अंकल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरे पड़ोसी अंकल को मैंने रात को अपने घर बुलाया. उन्होंने मुझे नंगी करके मेरी चूत चाट कर मुझे जम कर चोदा. आप भी मजा लें.
इस अंकल सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
अंकल का लंड बना कोरोना काल में सहारा-2
में आपने पढ़ा कि मेरे पड़ोस के अंकल मुझे छोड़ने मेरे घर आये हुए थे. मैंने खूब सज धज कर उनके लंड लेने को बेताब थी.
लगभग 5 मिनट की जोरदार चूमाचाटी के बाद हम अलग हुए तो वो मेरी साड़ी मेरे जिस्म से अलग करने लगे.
तो मैंने उन्हें रोका और कहा- अभी इतनी भी क्या जल्दी है. अभी तो पूरी रात बाकी है. आराम आराम से करेंगे!यह कहकर मैं बेडरूम में चली गयी और धीरू अंकल मेरे पीछे पीछे बेडरूम में आ गये।
अब आगे देसी अंकल सेक्स स्टोरी:
उनके बेडरूम में आते ही मैंने उन्हें पकड़ कर बिस्तर पर धक्का दे दिया जिससे वो बिस्तर पर गिर गये.
फिर मैं जाकर उनके ऊपर लेट गयी और उन्हें किस करने लगी.
अब धीरू अंकल का हाथ मेरी गांड पर था. वो साड़ी के ऊपर से मेरी गांड को दबा रहे थे.
फिर उन्होंने मुझे बालों से पकड़कर मेरे चेहरे को ऊपर उठाया और जोर से मेरे होंठों पर काट लिया.
जिससे मुझे हल्का सा खून भी आ गया.
लेकिन मैंने उन्हें कुछ कहा नहीं क्यूंकि मुझे भी इस सब में मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने भी उनके होंठ पर काट लिया जिससे उनकी भी हल्की सी चीख निकल गयी।
अब उन्होंने मेरी साड़ी पीछे से उठानी शुरू कर दी और अब वो पैंटी के ऊपर से मेरी गांड सहला रहे थे.
धीरे धीरे वो पैंटी के ऊपर से ही अपनी उंगली मेरी चूत घुसाने को बेताब थे.
मगर वो ऐसा कर नहीं पा रहे थे.
फिर अचानक से उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी साड़ी का दुप्पटा जो मेरे कंधे पर था, उसे खींचा और मेरी साड़ी उतारनी शुरू कर दी.
अब मैं उनके सामने ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
अचानक अंकल ने मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपनी तरफ खीचा और बोले- जान, आज तो तेरी चूत की खैर नहीं! साली को बुरी तरह से फाड़ दूंगा. तुझे अपनी रानी बनाकर रखूँगा.
तो मैंने कहा- वो तो देखा जायेगा कि कौन किसकी गांड फाड़ता है.
मेरे दिमाग में भी कुछ तूफानी चल रहा था.
मगर वो सब मैं अभी नहीं बताऊँगी. वो सब आपको आगे कहानी में पढ़ने को मिलेगा.
मेरे मुंह से ये बात सुनकर धीरू अंकल बोले- अच्छा ऐसा क्या करने वाली हैं?
तो मैंने कहा- वो सब आपको बाद में पता चल जायेगा।
यह सुनकर उन्होंने मेरे ब्लाउज को खोलना शुरू कर दिया और ब्लाउज को मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
अब वो ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स काटने लगे.
तो इतने में मैंने उनकी टीशर्ट उनके जिस्म से अलग कर दी.
उनकी छाती पर घने बाल थे जैसे असली मर्द के होते हैं.
मैं उनकी छाती पर अपनी उंगलियाँ फेरने लगी.
अब उन्होंने मेरे पेटीकोट पर हमला कर दिया और एक झटके में उसे मेरी जिस्म से अलग कर दिया.
मैं उनके सामने नीले रंग की ब्रा पैंटी में थी. पैंटी भी बस किसी तरह मेरी चूत ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
मुझे ऐसे देखकर उनके तो जैसे होश ही उड़ गए!
वो बहुत देर तक मुझे ऐसे निहारते रहे.
फिर मैंने उनका पजामा उनके जिस्म से अलग कर दिया.
अब वो मदरजात मेरे सामने नंगे थे; उनका मूसल लंड मेरे सामने लटक रहा था.
या यूँ कहूँ कि उनका मूसल लंड मेरी चूत को सलामी दे रहा था।
फिर उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और गले से लगा लिया.
मैंने भी उनसे जैसे चिपट सी ही गयी. उनकी बाँहों में मुझे एक अजीब सा सुकून भी मिला.
यह शायद इस वजह से हो सकता है कि मुझे बहुत दिनों बाद किसी मर्द का स्पर्श हुआ था.
खैर वजह जो भी हो … मुझे उनसे चिपट कर मज़ा बहुत आ रहा था।
फिर उन्होंने अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और उसे मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
वो नीचे बैठ गये और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर किस करने लगे.
फिर उन्होंने पैंटी के दोनों तरफ हाथ डालकर उसे नीचे खिसकाना शुरू कर दिया और मैंने भी पैर उठाकर पैंटी उतारने में उनकी मदद की।
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरी तरह से नंगे खड़े थे और धीरू अंकल मुझे एकटक देखे जा रहे थे जिससे मुझे कुछ शर्म भी आ रही थी.
फिर वो मुझे लेकर बिस्तर पर आ गए और मेरे ऊपर चढकर मुझे किस करने लगे.
अब अंकल धीरे धीरे नीचे जाने लगे.
उन्होंने मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.
फिर वो मेरी नाभि को चाटने लगे. उन्हें अच्छी तरह से पता था कि लड़की को गर्म कैसे किया जाता है.
उनके नाभि चाटने के तरीके से मैं बिन जल मछली की तरह छटपटाने लगी.
थोड़ी देर बाद वो मेरी जांघों को चाटने लगे. वो बार अपना मुंह मेरी चूत के पास लाते मगर चाटते नहीं थे.
मैंने उनका सर पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया.
वो तो जैसे इसी का इन्तजार कर रहे थे.
अंकल मेरी चूत चाटने लगे.
अब तो मुझे लगा कि मैं स्वर्ग में हूँ. मेरे मुंह से बस ऐसा निकल रहा था- आआह्ह आअह जानू … चाट मेरी चूत को … आअह खा जा साली को … उफ मार डाला … अम्मी आआह्ह … कैसा मर्द मिला है!
वो ये सब सुनकर और जोश में आ गये और मेरी चूत को धीरे धीरे अपने दांत से काटने लगे.
ये मेरे लिये ये एकदम नया अनुभव था. इससे मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्होंने मुझे उठाया और 69 की अवस्था में कर लिया.
अब मैं उनका लंड चूस रही थी और वो मेरी चूत चाट रहे थे।
मैं भी उनके लंड के साथ साथ उनके टट्टे भी चाट रही थी.
उन्होंने भी मेरी तरह अपने लंड को एकदम चिकना किया हुआ था.
वो मेरी चूत इतनी अच्छी तरह से चाट रहे थे कि मैं तभी उनके मुंह पर अपनी चूत मारते मारते झड़ गयी.
जैसे ही मैं झड़ी, उन्होंने तुरंत मुझे अपने से अलग किया और मेरे ऊपर आ गए.
अब अंकल अपना लंड मेरी चूत पर सहलाने लगे.
तो मैंने उनको कहा- अंकल पहले कंडोम पहन लो.
उन्होंने कंडोम पहन लिया.
फिर मैंने उनसे कहा- अभी मैं झड़ गयी हूँ. आप पहले मेरी चूत चाटकर मुझे गर्म करो; तभी मज़ा आयेगा.
तो वो बोले- मेरी जान, तुझे तो मैंने जानबूझकर झड़वाया है. अब देख जब मेरा लंड तेरी चूत में जायेगा तो तुझे कितनी तकलीफ होगी.
मैंने उन्हें प्रश्नवाचक मुद्रा में पूछा तो वो बोले- ये सुबह का बदला है. तूने मुझे सुबह चोदने नहीं दिया था ना … तो अब ये दर्द झेल।
अंकल को मैंने बाँहों में भर लिया और बोली- डाल मादरचोद … दिखा अपना दम!
मेरे मुंह से गाली सुनकर उनमें भी जोश आ गया और बोले- ले साली रंडी … बहन की लोड़ी … आज तुझे चोद चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
तभी उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.
मैं बस आआ आअह्ह ह्हहांआ आआईईई ईईईई बहन चोद … साले कुत्ते मादरचोद … फाड़ दी मेरी चूत! गधे के लंड … आराम से नहीं कर सकता था. उफ्फ साले हरामी … धीरे कर ले मादरचोद … चूत जल रही है मेरी आऐईई!
ये सुनकर वो और जोर जोर से धक्के मारने लगे.
और साथ साथ गाली भी दिए जा रहे थे, बोल रहे थे- हां साली, बहुत हंस रही थी माँ की लोड़ी! अब देख कैसे तेरी बहन चोदता हूँ. साली तेरी बहन को भी ऐसे ही चोदूँगा. उस साली रंडी पर भी मेरी नज़र है चुदैल!
और वो बस ‘उफ्फ ले साली … और ले … आःह्ह’ करते हुए मुझे चोदे जा रहे थे।
मैं बस ‘आराम से कर चूतिये … वर्ना मेरी फट जाएगी.’ ही बोल पा रही थी.
मगर वो तो जैसे मेरी जान ही निकाल देना चाहते थे.
वो तो मुझे ऐसे चोद रहे थे जैसे ये उनकी आखिरी चुदाई थी और इसके बाद उन्हें चूत देखने को भी नहीं मिलेगी।
खैर 25 मिनट की लगातार जबरदस्त वाली चुदाई के दौरान मैं पता नहीं कितनी बार झड़ी.
उन्होंने मेरा जिस्म पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया था.
मैं हैरान थी 60 साल की बुड्ढे में इतनी ताकत देखकर!
एक बार को तो दिमाग में आया कि इस बुड्ढे से ही शादी कर लेती हूँ. कम से कम चुदाई तो बढ़िया मिलेगी.
फिर मैंने अपनी भावनाओं पर काबू पाया और चुदाई का मज़ा लेना का सोचा.
वो जैसे ही झड़ने को हुए तो उन्होंने और तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिये.
फिर वो बस ‘आआह्ह मेरी जान … आःह्ह मैं झड़ने वाला हूँ.’ और आआह्ह्ह्ह करते करते 2-4 धक्के जोर जोर से मारे और मेरी चूत में झड़ गए.
वो तो शुक्र है कि कंडोम था.
वर्ना तो जितना पानी उनके लंड से निकला था वो तो मुझे 1 बार में ही माँ बना देते।
फिर वो मेरे ऊपर ही गिर गये और सो गए.
मैं भी थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रही.
फिर मैंने उनको अपने ऊपर से हटाया और बाथरूम जाकर फ्रेश होने लगी.
तो मेरी नज़र मेरी चूत पर गयी क्यूंकि मुझे चूत में बहुत जलन हो रही थी.
देखा बहुत दिनों बाद चुदने से चूत एकदम छिल सी गयी थी.
खैर मैंने अपने आप को साफ़ किया और आकर लेट गयी.
थोड़ी देर बाद मुझे भूख लगी तो मैंने सोचा कि अंकल को भी उठा देती हूँ, ये भी कुछ खा लेंगे.
तो मैंने उन्हें उठाया.
फिर हम दोनों ने साथ में डिनर किया.
हम दोनों अब भी नंगे थे और मैं उनकी गोद में बैठकर खाना खा रही थी.
बीच बीच में वो मुझे नीचे बैठाकर अपना लंड भी मेरे मुंह में डाल देते थे कभी कभी पनीर को अपने टट्टों पर रखकर मुझसे चटवाते थे.
तो कभी दाल को मेरी चूत में डालकर वहां से चाटते थे.
उनका ये तरीका मुझे बहुत रोमांचित कर रहा था।
मैंने भी उनका लंड पकड़ कर कहा- बूढ़े शेर में अभी भी बहुत दम है.
तो वो अपनी मर्दांगनी पर खुश होते हुए बोले- अभी तो पूरी रात बाकी है मेरी जान! अभी तो तेरी गांड का भी नंबर आएगा.
मैंने सोचा कि यही सही मौका है और मैंने गांड मरवाने से मना कर दिया.
अंकल मुझे फ़ोर्स करने लगे तो मैंने कहा- ठीक है. लेकिन मेरी एक शर्त है. मेरी गांड मारने के बाद मुझे भी कुछ करना है. अगर आप वो करने दोगे तो आगे भी मेरी गांड और चूत मार सकते हो.
वो बोले- क्या करना है तुझे?
तो मैंने कहा- वो सब मैं बाद में बताऊँगी. आप पहले प्रॉमिस करो।
उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे हाँ कह दी.
मैंने मन मन में सोचा कि अब आयेगा मज़ा।
फिर हमारा खाना ख़त्म हुआ और वो जाकर बिस्तर पर लेट गए.
इतने में मैंने नंगी ही सारा सामान अंदर रसोई में रख दिया और आकर अंकल की बाँहों में लेट गयी.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया तो मैंने भी उनका लंड सहलाना शुरू कर दिया. अंकल मुझे अब किस किये जा रहे थे.
तभी वो उठे और अपने पजामे से 1 गोली निकालकर खाली.
मैं समझ गयी की बुड्डा अब गोली खाकर चोदेगा।
धीरू अंकल मेरे बूब्स चूस रहे थे और मैं उनका लंड सहला रही थी, मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.
अंकल मेरी गांड भी सहला रहे थे और धीरे-धीरे मेरी गांड में उंगली भी कर रहे थे.
मैं समझ चुकी थी कि अब मेरी गांड की चुदाई होने वाली है और मैं इसके लिए तैयार भी थी.
मैंने धीरू अंकल की तरफ देखा तो वह इशारे से मुझे गांड मरवाने के लिए तैयार करने लगे.
हंसकर मैंने भी उन्हें अपनी हामी भर दी.
अब धीरू अंकल ने मुझे बिस्तर पर उल्टा लिटा दिया और मेरी चूतड़ों को फैला दिया. उन्होंने धीरे धीरे मेरी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
वे अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में डाल देना चाहते थे. वे बहुत जोर जोर से मेरी गांड का छेद चाट रहे थे और अपने एक हाथ से मेरी चूत में उंगलियां डाल रहे थे.
मुझे तो अब दोनों तरफ से मजा आ रहा था.
मैंने तो पहले भी गांड मरवाई हुई थी इसलिए मुझे किसी बात का कोई डर नहीं था.
लेकिन बहुत दिनों की चुदाई के बाद मेरी चूत में भी दर्द हो गया था इसीलिए थोड़ा सा डर लग रहा था कि धीरू अंकल का लंड कैसे मेरी गांड में जा पाएगा.
लेकिन मैं कुछ भी सोचने की हालत में नहीं थी क्योंकि मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था.
तभी धीरू अंकल ने दो उंगलियां मेरी गांड के छेद में डाल दी.
मेरी हल्की सी चीख निकल गई.
धीरू अंकल अपनी उंगलियों से मेरी गांड की चुदाई कर रहे थे और जीभ से मेरी कमर को चाट रहे थे.
फिर उन्होंने गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया जिससे मुझे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो गया था.
मैं बस आअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह कर रही थी.
तभी अंकल ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर लगा दिया.
वे धीरे धीरे अंदर धक्का देने लगे.
लेकिन लंड गांड में नहीं गया.
तभी धीरू अंकल ने मुझे तेल लाने के लिए बोला तो मैं तेल लेने चली गई.
मैं रसोई में से थोड़ा सा देसी घी ले आई.
धीरू अंकल ने देसी घी की कटोरी मेरे हाथ से लेकर उसमें से थोड़ा सा देसी घी निकल कर मेरी गांड के छेद में अच्छे से लगाया और थोड़ा सा अपने लंड पर भी लगा लिया.
मैंने धीरू अंकल को कहा- आप कंडोम पहन लो.
लेकिन धीरू अंकल ने कहा कि गांड में तो बिना कंडोम के ही करूंगा क्योंकि बिना कंडोम के साधा मजा आता है.
तो मैंने भी धीरू अंकल को ज्यादा फोर्स नहीं किया क्योंकि गांड में अगर पानी चला भी जाता तो मुझे गर्भवती होने का कोई डर नहीं था.
अब धीरू अंकल ने फिर से अपने लंड का दबाव मेरी गांड के छेद पर लगाया. इस बार उनका लंड आधा मेरी गांड में घुस गया.
मेरी बहुत तेज एक बार चीख निकली; मैं बहुत जोर से करके चिल्लाई.
मैंने धीरू अंकल को कहा- भोसड़ी के … मेरी गांड भी फाड़ेगा क्या मादरचोद बहन के लोड़े? धीरे-धीरे चोद ना!
मगर धीरू अंकल पर तो किसी बात का कोई असर था ही नहीं!
उन्होंने दूसरे झटके में पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और जोर जोर से धक्के देने लगे.
मेरी सच में गांड फट गई थी क्योंकि मैं अपनी गांड बहुत दिनों बाद चुदवा रही थी.
लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी गांड उनके लंड की आधी हो गई और मुझे भी थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा.
लगभग 15 मिनट गांड मारने के बाद धीरू अंकल के झटके और ज्यादा तेज हो गए तो ही मैं समझ गई कि धीरू अंकल झड़ने वाले हैं.
उन्होंने मुझे तुरंत ही घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी गांड में लंड डालकर जोर जोर से हिलाने लगे.
तभी अंकल थोड़ी देर में गांड में ही झड़ गए.
मित्रो, आपको मेरी देसी अंकल सेक्स स्टोरी में जरूर मजा आ रहा होगा.
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देसी अंकल सेक्स स्टोरी का अगला भाग: अंकल का लंड बना कोरोना काल में सहारा-4