नमस्ते दोस्तों, आप सभी ने मेरी पिछली कहानी दीदी की अन्तर्वासना में पढ़ा था कि दीदी की जॉब लग गयी थी और वो दूसरे शहर में रहने लगी थीं.
अब हमारा मिलना नहीं हो पाता था, लेकिन हम रोज फोन सेक्स करते थे. इधर दीदी की चूत न मिलने से मेरे लंड का बुरा हाल था.
मेरे लंड को दीदी की चूत की ऐसी लत लगी थी कि किसी भी लड़की को चोद कर सन्तोष नहीं होता था. मैंने कॉलेज की एक दो लड़कियों को चोदा भी, पर वो मजा नहीं आया. मुझे एक प्यासी तड़पती चूत चाहिए थी.
दीदी के जाने के कुछ दिनों बाद हमारे साथ रहने हमारी मौसी आईं.
मेरी मौसी 30 साल की तलाकशुदा महिला थीं. वो एक डांस क्लास चलाती थीं. यहां भी वो इसी सिलसिले में आई थीं. उन्होंने दिल्ली में अपना सेंटर खोला था. वो कुछ दिनों हमारे साथ ही रुकने वाली थीं.
शुरू शुरू तो मेरा ध्यान उनकी तरफ नहीं गया, लेकिन एक दिन मैंने उन्हें शॉर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रा में देख लिया. उन्हें ऐसे देख कर मेरा होश उड़ गया था.
मुझे दीदी को रोज चोदने की आदत थी. उनके जैसी हॉट रसीली चूत मुझे नहीं मिल रही थी. रोज उनसे फोन सेक्स करके और मुठ मार के मैं अपनी प्यास बुझा पाता था. सच में मैं दीदी को बहुत मिस कर रहा था.
तीन दिनों के बाद मैं दीदी से बात कर रहा था. दीदी को मैंने न झड़ने की पनिशमेंट दी थी.
जिन सुधि पाठकों ने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी, उन्हें मैं कहूंगा कि मेरी सेक्स कहानी ‘दीदी की अन्तर्वासना’ के तीनों भाग जरूर पढ़ लें. इससे इस सेक्स कहानी को पढ़ने में दोगुना मजा आएगा.
फिलहाल मेरे एग्जाम चल रहे थे और इन तीन दिनों में हमारी बिल्कुल बात नहीं हुई थी.
दीदी इस बात से काफी नाराज थीं. मैं उन्हें मना रहा था. जब दीदी ऑफिस में थीं, तब मैंने उन्हें अपने लंड की तस्वीर भेजी और उनसे उनकी चूत की फ़ोटो मांगी थी.
मैं उनके मैसेज का वेट कर रहा था.
करीब 30 मिनट बाद उन्होंने अपनी लजीज चूत के साथ जवाब दिया. मैंने दीदी की चूत के सभी फोटो जूम करके देखे. दीदी की चूत पर हल्के हल्के बाल आ चुके थे. जिन पर उनकी चूत का रस चमक रहा था. मतलब जब दीदी ने अपनी चूत की फोटो निकाली थी, उस वक्त दीदी गीली हो चुकी थीं.
मेरी बहन ऑफिस से मुझे अपने नंगी चूत की फोटोज भेज रही थी. आप सोच सकते हैं कि वो चुदाई के लिए कितनी उतावली थीं. ये बात सोच कर मैं भी गर्म हो चुका था. मैंने भी 3 दिनों से लौड़े को हाथ नहीं लगाया था.
मैंने सोचा कि आज दीदी की चूत और मम्मे देख कर मुठ मारूंगा. मैं मोबाइल लेकर बाथरूम की तरफ बढ़ा.
तभी फोन बज उठा. मम्मी का फोन आया था. उन्होंने मुझे मौसी को लेकर मॉल आने को कहा, जहां वो शॉपिंग कर रही थीं. मैं मन मार के चल पड़ा.
मैंने अपनी बाइक नीचे पार्क की, जहां ऊपर मौसी की क्लास चलती थी. मैं ऊपर आया और रिसेप्सन पर मैंने पूछा तो मुझे बताया गया कि वो अभी क्लास में हैं.
मैं अन्दर चला आया. अन्दर का दृश्य देख कर तो मेरा दिमाग ही घूम गया.
वो एक पोल से उल्टी लटकी हुई थीं, जिसका एक सिरा छत में … तथा एक सिरा जमीन में जाता था. पैर उन्होंने पोल में फंसा रखा था और उनके हाथ जमीन छू रहे थे.
मैंने एक बार उन्हें सिरे से निहारा. मौसी इस समय एक ब्लैक कलर की स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स में थीं. उनकी ब्रा काफी तंग थी … जिसमें से उनके चुचे तने हुए थे. मेरी मौसी के चुचे दीदी से भी बड़े होंगे … शायद 36 इंच के … नंगे सपाट पेट पर उनकी गहरी नाभि बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. मौसी की पतली कमर 28 इंच की होगी.
उनका प्यार सा सेक्सी चेहरा, गोरा छरहरा बदन देख कर, मुझे वो किसी भी एंगल से 24 साल से ज्यादा की नहीं लगती थीं.
मौसी ने खुद को काफी मेंटेन कर रखा था. वो प्रीति दीदी की बड़ी बहन की तरह लग रही थीं.
कोई 5 मिनट उनके बदन को निहारने मात्र से ही मेरा लंड तम्बू बन चुका था.
डांस खत्म करके वो मेरी तरफ आईं.
मौसी- अरे विशाल, तू आ गया!
मैं हड़ाबड़ाया- अं..हहह हां मौसी.
मौसी- बस एक मिनट … मैं चेंज करके आती हूँ.
मैं- ओकेएए … मौसी नो प्रॉब्लम.
मौसी के जाने के बाद मैंने देखा बहुत सारी लड़कियां वही डांस प्रेक्टिस कर रही थीं. सबकी सब हॉट माल थीं. मुझे तो लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग लॉक में आ गया हूँ. मुझे हर तरफ़ अप्सराएं ही नजर आ रही थीं. मैं उन मस्त लौंडियों के गदराए जिस्मों को अपनी आंखों से चोद रहा था.
तभी मौसी की आवाज मेरे कानों में गूंजी- सॉरी, तुझे वेट करना पड़ा.
मैंने खुद को सम्भाला- कोई नहीं मौसी. चलो अब मम्मी वेट कर रही होंगी.
मौसी ने हामी भरी और हम दोनों चल पड़े. मेरी बाइक पर वो पैर दोनों साइड करके ही बैठी थीं. मेरी बाइक स्पोर्ट्स बाइक थी, तो इस पर पैर एक साइड करके बैठना सम्भव नहीं था. बीच बीच में उनके चूचियां मेरी पीठ से टच होतीं, तो मेरी शरीर में झुरझुरी सी हो जाती.
दोस्तों … मैं खड़ा लंड छोड़ कर आया था. दीदी की चूत देख मैं पहले से गर्म था. अभी मौसी का सेक्सी बदन देख कर तो मेरी हालत और खराब हो गई थी.
मैंने मौसी से पूछा- मौसी ये कौन सा डांस था. जो आप आज कर रही थीं?
मौसी- इसे पोल डांस कहते हैं.
मैं- हम्म … काफी हॉट डांस था.
मौसी हम सबके साथ काफी फ्रेंडली रहती हैं, इसलिए मैं खुल कर बोल पाया.
तो मौसी बोली- हां और डिफिकल्ट भी है … काफी मेहनत लगती है इसमें.
कुछ देर यूं ही उनसे बात करते करते मंजिल आ गई और मैंने मौसी को उस मॉल के पास छोड़ दिया, जहां मम्मी ने बोला था. मौसी मुझे बाय करके मॉल की सीढ़ियां चढ़ने लगीं. मैंने जाने के लिए गाड़ी का एक्सीलेरेटर दबाया, फिर रुक गया. मैंने नजर घुमा कर मौसी को देखा.
मौसी ने पीले रंग की कुर्ती और सफ़ेद रंग की लैगी पहन रखी थी … जो उनके चूतड़ों पर तंग थी. उनके 32 इंच के चूतड़ देख कर तो मेरा लंड दोबारा मचल उठा. उनके मुड़ने से पहले मैं वहां से रफूचक्कर हो गया.
घर आते ही मैंने सबसे पहले मुठ मारी. और खुद को ठंडा किया.
मुठ मारते समय मेरे मोबाइल में दीदी की सेक्सी चूत खुली थी. लेकिन मेरे ख्यालों में दीदी नहीं, बल्कि मौसी थीं. ये सोच कर मैं हैरान था. उनका सेक्सी बदन मेरे दिमाग में घूम रहा था. कमाल सेक्सी थी मौसी.
अब मैं घर में भी उनके सेक्सी बदन को छुप कर ताड़ने लगा. सुबह जब वो पैंट में योगा करती थीं. अलग अलग पॉस्चर में उनके सेक्सी बदन को ताड़ना मुझे बड़ा अच्छा लगता था. मैं छुप छुप कर उनके बदन को निहारता रहता था.
एक रोज मैं हॉल में बैठे अख़बार पढ़ रहा था. मौसी रोज की तरह बालकनी में योगा कर रही थीं. मैं छुप कर उन्हें देख रहा था.
मौसी योगा खत्म करके आने लगीं, तो मैं झट से दोबारा अख़बार पढ़ने लगा.
वो कॉफी लेकर मेरे पास आईं.
मैंने अनजान बनते हुए कॉफी थामी.
मौसी ने मेरे लंड को उठा हुआ देखा और मुस्कुरा कर चली गईं.
मैंने पीछे से हल्की नजर से उनको मुस्कुराते हुए देख लिया था.
उनके मुस्कुराने का कारण जानने के लिए मैंने अपने लंड को तरफ देखा, तो पाया कि वो मेरे बरमूदे के अन्दर तम्बू बन चुके लंड को देख कर स्माइल कर रही थीं. मुझे बड़ी ही शर्म महसूस हुयी. मैंने जल्दी से बरमूदे को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन लौड़ा कहां मानने वाला था. ये सुबह का समय था … लड़के समझ सकते हैं कि मैं किस हालात में था.
कुछ देर बाद मैंने दीदी को वीडियो कॉल किया ताकि उन्हें नंगी देख कर लंड हिला लूंगा … लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव ही नहीं किया. मैं झट से उठा और कमरे में जाने लगा. बीच रास्ते में मुझे दीदी का कमरा खुला दिखा. मौसी दीदी के ही कमरे में रुकी हुई थीं. अभी वो किचन में थीं.
मैं ललचाई नजरों से दीदी की कमरे की तरफ देख रहा था. काश दीदी होतीं, तो मेरे लौड़े का ये हाल न होता. उनके रहते मैं मुठ मारना तो भूल ही गया. था. चुदाई के लिए वो कभी न नहीं कहती थीं. जब मेरा मन करता, मैं उनके कमरे में जाकर उनके दोनों छेदों का मजा ले लेता. कुछ नहीं तो वो मुँह से ही मुझे शांत कर देतीं.
मैं झट से दीदी की कमरे में बाथरूम में घुस गया. वहां मौसी के पहने हुए कपड़े पड़े थे. मैंने मौसी की स्पोर्ट्स ब्रा उठायी और नाक के पास ले जा कर सूंघा, उसमें से मौसी के बदन और परफ्यूम की मिश्रित खुशबू आ रही थी. मैंने उनकी ब्रा और पैंटी ली और अपने कमरे में आ गया.
खुद के कमरे में आकर मैंने कमरा लॉक किया और मौसी के अंडरगारमेंट्स से खेलने लगा. मैं उनकी ब्रा सूंघते हुए अपने लौड़े पर हाथ फेरने लगा. मैंने ब्रा को बेड पर ऐसे बिछा दिया, मानो वो दीदी के ही चुचे हों.
फिर अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए मैंने मौसी की पैंटी को हाथ में ले लिया और सूंघने लगा … चेहरे पर मलने लगा. मुझे ये सुगंध कुछ जानी पहचानी सी लगी … तो मैंने पैंटी को अच्छे से देखा. पैंटी पर नीचे की तरफ सफेद दाग था. मैं इस तरह के दाग से परिचित हूँ. मैंने सूंघ कर देखा, तो यह चूत रस था.
मौसी की चूत का रस!
मतलब मौसी कल पैंटी में झड़ी थीं. मेरी मौसी तो बड़ी हॉट माल निकलीं. मैं तो उन्हें सीधा-साधा समझता था.
खैर … उस दिन तो मैंने मौसी की पैंटी सूंघ कर मुठ मारी और सारा माल उनकी स्पोर्ट्स ब्रा पर गिरा दिया.
उस दिन एक बात तो साफ हो गयी थी. मौसी की चूत भी प्यासी थी. मैंने डिसाइड किया कि अब तो मैं मौसी की चूत चोद कर ही रहूंगा.
मुझे पता चल चुका था कि मौसी की चूत भी गर्म है. मैं मौसी को चोदने की योजना बनाने लगा.
एक दिन मैं मौसी के कमरे में गया- मौसी मुझे आपसे कुछ काम था.
मौसी- हां बोल?
मैं- मौसी मैंने कॉलेज में डांस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया है. और मुझे डांस का ड भी नहीं आता, मैं चाहता हूं … आप मुझे डांस सिखा दो.
मौसी- पर!
मैं- पर वर कुछ नहीं … आप बस सिखाओगे तो सिखाओगे.
मौसी- अच्छा ठीक है.
मैंने उन्हें हंस कर देखा, तो उन्होंने मुझसे बोला कि कल दोपहर 12 बजे तैयार रहना.
मैंने ओके कहा और उनके पास से चला आया.
अगले दिन दोपहर 12 बजे मैं मौसी के कमरे में आ गया.
मौसी ने मुझसे पूछा- तेरी डांस पार्टनर कहां है?
मैं- मौसी, अभी तो मैं ही हूँ … आप मुझे सिखा दो … मैं उसे सिखा दूंगा.
उन्होंने कहा- ओके … देख तेरे लिए मैंने कुछ सांग सिलेक्ट किए हैं. इनमें से तू चूज कर ले.
मैं- मौसी ये सब आप ही कर लो … मुझे नहीं आता.
मौसी- हम्म … फिर ये सही रहेगा.
ये कहकर उन्होंने सीडी को म्यूजिक सिस्टम में डाल कर प्ले कर दिया. गाना बजना शुरू हो गया और वापस आते हुए मौसी ने कमर लचकानी शुरू कर दी. उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. स्टेप्स सिखाते हुए जब वो मेरा पास आईं. उनके बदन को छू कर मैं एकदम से सिहर उठा.
मौसी ने आज टी-शर्ट और लोवर पहन रखा था … जिनेमं उनके तंग मम्मे बड़े ही कामुक लग रहे थे. मेरा लंड तम्बू बन फिर से खड़ा हो गया था.
डांस के दौरान एक स्टेप आया, जिसमें मौसी को अपने चूतड़ मेरी जांघों पर रगड़ने थे. मेरे हाथ मौसी के पेट पर थे. मौसी ने स्टेप करना शुरू किया. मेरे खड़े लंड का आभास पा कर उन्होंने सिर उठा कर मेरी तरफ आश्चर्य से देखा … शायद मौसी की अन्तर्वासना जागने लगी थी. लेकिन वो डांस करती रहीं. मैं मौके का फायदा बखूबी उठा रहा था.
मुझे डांस सीखने के बहाने मौसी के मस्त और कामुक बदन से रगड़न पाकर मस्ती चढ़ने लगी थी.
मौसी की चुदाई की कहानी का रस अभी छलकना शुरू हुआ है. आप बस लंड हिलाना छोड़ कर पहले मेल करो कि मेरी मौसी सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है.
मौसी की अन्तर्वासना की कहानी का अगला भाग: मिल ही गई तलाकशुदा मौसी की चूत-2