साथियो.. आप सभी को मेरी तरफ से नमस्ते.
मेरा नाम दीपक है, मेरी उम्र 19 साल है. मैं 12वीं में पढ़ता हूँ.
मैंने आप सभी की कहानियों को पढ़ा है.. और सोचा कि मैं भी अपनी कहानी आप सभी के लिए लिख देता हूँ.
यह मेरे सच्ची कहानी है और मुझे यकीन है कि ये आप सभी को काफी पसंद आएगी.
मेरी जब भी स्कूल की छुट्टियाँ होती थीं.. तो मैं मामा के घर चला जाता था.
मेरे मामा के घर मेरे मामा जी की एक लड़की थी.. जिसकी उम्र 20 साल थी. वो दिखऩे में काफी सेक्सी और हॉट है. उसका फिगर 32-28-36 का है.
मैं पहले तो उसके बारे में कभी भी गलत नहीं सोचता था.. पर एक दिन मैंने उसे नहाती हुई देख लिया.
वो उस दिन काफी गजब का माल दिख रही थी.
मैंने उसी दिन से उसे चोदने का मन बना लिया था.
उसके बाद जब भी वो पेशाब करती या नहाती.. तो मैं उसे छुप-छुप कर देखता था.
एक दिन घर में कोई नहीं था.. वो और उसका छोटा भाई था.
इत्तफाक से मैं भी वहीं था.
उस दिन मैंने सोच लिया था कि आज इसे चोदना ही है.
मैं उसके पास जाकर लेट गया, हम ऐसे ही बात करने लगे.
मैंने पूछा- दीदी आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड है क्या?
उसने मुझे गुस्से से देखा और बोली- क्या?
मेरी तो गांड फट गई थी यारों.. पर मैंने सोचा अगर इसे चोदना है तो थोड़ा रिस्क तो उठाना ही पड़ेगा.
मैंने फिर वही पूछा.
अबकी बार उसने थोड़ा प्यार से देखा और बोली- नहीं.. क्यों पूछ रहा है?
मेरे को लगा कि कुछ बात बन सकती है, मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैंने दीदी के पास जाते हुआ कहा- दीदी आप बड़ी सेक्सी हो.
उसने मुझे घूरते हुआ देखा और बोली- तू भी तो कोई कम थोड़ी है.
मेरे दिल में लड्डू फूटा, मैंने दीदी से कहा- आपके दिल सेक्स करने का नहीं करता क्या?
उसने कहा- कभी-कभी करता है.. पर तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो?
मैंने कहा- बस ऐसे ही.
उस टाइम तक उसका छोटा भाई सो चुका था और हम दोनों एक ही बिस्तर के ऊपर बैठे हुए थे.
मैंने पूछा- आपने ब्वॉयफ्रेंड क्यों नहीं बनाया?
उसने हँसते हुए कहा- कोई तेरे जैसा मिला ही नहीं.
तब मैं समझ गया कि उसका दिल भी सेक्स करने का है. मैं उसके बिल्कुल पास चिपक गया.
वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- दीदी से प्यार.. क्यों अच्छा नहीं लगा?
उसने हँसते हुआ कहा- नहीं.. ऐसी कोई बात नहीं है.
उसके इतना कहते ही मेरे हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
वो बोली- क्या कर रहा है?
मैंने उसकी कुछ नहीं सुनी और उसे किस करने लगा. वो लगातार मना कर रही थी.. पर मैं कहा मानने वाला था.
मैंने उसको बिस्तर पर गिरा लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
उसने थोड़ी देर बाद मेरा साथ देना चालू कर दिया.
फिर वो बोली- चलो दूसरे कमरे में चलते हैं.
मैंने भी उसकी बात मान ली और हम दोनों दूसरे कमरे में चले गए. मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर उसे चूसने लगा और एक हाथ से उसके मम्मे सहलाने लगा.
फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, अब उसने सिर्फ पैन्टी पहनी थी.
मैं उसके मम्मे मुँह में लेकर चूसने लगा और मेरा एक हाथ उसकी पैन्टी के अन्दर था.
वो जोर-जोर से मादक सिसकारियां ले रही थी.
मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना मुँह रख दिया.
थोड़ी देर में वो झड़ गई.
बाद में मैंने अपने कपड़े उतार दिए.
मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है, वो इसे देख कर बोली- इतना बड़ा..!
उसने आज तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.. तो उसकी चूत एकदम टाइट थी.
मैंने उससे लौड़ा मुँह में लेने के लिए कहा.. पर उसने मना कर दिया, बोली- नहीं.. ये मुझे अच्छा नहीं लगता.
मैंने भी ज्यादा जिद नहीं की.
अब तक वो फिर से गर्म हो चुकी थी और सिसकारियाँ ले रही थी ‘ऊऊफ़्फ़्फ़ उफ्फ्फ..’
उसकी जोर-जोर से निकलती सिसकारियां माहौल को और चुदास भरा बना रही थीं.
मैंने भी बिना देर किए उसे सीधा लिटा कर उसकी चूत के ऊपर थूक लगाया और थोड़ा अपने लंड पर भी मल लिया.
अब मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना लंड रख दिया और रगड़ने लगा.
दीदी अचानक से बोल उठी- अब चोद भी दे बहनचोद.. क्या नाटक कर रहा है.
वो एकदम गर्म हो गई थी और जोर-जोर से सीत्कार करने लगी.
मैंने लंड ठेला और उसका ऊपर का हिस्सा चूत में जाते ही उसके मुँह में से चीख निकल पड़ी.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
थोड़ी देर में मैंने एक जोरदार झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया.
उसकी चूत से खून आने लगा था.
थोड़े देर मैंने ऐसे ही रखा और बाद में एक और झटका मारा.. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था.
वो दर्द से तड़फ रही थी और मुझे छोड़ने के लिए कह रही थी.
पर मैं कौन सा उसे ऐसे ही छोड़ देता. कितने दिन बाद तो हाथ आई थी.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा डार्लिंग.
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
बस धकापेल चूत चोदी और उसकी चूत में ही झड़ गया.
उस रात मैंने और उसने पूरी मस्ती से कई बार अलग-अलग तरीके से चुदाई की.
यह थी मेरे जीवन की सच्ची कहानी और मुझे यकीन है कि ये आप लोगों को बहुत पसंद आई होगी.