नमस्ते फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सब? अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियों की दुनिया में आप सबका स्वागत है और अन्तर्वासना की टीम का धन्यवाद करता हूँ जो समय समय पर हमें आपके रूबरू करवाते हैं।
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मेरी कुछ ख़ास पाठिकाएं और पाठक जो मेरे साथ वटस्प पे जुड़े हुए हैं, उनका भी धन्यवाद जो समय समय पर मुझे और कहानियाँ लिखने के लिए कहते हैं और मेरी कहानियाँ पड़ कर अपनी चूतें और लंड को शांत करते हैं या चुदाई करते हैं।
मेरी कहानियाँ की फैन कुछ ख़ास पाठिकाएं मेरे साथ वटस्प पे जुड़ी हुई हैं. वे मुझे वटस्प पे ही बता देती हैं हर कहानी के बारे में, तो उनका भी मैं यहाँ पर धन्यवाद करता हूँ।
मैं हर एक पाठक की ईमेल का रिप्लाई जरूर देता हूँ. और उन सभी पाठकों का भी बहुत धन्यवाद जो ईमेल पे मेरी कहानी के अच्छे या बुरे पक्ष को सामने लाते हैं और मैं उस हिसाब से कहानी को और सुधार कर लिखने की कोशिश करता हूँ।
ये कहानी है प्रियंका, और उसकी मुस्कान और उसकी दोस्त सीमा की, जिन्होंने मेरे और मेरे दोस्त सतीश और मोनू के साथ एक सामूहिक चुदाई की।
प्रियंका मेरी पुरानी दोस्त है और हम बहुत बार चुदाई कर चुके हैं. प्रियंका से मेरी दोस्ती की शुरुआत मेरी कहानियों से हुई थी. वो मेरी कहानियाँ पढ़ कर मुझे ईमेल करती थी. उसके बाद धीरे धीरे हम वटस्प और फ़ोन फ्रेंड बने और फिर दोस्त बन गये।
मुस्कान प्रियंका के चाचा जी की लड़की है. मुस्कान को प्रियंका ने ही मुझे मिलाया था. मुस्कान और प्रियंका दोनों एक साथ मेरी कहानियाँ पढ़ती थीं. मुस्कान को मेरे और प्रियंका के बारे में सब पता है।
सीमा मेरे दोस्त मोनू की गर्लफ्रेंड है जिसको मैंने ही प्रियंका और मुस्कान से मिलवाया था। तीनों ही दुबली पतली सी और गोल गोल मम्मों वाली सेक्सी लड़कियां हैं। तीनों की आयु लगभग 23 से लेकर 25 के बीच है।
एक दिन मेरा दोस्त मोनू और उसकी गर्ल फ्रेंड सीमा, मुझे और प्रियंका को एक शॉपिंग माल में मिले. हमने एक कॉफ़ी शॉप में बैठ कर बहुत देर तक बातें की।
बातों बातों में हमने दो दिन के लिए मनाली जाकर घूमने का प्रोग्राम बनाया। हमने आने वाले शनिवार और रविवार को वहां घूमने का प्लान बनाया। उसके बाद हम सभी ने एक दूसरे से विदा ली, और मैंने भी जाते जाते रास्ते में प्रियंका को उसके घर के पास ड्राप किया और आगे निकल पड़ा।
दो दिन बाद प्रियंका ने मुझे फ़ोन पर पूछा- अगर आपको कोई इतराज़ न हो तो क्या हम मुस्कान को भी साथ ले चलें? उसके साथ मुझे भी घर से जाने के लिए परमिशन आसानी से मिल जाएगी। मैंने कहा- कोई बात नहीं, ले चलो.
मुस्कान के बारे में बता दूँ कि मुस्कान प्रियंका की दोस्त और चचेरी बहन है. प्रियंका के साथ मैंने पहले भी मुस्कान के साथ काफी बार सेक्स किया था. मेरे और प्रियंका के साथ मुस्कान ओपन थी।
इधर मैंने मोनू से बात की और सभी की सहमति से मैंने अपने एक और कॉमन दोस्त सतीश को भी जाने को तैयार कर लिया। हमने अपनी अपनी दोस्तों को ये भी बोल दिया कि अगर मौका अच्छा रहा तो वहां ग्रुप सेक्स करेंगे।
प्रियंका और सीमा को तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि उसके साथ मैं और मोनू पहले भी ग्रुप सेक्स कर चुके थे।
अब हम सभी दोस्तों का अच्छा ग्रुप बन चुका था,और हम मनाली जाने के लिए शनिवार की सुबह ही सतीश की नोवा गाड़ी में निकल पड़े।
हम शाम से पहले पहले अपने होटल में पहुँच गये थे. वहां पहले ही मैंने एक होटल में तीन रूम बुक कर लिए थे। शाम को हम सभी थोड़ा घूमने निकले और कुछ क्षेत्रों में बर्फ़बारी को होते हुए देखा. रात तक वापिस अपने होटल के रूम में आ गये।
मोनू और सीमा अलग रूम में चले गये और हम चारों अलग रूम में आ गये. कुछ देर के लिए सतीश भी अपने रूम में अकेला ही चला गया।
हम सबने नाईट ड्रेस पहनी और फिर खाना एक ही रूम में मंगवा लिया। खाना सभी ने एक साथ खाया और फिर वेटर को बर्तन ले जाने के लिए कॉल कर दी।
उसके बाद मैंने प्रियंका को किस करके कहा- अब रात का क्या प्लान है डार्लिंग?
तो प्रियंका बोली- जो आप कहो जानू!
तभी मोनू बोला- तो फिर रेडी हो जाओ, एक साथ चुदाई करते हैं.
तभी मैंने देखा कि मुस्कान थोड़ा हिचकचा रही थी क्योंकि मुस्कान ने प्रियंका से मिल कर मेरे साथ तो पहले भी काफी बार सेक्स किया था. परन्तु ऐसे किसी और के साथ उसने कभी सेक्स नहीं किया था. और ऐसे सभी के सामने ऐसी बातों से उसे थोड़ा शर्म आ रही थी.
उधर सीमा का भी यही हाल था.
परन्तु प्रियंका बिल्कुल ओपन थी।
मैंने मुस्कान के दिल की बात समझ ली. मैं मुस्कान और प्रियंका को अपने रूम में ले गया, दोस्तों को कुछ देर में वापिस आने को बोला।
रूम में जाकर मैंने मुस्कान को कहा- देखो यार, हमने पहले भी सेक्स किया है, परन्तु आज ग्रुप सेक्स करना है. वैसे भी मोनू और सतीश दोनों हम जैसे ही हैं. एक साथ सेक्स करने में मज़ा आएगा, अगर आपको ठीक लगे तो बताओ?
प्रियंका बोली- दिल तो करता है ऐसा करने को, बस कोई प्रॉब्लम न हो कल को कोई?
मैंने कहा- इस बात की मेरी गारंटी रही.
तभी मैंने मुस्कान से पूछा- मुस्कान बोल यार, बहुत मज़ा आएगा ऐसे जब एक साथ तू दो दो से चुदेगी साली!
मुस्कान बोली- शर्म आ रही है मुझे तो! हम तीनों करते हैं. सतीश और मोनू को उनके रूम में जाने दो.
मैंने कहा- यार, ऐसे सतीश को अकेले को भेजते अच्छे नहीं लगेंगे. तुम एक बार साथ देकर देखो यार, आराम से होगा सब!
मुस्कान को मैंने एक किस की और उसके मम्मों को दबा कर बोला- अरे ले ले साली ये जवानी के मज़े, चल चलें रूम में!
तो मुस्कान साथ चलने को तैयार हो गयी।
उधर जैसे ही हम मोनू और सीमा के रूम में पहुंचे तो वहां देखा कि सतीश वहां नहीं था और मोनू सीमा को किस कर रहा था.
तो मैंने कहा- अरे अकेले अकेले शुरू भी हो गये, सतीश कहाँ है?
उन्होंने बताया कि सतीश अपने रूम में गया है और आ ही रहा है.
और मोनू ने ये भी बताया कि सीमा आज के ग्रुप सेक्स के लिए बहुत एक्साईटेड है।
मैंने कहा- तो फिर देर किस बात की है?
तो वो बोला- यार सतीश से शर्मा रही है.
मैंने उसे समझाया- यार, इधर मुस्कान भी ग्रुप सेक्स में नई है और उधर सतीश! इसलिए तू घबरा मत सभी मज़े से करेंगे।
उसे मैंने थोड़ा हौसला दिया और प्रियंका ने भी उसे थोड़ा समझाया तो वो भी मान गयी।
अब हमारे सभी पार्टनर समूहिक चुदाई के लिए रेडी थे।
वैसे भी हमारे मनाली आने से पहले ही इतना हिंट तो हमने सभी को दे दिया था कि वहां चुदाई होगी और शायद ग्रुप चुदाई भी हो सकती है। सभी लड़कियों ने भी इसके लिए कभी ना और कभी हाँ बोल भी दिया था।
फिर मैंने सभी को हमारे रूम में आने को बोल दिया और सतीश को भी मेरे रूम में आने को फ़ोन कर दिया।
हमारा सुइट रूम काफी खुला था, जिसमें चार चेयर लगीं थीं जिनको बहुत अच्छे कपड़े के कवर्स से कवर किया गया था. उनके सामने एक टेबल पड़ा था जिसे फूलों का गुलदस्ता रख कर अच्छा सा सजाया गया था।
साथ ही एक बहुत बड़ा खुला बैड लगा हुआ था, जिसे कार्नर में एक छोटा टेबल लगा था जिस पर एक छोटा सा माइक्रोवेव भी रखा हुआ था और पीने के पानी की दो बोतल रखी गयीं थीं।
जैसे ही हम सभी मेरे रूम में पहुंचे तो मैंने सभी को बैठने के लिए बोला। मोनू और सीमा कुर्सियों पर बैठ गये उनके पास ही आकर सतीश भी वहीं चेयर पर बैठ गया और उनके बिल्कुल पास सीमा भी बैठ गयी.
उनके सामने मैं और प्रियंका बैड पर बैठ गये.
मैंने सबसे पहले सभी को कुछ खाने के लिए पूछा तो सभी ने मना कर दिया, परन्तु मैंने फिर भी इण्टरकॉम पर छह कप काफ़ी के ऑर्डर कर दिए।
अब मैंने सभी की तरफ़ देख कर कहना शुरू किया- देखो दोस्तो, हम सभी लोग अपने बहुत कीमती समय में से समय निकाल कर यहाँ सिर्फ घूमने और मज़े करने आये हैं, तो मैं और प्रियंका चाहते हैं कि फुल मज़े किये जाएँ, अगर आप लोग साथ तो!
कहता कहता मैं रुक गया तो मोनू बोला- बिल्कुल … हम साथ देंगे, आप बताओ?
मैंने फिर आगे कहा- हम चाहते हैं कि हम सभी मिल कर ग्रुप सेक्स करें. जिसमें फुल मज़ा और मस्ती हो. जिसमें किसी को कोई शर्म या झिजक न हो. अगर आप सभी हमारा साथ दो तो ही ये हो सकता है, क्या आप सभी तैयार हो?
तो मैंने एक नजर उन सभी की तरफ़ घुमाई.
मुस्कान थोड़ा शर्मा रही थी, मोनू और सतीश बोले- ठीक है.
मैंने फिर कहा- देखो सभी की आवाज़ नहीं आई. मैंने ये बात सभी से पूछी है. अगर आप सभी लोग सहमत होंगे, तभी हम ग्रुप सेक्स करेंगे. अन्यथा नहीं करेंगे. इसलिए मैंने ये बात सभी से पूछी है.
फिर मुझे मोनू और सतीश की आवाज आई- हम रेडी हैं.
और साथ में दबी सी आवाज़ सीमा की भी आई- रेडी हैं.
तभी प्रियंका सीमा को देख कर बोली- साली थोड़ा ऊँची आवाज में बोल … मुझे तो सुना नहीं!
मैंने फिर कहा- अच्छा, जो जो ग्रुप सेक्स के लिए राजी है वो अपना हाथ ऊपर करे.
और साथ में मैंने भी अपना हाथ ऊपर कर दिया.
मैंने देखा कि सभी के हाथ ऊपर थे.
तो मैंने सीमा और मुस्कान को बोला- अगर सभी एग्री हो तो फिर बोलने में क्या शर्म आती है?
मेरे पास बैठी प्रियंका बोली- मुस्कान, ग्रुप में चुदेगी क्या?
सीमा प्रियंका को बोली- अब चुप भी कर, जब बता दिया सभी एग्री हैं, तो क्यों बेशर्म कर रही है?
मैंने तुरंत कहा- साली, जब तक बेशर्म न हों तब तक मज़ा नहीं आता.
तो मोनू बोला- शुरुआत कैसे करेंगे?
तब तक बैल बजी. मैंने प्रियंका को इशारा किया तो उसने दरवाजा खोल दिया. सभी के लिए काफ़ी आ चुकी थी.
प्रियंका ने काफी लेकर डोर लॉक कर दिया और उसने एक एक करके सभी को काफी सर्व करनी शुरू की.
तो मैंने कहा- सभी अपने अपने सुझाव दो कि कैसे शुरू करें?
मोनू बोला- पहले सभी अपने अपने पार्टनर के साथ सेक्स स्टार्ट करते हैं. बाद में एक्सचेंज कर लेंगे.
फिर मैंने सतीश से पूछा तो वो बोला- वैसे करो जिसमें सभी गर्ल्स को भी कांफर्ट लगे.
मैंने मुस्कान को देखकर कहा- क्या हुआ मुस्कान? तू साली कुछ नहीं बोल रही? मूड भी है या कहीं जबरदस्ती से तो नहीं बैठी यहाँ?
तो मुस्कान बोली- नहीं जबरदस्ती वाली तो कोई बात नहीं. बस मैंने ऐसे ग्रुप सेक्स कभी पहले नहीं किया इसलिए थोड़ा नर्वस सी हूँ. आप सिखा डोज आज तो सीख भी लूंगी. बस ध्यान रहे कि हमें कोई दर्द या परेशानी न हो.
मैंने फिर कहा- घबरा मत डार्लिंग, प्रियंका से पूछ कर देख कितना मज़ा आता है. आज वैसा ही मज़ा आएगा तुझे भी!
फिर मैंने सीमा से कहा- हाँ सीमा डार्लिंग, कैसे शुरू करें?
सीमा बोली- जैसे आपको ठीक लगे!
तो मैंने कहा- अच्छा, हमारा तो ठीक … प्रियंका से पूछ लें फिर!
तभी प्रियंका मुझे काफ़ी का कप पकड़ाती हुई सीमा की साईड लेती हुई बोली- अरे, ठीक ही तो कह रही है वो! ये काम तो आप मर्दों का है. हमारा काम तो बस टांगें उठा कर आपके सामने लेटना है.
प्रियंका की बात से सभी हंसने लगे.
कहानी जारी रहेगी.
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