नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम राहुल है. मैं हरियाणा के कैथल से हूँ. अभी मेरी उम्र 22 साल है. अभी तक में कई लड़कियों की चूत मार चूका हूँ. जिनमें से ज्यादातर छोटी उम्र (18-19) की रहीं. एक स्कूल की मैडम को मैं 7 महीने से चोद रहा हूँ. मैंने चोद चोद कर उसका फिगर ही चेंज कर दिया. अब उसकी शादी हो गयी, फिर भी कभी कभी चूत दे देती है.
यह सवाल मेरे जेहन में बहुत बार आता है कि लड़कियों को अपने से बड़े लड़कों से क्या लगाव होता है.
मेरी गर्लफ्रेंड बी.कॉम में है. मैंने उसे होटल में ले जाकर ही उसकी सील तोड़ी थी.
मैंने एक लड़की को और फंसाया है. वो भी जबरदस्त माल है.
दोस्तो, जब लड़का लड़की से 5-6 साल बड़ा हो, तो वो उसे ज्यादा प्यार देता है. उसको नॉलेज भी ज्यादा होती है. वो ज्यादा केयर करता है, जिससे लड़की चिपक जाती है.
यह बात 2016 की है. एक लड़की मुझसे ट्यूशन पढ़ने आती थी. उसका नाम अनामिका था. मैं प्यार से उसे अन्नू कह देता था. वो देखने में बड़ी ही क्यूट थी. अभी वो बीकॉम में थी और मुझसे मैथ पढ़ने आती थी.
उसकी मम्मी मुझे थोड़ा सा जानती थीं. वो मेरे घर आईं, बोलीं- ये मैथ में कमजोर है, आप इसे पढ़ा दिया करो.
उसकी मम्मी ओर वो दोनों ही जबरदस्त माल दिख रही थीं. एक मिनट तक तो में उन दोनों को देखता ही रहा. खुले गले से उसकी मम्मी की चूचियां साफ दिख रही थीं.
अनामिका ने भी मुझे नमस्ते किया. तब मैंने उसकी तरफ देखा. उसके चुचे थोड़े छोटे थे, मगर आम लड़कियों बड़े थे. अनामिका की इस छोटी उम्र में उसके चुचे और चूतड़ काफी निकल आए थे. मैंने इससे पहले भी अक्सर उसे स्कूल में आते जाते वक्त देखा था. मैं उसको अपने घर में देख कर फूला न समाया. मेरा दिल खुश था कि इस खूबसूरत हॉट लड़की को पढ़ाना पड़ेगा. मैं पढ़ाई में होशियार था. जानबूझकर मैंने उसकी टाइमिंग 6 बजे की कर दी. ताकि सारे स्टूडेंट्स चले जाएं.
उस समय दो लड़कियां मेरे पास आने लगीं. मैं उन दोनों को मजे से पढ़ाने लगा जिससे वो मेरी तरफ आकर्षित हो जाएं. मैं कभी कभी उसके हाथ चूम देता था. एक दिन गाल पर भी चूम दिया. उसने कुछ नहीं कहा. अब मैं कभी भी उसके मम्मे दबा देता था. वो भी हंस देती थी. उसकी तरफ से सिग्नल साफ था. बस समय मिलने की देरी थी.
न जाने कितनी बार मैंने उसके नाम की मुठ मारी होगी.
उन दिनों मैं स्कूल वाली मेम को चोदता था, तो अनु की फीलिंग लेकर ही चुदाई का मजा लेता था.
धीरे धीरे हम दोनों करीब आते गए, पर वो दूसरी लड़की कुछ नहीं करने देती थी. फिर हम दोनों ने उसको भी समझाया. वो मेरे घर के दूसरे कमरे में अपने ब्वॉयफ्रेंड से बात करने लगीं. हम दोनों इसी रूम में प्यार करने लगे. हर दोनों रोज क़िस करने लगे. मैं उसकी लोअर नीचे करता, तो वो चिल्ला देती थी.
अनु बोली- सर ये नहीं करो. कोई भी आ सकता है.
उसकी बात सच थी. मेरे घर कभी भी कोई भी आ सकता था.
अनु का फिगर 32-26-34 का था. उसका मदमस्त फिगर दिन रात मेरी नजरों के आगे आने लगा था. दिल में भी बस वो ही समाई हुई थी.
एक दिन अनु ने बताया कि उसकी मम्मी बाहर जा रही हैं. बाद में पता चला वो भी किसी से चुदने जाती थीं. मेरी तरह अन्नू की चुदास भी बढ़ रही थी.
हम दोनों ने प्लान बनाया. उस दिन मैं 2 कंडोम और वियाग्रा लेकर उसके घर आ गया. मैंने घर में जाते ही वियाग्रा खा ली थी.
वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई और मेरे गले लग गयी. उसकी चुचियां मुझसे रगड़ खा रही थीं. मेरा लंड उत्तेजित तो पहले ही था, अब 120 डिग्री पर पेट को लगने लगा था. अपने लंड में इतना कठोरपन तो मैंने कभी भी नहीं देखा था.
उसने मुझसे चाय के लिए बोला. पर मुझे तो दूध पीना था. मैं उसको बेड पर लेटा कर होंठ चूमने लगा.
आहा क्या मजा था … बिल्कुल शहद से मीठे होंठ. वो भी पूरा मजा ले रही थी. मैंने उसके कानों को चूमा. फिर टी-शर्ट निकाल दी. उसके मम्मे बिल्कुल टाइट बॉल जैसे थे. जवानी की अद्भुत मिसाल थी वो. जीती जागती जन्नत की हूर थी.
उसकी तनी हुई चूची को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया. इतनी गोरी चुची. मुँह में लेकर चूसने लगा. कभी ये वाली, कभी वो वाली, मैंने उसकी दोनों चूचियां चूस चूस कर लाल कर दीं. वो भी अपनी चूचियों को मस्ती से चुसवा रही थी.
फिर मैंने कहा- तुम भी मेरा चूसो न.
उसने गुस्सा दिखाकर मना कर दिया.
फिर मैंने अपना लोवर निकाल दिया. उसको भी रेडी कर दिया. अब मेरे सामने परी थी. मैं ऐसे माल को देख कर बहुत खुश था … कच्ची चूत मेरे सामने थी. टी-शर्ट लोअर के नीचे उसने कुछ नहीं पहना था.
मैंने उसकी नाभि को चूमा. उसको कूल्हों को दाँत से काटा. मैं उसके पूरे शरीर को चूमता रहा. उसे गुदीगुदी हो रही थी.
उसकी चूत एकदम फ्रेश माल थी. उसके ऊपर छोटे छोटे मुलायम बाल थे. मैंने झट से वहां भी मुँह मारा. उसकी चूत चूमने लगा.
वो ‘आह उई..’ करने लगी.
फिर मैंने उसकी चूत में एक उंगली करके देखी. एकदम कसी हुई चूत थी. मेरी उंगली भी आसानी से अन्दर नहीं जा रही थी.
मैं ताजा माल पाकर खुश था. अब मैंने उसे कंडोम पकड़ा दिया. वो शरमा गयी और उसने मेरे लंड को कंडोम पहना दिया. फिर मैंने लाइट ऑफ कर दी.
कंडोम में लंड बिल्कुल फटने को था. मैं लंड को उसकी चूत पर रगड़ता रहा. उसे भी मजा आ रहा था.
जब मैं उसे चोदने लगा, तो सही पोजीशन नहीं बन रही थी. फिर मैंने बेड से उतरकर उसकी टांगों को चौड़ा किया. अब मैंने जैसे ही लंड को चूत की फांकों में रखा, वो घबरा कर पीछे को चली गई.
मैंने उसे आंखें दिखा दीं और चुचों को काट लिया. फिर मैंने देसी टेक्निक लगाई … बेड के ऊपर आकर चूतड़ के नीचे तकिया रखा. अब चुत लंड के निशाने पर थी. मैंने एकदम से लंड घुसा दिया. वो चिल्लाने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह…
फिर मैंने बाहर करके धीरे धीरे अन्दर बाहर किया. कुछ देर के दर्द के बाद वो चुप हो गयी. अब एक मिनट में मैंने पूरा लंड अन्दर कर दिया. उसने किलकारी लगा दी. बेड की चादर खून में सन गयी.
उसके बाद मेरे लंड पर इतना जोश चढ़ा हुआ था कि मुझसे रुका नहीं गया. अब तो वो भी मजे लेकर चुदने लगी- आह राहुल, मरर गयी मैं!
मैंने कहा- सब ऐसे ही मरते हैं.
वो बोली- हां सच्ची … मेरी मम्मी को भी अंकल ऐसे ही 7-8 मिनट तक करते हैं.
उसी समय मुझे मालूम हुआ कि आंटी भी किसी अंकल के साथ चुदाई का मजा लेती हैं. वो अंकल कौन थे, ये भी आपको कुछ देर में पता चल जाएगा.
कुछ मिनट तक चुदाई के बाद मैं झड़ गया. वो उठी तो खून सी रंगी चादर देख कर डर गई. वो बोली- मैं कपड़े धो लूँ, मम्मी आ जाएंगी.
वो उठने लगी, लेकिन उससे चला नहीं गया. मैं उसे सहारा देकर बाथरूम में ले गया. चादर को मशीन में डालने के बाद बाथरूम में मैंने उसे फिर चूमने लगा. वो भी तैयार हो गई थी. मैंने उसे बाल्टी के ऊपर बैठा कर दीवार के सहारे से चोदा.
अबकी बार पूरा मजा आया. पूरे तीस मिनट तक लंड झड़ा ही नहीं. अभी तो कंडोम भी नहीं था, तो खाल से खाल रगड़ने का सुख मिल रहा था.
मैंने चुदाई के बाद लंड की पिचकारी उसके पेट पर दे मारी.
उसने मुझे गले लगा लिया और बोली- आई लव यू हनी …
इसके कुछ देर बाद मुझे मालूम हुआ कि उसकी सहेली भी साइड वाले रूम में चुद रही थी. उसको अनु ने ही बुला लिया था क्योंकि आज उसकी मम्मी के न होने का फायदा उन दोनों ने उठाने का मन बना लिया था. हम दोनों उन्हें देखने के लिए खिड़की से झांकने लगे.
मैंने देखा तो वो लड़की उस लड़के के ऊपर बैठी थी. वो धीरे धीरे उसे चोद रही थी. उसका फिगर भी जबरदस्त था. उसने अपने होंठों को चुसवा कर सुजा लिया थे.
हम दोनों को उन्हें देख कर हंसी आ रही थी. थोड़ी देर में वो लड़की नीचे उतर गई और उस लड़के से चिपक कर दोनों लेट गए.
अनु ने बताया कि इन दोनों ने पहले भी यहां सेक्स किया है.
मैंने फिर से देखा तो अब वो लड़की फिर से लडके के लंड को मुँह में लेने लगी थी.
मेरा भी मन करने लगा. मैंने अनु को बोला- तुम भी लो मेरा.
वो चुप रही. मैंने धीरे से उसके मुख में लंड दे दिया. वो लंड चाट कर थूकने लगी.
वो बोली- गंदा है.
इस तरह हमारा रंगीन दिन चल रहा था. अब हमको भूख भी लगी थी. अन्दर देखा, तो उसकी सहेली घोड़ी बनी हुई है. और पेलमपेल चुदाई चल रही थी. उसने अपनी चूत में कंडोम भी गुलाबी रंग का ले रखा था.
उस लड़की का नाम कोमल (काल्पनिक) था वो बड़े मजे से चुद रही थी. पर उसने मेरे पास ट्यूशन पर कभी भी कोई ऐसी हरकत नहीं की थी. मैं उसको शरीफ समझता था. पर अब वो भी मेरी लिस्ट में शामिल हो गयी थी.
इसके बाद मैं और अनु किचन में जाकर दूध पीने लगे. हम दोनों ने सेब खाए.
मेरे ऊपर वियाग्रा का असर ऐसा बना हुआ था कि अब फिर लंड का मूसल बन गया. कोमल और वो लड़का बाहर आ गए थे. वो लड़का कोई और नहीं, मेरा स्टूडेंट था.
वो बोला- सर आप भी यहां?
मैंने बोला- गुरु को मजा दिला दे इस कोमल का.
वो बोला- एक शर्त पर … आपको अनु की दिलवानी पड़ेगी.
मैंने कहा- तुम पूछ लो उससे.
उसके बाद हम एक साथ बैठे खाने पीने लगे. मैंने अनु से कहा- चलो बेड पर चलते हैं.
हम चारों ग्रुप सेक्स के लिए राज हो गए थे. अपने साथी को बदल कर बांहों में लेकर मजा करेंगे.
कोमल मेरी बांहों में शर्मा रही थी. मैं उसको दूसरे रूम में ले गया. गोली खाने से मेरा सर चकरा सा गया था … पर सेक्स अब भी चढ़ा था.
दूसरे रूम में जाकर वो लेटने लगी … मैंने कहा- नंगे सोएंगे.
वो झट से राजी हो गई और कपड़े उतार कर लेट गयी. मैंने देखा कि उसकी चूचियां तो एकदम गोरी थीं. पूरी तनी हुई थीं, हालांकि अनु से थोड़ी छोटी थीं.
मैंने उसको गले लगाकर लेटा लिया. मेरी इच्छा थी वो मेरा लंड चूसे. उसने भी साथ दिया. हम दोनों फोरप्ले करने लगे.
अब मैंने उसके मुँह में लंड दे दिया, तो वो बिना किसी नखरे के लंड चूसने लगी. आह वो इतना अच्छा लंड चूस रही थी. उसका ब्वॉयफ्रेंड कितना लक्की होगा. उसने बताया कि उन्होंने मेरे घर के बाथरूम में भी किस किया हुआ है.
मुझे हंसी आने लगी. मुझे एक ख्याल आया कि ये लड़की खेली खाई है क्यों न इसकी गांड मार ली जाए.
मैंने उसी से तेल मंगवाया, तो वो बोली- लाती हूँ.
शायद उसे नहीं पता था कि अब उसकी गांड मरेगी.
मैंने लंड और गांड में आयल लगाया. मेरा जी कर रहा था कि इस प्यारी गांड को सारा दिन तेल लगाता रहूँ.
वो समझ गई और बोली- सर यहां तो दुखेगा. अमित ने एक दिन किया था तब दर्द हुआ था.
मैंने कहा- तू चिंता न कर.
मैं उसकी गांड में उंगली करने लगा उसको थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा. मैंने बिना बताए थोड़ा सा लंड डाल दिया एक इंच बस.
वो मस्त होकर बोली- बस सर इतना ही करो.
मैंने थोड़ा थोड़ा ही अन्दर बाहर किया. वो मजे लेने लगी थी. फिर मैंने थोड़ा सा और अन्दर कर दिया. वो ‘आह … आह..’ करने लगी. मैं जन्नत में था … लंड भी ऐसी गांड में जाकर खुश था. मैं उसके चुचकों को दबाने की कोशिश करने लगा.
फिर मैंने पूरा लंड उतार दिया. वो चिल्ला उठी. लेकिन मुझे पूरा मजा आने लगा. फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर बाहर किया … और चोदते चोदते उसे चूमता रहा.
वो बोली- सर मैं भी आपको पसंद करती थी. पर आप उस पर फिदा हो गए.
मैंने कहा- अब कसर निकाल ले.
मैंने उसको दस मिनट तक चोदा और वीर्य उसकी कमर पर छोड़ दिया. मैं उसके चूचुकों को चूमने लगा.
दोस्तो, माल छूटने के बाद चूमने के वो मजे नहीं रहते. उसके बाद मैं सो गया.
शाम को अनु ने मुझे उठाया … वो बोली- मम्मी की कॉल आई है. मैं उनको बस स्टैंड से लेकर आती हूँ. आप इधर से चले जाओ.
कोमल वहीं रह गयी. फिर उस लड़के ने बताया कि अनु की मम्मी कोमल के पापा से खूब चुदती हैं. उसी ने उसकी गांड ओर छाती को इतना बड़ा किया है. अनु के पापा की ड्यूटी पानीपत में है. वो हफ्ते में एक दिन आते हैं.
अब मेरी निगाह अनु की मम्मी पर थी.
इस तरह मैं आज भी उन दोनों को चोद रहा हूँ … उसकी मम्मी से चुदाई की स्टोरी में आगे लिखूँगा.
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