हाई फ्रेंड्स, मैं आपकी दोस्त जैस्मिन। मेरी लिखी दो स्टोरी को आपका जो स्नेह मिला उसके लिए में आपकी आभारी हूँ..
आप सभी के प्यार की वजह से मुझे अगला भाग लिखने कि हिम्मत हो पायी है.
मेरी पिछली कहानी
सहेली के सामने कॉलेज के लड़के से चुदवा लिया
में आपने पढ़ा और मेरी ऑडियो सेक्स स्टोरी में सुना होगा कि कैसे जबरदस्ती राहुल के दोस्त मुझे चोदने के लिये तड़प उठते हैं.
लेकिन हनी के मना करने पर राहुल और सीमान्त मान जाते हैं और दोनों रीमा की गांड और चुत का खूब चुदाई करते हैं. हनी भी मुझे प्यार करते हुए खूब चोदता है.
अब आगे:
चुदाई का मदमस्त माहौल हम सभी को कामुक किए हुए था. मुझे आज जिस तरह से चुदने की उम्मीद थी, उससे कहीं बेहतर चुदाई का मजा मिल गया था. मेरी और हनी की चुदाई के बाद राहुल और सीमांत भी मुझे चोदने की फिराक में थे.
वे मेरी चुदाई देख कर उत्तेजित हो गए थे और मेरी ओर बढ़ने लगे थे. मैं तो खुद चुदाई से इतनी ज्यादा पागल हो गई थी कि आज मुझे सर के लंड की जरा भी याद नहीं आ रही थी, मुझे खुद फिलहाल चुदाई के अलावा कुछ नहीं दिख रहा था.
सीमान्त मेरे पास आकर बोला- देख साली रंडी कैसे उछल उछल कर चुदवा रही थी. मेरी जान, अब चुदाई की बारी हमारी है.
मैं भी गाली देते हुए बोली- मादरचोद तू भी चोद ले आज … मैं भी तो देखूँ भोसड़ी के तेरे लंड में कितनी दम है.
मेरी इस चुनौती को सुनकर वो एकदम से गर्म हो गया और वो जानवर जैसे मेरे ऊपर टूट पड़ा.
मेरे होंठों को किस करते हुए उसने अपनी दो उंगलियां एक झटके के साथ मेरी चुत के अन्दर डाल दीं. मुझे थोड़ा दर्द होने लगा. वो मेरी परवाह किए बिना ही मेरी चुत में उंगलियों को आगे पीछे करने लगा.
इतने में हनी रीमा के पास अपना लंड हिलाते हुए गया और उसे गाली देते बोला- ले रंडी मेरा लंड भी चूस ले.
रीमा ने मुस्कुरा कर उसके लंड को हाथ में लिया और अपना मुँह खोल दिया. हनी ने अपना लंड रीमा के मुँह में पेल दिया. रीमा भी हनी का लंड खूब मजे लेकर चूसने लगी.
उधर राहुल ने बियर की बोतल खोली और पीना शुरू कर दी. बियर पीते पीते वो मेरे पास आया और बियर मेरे मम्मों में डाल दी. नीचे मेरी चूत में उंगलियां जलवा खींच रही थीं और ऊपर मेरे मम्मों पर बियर डाल कर राहुल ने चूसना चालू कर दिया था.
राहुल मेरे मम्मों को अपने होंठों में दबाते हुए खूब जोर जोर से चूसने लगा. साथ में वो मुझे भी बियर पिलाने लगा. बियर तेज नशे वाली थी. तभी सीमान्त ने भी एक बियर की बोतल ले ली और मेरे पेट की नाभि में डालने लगा. मैं लेटी हुई थी. वो मेरी नाभि से टपकती हुई पूरी बियर पीने लगा. मैं कुछ तो बियर के नशे से मस्त होने लगी थी और कुछ मेरे जिस्म से बहती बियर के नशे से मस्त होने लगी थी.
मैं उन दोनों को मेरी नाभि और मम्मों को चूसते देखते हुए गर्म होने लगी. मेरे मुँह से बस ‘अहह अह्ह्हम उहह अह्ह्ह अह्ह्ह और चूसो मादरचोदो …’ निकल रहा था.
फिर सीमान्त बियर की बोतल के मुँह को मेरी चुत में लगा कर चुत में बियर भरने लगा. बियर एकदम ठंडी थी, जिससे मैं एकदम से झनझना गई ‘अह्ह्ह अहह अह्ह्ह …’
सीमान्त ने मेरी उत्तेजना को देखा तो उसने पूरी बियर की बोतल मेरी चुत में टपकाना शुरू कर दी. एक तो ठंडी बियर से चूत में सनसनी के साथ थोड़ी जलन हो रही थी और ऊपर से वो चुत से टपकती बियर को चाट चाट कर पीने में लगा.
सीमान्त मुझे चुदास के शिखर पर चढ़ाए जा रहा था. मुझे इस वक्त जन्नत का सुख मिल रहा था.
किसी भी लड़की के दूध और चूत जब एक साथ दो मर्दों के द्वारा चूसे और चाटे जा रहे हों, तो उस लड़की की वासना का स्तर आप खुद समझ सकते हैं.
मेरी चुत पूरी लाल हो गई थी.
उधर हनी का लंड चूसने के बाद हनी ने रीमा को उल्टा करके उसको डॉगी स्टाइल में ला दिया था. उसने अपना लंड रीमा की गांड में पेल दिया और उसकी गांड मारते हुए वो मेरे पास तक आ गया.
रीमा कुतिया बनी हुई धीरे धीरे आगे मेरी तरफ बढ़ रही थी … और उसके पीछे से लगा हुआ, हनी मुझ तक आ गया था.
रीमा मेरे करीब आ कर जबरदस्ती मेरे होंठों को चूसने लगी. एक तरफ राहुल मेरे मम्मों को चूस रहा था, सीमान्त मेरी चुत चूस रहा था और रीमा लेस्बियन सेक्स के जैसे मेरे होंठों को चूसने लगी थी.
मुझे ऐसा लग रहा था मानो पोर्न वीडियो बनाने का खेल चल रहा हो. हम सभी एक साथ ग्रुप सेक्स की तरह खूब एन्जॉय कर रहे थे.
सीमान्त की चुत चाटना खत्म हुआ और वो मेरे ऊपर आकर अपना लंड हिलाने लगा. रीमा ने मेरे होंठों को किस करना बंद करके पीछे से राहुल का लंड चूसने लगी.
सीमान्त जैसे ही मेरे सामने आया, मैं उसके लंड का टोपा ऊपर करके उसका लंड देखने लगी. सीमान्त के लंड का सुपारा एकदम गुलाबी था, मैं जीभ से उसके लंड को चाटने लगी.
मेरे मुँह में सीमान्त का लंड गया, तो सीमान्त की आह निकलने लगी. उसे मुझसे लंड चुसवा कर मानो जन्नत की हूर मिल गई थी. इस उत्तेजना में उसका लंड एकदम से रॉड बन गया था. लंड चूसते चूसते ही काफ़ी बड़ा हो गया था. मैं बीच बीच में उसके टट्टों को भी सहलाती जा रही थी.
सीमान्त इस वक्त अपनी चुदास के शिखर पर था. वो मुझे गन्दी गन्दी गाली देने लगा था.
सीमान्त- आह साली … लंड चूस माँ की लौड़ी … आज तो तेरी गांड को पूरा फाड़ दूंगा … साली तुझे बाजारू रंडी बना दूंगा … अह्ह्ह अह्ह्ह मेरी जान और जोर से लंड चूस अह्ह्ह …
मुझे उसकी उत्तेजना देख कर पता नहीं क्या हुआ, मैं उसका एक गोटा पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, इससे वो और भी ज्यादा पागल हो गया.
कोई पांच मिनट बाद वो मुझसे अपना लंड छुड़ाते हुए मेरे चुत की तरफ आ गया. मैं भी अब चुदने के लिए एकदम गर्म हो गई थी. सीमान्त ने अपने लंड को मेरी चुत की फांकों में फंसाया और एकदम से एक जोर का झटका दे मारा.
उसके इस अचानक प्रहार से मैं एकदम से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मादरचोद धीरे चोद भोसड़ी के..
इतने में उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चुत में समा गया. एक दो झटके में ही मेरी चूत ने उसके लंड को सैट कर लिया और मुझे इतना अधिक मजा आने लगा, जैसे मैं ज़न्नत में होऊं.
अब धकापेल चुदाई का खेल शुरू हो गया था. सीमान्त अपनी पूरी ताकत से मुझे चोदने में लगा था. मैं खुद चुदाई से पूरी मदहोश हो गई थी और मेरे मुँह से ‘अहह अहह उह्ह्ह अह्ह्ह म्मा …’ निकल रहा था.
सीमान्त अब मुझे और भी जोर जोर से चोदने लगा था. मेरे मुँह से और जोर से आवाज निकलने लगी थी- आह और जोर से चोद माँ के लौड़े … आह पूरा पेल दे.
मेरी चूत चुदाई की यह कहानी मेरी जुबानी सुनें.
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मेरी गालियों से सीमान्त इतना अधिक कामुक हो गया था कि उसने मुझे चोदते चोदते ही उठा लिया. फिर खुद खड़े रह कर वो मुझे गोदी में ही लटका कर चोदने लगा. उसकी बलिष्ठ भुजाओं में मछली सी तड़फते हुए चुदाई का मजा ले रही थी.
किसी भी लड़की को फौलादी ताकत वाला मर्द मस्त कर देता है.
सब लोग हम दोनों को इस तरह से चुदाई करते हुए देखने लगे. तभी राहुल पीछे से आ गया. सीमान्त ने और मुझे कसके पकड़ लिया. वो मेरी चूत में लंड पेले हुए पीछे से मेरी गांड को उछाल रहा था. उसी वक्त उसने मेरी गांड में उंगली करना शुरू कर दी.
मुझे लंड से मजा आ रहा था. मुझे इतनी उत्तेजना में पता ही नहीं चल रहा था कि मेरी गांड में क्या हो रहा है.
सीमान्त ने मेरे दोनों चूतड़ों को अपनी हथेलियों में पकड़े हुए फैला दिया. तभी पीछे से राहुल ने अपना पूरा लंड मेरे गांड में डाल दिया.
मेरी गांड की सील अभी टूटी नहीं थी. राहुल का लंड जैसे ही गांड में घुसा, तो मैं दर्द से कलप गई. मैं पीछे मुड़ कर देखने को हुई कि तभी सीमान्त ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया.
मेरे मुँह से चीख निकल गई- अह्ह्ह कौन है … लंड बाहर निकाल मादरचोद … मेरी गांड फट जाएगी.
मैं तेज स्वर में बकने लगी. अब तक मैंने राहुल को देख लिया था.
राहुल भी कहने लगा- तुझे तो हमारा लंड देखना था ना साली कि कितनी दम है हमारे लंड में, तो देख ना साली रंडी!
उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया. मैं कुछ नहीं कर पाई, सामने से सीमान्त और पीछे से राहुल मुझे धकाधक चोदने लगे थे. मेरी चटनी सी पिसने लगी थी. आगे चूत में लंड मजा दे रहा था और पीछे से गांड में लंड एक मूसल सा घुसा हुआ दर्द कर रहा था.
थोड़ी देर की खूब चुदाई के बाद मेरा रस निकल गया और तभी राहुल का भी वीर्य मेरी गांड में निकल गया.
फिर मैं सीमान्त से बोली- मुझे बाथरूम जाना है.
वो मुझे नीचे उतारता हुआ बोला- ठीक है.
मैं बाथरूम में जैसे ही फ्रेश होने के लिये गई कि सीमान्त भी पीछे से सूसू के लिए आ गया. हम दोनों एक साथ बाथरूम करने लगे.
तभी सीमान्त ने शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों पानी में भीगने लगे. थकान के बाद शरीर पर पानी की बूंदें बड़ी अच्छी लग रही थीं.
मैं एक दो मिनट बाद बाहर की ओर जाने लगी, तो सीमान्त ने किसी फ़िल्मी हीरो की तरह पीछे से मेरे हाथ पकड़ लिए. फिर उसने मुझे खींच कर अपनी बांहों में भर लिया.
उसका लंड अभी झड़ा नहीं था. उसका लंड पूरी तरह खड़ा था, जो मेरी गांड को पीछे से टच कर रहा था. वो मेरी गांड में लंड लगाए हुए मेरे बदन को चूमने लगा. उसके लंड से मैं फिर से सिहर उठी.
मैंने उससे छूटने का प्रयास किया, लेकिन उसकी मजबूत भुजाओं से बच कर निकल पाना मुश्किल था. उसने मुझे किसी मिमयाती बकरी की तरह खींच कर डॉगी बना दिया और राहुल की तरह सीमान्त ने भी अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया.
मुझे अब गांड मरवाने में बड़ा मजा आने लगा था. सीमान्त ने पीछे से मेरी गांड में शैम्पू डाल दिया था, मेरी गांड मी चिकनाई हो जाने के कारण उसका लंड बड़ी तेजी से अन्दर बाहर होने लगा था. वो मेरी गांड को बहुत देर तक मारता रहा.
सीमान्त- अह्ह्ह तू तो मेरी रंडी है … तुझे ऐसे ही रंडी की तरह चोदूँगा साली …
मैं- आह तो चोद ना मादरचोद … तेरा लंड मुझे हमेशा ऐसे ही अपने गांड में लेना है.
मैंने एक उंगली सामने से अपनी चुत में डाल ली- आह चोद अह्ह्ह अहहह
मुझे चोदते चोदते सीमान्त ने मेरी गांड से लंड बाहर निकाला और मेरी चुत में धांस दिया. मुझे मजा आ रहा था. अब वो कभी मेरी गांड में अपना लंड डालता था और कभी मेरी चूत चुदाई करने लगता था.
इस मस्त चुदाई से मुझे अजीब सा करेंट सा लगने लगा था. ये मेरे लिये नया अनुभव था.
करीब दस मिनट तक चोदने के बाद सीमान्त ने अपना पूरा माल मेरी गांड में निकाल दिया. मेरा भी पूरा माल उसके लंड के साथ ही निकल गया.
फिर हम दोनों फ्रेश होकर बाहर आ गए. बाहर आकर देखते हैं कि हनी ने तो रीमा की गांड को चोद कर भुर्ता बना दिया था. उन लोगों की चुदाई हमारे सामने जारी थी. कुछ देर बाद हनी ने रीमा को चोदते चोदते उसके मुँह में ही अपना पूरा वीर्य निकाल दिया.
ना चाहते हुए भी रीमा को उसका वीर्य पीना पड़ा. मैंने देखा कि हनी ने रीमा गांड चोद कर पूरी लाल कर दी थी.
सीमान्त ने भी मेरी गांड इतनी ज्यादा मारी थी कि हल्का सा रक्त भी निकलने लगा था.
राहुल मेरे पास आया और प्यार से मेरे होंठ किस करने लगा. मुझे थोड़ा अच्छा लगा. इसके बाद तो जैसे मैं घर जाने की हालत में नहीं थी, तो उस दिन मैं रीमा के यहां ही आराम करने लगी. वे तीनों उसके घर से चले गए.
लगभग एक हफ्ता होने के बाद मुझे फिर से चुदवाने का बड़ा मन करने लगा था. उन सभी लोगों से अभी भी मेरी बात होती है, लेकिन मुझे अब किसी नए लंड की तलाश है.
आगे की सेक्स स्टोरी में मैं बताऊँगी कि कैसे अपनी चुत की भूख को मिटाने के लिए अपने मामा के यहां जाकर रंगरेलियां मनाईं.
आपको मेरी गांड और चुत की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल जरूर करें.
मुझे यह भी बतायें कि मेरी ऑडियो सेक्स स्टोरी कैसी लगी?
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