को छोड़ कर लव्या के लिप्स को पीने लगा.

जल्दी ही मैंने अपने कपड़े निकाल दिए; मैं पूरा नंगा हो गया.
जब मैं लंड को हाथ में लेकर लव्या के मुंह में देने लगा तो उसने मना कर दिया.

उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में लिया और आगे पीछे करने लगी.
वो बोली- आपका तो बहुत बड़ा है!
मैं मुस्करा दिया.
मुझे औरतों के मुंह से अपने लंड की तारीफ सुनना अच्छा लगता है.

फिर वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी और मैं जोश में आ गया.
मैंने उसको होंठों को जोश में आकर चूसना शुरू कर दिया और वो भी उतनी ही बेचैनी से मेरे होंठों को पीने लगी.

कुछ देर बाद फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये.

लव्या ने अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया और चूत को मेरे मुँह पर रगड़ने लगी.

उधर लव्या मेरी जांघों को चूम रही थी. कभी मेरे चूतड़ों को दबा रही थी.
मुझे उसकी ये हरकतें बहुत ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.

फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ लव्या की चूत के अन्दर डाली और उसकी चूत को जीभ से चोदना शुरू किया तो लव्या ने लण्ड को मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

हम दोनों स्वर्ग की सैर करने लगे, हवस में पागल हो गए. हम एक दूसरे के सेक्स अंगों को खाने पर उतारू थे.

थोड़ी देर एक-दूसरे के चूत और लण्ड को चूसने के बाद हम दोनों अलग हुए.

फिर मैंने ब्लैकफॉरेस्ट पेस्ट्री को लव्या की चूत में भरा और उसके चूचों में लगाया.
खूब सारी पेस्ट्री अपने लण्ड में लगायी.

धीरे-धीरे लव्या के चूचों को पीते हुए मैं पेस्ट्री चाट गया.

फिर से हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये. लव्या मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं लव्या की चूत को अपने मुंह में रखवाकर चूसने लगा.

अपनी जीभ से मैं लव्या की चूत को चोदने लगा.
मैं तब तक लव्या की चूत को अपनी जीभ चोदता रहा जब तक कि उसकी चूत ने पानी नहीं छोड़ दिया.

मैंने लव्या की चूत के पानी को चाटा.
वो भी मेरा लण्ड लेने के लिए उतावली थी.
मैंने उसको सीधा लिटाया और चूत में लण्ड रगड़ने लगा.

उसके मुंह से मादक सी आवाजें निकलने लगीं; वह बोली- डाल दे साले … फाड़ दे इसको!
उसकी चुदास बहुत बढ़ गयी लग रही थी इसलिए मैंने देर करना ठीक नहीं समझा.

लण्ड को चूत पर रगड़ते रगड़ते मैंने लण्ड को चूत में जैसे ही डाला तो लव्या को दर्द हुआ; उसका चेहरा लाल हो गया और वो मुझे पीछे धकेलने लगी.

मगर मैं हटा नहीं और उसके चूचों को मसलता रहा; उनको चूमता रहा.
फिर वो धीरे धीरे लंड को पूरा अंदर ले गयी.

अब उसको चोदने की बारी थी.
मैं धीरे-धीरे लव्या की चूत में लण्ड को पेलने लगा.
दो मिनट बाद वो मस्त चुदने लगी, अपनी गांड को उठाने लगी.

मैं भी स्पीड बढ़ाता गया.
अब गच गच की आवाज के साथ मस्त चुदाई होने लगी.

थोड़ी देर के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा तो वह तुरंत घोड़ी बन गई.
मैं पीछे से लव्या की चूत में लण्ड डालकर चोदने लगा.
लव्या बहुत तेजी से सिसकारियां लेने लगी, वह अपनी कमर को तेजी से आगे पीछे कर लण्ड को पूरा लेने की कोशिश कर रही थी.

फिर मैंने बॉडी लोशन लिया और उसको अपने लण्ड, उसकी चूत और गान्ड के ऊपर मसल दिया.
अंगूठे से उसकी गांड में लोशन अंदर धकेल दिया.

वो मना करती रही लेकिन मैं नहीं माना.
फिर मैंने दोबारा से लौड़ा अंदर डाला और चोदने लगा.

उसकी चूत को मैं लण्ड से चोद रहा था और उसकी गान्ड को अपनी उँगली से फाड़ रहा था.

अब दो उंगली लव्या की गान्ड में बराबर जाने लगी.

मैंने अपने लण्ड को लव्या की चूत से निकाल कर उसकी गान्ड में डालने की कोशिश की लेकिन लण्ड लव्या की गान्ड में नहीं जा रहा था.
लव्या बार-बार मना करती रही लेकिन मैं नहीं माना.

उसकी गांड के छेद पर मैंने अपने लण्ड को रखा और जोर से धक्का मारा तो लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया.
फिर मैंने जोर से एक और धक्का मारा तो लण्ड लव्या की गान्ड को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.

वो चिल्लाने लगी लेकिन मैंने उसके मुंह पर हाथ रख लिया और फिर उसकी गांड में लंड को फंसाए रहा.
लव्या छटपटाती रही लेकिन मैंने हार नहीं मानी.

कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हो गयी.

अब मैं उसके गले पर किस करते हुए लण्ड को गान्ड में तेजी से पेलने लगा.
कुछ ही देर में वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.

अब मैं कभी उसकी चूत में लंड डालता तो कभी उसकी गांड में … दोनों ही छेदों को मैं बारी बारी से चोदने लगा.
मैं तेजी से लण्ड को कभी उसकी चूत में डालता तो कभी गान्ड में!

उसकी चूत से कामरस बहने लगा लेकिन मैं गान्ड में लण्ड को पेलता रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसको सीधी लिटाया और चूत में लण्ड पेलने लगा.

लव्या कमर उठाकर लण्ड को पूरा ले रही थी.
इतने समय में वो दो बार झड़ चुकी थी.

मैं लगातार उसकी चूत में लण्ड को पेलता रहा. मेरा निकलने को हुआ तो मैंने लण्ड निकाल कर उसकी गान्ड में डाल दिया और तेजी से गान्ड मारने लगा.

जैसे ही मेरे लंड से वीर्य निकलने लगा मैं लव्या के ऊपर लेट गया.
मेरा गर्म माल उसकी गांड में निकलने लगा और वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे बालों को सहलाने लगी.

हम बुरी तरह से हांफ रहे थे.
कुछ देर एक दूसरे की बांहों में लेटे हुए हम एक दूसरे को किस करते रहे.

शांत होने के बाद हम उठे और मुस्कराए.
कुछ बातें करने के बाद फिर हम दोनों ने खाना खाया.

उसने अपने हाथ से मुझे खाना खिलाया और मैंने उसे!

खाना खाने के थोड़ी देर बाद हमने फिर चुदाई शुरू की. उस रात हमने कई बार होटल चुदाई की और दो बार मैंने लव्या की गान्ड भी मारी.

सुबह 6 बजे हम दोनों साथ में होटल से निकाले.

जाते जाते हमने फिर से मिलने का वादा किया.
वो मुझे रेलवे स्टेशन तक छोड़ने आयी. उसके बाद वो अपने घर के लिए निकल गयी.

दोस्तो, हमारी आज भी बात होती है लेकिन उसके बहुत दूर होने की वजह से मैं जा नहीं पाता हूं.

जैसे ही मैं उससे दूसरी मुलाकात करूंगा तो आप लोगों के सामने वो कहानी जरूर लेकर आऊंगा.