यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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तभी प्रियंका मुझे काफ़ी का कप पकड़ाती हुई सीमा की साईड लेती हुई बोली- अरे, ठीक ही तो कह रही है वो! ये काम तो आप मर्दों का है. हमारा काम तो बस टांगें उठा कर आपके सामने लेटना है.
प्रियंका की बात से सभी हंसने लगे.
मोनू बोला- वाह प्रियंका, सही बात की है तूने!
मैंने कहा- फिर ऐसा करो … हम सभी लड़कियों के एक एक करके कपड़े उतारते जायेंगे. एक कपड़ा एक लड़का उतारेगा, जिसके पास जाकर जो भी लड़की पूरी नंगी हो जायेगी वो उसी को चोदेगा.
सतीश बोला- सही है. परन्तु ये कहाँ से शुरू होगा?
मैंने कहा- सभी जैसे बैठे हैं, वैसे ही बैठे रहें. बस प्रियंका सतीश के पास जाएगी और मुस्कान मेरे पास आयेगी.
तो एक बार सभी ने मेरी तरफ़ देखा और फिर मैंने तुरंत कह दिया- वो नयी है न, इस लिए यहाँ कंफर्ट रहेगी.
सब समझ गये.
और काफ़ी भी लगभग खत्म हो चुकी थी. प्रियंका ने काफ़ी के कप साइड पर रखे और तुरंत सतीश के पास चली गयी. मुस्कान उठ कर मेरे पास आ गयी.
मोनू और सीमा ने भी थोड़ा आगे की मुस्कान से खाली हुई चेयर पर खिसक कर सतीश को बैठने की जगह दे दी।
प्रियंका तो पूरी तरह खुली हुई थी इस लिए मैंने उसे सतीश के पास भेज दिया।
मैंने सबसे पहले मुस्कान को एक लिप किस की और बोला- मेरी जान, आज तो बहुत खुबसूरत और सेक्सी लग रही हो.
मुस्कान ने भी मेरी किस में मेरा साथ दिया और मेरी जीभ पर जीभ रख कर एक और डीप किस की.
फिर मैंने मुस्कान की कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबा दिया.
मेरे ऐसे करते ही मुस्कान थोड़ा गर्म हो गयी.
मैंने देखा उधर मोनू भी सीमा का टॉप उतार रहा था और हमें देख भी रहा था. वो देखते ही बोला- ओए, ये तो चीटिंग है यार.
उसके ऐसे बोलते ही सभी का ध्यान हमारी तरफ़ हो गया.
प्रियंका बोली- क्या हुआ मोनू?
तो मोनू बोला- यार रवि ने मुस्कान की कमीज़ में हाथ डाल कर उसके मम्में दबाये हैं.
प्रियंका बोली- अरे यार, आप तो शुरू में ही फायदा उठा रहे हो, ये चीटिंग है, जैसे बोला है वैसे करो, एक एक कपड़ा उतारो.
तो मुस्कान प्रियंका को देखकर बोली- कोई बात नहीं, तेरी भी बारी आयेगी फिर बताऊँगी तुझे.
मैंने मुस्कान की कमीज़ को उतार दिया था और मुस्कान ने नीचे फैंसी वाइट ब्रा पहनी हुई थी.
तो मैंने देखा कि उधर सतीश ने भी प्रियंका के टॉप को उतार दिया था. प्रियंका ने नीचे रेड ब्रा पहनी हुई थी.
मोनू ने भी सीमा के टॉप को उतार दिया. उसने काली प्रिंटेड ब्रा पहनी थी.
तभी मैंने मुस्कान को सतीश के पास भेज दिया और प्रियंका मोनू के पास चली गयी और मेरे पास आ गयी सीमा!
मैंने सीमा की जीभ पर जीभ रख कर उसे किस किया और सीमा ने भी मेरे कान के पास मुंह करके कहा- उफ्फ … मस्त मज़ा आयेगा आज तो!
मैंने उसे जवाब में कहा- येस साली, आज तेरी मज़े से गांड फट जायेगी.
उसने कहा- फाड़ दो न फिर!
मैंने उसे किस करके उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी टांगों से उसकी जीन्स को उतार दिया. सीमा ने नीचे काली पैंटी पहनी थी।
मेरे सामने प्रियंका की जीन्स भी मोनू ने उतार दी थी. उसने ब्रा से मैच करती लाल रंग की फैंसी पैंटी पहनी थी. मोनू प्रियंका की टांगों को सहला भी रहा था और उन्हें चूस भी रहा था।
दूसरी तरफ़ मुस्कान की सलवार का नाड़ा सतीश ने खोल दिया और उसकी टांगों के रास्ते मुस्कान की सलवार को उतार दिया. अब मुस्कान के जिस्म पर सिर्फ सफेद ब्रा और ब्राउन कलर की पैंटी रह गयी थी.
मैंने सभी की तरफ़ ध्यान देकर मुस्कान को मुखातिब होकर कहा- साली मुस्कान की सलवार तो मैंने उतारनी थी.
तभी सतीश बोला- आप अपनी पार्टनर पर ध्यान दो.
सीमा मेरे कान में बोली- आप मेरा उतार दो जो उतारना है.
मैंने कहा- तेरी तो अब चुदाई होने वाली है … वो भी मोनू से!
साथ ही मैंने एक स्माइल दे दी.
उसने मुंह सा बना लिया, मुझे ऐसा लगा जैसे वो चाहती हो कि मुझे तो तुम ही चोद दो. वैसे भी मोनू से तो वो रोज़ ही चुदती थी. और जिस हिसाब से उसका नंबर बनता था उस हिसाब से वो घूम कर मोनू के पास ही जाने वाली थी क्योंकि उसके जिस्म पर सिर्फ ब्रा और पैंटी रह गयी थीं. अब उसकी बारी थी सतीश के पास जाने की! अगर सतीश उसकी ब्रा उतारता तो उसके बाद वो मोनू के पास जाती तो मोनू ही उसे नंगी करता.
मैंने सीमा को किस की और उसके कान में कहा- क्यों साली? तूने मुझसे चुदना था क्या?
वो हंसती हुई बोली- जैसे मर्जी समझ लो अब तो!
फिर मैंने सभी को कहा- यार, हमारी पार्टनरशिप तो बन गयी. अब आप अपना अपना पार्टनर बना लो आपस में देख कर!
मेरी बात सुन कर प्रियंका फिर बोली- यार, आप फिर चीटिंग कर रहे हो.
मैंने कहा- यार चीटिंग नहीं है. बात ये है कि इसका नम्बर आता है मोनू के पास. परन्तु मोनू से तो सीमा रोज़ ही चुदती है. इसलिए अगर हम ऐसे ही पार्टनरशिप बना लें तो अच्छा रहेगा. और वैसे भी ऐसा करने का मकसद सिर्फ सभी की शर्म उतारना ही था. अब सभी गर्म हो चुके हैं और सभी की शर्म भी उतर चुकी है. तो अच्छा है कि हम यहीं से शुरू कर दें अगर आप सभी सहमत हो तो?
मुझे देख कर एक पल के लिए सभी को लगा कि बात तो ठीक है.
तो प्रियंका ने फिर कहा- गांड मराओ फिर आप! हम भी ऐसे ही ठीक हैं. चलो मोनू, हम दोनों ठीक हैं.
प्रियंका की बात सुन कर सभी हंस दिए।
मुस्कान और सतीश भी आपस में किस करने लग गये और उन्होंने भी अपनी मौन सहमति दे दी।
मैंने देखा सतीश मुस्कान की ब्रा की हुक खोल रहा था. ज़ल्द ही उसने मुस्कान की ब्रा उतार कर उसको मम्मों को आज़ाद कर दिया.
हाय … मुस्कान के कसे हुए सेक्सी मम्में कयामत थे.
मुझे उधर देखते हुए देख सीमा तुरंत बोली- उधर ही चले जाओ. कहो तो मैं उठ जाती हूँ यहाँ से?
सीमा को मैंने बांहों में ले लिया और बोला- अब नहीं कहीं जाने देता तुझे डार्लिंग! इधर आ … तेरे भी मम्में देखूं.
मैंने भी सीमा की ब्रा उतार दी. उसके मम्में भी पूरे कसे हुए सुंदर दूधिया और सेक्सी थे. मैंने तुरंत उसका एक मम्मा अपने एक हाथ में पकड़ा और दूसरे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा.
मेरे ऐसा करने से सीमा के मुख से सिसकारी निकल गयी.
और फिर मैंने उसका दूसरा मम्मा अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगा. साथ साथ मैं उसके मम्में दबा भी रहा था.
मेरे ऐसा करने से सीमा पूरी तरह चुदासी सी हो गयी. उसे भी मज़ा आ रहा था.
मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी पैंटी में उसकी चूत में अपनी दो उँगलियाँ डाल कर उन्हें सहलाने लगा। जिससे सीमा के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी.
उधर मोनू ने भी प्रियंका को पूरी तरह नंगी कर दिया था. वो उसकी चूत चूस रहा था.
और इधर सतीश अभी तक मुस्कान के मम्में ही चूस रहा था।
प्रियंका और सीमा की सिसकारियाँ निकल रही थीं.
मैंने भी अपना अंडरवियर छोड़ कर बाकी के कपड़े उतार दिए और फिर से सीमा के मम्में चूसने लगा. बीच बीच में मैं सीमा को किस भी कर देता था। मैंने उसकी पैंटी से हाथ बाहर निकला और उसको बैड पर लिटा दिया.
उसके मम्मों को चूसते हुए और जीभ से उसके जिस्म को चाटता हुआ नीचे की तरफ़ आने लगा. मैंने अपने दांतों में सीमा की पैंटी को लिया और उसकी चूत से पैंटी को नीचे कर दिया. फिर मैंने धीरे से वहां एक गर्म सांस छोड़ी जो सीधे उसकी चूत को टकराई.
मेरे ऐसा करने से सीमा सिहर सी गयी. उसे मज़ा आ रहा था.
और फिर मैंने पैंटी को दांतों में लेकर उसकी टांगों से निकाल दिया।
अब सीमा पूरी तरह अल्फ नंगी मेरे सामने थी. उसकी छोटी सी गुलाबी चूत मेरे लंड को आमन्त्रित कर रही थी और मेरा लौड़ा भी अंडरवियर के अंदर खड़ा हो चुका था.
मैंने सीमा की चूत की फांकों को पकड़ कर उसकी चूत को पास से देखा और अपने जीभ को उसकी चूत की दरार में रख दिया, जैसे ही मैंने अपनी जीभ को सीमा की चूत से टच किया तो उसकी चूत कि गर्माहट मुझे भी महसूस हुई. उसकी चूत का नमकीन पानी भी टेस्ट हुआ.
मैं जीभ को उसकी चूत की फांकों के अंदर रगड़ने लगा. सीमा सिसकारियाँ भरने लगी.
और मैंने अब अपने दोनों हाथों को उसके चूतड़ों की नीचे रखा और उसकी गांड उसे ऊपर को कर लिया. उसकी चूत में पूरी तरह जीभ डाल कर और अपने होंठों को उसकी चूत की फांकों पर रख कर चूसने लगा, जिससे सीमा जोर जोर से सिसकारने लगी।
इधर प्रियंका और मोनू भी हमारे पार ही बैड पर आ गये. उसने अपने लंड को प्रियंका के मुंह में डाल दिया और मोनू खुद प्रियंका की चूत को चाटने लगा. दोनों 69 में एक दूसरे को चूसने लगे.
उधर सतीश ने मुस्कान को भी अल्फ नंगी करके नीचे कोर्पेट पर ही उसे अपनी गोद में बिठा कर उसकी चूत में लंड डालना शुरू कर दिया था।
सभी के सभी वासना के सागर में लिप्त हो गये थे। चुदाई का माहौल पूरा गर्म हो चुका था।
मैंने सीमा की चूत को चूसते हुए उसे कहा- साली, बहुत मस्त फुद्दी है तेरी!
सीमा सिसकते हुए बोली- उफ़ … तो इस मस्त फुद्दी को चोद दो आज!
इधर हमारे पास ही मोनू ने प्रियंका को बैड पर ही घोड़ी बना लिया था और पीछे से अपना लौड़ा उसकी चूत में डालने की तैयारी कर रहा था.
मैंने उसे देखकर कहा- लगता है आज प्रियंका की गांड फटेगी?
प्रियंका ने हमारी तरफ़ देखा और बोली- फटती है फटने दो, तुम अपनी वाली की फाड़ो पहले!
मैंने फिर कहा- साली मेरी तो बात करने से ही तेरी गांड फट जाती है. अरे मज़ाक कर रहा हूँ डार्लिंग!
मोनू बोला- अरे सीरियस भी कह रहे हो तो भी क्या दिक्कत है यार? गांड भी तो फाड़ने के लिए ही है.
सीमा बोली- तो फाड़ दो.
मोनू फिर सीमा को बोला- तेरी फाड़ दें क्या?
सीमा बोली- नहीं, अभी तो प्रियंका की फाड़ दो.
मैंने सीमा को कहा- साली, मुझे लगता है तेरी पहले फ़टनी चाहिए.
सीमा ने फिर कहा- क्यों प्रियंका को क्या प्रॉब्लम है?
मैंने कहा- साली, तुझे ज्यादा मज़ा देना है न … इसलिए!
और साथ ही मैंने सीमा को घोड़ी बनने को बोल दिया ताकि पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दूँ.
परन्तु सीमा ने कहा- मुझे तो गोद में बैठना है.
यह सुन कर प्रियंका बोली- इसे डर होगा कि कहीं इसकी गांड न फाड़ दो आप पीछे से.
यह सुन कर सीमा फिर बोली- साली, डर की कोई बात नहीं.
मोनू बोला- मेरे से रोज़ गांड मरवाती है ये!
मैंने सीमा को अपनी गोद में बिठाया और नीचे से उसकी चूत में लंड डाल दिया।
कहानी जारी रहेगी.
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