दोस्तो, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ, यह मेरी पहली कहानी है.
बात तब की है जब हमारे पड़ोस में एक नया परिवार रहने आया. फैमिली छोटी थी, हस्बैंड वाइफ और उनकी बेटी!
उनकी बेटी खूबसूरत थी, नाम था अर्चना (असली नहीं) वो जॉब करती थी.
पहले ही दिन हम घुलमिल गये. हम सब हंसी मजाक करते रहते. हम अक्सर दोनों घूमने जाते थे.
एक दिन मैं और अर्चना एक पार्क में पहुंचे, और आइसक्रीम लेकर एक बेंच पर बैठ गये. बातें करते करते उसने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने ‘नहीं’ कहा तो बोली- क्यों नहीं है?
तो मैं बोला- पता नहीं, बस कोई बनी नहीं!
तो वो हंसने लगी.
मैं भी हंस दिया और बोला- गर्लफ्रेंड जरूरी होनी चाहिए?
वह बोली- इस उम्र में नहीं होगी तो कब होगी?
मैं बोला- चलो देखेंगे, अगर कोई बन गई तो!
दिन निकलते गये, 14 फरवरी का दिन था और मुझे कहीं जाना था तो अर्चना मुझसे बोली कि उसे भी उस तरफ जाना है, क्या मैं उसे वहाँ तक छोड़ दूंगा?
मैंने हाँ बोल दी और हम चल दिए.
रास्ते में बारिश शुरू हो गई तो मैंने बाइक सड़क के किनारे पर लगा दी और हम एक पीपल के पेड़ के नीचे खड़े हो गये.
गाँव की छोटी सड़क थी, कोई आ जा नहीं रहा था.
वह हंसने लगी तो मैं गुस्से में बोला- हम बारिश में फंस गए हैं और तुम्हें हंसी आ रही है?
वो बोली- कुछ नहीं, बस ऐसे ही! हमारे साथ तो फिल्मी सीन हो गया.
मैंने पूछा- क्यों?
तो वह बोली- देख लो, सब फिल्मी सीन नहीं लग रहा?
मैं भी हंस दिया.
कुछ सेकंड बाद वह फिर बोली- तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे?
मैं सरप्राइज रह गया.
वह मेरे नजदीक आई और बोली- बोलो ना?
मैं हाँ बोला तो वो मुझ से लिपट गई और बोली- अपनी गर्लफ्रेंड को किस नहीं करोगे?
मैंने उसके होंठ पे किस किया और उनको चूसने लगा.
हम एक दूसरे के शरीर पर हाथ घुमा रहे थे, वो लम्बी लम्बी सांस लेने लगी. मैंने अपना एक हाथ आगे किया और उसके बूब्स पर रख दिया.
वो बोली- रोड पे अगर कोई गुजरा तो देख लेगा! मेरी सहेली के घर चलो!
हम बारिश में ही बाइक पे चल दिए.
कुछ दूर उसकी सहेली का घर था जहाँ उसे जाना भी था.
उसकी सहेली ने दरवाजा खोला तो हम अंदर चले गए.
अर्चना अपनी सहेली को लेकर किचन में चली गई.
मैं भीगा हुआ था.
दो तीन मिनट बाद दोनों हंसती हुई आई तो अर्चना की सहेली ने मुझे टॉवेल दिया और किचन में चली गई.
अर्चना और मैं एक रूम में चले गए. मैंने उससे पूछा- तुम्हारी सहेली पूछेगी नहीं कि हम यहाँ क्यों आये?
तो वो बोली- ये कॉफ़ी दे के अपने रूम में चली जाएगी और हम यहीं रहेंगे.
और मुझे आँख मार दी.
मैं समझ गया.
उसकी सहेली आई और कॉफी देकर चली गई.
अर्चना बोली- जल्दी कॉफी पी लो!
और दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया तो वो बोली- यार कॉफी तो पी लो!
मैं उसके गले पे चूमने लगा तो वो सीधी हो गई और मेरे होंठों पे होंठ रख दिए. हम एक दूसरे को चूमते जा रहे थे.
फिर उसने मेरी शर्ट और बनियान उतार दी और बोली- सर्दी लग जाएगी, जल्दी से कपड़े उतार दो.
मैंने अपनी पैंट भी उतार दी, उसने अपना टॉप उतार दिया.
मैं उसके ब्रा में कसी हुई चुची देखने लगा. वो मेरी तरफ हुई और बोली- क्या सिर्फ देखोगे?
मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया और ब्रा के ऊपर से ही चुची चाटने लगा. उसके पेट पर किस करते हुए मैंने उसकी लोअर उतार दी.
अब वो सिर्फ पेंटी और ब्रा में थी. हम दोनों एक दूसरे को चूमते जा रहे थे.
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी बॉडी पे किस करता रहा. वो लम्बी लम्बी साँसें ले रही थी उसकी सी सी की आवाज़ आ रही थी.
मैं ब्रा के ऊपर से उसकी चुची दबाने लगा तो उसने मेरा मुँह अपनी चुची में दबा लिया. मैंने नीचे से हाथ डाल कर ब्रा की हुक खोल दी. उसकी सख्त गोरी चुची और भूरे निप्पल देखता रह गया.
वो बोली- क्या हुआ?
तो मैं बोला- यार तुम्हारे बूब्स तो झकास हैं!
वो हंस दी.
मैंने उसकी एक चुची हाथ से दबानी शुरू की और दूसरी मुँह में ले ली.
सच मानो यार… मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था लेकिन मैं जन्नत में था.
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उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा हथियार पकड़ लिया. थोड़ी देर उसकी चुची चूसने के बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाक्ल दिया.
वो उठी और अपनी पेंटी उतार कर मेरा अंडरवियर भी उतार दिया. फिर पास में से एक तेल की शीशी से थोड़ा तेल लेकर और मेरे डिक पर लगा कर बोली- ऊपर आओ ना!
मैं उसके ऊपर हुआ तो उसने अपनी टाँगें खोल दी. मैं अपना टूल उसकी टांगों के बीच रख कर घिसने लगा. उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली- यार अंदर डाल भी दो अब!
मैं हंस दिया और बोला- इतनी बेसब्री?
वो नीचे से धक्का लगाने लगी लेकिन उसकी टाइट थी, हम दोनों को दर्द हो रहा था. लेकिन वो लगी हुई थी अपने काम में यानि नीचे से अपने चूतड़ उठा कर मेरा लंड अपनी चूत में लेने की कोशिश में!
दो चार मिनट बाद ही मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया, मैं उसके ऊपर गिर गया, हम दोनों पसीने से भीगे थे लेकिन एक दूसरे को देख कर मुस्करा दिए.
मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया, मजा आ रहा था, वो भी अपने कूल्हे उछाल उछाल कर मजा ले रही थी. उसकी आवाज़ें सुन कर और मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसे कुतिया के जैसे खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसकी चुची अपने दोनों हाथों से पकड़ ली. कसम से यार क्या मजा आ रहा था… वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाजें किये जा रही थी.
थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैंने अपना हथियार बाहर निकला और हाथ से आगे पीछे करने लगा तो वो बोली- ये मेरा काम है.
और मेरा लंड पकड़ कर कभी चूसने लगती तो कभी हाथ से आगे पीछे करने लगी.
मेरे लंड से माल बाहर आ गया और कुछ उसके चेहरे पे तो बाकी उसके हाथ पे गिर गया.
वो मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखने लगी और फिर उठी और मुझे किस कर लिया,
हम दोनों थक गए थे तो बाथरूम में जा कर नहाने लगे.
अर्चना बोली- अब बैठो, मैं कॉफी लाती हूँ.
और हम हंसने लगे.
अर्चना ने मेरे गीले कपड़े प्रेस करके सुखा कर मुझे दिए और खुद भी पहन लिए और कॉफ़ी लेने चली गई.
उसकी सहेली अर्चना से बोली- यार, आज तो वैलेंटाइन डे है, गिफ्ट मिला कोई क्या?
तो अर्चना बोली- हाँ, हम दोनों ने एक दूसरे को गिफ्ट दे दिया है.
और हम तीनों हंसने लगे.
अर्चना, मैं और उसकी सहेली ने कॉफी पी और फिर हम वहाँ से चले आये.
उस दिन के बाद हम जब भी मौका लगे, एन्जॉय करते थे.
इस तरह मेरी पहली गर्लफ्रेंड ने वैलेन्टाइन डे पर मुझे अपनी चूत का उपहार दिया. मेरी गर्लफ्रेंड की चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी?