मेरा नाम राहुल है. मैं एक अच्छा एथलीट हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है और मैं बी.एस.सी का स्टूडेंट हूँ.
यह कहानी मेरी उन चाची की है, जिन्हें आप में से कोई भी पहली बार देखने पर चाची तो बिल्कुल नहीं मान सकते. मेरी ये चाची सीकर में रहती हैं और सरकारी टीचर हैं. चाची के कोई संतान नहीं है. उनकी उम्र 24 साल है और वो दिखने में बिल्कुल प्रियंका चोपड़ा की ट्रू कॉपी हैं. मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो चुके हैं, पर मेरी चाची अपने फिगर को मेंटेन रखने के लिए अभी कोई बच्चा नहीं चाहती हैं.
मैं शुरू से ही चाची के काफी नजदीक था. वैसे मेरे चाचा भी सरकारी अध्यापक हैं और वो भी सीकर में ही पढ़ाते हैं, पर उनकी ड्यूटी चाची के स्कूल में नहीं है.
हम लोग जयपुर में रहते हैं, पर मेरी जब भी छुट्टियां होती हैं, मैं टाइम पास करने अपने चाचा के पास आ ही जाता हूँ. मैं जब अपने घर रहता था, तब मैं अपनी चाची से व्हाट्सैप पर कई बार चैट किया करता था.
एक दिन रात को बात करते करते चाची ने मुझसे पूछा- तू इतनी रात तक ऑन लाइन रहता है, जरूर तू अपनी किसी गर्लफ्रेंड से चैट करता होगा.
मैंने उन्हें मना कर दिया और मैंने उनको बताया- चाची मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
चाची- ये तो हो ही नहीं सकता कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड ना हो.
मैं- क्यों नहीं हो सकता?
चाची- क्योंकि तू इतना हैंडसम जो है.
मैं- ऐसा नहीं है कि मैं किसी को पसंद नहीं करता. मैं अपनी वाली को बहुत पसंद करता हूँ, पर उसकी मज़बूरी ये है कि वो मेरी हो नहीं सकती और इसीलिए मैंने आज तक उसे प्रपोज नहीं किया.
चाची- पागल हो तुम, तुम्हें उसे प्रपोज जरूर करना चाहिए.
मैं- नहीं मैं नहीं कर सकता.
‘वो कौन है बता तो?’
फिर उनके जोर देने पर मैंने उनसे कहा कि अब की बार सीकर आते ही पक्का बताऊंगा.
चाची- ओ के, मैं तेरा बेसब्री से इंतजार करूंगी.
मैंने वैसे अभी तक चाची को चोदने का कभी नहीं सोचा था, मगर आज उनसे बात करके न जाने क्यों ऐसा लगा, जैसे मछली जाल में आ रही है.
फिर मेरी उनसे डेली चैट होने लगी और हम लोग एक दूसरे से बहुत कुछ शेयर करने लगे थे. मैं रोज उनसे एक ही बात कहता कि मुझे जिससे प्यार है, वो शायद मुझे पसंद भी करती हो, पर वो मेरी हो नहीं सकती.
पर चाची रोज जोर देकर पूछतीं कि प्लीज मुझे उसका नाम बताओ और मैं रोज यही कहकर टाल देता था कि अभी नहीं.. जब मैं आपसे मिलूंगा ना, तब पक्का बताऊंगा.
फिर उन्होंने मुझे ‘रोज डे..’ पर एक गुलाब के फूल का आइकन सेंड किया, तो मैंने भी उनको विश किया.
मैंने उनको हग डे पर विश किया और उनका एक टाइट हग माँगा तो उन्होंने कहा- फ़ोन पर कैसे दूँ, जब तू यहाँ आएगा तो तुझे पक्का हग दूंगी.
फिर चाची ने पूछा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हां पूछिये?
चाची ने बोला- तुझे मेरा हग क्यों चाहिए?
मैं- सही बताऊं तो ये मेरी तमन्ना है चाची कि मैं आपको हग करूँ, वो भी एक टाइट सा हग करूँ.
चाची- मुझे तेरे इरादे ठीक नहीं लग रहे.
मैं- नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है.
चाची- तो बता ना बात है कैसी बात है?
मैं- थोड़ा रुको. में आपको फ़ोन पे नहीं बताना चाहता हूँ आपके सामने बताना चाहूँगा.
चाची- चल ओके.. मैं तेरा वेट करूंगी.
अब इतना पागल तो मैं भी नहीं था कि मुझे पता ना चले कि चाची किस इंतजार की बात कर रही हैं. मुझे पक्का पता चल चुका था कि चाची अब जानबूझ कर मुझसे खुद फंसना चाहती हैं.
अगले दिन मैंने चाची को कुछ यूं विश किया- हैप्पी किस डे डियर चाची.
चाची- नहीं, ये तो तुझे विश नहीं करूंगी.
मैं- ओके विश मत करो, किस ही कर दो.
चाची- अब बाय.. तेरे इरादे बहुत खतरनाक होते जा रहे हैं.
मैं- नहीं चाची प्लीज. कुछ देर और बात कीजिये ना. मुझे आपसे बात करना बहुत अच्छा लगता है.
चाची- मुझे सब पता है तुझे क्या क्या अच्छा लगता है, पर ऐसे तो तेरी सारी विश पूरी नहीं कर सकती ना.
मैं- तो आप कैसे मेरी सारी विश पूरी कर सकती हैं?
चाची- सबसे पहले तो तू मुझे चाची नहीं बल्कि मेरा नाम लेकर बोला कर. अब यार हम फ्रेंड हैं तो फ्रेंड्स में चाची थोड़ी ही चलता है.
दोस्तो ये मेरे लिए सबसे बड़ा ग्रीन सिग्नल था कि वो मुझसे भी वो ही सब चाहती थीं, जो मैं उनसे चाहता हूँ.
इस तरह हम दोनों फ्रेंड बन गए और एक दूसरे से घंटों तक बात करने लगे.
ये बात पिछले रक्षाबंधन की है. मेरी चाची चाचा के यहाँ जयपुर आए थे.
जब मैंने चाची को देखा तो उन्होंने एक अजीब सी स्माइल पास की और मैंने भी उसका रिप्लाई उसी स्माइल के साथ किया. फिर हम सब लोगों में कुछ बातचीत हुई और सब अपने अपने काम में लग गए.
लगभग 2 बजे की बात है, मैं ड्राइंग रूम में टीवी की केबल सही कर रहा था, तभी चाची मेरी ओर आईं और मुझसे बोलीं- आ तुझे तेरा हग दूँ.
ये मेरे लिए उनकी साइड से दिया जाने वाला पहला तोहफा था, जिसे मैंने दोनों हाथों से क़ुबूल किया.
मैंने चाची को हग के दौरान अपना मुँह सीधा रखा और उनके मम्मों पर अपनी ठोड़ी रखी और अपने हाथ उनकी ब्रा की पतली पट्टी पे. मैं इस हग में चाची को कसता ही जा रहा था और अपना मुँह ऊपर करके चाची के हाव भाव नोट कर रहा था.
वो हग मैं अपनी पूरी लाइफ कभी नहीं भूल सकता क्योंकि चाची ने इतने दिल से दिया था कि उनकी अगले दो मिनट तक उनकी आँखें बंद थीं.
उस हग के बाद चाची ने मुझे एक स्माइल दी और किचन में चली गईं.
मैं शाम को सोने जाने लगा तो चाची ने आवाज दी और कहा- आज हमारे रूम में ही सो जाओ क्योंकि तेरी मम्मी भी आज मेरे रूम में ही सो रही हैं.
चाची के कहने पर मम्मी ने भी बोल दिया कि हाँ आज हमारे साथ ही सो जा, तेरी चाची इतने दिनों बाद आई हैं और कल वापस चली जाएंगी तो फिर आज की रात आपस में गप्पें मारते हैं.
मुझे भी यही सही लगा तो मैंने हाँ कह दिया.
उस रूम में एक बेड और एक चारपाई थी और बेड पर मैं और चाची और एक मेरी बुआ का लड़का था, जिसकी उम्र लगभग 4 साल है.
मैंने, चाची और मम्मी ने लगभग 10 बजे तक बातें की और फिर मम्मी को नींद आ गई.
अब मैं ओर चाची दो ही जाग रहे थे और मैं सबके सो चुकने का पूरा कन्फॉर्म करने के लिए बेड से उठा और बाहर फ्रीज से पानी पीने के बहाने पूरा घर चैक किया कि कोई जाग तो नहीं रहा और तब तक कोई नहीं जाग रहा था.
मैं आपस आया और इस बार चाची के बिल्कुल नजदीक आकर लेट गया और उनकी साइड मुँह करके बात करने लगा.
अब हमें बात करते करते 12 बज चुके थे और हम दोनों की ही गर्दन दर्द करने लगी थी.
इस स्थिति में रहने से तो चाची ने बोला- मेरी गर्दन दर्द कर रही है.
मैंने अपना हाथ चाची की तरफ किया और चाची को बोला- आप अपनी गर्दन इस पर रख लीजिए.
और चाची ने बिना किसी झिझक के अपनी गर्दन मेरी बांह पर रख दी.
अब हमारी स्थिति कुछ ऐसी थी कि चाची सीधे पीठ के बल लेटी हुई थीं और मैं अपना हाथ चाची के गर्दन के नीचे रखकर उनकी साइड मुँह करके तिरछा लेटा हुआ था.
अब मैं आहिस्ता आहिस्ता बात करते करते चाची को अपनी तरफ खींचने लगा और चाची भी बिना किसी अवरोध के मेरी तरफ आने लगीं. अब तक हम दोनों इतने नजदीक आ चुके थे कि हमारी सांसें टकरा रही थीं. फिर चाची ने भी मेरी गर्दन के नीचे हाथ दिया तो मैंने भी अपनी गर्दन चाची की हाथ पे रख दी. अब तो हम दोनों इतने नजदीक थे कि हम दोनों अपनी बातें एक दूसरे के कानों में बोल रहे थे.
वो एक ऐसा पल था, जब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में थे और हमें कुछ कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ होने लगा था. हमारी पकड़ एक दूसरे पर मजबूत होती जा रही थी और हम दूसरे में समाने जा रहे थे. अब तक हम एक दूसरे को जितना कसके अपनी ओर दबा सकते थे, दबा चुके थे. पर तभी मैंने अपनी चाची को छोड़ दिया और मैं साइड हो गया.
तभी चाची मेरी साइड आईं और बोलीं- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं.
चाची- तो छोड़ क्यों दिया?
तभी मैंने चाची को फिर से वैसे ही पकड़ा और उनके होंठों पर जोर से किस कर दिया. पर चाची शायद इसके लिए तैयार नहीं नहीं थीं, उन्हें एक झटका सा लगा और उन्होंने मुझे अलग किया और बोलीं- ये क्या कर रहे हो?
पर उस वक़्त मैं उनकी किसी बात को सुनने में मूड में नहीं था. मैंने उनको अपनी तरफ खींचते हुए आई लव यू बोला और उनके पतले होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया.
मैं अपनी चाची का साइज़ आपको नहीं बता सकता क्योंकि मुझे इसका कोई अंदाजा नहीं है, पर इतना जरूर बता सकता हूँ कि वो प्रियंका चोपड़ा की बिल्कुल कॉपी हैं.
अब चाची भी मेरा साथ दे रही थीं और हम एक दूसरे को प्यासों की तरह चूम और चाट रहे थे.
इसके बाद चुदास बढ़ी तो मैं चाची के ऊपर आ गया और उनके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. चाची मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
अब मैंने थोड़ा नीचे खिसकते हुए चाची कि नाभि की तरफ बढ़ा तो मुझे मेरी जिंदगी का सबसे हसीन वाला मजा आया.. क्योंकि जैसे ही मैंने उनकी नाभि को किस किया, तो उन्होंने मुझे जोर से अपनी तरफ खींचते हुए बीच में से खुद को इस बेड से कम से कम एक फुट ऊपर उठा लिया और एकदम रोमांस में मस्त हो गईं.
दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि मैं उस समय कैसा फील कर रहा था.
मेरे दोनों हाथों में चाची के दोनों मम्मों थे और मैं जैसे ही चाची को नाभि पे या उससे नीचे किस करता तो चाची खुद को बहुत ऊपर उठा लेतीं, जिससे मेरा सेक्स का मजा कई गुना हो रहा था.
अब मेरे लिए कंट्रोल करना बहुत मुश्किल था तो मैंने अपना हाथ चाची के सलवार की इलास्टिक पर रखा और उसे खोलने की कोशिश करने लगा तो चाची ने ये कहकर मना कर दिया कि ये सब करने का अभी सही वक़्त नहीं है.
मैं 12 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक चाची को चूमता रहा और चाची भी पूरी तरह मेरा साथ देती रहीं. मैंने चाची की चूत पर हाथ लगाकर देखा तो वो किसी गर्म भट्टी की तरह तप रही थी.
मैंने चाची की चूत में उंगली की और उनका पानी निकाल दिया. फिर चाची ने मेरा लंड पकड़ा और उसे एक रंडी की तरह हिलाने लगीं. इस तरह चाची ने मेरी मुठ मार दी और हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए सो गए.
मैं सुबह जब उठा तो चाची मेरे से पहले उठ चुकी थीं. मैं उनसे नजरें नहीं मिला सकता था, पर जैसे ही चाची मेरे रूम में आईं.. चाची ने मुझे पकड़ कर एक लिप किस दिया. फिर तो मैं जैसे बिल्कुल ही बेशर्म हो गया. मैंने चाची को बेड पे गिरा लिया और उनके मम्मों को दबाने लगा.
चाची झटके से खड़ी हुईं और बोलीं- पागल हो गए हो क्या? कोई आ गया तो?
अगले दिन स्कूल लगना था तो चाची चाचा के साथ सीकर चली गईं.
चाची ने सीकर जाते ही मुझे कॉल किया. उनकी बातों से साफ़ लग रहा था कि जितना हम दोनों में हुआ, चाची उससे कहीं ज्यादा चाहती थीं.
मैंने भी कह दिया कि मैं भी आपसे जल्द से जल्द मिलना चाहता हूँ
चाची ने कह दिया कि जब भी तेरा मन करे.. आ जा, मैं स्कूल टाइम में घर आ जाऊँगी और तेरे से मिल लूँगी.
मैंने भी चाची से कह दिया कि मैं आ रहा हूँ तो कल ही बस आप तैयारी कर लेना.
चाची- कैसी तैयारी?
मैं- मतलब ये कि मेरे लिए कुछ तो तैयारी करोगी ना मेरी जान..!
चाची- तू आ तो सही, मैं पूरी तैयार मिलूंगी.
मैंने सुबह ही घर से कॉलेज का बहाना किया और घर पर बोल दिया कि आज मेरी कुछ एक्स्ट्रा क्लास है इसलिए लेट हो जाऊंगा.
मैं 8 बजे सीकर पहुंचा और चाची को कॉल किया.
चाची- सीधे घर ही आ जा.. मैं घर पे ही हूँ.
मैं- ओके.
मैं 8:15 पर घर पहुंचा और जाते ही चाची ने मुझे गले लगा कर मेरा स्वागत किया फिर पानी ऑफर किया. मैंने पानी पिया और फिर चाची ने ब्रेकफास्ट का पूछा तो मैंने मना कर दिया.
चाची- तो क्या लोगे?
मैं- आपकी चूत.
चाची- हट बेशर्म..
मैं- बनाया किसने?
चाची- मैंने हा हा हा..
मैंने घर को लॉक किया और चाची को पकड़ कर चूमने लगा और धीरे धीरे अपने कपड़े उतारने लगा. अब मैं केवल अंडरवियर में था और चाची को पागलों की तरह चूम रहा था. सच कहूँ तो चाची किसी बच्चे की तरह कोमल थीं. वो इतनी सॉफ्ट थीं कि बार बार उनको नंगा छूने का मन कर रहा था.
मेरा लंड अब तक बिल्कुल एक रॉड बन चुका था. मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची का कुरता उतार दिया और अगले ही झटके में उनकी सलवार भी नीचे पड़ी थी. चाची इन सब में मेरा साथ दे रही थीं. अब चाची ब्लू पेंटी और ब्रा में थीं. वे इस वक्त किसी नपुंसक का भी लंड खड़ा कर देने वाली माल लग रही थीं.
मैं बिना वक़्त गंवाए चाची की ओर लपका और एक हाथ सीधा उनकी पैंटी पर और दूसरा उनकी गर्दन पर रखता हुआ उनको गले के नीचे चुम्बन की बारिश करने लगा. चाची तो पहले से ही सेक्स की आग में तप रही थीं. मैं उनका कोई भी अंदाज यहां कहानी में बयान नहीं कर सकता क्योंकि ये उनकी अदा की तौहीन होगी और सच तो ये है कि उनकी किसी भी अदा को बयान किया नहीं जा सकता.
मैंने चाची को उल्टा किया और उनकी पीठ को बछड़े की तरह चाटने लगा और बीच बीच में मैं उनको काट भी रहा था, जिससे उनकी कामुक सिसकारियां और तेज हो रही थीं.
अब मैंने मेरे रास्ते की रुकावट उनकी ब्रा को हटाया और उन्हें सीधा लेटाया तो मुझे उन हसीन वादियों के दर्शन हुए, जिनके लिए मैंने 2 साल इंतजार किया था.
वो पहाड़ सी सख्त दिखने वाली चोटियां इतनी नरम होंगी, मैंने सोचा ही ना था. चाची के मम्मों को दबाते दबाते मैं उनके होंठों को चूमने लगा और उनके बाल पकड़ कर उनकी गर्दन को उठाया और उनको गले और कान के नीचे किस करने लगा.
चाची अपना आपा खोती जा रही थीं और इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आँखें बंद किये किये ही मेरे लंड को पकड़ा और उसे जोर जोर से खींचने लगीं. पर वो ऐसा कर नहीं पा रही थीं, क्योंकि लंड रॉड बन चुका था.
इसी गर्मी का फायदा उठाकर मैंने चाची की पैंटी निकाल दी और चाची ने अपनी कमर उठा कर इसमें मेरी हेल्प की.
मैं तो उनकी क्लीन शेव चूत देखकर पागल ही हो गया. मेरी जीभ अपने आप उनकी चूत की तरफ चलने लगी और अगले ही पल वो चाची की चूत का रसपान कर रही थी.
इस बार चाची का सेक्स पोजीशन देखने लायक थी, वो मेरा मुँह अपनी चूत में पूरा घुसा देना चाहती थीं. वो ऊपर से इतना दबाव लगा रही थीं कि मेरा साँस लेना मुश्किल हो रहा था. मैंने चाची की चूत को कम से कम 10 मिनट तक चाटा. उनकी चूत एकदम मखमली थी.
उनकी चूत ऊपर की ओर उठी हुई थी और इतनी सफेद चुत थी कि एक बार फेयर एंड लवली वाले भी देख लें तो वो टीवी पे उनकी चूत का भी एड दे दें.
मैंने चूत चाटकर ही चाची को ठंडा कर दिया और चाची रिलेक्स होकर बेड पे लेट गईं.
अब मैंने अपना लंड निकाला और चाची के होंठों पर रख दिया. चाची ने आँखें खोलीं तो उनके सामने मेरा 7 इंच का लंड फुंफकार मार रहा था. ये मेरी चाची जान को मेरे लंड का पहला दीदार था.
चाची ने मेरे लंड को देखा और चौंक कर बोलीं- उई इतना बड़ा.
मैं- तेरे लिए है जान.
चाची ने लंड पकड़ा और उसे बाहर से जुबान बाहर निकाल कर चाटने लगीं. चाची बिल्कुल सन्नी लियोनी की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थीं. मुझे लगा कि मैं चाची के मुँह में ही ना निकल जाऊं इसलिए मैंने लंड मुँह से निकाला और चाची की क़मर के नीचे तकिया लगाकर उनकी चूत के मुँह पे लंड सैट किया.
चाची मुझे अपने ऊपर खींच रही थीं. चाची ने खुद मेरा लौड़ा हाथ में लिया और अपनी चूत के अन्दर घुसाने लगीं. चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड फिसल रहा था. चाची की आँखें बंद थीं और वो मुझे अपनी तरफ खींच रही थीं. मैंने भी गर्म लोहा देखकर सही वक़्त पर हथौड़ा मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में चूत में उतार दिया. इस झटके से चाची का मुँह खुल गया और आँखें बड़ी करके उन्होंने मेरी तरफ देखा.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
चाची कराहते हुए बोलीं- साले पूछ रहा है क्या हुआ? तेरे लौड़े ने मेरी बच्चेदानी को टक्कर मारी है.. और..
इसी दौरान मैंने हंसते हुए एक और झटका दे मारा और चाची पता नहीं क्या कहना चाहती थीं, वो बात उनके गले में ही अटक गई.
अब मैं लगातार चाची की चुत में तेज झटकों की बारिश कर रहा था और चाची भी कमर उठा-उठा कर मेरा लंड खा रही थीं. हमारी चुदाई से पूरा कमरा गूंज रहा था. चाची की चूत से मेरे लौड़े के टकराने की आवाज भी साफ़ सुनी जा सकती थी.
मैंने अब चाची की टाँगें ऊपर उठा लीं और उनको पेलने लगा. मैं चाहता था कि मैं चाची को कम से कम दो बार झाड़ दूँ इसलिए मैं उनको हर प्रकार से चोद रहा था.
अब मैंने चाची की एक टांग छोड़ी और उनकी टांगों के बीच में घुसकर उनकी एक टांग उठाकर चोदने लगा. करीब 15 मिनट बाद चाची खुद को सिकोड़ने लगीं, जैसे वो सर्दी में कांप रही हों और उसी कम्पन के साथ उन्होंने अपना रस गिरा दिया. इस समय चाची के चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव बिल्कुल साफ़ देखे जा सकते थे. मैंने चाची को उल्टा किया और उनको घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया. मैंने चाची को घोड़ी बनाने से पहले बेड से नीचे उतार लिया था, इसलिए अब जब भी में पीछे से झटके मार रहा तो चाची आगे बेड से टकरा रही थीं, जिससे पूरा कमरा ऐसे गूंज रहा था.. जैसे भूकंप आया हो.
हालाँकि बाहर कोई भूकंप नहीं था पर चाची के माथे का पसीना देखकर ये जरूर अंदाजा लगाया जा सकता था कि उनकी चूत का क्या हाल हो रहा था.
काफी देर तक अलग अलग पोजीशन में चोदने के बाद मैं और चाची एक साथ ही झड़ गए.
फिर ब्रेकफास्ट करने के बाद मैंने चाची की गांड भी मारी. इसके बाद मैं घर वापस आ गया.
एक दिन चाची ने फ़ोन पे बताया कि उनकी एक सहेली भी तुझसे चुदना चाहती है, अगर तुझे कोई एतराज ना हो तो??
मैंने पूछा- कौन सी सहेली?
चाची- तेरी फेवरट अनु मैडम!
फिर उसी दिन की तरह प्रोग्राम बना के मैंने मेरी चाची और अनु मैडम की एक साथ चुदाई की.
उसके बाद तो जैसे मेरे लंड पे चूतों की बारिश होती रही.
मेरी चाची ने मुझे कई मैडमों के साथ सेक्स करवाया और उनको सन्तुष्टि दिलवाई. वो मैं आपको अपनी अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा कि कैसे मुझे मेरी चाची ने चाची और भाभी का पसंदीदा कॉलबॉय बना दिया.