मेरी पिछली इंडियन सेलिब्रिटी सेक्स स्टोरी
नई टीवी एंकर की नई चूत-1
में टीवी न्यूज़ की दूसरी एंकर गुड्डी रानी की कैसे चुदाई की गयी उसका विस्तार से वर्णन किया था.
यह भी बताया था कि गुड्डी रानी ने कुछ रिस्की किस्म की चुदाई की इच्छा ज़ाहिर करी थी. रिस्की भी ऐसी … जिसमें पकड़े जाने का खतरा तो हो. लेकिन सिर्फ खतरा ही हो, असलियत में पकड़े न जाएँ.
खैर मुझे तो कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता था. कोई मुझे देख भी लेता तो वो मादरचोद मेरा क्या बिगाड़ लेता. मुझे कौन जानता या पहचानता है.
परन्तु लड़कियों को तो बहुत ज़्यादा सावधानी रखनी ज़रूरी है और वह भी विशेषतः टीवी वाली जानी पहचानी लड़कियों को.
सिर पर मंडराते हुए खतरे की कल्पना से गुड्डी रानी की चुदास में जलती आग में घी डालने जैसा हो गया था. यहाँ तक कि बेबी रानी को भी लगने लगा कि ऐसी लंडबाज़ी में कुछ अलग सा मज़ा आएगा जो पहले कभी नहीं भोगा था.
फिर क्या था दोनों रानियां लग गयीं पीछे कि राजे कुछ खोपड़ी लगा और सोच कि होटल में रिस्की सेक्स कैसे किया जाए.
कुछ देर दिमाग़ खपाने के बाद एक आईडिया आया.
मैंने कहा- देर रात में होटल की सीढ़ियों पर चुदाई करेंगे.
गुड्डी रानी बोली- कुत्ते, वहां तो न जाने कितने लोग आते जाते रहेंगे … तेरा दिमाग़ भी लगता है कि तेरे लौड़े में घुस गया है … साला चूतिया कहीं का!
मैंने रानी के मस्त चूचुक निचोड़ते हुए हंसकर कहा- नहीं नहीं मेरी चुड़क्कड़ रांड … तू छोड़ दे ये मुझ पर … कुछ नहीं होगा … और अगर लोगों ने तुझे देख भी लिया तो क्या तूफान आ जायगा … तू है भी तो एक नंबर की रंडी … जो देख ले उससे भी चुद लियो मादरचोद.
बेबी रानी ज़ोर से अट्टहास करके हंसी.
गुड्डी रानी ने भन्नाने का नाटक करते हुए एक ज़ोर का मुक्का मेरी छाती पर मारा- चुप कर कमीने … ज़्यादा बक बक करेगा तो कुत्ते के अंडे फोड़ दूंगी.
अब मैंने गंभीर होकर कहा- बहनचोद मैं भी तेरा, मेरे अंडे भी तेरे … फोड़ दे अगर उनको फोड़ के तुझे मज़ा मिलता तो … मैं मज़ाक नहीं कर रहा रंडी … मैंने बुलबुल रानी के पैरों के सौ चुम्बन लिए थे होटल की सीढ़ियों पर … उन चुम्मियों से ही वह पटी थी … अगर सौ चुम्मियाँ ली जा सकती हैं तो चुदाई भी हो सकती है … घबराने की ज़रूरत नहीं है … आज लंड का पूरा मज़ा तेरी चूत को दूंगा … फ़िक्र न कर कुतिया.
मैंने कहा- देखो रंडियो … सीढ़ियों पर नंगे होकर नहीं चोद पायंगे. इसलिए ऐसे कपड़े पहनो जिनको उतारना न पड़े. सिर्फ ऊपर को सरका के चूत नंगी हो जाए. पैंटी न पहनना और हा हा हा … न ही ब्रा.
गुड्डी रानी के पास ऐसी कोई पोशाक नहीं थी.
मगर बेबी रानी के पास दो ड्रेसेस थीं इस प्रकार की. उसने एक ड्रेस गुड्डी रानी को दे दी.
यहाँ पाठकों को यह बता दूँ कि मेरी कहानी
ऑस्ट्रेलिया की बुलबुल रानी
अक्टूबर 2015 में अन्तर्वासना साइट पर छपी थी. जिन पाठकों ने वह कहानी न पढ़ी हो वह ऊपर कहानी का लिंक क्लिक करके पढ़ सकते हैं. यह जिन सौ चुम्मियों का ज़िक्र ऊपर मैंने गुड्डी रानी से किया उसको विस्तार से कहानी में पढ़ सकते हैं.
यह सत्य है कि मैंने एक बैंक्वेट की सीढ़यों पर बैठ कर बुलबुल रानी के पैरों को सौ बार चूमा था और उससे एक शर्त जीती थी.
इसलिए मैं आश्वस्त था कि चुदाई का जुगाड़ भी हो जायगा.
इसका मुख्य कारण यह था कि होटलों में सीढ़ियों पर केवल होटल के सफाई कर्मचारी ही जाते हैं. न कि कोई रुका हुआ व्यक्ति.
और फाइव स्टार होटलों में सीढ़ियों की सफाई हर समय नहीं होती. सीढ़ियां दिन में साफ़ कर दी जाती हैं और देर रात में होटल के बाकी स्थान, जो पब्लिक की नज़रों में आते हैं, उनकी सफाई की जाती है.
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि होटल में आने जाने वाले मेहमानों को कम कम से असुविधा हो.
खैर मैंने एक डेनिम बरमूडा और टी शर्ट पहन ली. हम तीनों चुदासे, काम वासना से पीड़ित, लिफ्ट से होटल के टॉप फ्लोर पर पहुंचे.
और फिर मैं दोनों रानियों को गलियारे की एक सिरे पर सीढ़ियों की ओर ले चला.
रास्ते भर इनकी बहस होती रही कि पहले कौन चुदेगी.
बेबी रानी का कहना था कि उस दिन क्या … पिछली शाम से गुड्डी रानी कई बार चुद ली. इसलिए इस बार उसका नंबर होना चाहिए.
गुड्डी रानी का जवाब था कि बेबी तू तो अनगिनत बार चुदाई का मज़ा ले चुकी. जबकि मैं आज पहली बार ही चुदी हूँ इसलिए मेरी बारी पहली होनी चाहिए.
इस पर बेबी रानी ने झल्ला कर कहा- भोसड़ी वाली गुड्डी … बहनचोद … तू तो ऐसा दिखा रही जैसे अब तक अपनी चूत को संभाल के रखा तो दुनिया पर बड़ा अहसान किया. हरामज़ादी मैंने कहा था क्या चूत में लंड न ले … साली तेरी खुद की गांड फटती थी … अब अहसान झाड़ रही कमीनी.
मैं बोला- अच्छा अच्छा झगड़ो नहीं रानियों … मैं टॉस कर लूंगा … जो टॉस जीत गयी वो पहले चुदेगी … ठीक ना?
ग़नीमत है कि यह बात दोनों ने बिना ज़्यादा बात बढ़ाये मान ली.
फिर गुड्डी रानी को डर सताया कि होटल में तो जगह जगह सीसी टीवी कैमरे लगे होंगे तो हम पकड़े नहीं जायँगे क्या?
मैंने समझाया कि रानी कैमरे तो लगे ही हैं लेकिन तुझे डर किस बात का है. होटल के गलियारों या सीढ़ियों पर घूमने में कोई रोक थोड़े ही है. कोई जुर्म तो नहीं कर रहे जिसका पता पुलिस को कैमरा फुटेज देखकर लगेगा जब तेरी शक्ल दिख जायगी. ना ही कोई आपत्तिजनक अवस्था में घूम रहे हैं. मेरी सफ़ेद दाढ़ी से तुम दोनों पर कौन शक करेगा कि तुम चुदने जा रही हो.
रानियां कुछ नहीं बोली, सिर्फ ‘हूँऊँ’ करके रह गईं.
लगता था कि वे अच्छे से आश्वस्त हो गईं थीं.
खैर हम सीढ़ियों से छत की तरफ चढ़ गए मगर छत का दरवाज़ा बंद था. वैसे भी छत पर जाना नहीं था क्यूंकि फाइव स्टार होटलों में छत पर काफी मशीनें जैसे कंप्रेसर, सेंट्रल एयर कंडीशनर के यूनिट, कूलिंग टावर इत्यादि होती हैं जो बहुत शोर करती हैं.
छत के दरवाज़े के सामने सीढ़ियां खत्म होने के बाद एक आठ दस फुट लम्बा और छह या सात फुट चौड़ा सपाट स्थान था जहाँ मैंने चुदाई करने का प्लान बनाया था.
बेबी रानी बोली- चल अब टॉस तो कर कमीने! मगर मेरे पास कोई सिक्का नहीं है.
गुड्डी रानी ने कहा कि वो भी पर्स लेकर नहीं आयी.
पर्स तो मैं भी नहीं लाया था. इसलिए पहले पांच मिनट तक रानियों की फटकार सुनी.
जब उनका गुस्सा शांत हो गया तो मैंने कहा- बहनचोद, घबराती क्यों हो. हम बिना सिक्के के भी टॉस कर लेंगे.
इस पर गुड्डी रानी ने झल्ला कर कहा- हरामज़ादे क्या मुझे उछाल के टॉस करेगा या बेबी को?
मैं हँसते हुए बोला- रानी तुम दोनों को तो मैं लौड़े पर उछालूंगा जान … सुन … मैं तुम दोनों की तरफ पीठ करके खड़ा हो जाता हूँ. तुम दोनों अपनी पोजीशन बदलटि रहो … मुझे नहीं पता होगा तुम अभी वाली स्थिति में हो या अदल बदल कर ली … फिर मैं घूमूँगा और जिसकी चूची मेरे हाथ में आ गयी वो बाद में चुदेगी … ध्यान से सुन जिसकी चूची हाथ में आ गयी वो बाद में चुदेगी … ठीक है?
दोनों रानियों ने सिर हिला कर हामी भरी.
पलट के मैंने उनकी तरफ पीठ कर ली. थोड़ी देर के बाद बेबी रानी की आवाज़ आयी- ओके, घूम जा अब.
मैंने दायीं तरफ घूमते हुए पलटी खायी और जो सामने चूची आयी उसको ज़ोर से जकड़ लिया. देखा तो बेबी रानी का चूचा था.
बेबी रानी थोड़ी निराश तो थी मगर यह शर्त सबने मानी थी इसलिए कुछ बोली नहीं.
चूंकि बेबी रानी का चूचा मैंने पकड़ा था इसलिए उसकी बारी बाद में चुदने वाली थी.
गुड्डी रानी तो बेचैन थी ही इस रिस्की वाली चुदाई को.
मैं उस चबूतरे के सिरे पर बैठ गया और टाँगें चौड़ी करके सीढ़ियों पर फैला ली. गुड्डी रानी ने तुरंत ही अपनी ड्रेस ऊपर समेटते हुए चूत नंगी कर ली और लपक कर मेरे पास आ गयी.
रानी ने मेरे बरमूडा को खोल कर नीचे घुटनों तक घसीट दिया. मेरा फुफकारता हुआ लौड़ा नंगा हो गया. सुपारा चुदास की भयंकर आग से गर्म गर्म खून से भर के फूल के कुप्पा हो गया था और बार बार फुदक रहा था.
गुड्डी रानी ने एक चुम्बन लौड़े पर दागा और झट से चढ़ गयी.
मैंने लंड को थाम के आराम से रानी की चूत पर टिकाया और दूसरे हाथ से जो रानी के कंधे को दबाया. तो लंड धम्म से उसकी रस से भरी हुई चूत में जा घुसा.
रिस्की चुदाई की कल्पना से ही शायद रानी बहुत अधिक उत्तेजित हो गयी थी क्यूंकि इधर लंड ने उसकी चूत में धमाका किया, उधर चूत ने ढेर सारा रस छोड़ दिया.
गर्मागर्म चिकने जूस से नहा कर लंड निहाल हो गया.
गुड्डी रानी स्खलित होने के बाद कुछ देर तो मेरे से चिपक के पड़ी रही, गहरी गहरी साँसें लेते हुए.
फिर उसमें दुबारा से हवस की बिजली कौंधी.
तब तो उसने उछल उछल के, चूतड़ कुदा कुदा जो धक्के ठोके हैं कि क्या बताऊँ.
इतने साल तक जो वह बिन चुदे रही थी. तो ऐसा लगता था कि सारी कसर आज ही पूरी करेगी.
मेरे कंधे जकड के गुड्डी रानी हुमक हुमक के चोद रही थी.
उधर बेबी रानी तेज़ी से अपनी भगनासा को रगड़ रही थी. दोनों रानियों के मुंह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकल रही थीं.
गुड्डी रानी जल्दी ही चरम सीमा पार कर गयी. रेस लगाए घोड़ी की तरह हांफते हांफते रानी मुझ से जोंक की तरह लिपट गयी और कंन्धे पर ज़ोर से दांत गाड़ दिए. उसके लम्बे नाख़ून मेरी पीठ में गड़ गए थे.
बीस पच्चीस तगड़े धक्के टिका कर मैं भी झड़ गया.
मेरे झड़ते ही लावा रानी की चूत में जो भर गया उसकी गर्मी से रानी फिर से चरम आनंद को प्राप्त हुई.
तब तक बेबी रानी भी अपनी चूत रगड़ कर स्खलित हो गयी थी.
कुछ देर हम यूँही पड़े रहे.
फिर गुड्डी रानी ने मेरा लौड़ा चाट के साफ़ किया और बेबी रानी ने गुड्डी की चूत को जीभ से साफ़ किया.
मेरी पहले वाली कहानियां पढ़ पढ़ के इन दोनों को चुदाई के बाद लंड को जीभ से साफ करने में आनंद आने लगा था.
और सत्य में इसमें बहुत अधिक आनंद मिलता भी है.
पंद्रह बीस मिनट के बाद जब साँसें काबू में आ गयी तो बेबी रानी की चुदने की बारी थी.
मगर उसकी चुदाई सीढ़ियों पर बैठ के नहीं हुई क्यूंकि सख्त फर्श पर बहुत समय से बैठे बैठे धक्के लगाने से मेरे चूतड़ दुखने लगे थे.
इसलिए बेबी रानी को चोदा मैंने खड़े होकर. उसको गोदी में लेकर कुतिया की पीठ दिवार से लगा के लंड पर सवार कर दिया. रानी ने दोनों टाँगें मेरी कमर से लपेट लीं. लौड़ा पूरा चूत में पेल के मैंने रानी को दीवार से सटा कर दबा के चोदा.
रानी को इस पोजीशन की चुदाई में बेहद मज़ा आ रहा था- राजे राजे राजे … आह आह आह … कुत्ते माँ चोद दे हरामी … आह आह आह आह … ऐसे ही चोदे जा मादरचोद … और ज़ोर से ठोक राजा … हाँ हाँ हाँ ठोके जा … आह आह … क्या बात है! राजे बहुत मज़ा देता है तू कमीने … आह आह आह.
उधर गुड्डी रानी चूं चूं किये जा रही थी कि मुझे इस तरह से क्यों नहीं चोदा.
मैंने डांटा- चुप हरामज़ादी … तेरी माँ भी चोद दूंगा खड़ी करके … मरी क्यों जा रही है रंडी? भोसड़ी वाली, पचास बार झड़ के फालतू टांय टांय कर रही बहन की लौड़ी.
उसने डांट खाकर टांय टांय करनी तो बंद कर दी मगर मुंह में कुछ कुछ मुनमुन करती रही.
बहुत ज़्यादा हसीन है ना! इसलिए नखरे तो उसके स्वभाव में बने रहना तो आवश्यक ही है.
ऐसी हुस्न की मल्लिकाएँ अगर नखरे न करेंगी तो कौन करेगा.
उसे टीवी में न्यूज़ एंकर के स्थान पर फिल्मों में हीरोइन होना चाहिए था.
चुदाई के बाद जब दोनों झड़ गए तो लौड़ा और चूत साफ़ करने का काम इस बार गुड्डी रानी ने किया.
खैर रिस्की वाली चुदाई खत्म होने पर हम लोग वापिस रूम में आ गए.
बाद में गुड्डी रानी की खड़े होकर चुदने की इच्छा भी पूरी कर दी.
तीन दिन के बाद होटल से विदा लेने का वक़्त आ गया था.
चेक आउट करके हम सब अपने अपने घर चले गए.
इंडियन सेलिब्रिटी सेक्स स्टोरी जारी रहेगी.