नमस्कार मित्रो, मैं पंकज आपके सामने फिर हाज़िर हूँ एक और नई कहानी लेकर. इस ओपन सेक्स कहानी में दो दोस्त और एक मस्त आंटी हैं. एक लड़का है अर्पित जो 23 साल का है और दूसरा है हर्षदीप जो 22 साल का है. ये दोनों दोस्त रतलाम के रहने वाले हैं.
एक दिन इन दोनों ने मूवी देखने का प्लान किया. दोनों के बीच में बातचीत कुछ इस तरह से हुई.
अर्पित- यार हर्षदीप, चल … आज कोई मूवी देखने चलते हैं.
हर्षदीप- कौन सी मूवी देखने चलें? अभी तो कोई अच्छी मूवी भी नहीं लगी है.
अर्पित- भाई, ‘बी.ए. पास’ मूवी देखने चलते हैं, बहुत मस्त मूवी है और उसमें मस्त चुदाई के भी सीन हैं. मजा आएगा.
हर्षदीप- वो मूवी तो बहुत साल पहले लगी थी. अब कहां टाकीज़ में लगी होगी?
उत्साहित होकर अर्पित बोला- अरे वो कृष्णा टाकीज़ में फिर से लगी है. चल ना यार … बहुत सेक्सी मूवी है, मजा आयेगा.
हर्षदीप- ठीक है, कल चलते हैं.
अर्पित- अरे, मूवी तो अभी देखनी है, कल जाकर क्या करेंगे?
हर्षदीप- अभी रात में?
अर्पित- हां, तो क्या हुआ?
हर्षदीप- अरे वो इलाक़ा ठीक नहीं है रात के लिए. बहुत सुनसान सी राह है. कल चलेंगे दिन में.
अर्पित- मैं हूँ न! डर क्यों रहा है? कुछ नहीं होगा और रात में ही तो ऐसी मूवी देखने का मजा आता है.
हर्षदीप- ठीक है लेकिन घर पर क्या बोलेंगे?
अर्पित- बोल देंगे कि दोस्त की बर्थडे पार्टी में जा रहे हैं.
अब दोनों दोस्त तैयार होकर टाकीज़ पहुँच गए.
मगर पूरे टाकीज़ में बस 4-5 ही लोग थे. वो भी सब लोअर क्लास में बैठे थे.
अर्पित और हर्षदीप ने बॉलकनी की टिकट ले ली.
बालकनी में उनकी आगे वाली लाइन में एक आंटी बैठी थी. बाकी पूरी बालकनी भी खाली थी.
जब मूवी शुरू हुई और मूवी में सेक्स सीन आया तो जो 4-5 लोग लोअर क्लास में बैठे थे वो सिटी बजाने लगे और गालियां देने लगे.
जो आंटी वहां आगे बैठी थी वो बार बार पीछे मुड़कर देख रही थी. उसकी नजर अर्पित और हर्षदीप पर भी गयी.
अर्पित और हर्षदीप को वो थोड़ी चालू लगी. फिर वो जब भी पीछे मुड़ती तो वो दोनों भी उसकी ओर हवस भरी नजरों से देखते.
आंटी दोबारा से अपना मुंह आगे घुमा लेती.
अब वो दोनों मूवी को छोड़ उस आंटी को ही देखने लगे.
ऐसे ही आंटी भी उनको देखकर हल्की मुस्कराने लगी.
उन दोनों को लगा कि ये आंटी चालू है और शायद पट जायेगी.
वैसे भी मूवी में सीन ही ऐसा चल रहा था कि एक आंटी एक जवान लड़के के लंड को चूसकर फिर चुदने लगी थी.
अब दोनों ही आंटी को पटाने के चक्कर में लग गये.
इंटरवल हुआ तो वो दोनों टॉयलेट के लिए गये.
फिर वापस आये तो वो आंटी उनकी वाली लाइन में ही आकर बैठ चुकी थी.
वो दोनों हैरान हो गये लेकिन फिर आराम से आकर बैठ गये.
मूवी दोबारा से शुरू हुई और एक बार फिर से मूवी की हिरोइन वो आंटी उस लड़के को अपने घर पर बुलाकर उसके सामने गांड उठाकर चुदवाने लगी.
ये देखकर हर्षदीप और अर्पित उस पास बैठी आंटी की ओर देखने लगे.
आंटी भी उनकी ओर देख रही थी और मूवी में आह्ह … आह्ह … की आवाजें आ रही थीं.
अब हर्षदीप ने अपना हाथ नीचे किया और अपनी पैंट पर जिप के पास रगड़ने लगा.
उसकी देखा देखी अर्पित भी वैसा ही करने लगा.
जब आंटी ने देखा कि ये दोनों जवान लौंडे अब गर्म हो चुके हैं तो उसने भी अपनी साड़ी का पल्लू ब्लाउज से नीचे सरका दिया.
ये देखकर अर्पित और हर्षदीप का मुंह खुल गया और वो वासना भरी नजर से आंटी की ओर देखकर लंड को सहलाने लगे.
अब आंटी ने भी अपनी चूचियों को धीरे धीरे ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया.
आग अब दोनों ओर ही लग गयी थी. मगर आंटी से शायद रुका नहीं गया और वो अर्पित और हर्ष के पास आकर बैठ गयी.
फिर अर्पित उठा और आंटी की दूसरी बगल में आ बैठा.
अब आंटी उन दोनों के बीच में थी. तीनों अब सेक्स की आग में जल रहे थे.
अर्पित के बैठते ही आंटी ने अपने एक एक हाथ को अर्पित और हर्ष की जिप पर रख लिया.
उन दोनों के लंड पहले से ही तने हुए थे. आंटी दोनों के लंड को सी … सी … करते हुए पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी.
फिर आंटी ने दोनों की पैंट की चेन बारी बारी से खोल ली और उनके लौडों को बाहर निकाल लिया.
आंटी के एक एक हाथ में अब दोनों के लंड थे. वो उनकी मुठ मारने लगी.
और दोनों लड़कों ने आंटी की एक एक चूची को पकड़ लिया. वो जोर जोर से आंटी की चूचियों को दबाने लगे.
अब आंटी कुछ ज्यादा ही गर्म हो गयी और वो नीचे बैठ गयी. अब अर्पित आंटी की सीट पर आ बैठा.
अर्पित और हर्ष अब दोनों साथ साथ बैठे थे और आंटी उन दोनों के बीच में नीचे बैठी थी.
फिर वो बारी बारी से दोनों के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
दोनों के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. फिर दोनों ने ही अपनी अपनी पैंट खोल लीं और नीचे कर लीं.
अब वो दोनों जांघों तक नंगे होकर बैठ गये और आराम से आंटी को लंड चुसवाने लगे.
एक बार आंटी हर्ष के लंड को मुंह में लेती और अर्पित के लंड की मुठ मारती.
फिर वो अगली बार अर्पित के लंड को मुंह में लेती और हर्ष के लंड की मुठ मारती.
इस तरह से वो दोनों को मजा देने लगी.
अर्पित सिसकारते हुए बोला- आह्ह … आंटी मेरा निकलने वाला है.
आंटी और जोर से अर्पित के लन्ड को चूसने लगी और अर्पित का सारा माल अपने मुंह में गिरा लिया और सब माल वो पी गयी.
हर्षदीप- इसके लन्ड को तो शांत कर दिया आपने, अब मेरे लन्ड को भी शांत कर दो आंटी जी!
वो अब अर्पित के माल को गटकने के बाद हर्षदीप के लन्ड को भी जोर जोर से चूसने लगी और चूस चूस कर उसका माल भी निकलवा दिया.
उसने हर्ष के लंड का माल भी अंदर ही पी लिया.
सिनेमा हॉल में इस ओपन सेक्स के बाद उन तीनों ने अपने कपड़े सही किये.
फिर आंटी बोली- यही पास में ही मेरा घर है और घर बिल्कुल खाली है.
ये बोल वो आंटी टाकीज़ से जाने लगी.
अर्पित- चलें क्या? वो बुला रही है.
हर्षदीप- चल चलते हैं.
अब वो दोनों भी उसके पीछे चले गए और टाकीज़ से बाहर निकल कर हर्षदीप ने बोला- सुनिए आंटी जी … क्या हम आपको घर छोड़ दें?
आंटी- ठीक है.
फिर हर्षदीप पार्किंग से अपनी बाइक लाया, अब वो तीनों वहां से आंटी के घर चले गए.
कुछ ही देर में आंटी का घर आ गया.
उतरकर आंटी बोली- जब तुम यहां तक आ ही गये हो तो अंदर भी आ जाओ. बचा हुआ काम पूरा कर लेते हैं.
ये बोल वो आंटी मुस्कराने लगी और उन्हें अन्दर आने का इशारा करने लगी.
अब वो दोनों अन्दर आ गए.
फिर आंटी ने बोला- तुम दोनों में से पहले कौन करेगा?
अर्पित और हर्षदीप ने आपस में बात की.
हर्षदीप- पहले मैं. फिर ये!
आंटी- ठीक है तो तुम रूम में आ जाओ और ये बाहर बैठा रहेगा तब तक.
अर्पित- ठीक है.
अब हर्षदीप ने अर्पित से बोला- अरे भाई … कंडोम है क्या तेरे पास?
अर्पित- नहीं है यार, अगर पहले पता होता तो साथ में रख लेता.
ये सुनकर आंटी खुद ही बोली- अंदर सब रखा हुआ है. तुम रूम में चलो.
हर्षदीप रूम में गया और फिर आंटी ने रूम को लॉक कर लिया.
वो दोनों एकदम से चिपक कर एक दूसरे को किस करने लगे.
चूमते हुए हर्षदीप ने आंटी की साड़ी को खोल दिया और उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा.
थोड़ी देर की चूमाचाटी के बाद दोनों ने अपने सारे कपड़े खोल दिये.
अब हर्षदीप ने आंटी को अपनी बांहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया.
हर्षदीप ने आंटी के बूब्स को चूसना चालू किया और आंटी भी आआह … उऊह … करने लगी.
फिर उन्होंने 69 की पोजीशन ली और आंटी ने अपने मुंह में हर्षदीप का लन्ड ले लिया और उसे चूसने लगी.
हर्षदीप भी आंटी की चूत को चाटने लगा और चूत में अपनी जीभ डालने लगा.
10 मिनट तक जोरदार चुसाई चली.
फिर आंटी ने कहा- अब चोद दे मेरी चूत अपने लन्ड से … बहुत गर्म हो चुकी है ये. निकाल दे अपने लंड का पानी मेरी चूत में! बुझा दे इसकी आग!
हर्षदीप- मैं भी इतनी गर्म चूत को चोदने के लिए कब से बेकरार हूं आंटी!
हर्षदीप ने आंटी को सीधा लेटाया और बिस्तर के पास रखी टेबल से कंडोम लेकर उसे अपने लन्ड पर पहनाया.
फिर उसने आंटी की चूत पर अपना थूक लगाया और अपने लन्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
आंटी- अब चोद भी दे … तड़पा मत!
ये सुन हर्षदीप ने अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में डाल दिया.
आंटी की चूत में हर्षदीप का लन्ड बहुत आराम से चला गया.
अब हर्षदीप जोर जोर से धक्के लगाने लगा. आंटी मस्ती में चुदने लगी और चुदते हुए आह्ह … आह्ह … चोद … आह्ह … ओहह … करती रही.
15 मिनट तक बिस्तर पर चुदाई करने कर बाद हर्षदीप ने चूत से अपना लन्ड निकाला और आंटी को दीवार से सटाकर खड़ी किया.
आंटी ने अपना एक पैर हर्षदीप की कमर पर रखा और हर्षदीप ने अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया और उसे खड़े खड़े चोदने लगा.
थोड़ी देर बार आंटी ने अपना दूसरा पैर भी हर्षदीप की कमर पर रख अपने दोनों पैरों से उसकी कमर को पकड़ लिया.
अब हर्षदीप ने आंटी को गोद में उठाया और जमकर चोदने लगा.
आंटी जोर जोर से आवाजें करने लगी.
20 मिनट तक वो ऐसे ही चुदी और फिर हर्ष ने बोल दिया कि उसका निकलने वाला है.
आंटी कहने लगी- मुझे तुम्हारा माल अपने मुंह में चाहिए.
ये बोलकर वो अपने घुटनों पर बैठ गयी और हर्षदीप ने भी लन्ड से कंडोम को निकाल लिया और लंड को आंटी के मुंह के सामने हिलाने लगा.
वो तेजी से मुठ मार रहा था.
कुछ पल के बाद उसका माल निकल पड़ा और आंटी के चेहरे पर गिरा.
हर्षदीप के माल की धार आंटी की आंखों से होती हुई उसकी नाक के ऊपर से उसके होंठों तक आ गयी.
आंटी ने हर्षदीप के लन्ड को अपने मुंह में लेकर उसे साफ किया.
फिर वो बोली- अब तू जा और उसे अन्दर भेज दे.
ये बोल आंटी ने अपनी ब्रा से अपने मुंह पर गिरे हर्षदीप के माल को पौंछा.
हर्षदीप ने चड्डी पहनकर अपने कपड़े उठाये और रूम के बाहर आ गया.
बाहर आकर हर्षदीप ने अर्पित से कहा – मेरा तो हो गया है. अब तू जा और कर ले!
अर्पित- कैसा माल है? मजा आया कि नहीं?
हर्षदीप- बहुत मस्त रांड है.
ये सुनने के बाद अर्पित रूम के अन्दर गया.
बिस्तर पर वो आंटी नंगी ही बैठी थी. उसके बड़े बड़े बूब्स को अर्पित घूरने लगा.
आंटी ने बोला- अब वहीं खड़ा रहेगा या पास आकर कुछ करेगा भी?
आगे बढ़कर अर्पित ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ गया.
अब अर्पित ने आंटी के बूब्स को अपने हाथों में थाम लिया और उनको दबाने लगा.
वो दोनों फिर किस करने लगे. आंटी आहें भरने लगी.
उसके बाद वो नीचे बैठी और उसके लंड को मुंह में लेकर मस्ती में चूसने लगी. कई मिनट तक अर्पित ने लौड़ा चुसवाया और फिर आंटी चुदने के लिये तैयार हो गयी.
उसने खुद ही अर्पित के लंड पर कंडोम लगाया और उसके आगे घोड़ी बन गयी.
अर्पित पहले आंटी की गांड को चाटने लग गया. आंटी को मजा आने लगा और वो गांड को आगे पीछे करते हुए चटवाने लगी.
उसके बाद अर्पित ने लंड को आंटी की गांड पर ही सेट कर दिया.
उसने जोर से धकेलते हुए आंटी की गांड में लंड उतार दिया.
उसका 7 इंच का लंड आंटी की गांड में फंस गया और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- आह्ह … ऊह्ह … मर गयी … ईईई … आआआ …. निकाल ले हरामी … फट गयी गांड.
मगर अर्पित ने गांड में धक्के लगाने शुरू कर दिये. वो जोर से धक्के मारने लगा और पूरे रूम में पट-पट … फट-फट … की आवाजें गूँजने लगीं.
कुछ देर बाद आंटी खुद ही गांड पीछे धकेलते हुए चुदने लगी.
15 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद अर्पित थक गया.
फिर आंटी ने उसे बिस्तर पर लेटाया और खुद उसके लन्ड पर बैठ अपनी गांड को उचका उचका कर लन्ड को गांड में लेने लगी.
अर्पित आंटी के बूब्स को अपने हाथों से दबाने लगा.
20 मिनट तक चुदाई करने के बाद अर्पित का माल निकलने वाला था.
आंटी बोली- मुझे तेरा माल अपनी गांड में महसूस करना है.
ये सुन अर्पित ने आंटी को अपने नीचे लेटा कर उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और लंड से कंडोम उतार लिया.
फिर उसने बिना कंडोम के लंड को गांड में डाल दिया और चोदने लगा.
कुछ पल बाद उसका माल आंटी की गांड में निकल गया. वो उसके ऊपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद जब दोनों नॉर्मल हुए तो अर्पित ने आंटी की गांड से अपना लन्ड बाहर निकाला.
आंटी की गांड से अर्पित का थोड़ा सा माल भी निकलने लगा.
फिर आंटी उठ कर बाथरूम में गयी और अपने आप को साफ किया और एक नाइटी पहन कर हॉल में आ गयी.
वहाँ अर्पित और हर्षदीप अपने घर जाने को तैयार थे. दोनों ने कहा- तो अब हम चलें आंटी जी?
आंटी- ठीक है जाओ.
हर्षदीप- अब हम दोबारा कब मिलेंगे?
आंटी- तुम्हारा नंबर दे दो. जब घर खाली होगा तब बुला लूंगी.
उन्होंने अपना नंबर दे दिया और वो दोनों वहां से चले गए.
अब दोनों ही आंटी की कॉल का इंतजार करने लगे.
मगर आंटी ने बहुत दिनों तक कॉल किया ही नहीं.
फिर लगभग दो महीने के बाद फिर से आंटी का कॉल आया. उसने उन दोनों को अपनी फ्रेंड के घर पर बुलाया.
अर्पित और हर्षदीप वहाँ पहुंचे और उन्होंने घर की डोरबेल बजाई तो अंदर से वही आंटी बाहर आई.
वो उन्हें घर के अंदर ले गयी.
घर में एक और मस्त आंटी थी.
फिर आंटी ने उनको बैठने को बोला और अपनी फ्रेंड से मिलवाया.
आंटी- ये मेरी फ्रेंड है. इसका नाम शीतल है.
अर्पित- और आपका नाम क्या है आंटी जी?
शीतल हँसने लगी और बोली- तुम दोनों इसके साथ सोये और तुम्हें इसका नाम भी नहीं पता अब तक?
हर्षदीप- उस दिन नाम पूछने की जरूरत ही नहीं पड़ी.
तो आंटी ने बोला- मेरा नाम चांदनी है.
चाँदनी आंटी ने कहा- तो शीतल कैसी लगी तुम दोनों को?
दोनों ने बोला- ये भी आप जैसी मस्त माल है.
तो चाँदनी बोली- आज तो फॉरसम करेंगे फिर.
ये बोल चांदनी अर्पित के पास और शीतल हर्षदीप के पास सोफे पर बैठ गयी. दोनों उनके लौड़ों को मसलने लगी.
शीतल- रूम में चलें या यही सोफे पर ही चोदोगे तुम दोनों हमें?
हर्षदीप- जहां तुम बोलो.
चाँदनी- तू तो कहीं भी चुदवा सकती है शीतल.
फिर ये चारों एक दूसरे को चूमने लगे.
शीतल अब अर्पित का लन्ड चूसने लगी और चाँदनी हर्षदीप का लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी.
फिर दोनों आंटियों ने अपनी जगह बदली.
अर्पित का लन्ड अब चाँदनी चूसने लगी और हर्षदीप का लंड शीतल चूसने लगी.
15 मिनट तक दोनों आंटियों ने लन्ड को चूस चूस कर लाल कर दिया.
अब चारों नंगे हो गये. दोनों आंटियां सोफे पर घोड़ी बन गयीं.
चाँदनी की चूत में अर्पित ने अपना लन्ड डाला और शीतल की चूत में हर्षदीप का लन्ड गया.
अब वो दोनों उन आंटियों को चोदने लगे और पूरे हॉल में उनकी चुदाई की आवाजें गूंजने लगीं.
शीतल और चाँदनी के बूब्स हवा में झूलने लगे.
इनकी ये चुदाई काफी देर तक चली. अर्पित और हर्षदीप ने अपना माल उनकी चूतों में ही गिरा दिया.
उस दिन चुदाई का ये खेल कई बार खेला गया.
अर्पित और हर्षदीप जब जाने लगे तो शीतल ने उन दोनों को किस किया और उनके फोन नम्बर ले लिए.
वो दोनों खुश हो गये.
उसके बाद हर महीने में दो बार उनका ये चुदाई का खेल होने लगा.