नमस्ते दोस्तों! मैं अपने बदले हुए नाम तरुण से इस कहानी को लिख रहा हूँ. मैं दिल्ली में रहता हूं. ये कहानी मेरी और मेरे चाचा की लड़की की है.
उस वक्त मेरी उम्र 23 साल है और मेरे चाचा की लड़की, जिसका नाम मेनका है, उसकी उम्र 19 साल की थी. मेरे और उसके बीच बहुत अच्छी दोस्ती है. ऐसा इस लिए भी समझ लीजिए क्योंकि मैं उसकी पढ़ाई में उसका पूरा साथ देता हूं. वो और मैं आपस में बहुत नजदीक हैं. वो मुझे अपनी सारी बात बताती है और मैं भी उसे अपनी सारी बात बताता रहता हूं. मैं और वो बचपन से ही एक साथ खेलते हुए बड़े हुए थे. शायद इसी वजह से मैं उसे जवानी में चोद पाया.
हुआ यह कि जब वो बड़ी हुई, तो उसकी चूचियां बहुत मस्त हो गईं. वैसे तो वो बहुत भरी हुई है, पर उसकी चूचियां सबसे ज्यादा मस्त हैं. उसकी चूचियों का साइज 38डी है, जो एक दिन खुद उसी ने मुझे बताया था.
दरअसल उसके साथ सेक्स को लेकर हुआ क्या था, मैं उसे कैसे चोद सका. इसकी एक बड़ी मस्त दास्तान है.
एक बार मैं और वो एक ही जगह पर इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करते थे. जब हम रास्ते में जाते थे, तो आपस में थोड़ा एडल्ट जोक्स भी सुना देते थे.. या यूं कहें कि मैं ही उसे सुनाता था. उसे मेरे मुँह से एडल्ट जोक्स सुनकर बड़ा अच्छा लगता था और वो मुझे धौल जमाते हुए मजा करती रहती थी.
ऐसे ही एक बार में उसके घर गया, तो मैंने देखा कि वो घर में अकेली है. मैंने पूछा कि सब कहां गए, तो उसने कहा कि सब लोग मार्केट गए हुए हैं.
मैं और वो बैठ कर एडल्ट बातें करने लगे. आज मुझे उसका मूड कुछ अलग सा लगा क्योंकि आज उसने ही एडल्ट जोक सुनाने की शुरुआत की थी, जोकि पहली बार हुआ था. इसके बाद वो मुझे अपने चूचे उठा कर दिखाने लगी और मुझसे पूछने लगी कि बता तो क्या मेरे ये बड़े दिखने लगे हैं.
मैंने भी मजाक करते हुए कहा कि दिखने में तो पहले जितने ही बड़े दिखते हैं, लेकिन दबा कर देखने से सही मालूम चलेगा.
वो हंस पड़ी लेकिन उसने न तो ये कहा कि मत दबा और न ही दबाने का कहा. एक बार तो मेरा मन हुआ कि आज ये मस्ती के मूड में है, दबा कर देख ही लेता हूँ. यदि नाराज होगी तो मेरे पास बचने का बहाना है. तब भी मैंने कुछ नहीं कहा.
उस वक्त हम दोनों एक ही सोफे पर बैठकर बात कर रहे थे. फिर थोड़ी देर में वो वहीं मेरे पास में मेरी जांघ पर सर रख कर लेट गई. वो एक नाइटी पहने थी, जिसका गला काफी बड़ा था.
मुझे उसके इस तरह लेटने उसकी आधी से ज्यादा चूचियां बाहर को निकलती दिखाई देने लगीं. मैं उसे घूर घूर के देखने लगा.
जब उसकी नजर जब मेरी नजर से मिली और उसने देखा कि मैं उसकी नंगी चूचियों को देख रहा हूँ, तो वो शरमा गई. उसने दूसरी तरफ मुँह कर लिया और कहने लगी कि मम्मी को आने में तो अभी काफी टाइम लगेगा.
तो मैंने कहा कि तूने अच्छा बता दिया है.
मैं उसके और करीब को आ गया और फिर मैंने उसके चेहरे की अपनी तरफ घुमाया. वो मुझसे कहने लगी कि तू मुझे ऐसे क्यों देख रहा था?
मैंने कहा- गलती हो गई यार. तू मुझे सेक्सी लग रही थी इसलिए तुझे देखना रोक न सका.
मेरी बोली- कितनी सेक्सी लग रही हूँ?
मैंने उसकी चूचियों पर हाथ डाल दिया और दबाते हुए कहाब- बिल्कुल सन्नी लियोनि सी माल लग रही है.
वो हंसते हुए मुझे धक्का देकर अलग करते हुए बोली- तूने मेरे दूध दबाने की अपनी इच्छा पूरी कर ही ली.
मैं कुछ नहीं बोला, फिर मैं पता नहीं क्या सोच कर वहां से उठकर अपने घर आ गया. उसको मेरा यूं उठ कर जाना कुछ अच्छा नहीं लगा. उसने मुझे रोकने की कोशिश की, पर मैं नहीं रुका. शायद हम दोनों में अभी भी भाई बहन वाली फीलिंग बची थी जो हमें सेक्स करने के लिए रोक रही थी.
फिर ऐसे ही अगले दिन जब हम इंग्लिश की क्लास में जाने लगे. मैं उसकी तनी हुई चुचियों को देख रहा था.
तो वो बोली- भाई तू मुझसे क्या चाहता है?
मैंने न जाने किस झोंक में कह दिया- देख मैं नहीं जानता कि ये सब क्या है लेकिन मैं तुझे चोदना चाहता हूं. तू मुझे बहुत अच्छी लगती है.
इस पर वो बोली- देख हम अच्छे दोस्त हैं और हमारे बीच भाई बहन के चलते ये सब नहीं हो सकता.
तो मैं बोला- ठीक है.
फिर मैं बहुत दिन तक उससे कुछ नहीं बोला.
एक दिन वो मेरे साथ जा रही थी, तो वो मेरे हाथ में हाथ डाल कर बोली कि कल मम्मी दिन में घर पर नहीं रहेंगी और भाई भी स्कूल जाएगा.
मैं बोला- फिर?
तो वो बोली- तू आ जाना, मैं वहीं तुझे कुछ बताऊंगी.
मैं जब अगले दिन उसके घर गया, तो उसने दरवाजा खोला. मैं अन्दर चला गया, तो उसने मेन दरवाजा बंद कर दिया और मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई. उस वक़्त उसने बहुत ही गहरे गले की टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक घुटने तक आने वाला लोअर पहना हुआ था. वो बहुत हॉट लग रही थी.
फिर मैंने कहा- देख मैं जानता हूं कि तू भी मुझे पसंद करती है.
मेरे ऐसा बोलते ही वो मेरे से लिपट गई और बोली कि मैं भी तुझसे प्यार करने लगी हूं और रात को भी अब तेरे बारे में ही सोचती रहती हूं.
मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके रसभरे होंठ को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमारे बीच से भाई बहन वाला पर्दा हट गया था.
ऐसे ही हम कुछ मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और फिर इसके बाद मैंने देर न करते हुए उसकी टी-शर्ट निकाल दी और लोअर को भी नीचे कर दिया. वो मेरे सामने एक छोटी सी सफ़ेद ब्रा और पेंटी में थी. बहुत ही हॉट एंड सेक्सी माल लग रही थी.
फिर मैंने उसकी सफ़ेद ब्रा को भी निकाल फेंका और जब मैंने उसकी उठी हुई चूचियों को देखा, तो मेरा लंड बिल्कुल अकड़ गया.
मैंने भी झट से अपना लोअर भी उतार दिया. फिर मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा. वो सिसकारी लेने लगी और उसका हाथ भी मेरे लंड पर चला गया. वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी.
कुछ ही देर में मैं उसको लिटा कर उसकी फुद्दी को चूसने लगा. वो टांगें हवा में उठा कर अपनी फुद्दी को चुसवाने का मजा लेने लगी. मेरे सर को अपनी फुद्दी पर दबाने लगी. थोड़ी ही देर में मैंने उसकी फुद्दी का रस निकाल दिया और सारा रस पी गया.
कुछ पल बाद वो भी मेरे लंड को चूसने लगी, लेकिन उस अच्छे से लंड चूसना नहीं आ रहा था.
फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी फुद्दी पर अपना लंड घिसने लगा. वो एकदम से गरमा गई, बहुत तेज सिसकारी लेने लगी और मुझसे बोली- अब सहन नहीं होता, प्लीज जल्दी से अन्दर डाल दो.
तो मैंने भी एक तेज धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी फुद्दी में अन्दर चला गया.
अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि उसके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी आंख से आंसू आ गए. मैं उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और जब मुझे लगा कि वो भी अब थोड़ा सहन करने लगी है, तो मैंने फिर से एक तेज धक्का दे मारा और अपना आधा लंड उसकी फुद्दी में पेल दिया. वो चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए, जिससे उसकी आवाज दब गई.
मैं अपने आधे लंड को ही उसकी फुद्दी में आगे पीछे करने लगा. कुछ देर बाद फुद्दी से चिकना पानी निकला, तो मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और उसे दनादन चोदने लगा. शुरुआत में तो उसे कुछ दर्द हुआ लेकिन अब वो मस्ती में अपनी गांड उठा कर मेरे लंड से चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद वो एकदम से कड़क हो गई और मुझसे लता सी लिपटती हुई झड़ गई. मुझे भी काफी आग लगी थी, उसकी चूत के चिकने पानी से मेरा लंड बड़ी तेजी अन्दर बाहर होने लगा था. कुछ ही पल बाद मैं भी उसकी इच्छा पर उसकी चूचियों पर झड़ गया.
वो आज बहुत ही ज्यादा गर्म थी और मेरे लंड का सारा पानी अपनी चूचियों पर डलवा कर मम्मों को खूब मसला.
फिर मैंने देखा कि उसने अपनी एक उंगली से चूची पर से मेरा रस उठा कर चाटा भी था.
मुझे उसकी इस अदा पर उस पर बड़ा प्यार आया और मैं उससे चिपक गया, जिससे मेरे लंड का रस हम दोनों के सीनों में रगड़ गया.
इसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर बेसुध होकर लेट गए. कुछ देर बाद उसने खुद को साफ़ किया. उसकी फुद्दी से खून भी निकला था. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. हम दोनों बाथरूम में आकर शावर के नीचे खड़े हो गए. मैंने नहाने के बाद उसे अपनी बांहों में भर लिया.
ऐसे ही मैंने उसे पूरे दिन धीरे धीरे करके तीन बार चोदा. उसके बाद तो मैं उसे अब तक चोदता आया हूं. मैंने उसे अपने एक दूर के रिश्ते के भतीजे से भी चुदवा दिया है.
यह मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है और पहली बार लिख रहा हूं. प्लीज अगर आगे भी आप मेरी और उसकी चुदाई स्टोरीज पढ़ना चाहते हों, तो मुझे जरूर बताएं.
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