नमस्कार प्यारे साथियों. आज मैं आपको अपनी पड़ोसन आंटी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ. जिससे आपको मजा भी आए और आप संतुष्टि का आनन्द भी लें सकें।
मेरी प्यारी आंटी भाभी, और अपनी चूत को रगड़ रही लड़कियो, आप सभी को लंड उठा कर नमस्ते!
मेरा नाम लवर ब्वॉय है। असली नाम तो जब आप मुझसे मिलेंगी.. तो बताऊंगा।
मैं गुजरात का रहने वाला हूँ। कई सालों से मैं अन्तर्वासना का पाठक रहा हूँ और इसकी कामुक कहानियां पढ़कर बहुत हस्तमैथुन भी किया है।
मैं अभी 26 साल का हूँ। करीब एक साल पहले मुझे आंटी मिली, जिसके साथ की चुदाई की कहानी आप सभी को बताने जा रहा हूँ।
वो कामिनी जी मेरे घर के पास रहती थीं.. मुझे वो बहुत पसंद थीं। उनका फिगर 40-38-42 का था। थोड़ी मोटी ज़रूर थीं.. पर ग़ोरी बहुत थीं और बहुत प्यारी भी लगती थीं।
कहानी ऐसे शुरू हुई कि उन्होंने एक नया फ़ोन लिया था और उन्होंने मुझे अपना नंबर भी दिया था क्योंकि वो टाइमपास के लिए व्हाट्सैप्प बहुत यूज करती थीं।
हम दोनों दोस्तों की तरह व्हाट्सैप्प पर बातें किया करते थे।
एक दिन वो थोड़ा उदास थीं तो मैंने पूछा- आप उदास क्यों उदास हैं?
उन्होंने अपनी कहानी बताई कि उनका हस्बैंड उनसे झगड़ा करता रहता है.. क्योंकि उसे अब मैं पसंद नहीं हूँ।
मैं अन्तर्वासना का पाठक था तो मुझे समझ में आने लगा कि इनसे मुझे शारीरिक लाभ मिल सकता है, तो मैंने उनसे बातें चालू रखने का तय किया।
एक दिन जब हम बातें कर रहे थे तो उन्होंने मुझसे पूछा- मेरी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है?
मैंने भी इस बात का फायदा उठाया और कहा- आप जैसी कोई मिल नहीं रही है क्यों कि मुझे आप ही पसंद हैं।
बात हंसी में टल गई।
फिर भी थोड़े दिन तक हम ऐसे ही बातें करते रहे।
एक दिन मैंने उनसे कहा- क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
तो उन्होंने कहा कि वो तो शादी-शुदा हैं.. तो मेरी गर्लफ्रेंड कैसे बन सकती हैं।
उनके इस जबाव से मैंने हार नहीं मानी और उनको समय-समय पर बार-बार पूछता रहा।
एक दिन उन्होंने कहा कि हां वो मेरी गर्लफ्रेंड बन सकती हैं, पर मुझे उनके हिसाब से चलना होगा।
मैंने ‘हाँ कर दी।
कुछ दिन बाद उन्होंने मेरे घर आकर मेरी मां से कहा कि वो दो दिनों के लिए घर में अकेली हैं तो रात को मुझे उनके घर सोने के लिए भेज दें।
मां ने उनको ‘हाँ’ कर दी।
उस दिन उन्होंने सब प्लान करके रखा था। जैसे ही मैं गया वो अपनी ब्लैक साड़ी में बिल्कुल तैयार हो कर बैठी थीं।
मैं अन्दर गया और हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे।
तभी उन्होंने मुझसे सीधा यही पूछा- तुम मुझे सिर्फ सेक्स के लिए गर्लफ्रेंड बनाना चाहते हो न?
मैं थोड़ा डर गया.. पर मैंने उनसे कहा- हाँ, मैंने उसी लिए आपको गर्लफ्रेंड बनाने की कोशिश की थी।
मेरी बात सुन कर वो मेरे और नजदीक आकर बैठ गईं और मेरे कंधों पे हाथ रख कर बोलीं- ठीक है.. अगर तू किसी को बताएगा नहीं तो मैं आज रात तुझे सब कुछ करने दूँगी।
मैं खुश हो गया और उनसे लिपट गया।
उनको रोल प्ले वाला सेक्स पसंद था तो उन्होंने मुझसे कहा- देख यूं समझ कि मैं एक टीचर हूँ और तुम मेरे यहाँ पढ़ने आए हुए स्टूडेंट हो.. ऐसा रोल प्ले करके मेरे साथ मजे लो।
मैं उन्हें बेडरूम में ले गया और उन्हें खड़ा रहने को कहा।
मैं नीचे बैठ गया और उनसे बोला- मेम, मैं एक बिगड़ा हुआ लड़का हूँ और अपना होमवर्क करके नहीं आया हूँ.. और आप प्लीज़ मुझे मार कर मुझसे होमवर्क कराएं।
वो बिल्कुल ऐसा ही करने लगीं।
मुझे होमवर्क देकर वो किचन में काम करने चली गईं। मैं पीछे से उनके मस्ताने जिस्म को निहारने लगा क्योंकि मुझे दूर से ही उनका किचन दिख रहा था। जैसे ही वो मुड़ीं.. उन्हें मेरा देखना दिख गया और वो फिर से मुझे डांटने के लिए रूम में आईं, वो मुझे थप्पड़ मारने लगीं।
मुझे अब गुस्सा भी आ रहा था। मैं उठा और उनके दोनों हाथों को पकड़ कर उन्हें उनकी कमर के पीछे लेकर गया, जिससे वो हिल नहीं पा रही थी और मुझे इस हरकत के लिए भुगतान करना पड़ेगा ऐसा बोलने लगीं।
मैंने उनकी बकचोदी को सुना ही नहीं और बिस्तर पर रखे उनके पायजामे से नाड़ा निकाला और दोनों हाथों को बांध दिया।
मैंने उनके एक हाथ को खिड़की की जाली के साथ और दूसरे को दरवाज़े के ऊपर की कुण्डी के पास बाँध दिया था।
अब वो मेरे सामने अपने दोनों हाथों को बंधवा कर खड़ी थीं।
मैंने उनसे कहा- बताओ.. बहुत मारने का शौक है न तुम्हें.. आज मैं दिखाता हूँ असली दर्द कैसा होता है।
अभी वो कुछ बोलतीं.. उससे पहले मैंने उनके बालों को खोल दिया।
क्या माल लग रही थीं वो… उनके बाल लंबे और उनकी गांड तक लहरा रहे थे.. वो उनको बांध कर रखती थीं तो समझ ही नहीं आता था।
मैं उनके पास गया और उनको गले पर चूमने और चाटने लगा। वो अब आँखें बंद रखके अपने होंठों को चबा रही थीं। मैं समझ गया कि उनको ये सब अच्छा लग रहा है। मैं उनके बालों को सहला रहा था। उनके होंठों का रस पीने के लिए मैंने उनके चेहरे को हाथों से मेरी तरफ मोड़ा और उनके लाल लिपस्टिक वाले होंठों को चाटने लगा। मैंने अपनी जीभ भी उनके मुँह में दे दी।
वो मेरी जीभ को चूसने लगीं.. और मैं धीरे से उनके स्तनों को सहलाने लगा।
मैंने अब उनकी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया और उनके पेट पर हाथ फेरने लगा.. वो तड़प रही थीं।
जैसे ही मैंने उनकी साड़ी निकाली.. इसके दूसरे ही पल मैंने उनके ब्लाउज़ को भी उतार दिया। उन्होंने अन्दर भी ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी जोकि जालीदार थी। मैं उनके गोरे स्तनों को ऊपर से ही किस करने लगा।
फिर मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर उनकी ब्रा खोल कर स्तनों को आज़ाद कर दिया। उनके निप्पलों को जो कि एकदम पिंक थे.. अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरे स्तन को मसलने लगा।
मैं थोड़ी देर तक दोनों मम्मों को चूसने के बाद उनके पीछे चला गया.. उनके बालों को आगे की ओर किया और पेट पर हाथ ले जाकर उनके पेटीकोट को उतार दिया।
अब मैं उनकी पूरी गर्दन और पीठ को चाटने लगा। मेरे हाथ आगे होकर उनके स्तनों को सहला रहे थे। जैसे ही मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया.. उसी पल वो पूरा गरम हो गई थीं।
मैंने हाथ से उनकी चूत पर दबाव डाला। चुत को ढके हुए जालीदार ब्लैक पेंटी पूरी भीग चुकी थी, मैंने उसे पीछे से ही खींच कर निकाल दिया और अब मैं आगे आ गया और घुटनों के बल बैठ कर उनके पेट को चाटने लगा, अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को सहलाने लगा।
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इसके बाद मैं उनकी चूत क पास मुँह ले गया और चूत जो पूरी भीगी हुई थी, उसे उंगलियों से चौड़ा करके चाटने लगा। मैं अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल रहा था और उनकी चुत का दाना अपने होंठों से पकड़ कर अपने मुँह में ले रहा था।
दाने को चूसते ही वो अब झड़ने वाली हो गई थीं.. वो सीधी खड़ी नहीं हो पा रही थीं।
जैसा मैं चाहता था वो बिल्कुल वैसे ही कर रही थीं।
अब मैंने उनको दोनों हाथों को खोल दिया तो वो मुझसे लिपट गईं और मुझे सहलाने लगीं। उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया और मुझे ऊपर से किस करने लगीं। अपने रेशमी लम्बे बालों को मेरे चेहरे पर डाल दिया।
जैसे ही वो मेरे नीचे को हुईं.. मैं उनके बालों को अपनी छाती पर फेर कर कामुकता का अहसास करने लगा और उसी वक्त वो नीचे से एकदम से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं।
वो बहुत प्यार से लंड चूस रही थीं उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मेरे टट्टों को भी मुँह में भर रही थीं।
अब मैं छूटने वाला था तो रुक ही नहीं सका और उनके मुँह में ही झड़ गया। उन्होंने मेरा सारा पानी पी लिया।
अब मैंने उनको खड़ा किया और प्यार से गले लगा कर उन्हें सहलाने लगा। वो भी एक बार झड़ चुकी थीं तो हम दोनों ही निढाल अवस्था में ऐसे ही बाँहों में बाँहें डाल कर लेट गए।
थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा होने लगा। वो अपने हाथ से उसको सहला रही थीं। जैसे ही लंड खड़ा हुआ.. मैंने उन्हें चित्त लिटाया और टाँगें चौड़ी करके उनके ऊपर आ गया।
अब मैं अपने लंड के टोपे से उनकी चूत का बाहरी हिस्सा रब कर रहा था।
वो मुझे अन्दर डालने को कह रही थीं। मैंने अब उनको अपना लंड हाथ में दे दिया और मैं उनके ऊपर चढ़ कर उनके स्तनों को और निप्पलों को चाटने लगा।
जैसे ही उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट किया.. वो ख़ुद नीचे से चूतड़ों को उठाने लगीं। मैं समझ गया कि वो अब लंड को निशाने पर रख के तैयार हैं, मैंने एक झटके से उनकी चूत में लंड डाल दिया और झटके मारने लगा।
धकापेल चुदाई हुई.. करीब 15 मिनट में वो दो बार झड़ चुकी थीं.. और कुछ देर में मैं भी झड़ गया।
अब हम ऐसे ही लेट कर एक-दूसरे को सहला रहे थे। सच में उन्होंने मुझे पूरा मजा दिया और हम अक्सर ही ऐसे ही रोल प्ले करने लगे।
अब वो दूसरे शहर में हैं और उनसे अब मिलना भी नहीं होता। मैं उनको आज भी मिस करता हूँ कि उन्होंने मुझे यह मौका दिया।
आपको ये आंटी की चुदाई की सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे मेल करके बताइएगा।
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