नमस्कार प्यारे दोस्तो, अभी कुछ समय पहले ही मुझे एक नया सेक्स अनुभव हुआ जिसको मैं आप सब पाठकों से शेयर कर रहा हूँ.
मेरी उम्र 28 साल की है. मेरी शादी हुए अभी कुछ महीने ही हुए हैं. मेरे घर के पास एक परिवार रहता है जिस में एक बेहद सुन्दर लड़की रहती है. उसका नाम है मीशा. वह अभी जवानी की देहलीज़ पर कदम रख रही थी. इसलिए उस की सुन्दरता एकदम निखरी निखरी नजर आती थी. इस उम्र में लड़कियों को सेक्स के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा होती है. मीशा अक्सर मुझ से बातें किया करती थी. वो मुझे भैया कह कर बुलाती थी. हालांकि उसकी और मेरी उम्र में 8-9 साल का अंतर होगा फिर भी हम दोस्तों की भान्ति व्यव्हार करते हैं.
पिछले कुछ दिनों से वो जान बूझ कर मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी थी और बेवजह मुझे यहाँ वहां छू लेती थी. उसकी ऐसी हरकतें देख के मुझे कुछ अजीब तो लगता था लेकिन मुझे भी अच्छा लगता था.
एक दिन मेरे घर में मैं अकेला था, कोई नहीं था. तभी अनायास ही मीशा मेरे घर पर आ गयी.
वो बोली- मुझे मालूम है कि आज आप के घर पर कोई नहीं है. मैं आप से कुछ पूछना चाहती हूँ और ख़ास इसीलिए आज मैं आपके पास आई हूँ.
मैंने कहा- हां हाँ मीशा … पूछो न जो पूछना चाहती हो!
वो बोली- जब से मैं जवान हो रही हूँ, मेरे शरीर में बहुत परिवर्तन हो रहे हैं और मेरे मन में बहुत बैचैनी हो रही है. मुझे सेक्स के बारे में जानना है. आप के अलावा मैं और किसी से यह सब नहीं पूछ सकती हूँ. मेरे सीने में बहुत बैचैनी और दर्द रहता है.
यह कहते हुए उस ने अपना टॉप उतार दिया और एकदम नंगी हो कर मेरे सामने खड़े हो गयी.
उस के गोरे गोरे बदन पे उस की ताजा ताजा चूची मेरे सामने थी. उस की चूची एकदम कड़ी हुई थी और निप्पल छोटे छोटे थे. जवान नंगी चूची देख कर मेरा लंड एकदम फनफना कर खड़ा हो गया. एक ताजा जवान लड़की खुद सेक्स के लिए मुझे आमंत्रण दे रही थी.
वो बोली- प्लीज मेरे बूब्स की थोड़ी मालिश कर दीजिये. मुझे आराम मिलेगा.
उस की आवाज में बेचैनी और आमंत्रण झलक रहा था.
जब कोई स्त्री आप को सेक्स का आमंत्रण दे तो उस को ठुकराना प्रकृति का अपमान होता है, यही सोच कर मैंने उम्र का फर्क भूल कर मीशा की चुचियों की तरफ हाथ बढ़ा दिया. दोनों हाथों से उस के दोनों दूध सहलाने लगा. धीरे धीरे मैंने अपनी उँगलियों के पोरों से मीशा के गुलाबी निप्पल सहलाने लगा. उसके दूध बहुत मुलायम परन्तु तने हुए थे.
चूचियों को सहलाने से मीशा की आँखों में वासना से भारी खुमारी आ गयी. वो बहकने लगी. आज वो सेक्स के लिए तैयार थी.
मीशा बड़बड़ाने लगी- प्लीज अपने हाथ मत हटाना, मुझे बहुत मजा आ रहा है.
वो बोली- आप बहुत अच्छे हैं.
उसकी आँखों में कामुकता और खुमारी साफ़ नजर आ रही थी.
एक ताजा जवान लड़की के बदन को सहला कर मुझे बहुत मजा आ रहा था. एकदम गोरी गोरी और माखन सी मुलायम. मैं सोच रहा था कि मैं मीशा के साथ आज कहाँ तक आगे बढ़ पाऊँगा?
क्या यह लड़की जो इस वक्त कामुकता के जोश में अधनंगी होकर अपनी अनछुई चूचियाँ मुझसे मसलवा रही है, यह आज मुझे अपनी चूत दे देगी या नहीं?
मैं काफी कुछ सोच रहा था.
फिर मैंने सोचा कि मौका भी है और दस्तूर भी, तो ज़रा कोशिश की जाए. तवा गर्म है, रोटी सेंक कर देख ही ली जाए.
मैंने उससे पूछा- मीशा, तुम्हारी उम्र कितनी है?
वो बोली- अभी दो महीने पहले ही अठारह की हुई हूँ.
फिर वो बोली- प्लीज आप भी अपने कपड़े उतार दीजिये, मैं अकेली नंगी खडी हूँ तो मुझे शर्म आ रही है.
“हां हां, क्यों नहीं!”
मैंने मन में सोचा ‘नेकी और पूछ पूछ …’ मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा उस के सामने खड़ा हो गया.
मेरा सात इंच का लंड उस नौजवान लड़की के सामने तना हुआ खड़ा था.
वो मेरे लंड को देख कर चौंक गयी- ये क्या है? इतना लम्बा कैसे हो गया?
“इसे लंड कहते हैं और यह सेक्स के समय ऐसे ही बड़ा सख्त हो कर खड़ा हो जाता है.” मैने उसे बताया.
वो भौंचक्की सी खडी मेरे लंड को देखे जा रही थी.
“लंड? इसे लंड कहते हैं? पर लंड तो बहुत छोटा होता है. ये इतना बड़ा कैसे?” उसके आश्चर्य का ठिकाना ना था.
मैं उस लड़की की मासूमियत पर बहुत उत्तेजित हो रहा था. आज तक इतनी भोली चूत मुझे नहीं मिली थी.
“यही तो लंड की खासियत होती है. जब कोई लड़की इसे देखती है तो ये इस तरह से बड़ा हो जाता है.” मैंने उस नवयुवती को समझाया.
“मैं इसे अपने हाथ में लेकर देख लूं क्या?” उसने मासूम सा चेहरा बना कर पूछा.
“हां हां … हाथ से पकड़ लो.” मैंने उससे कहा.
उस की मासूमियत पर मेरा लंड और जोर से तन गया.
मीशा ने मेरा लंड अपने मुलायम हाथों से पकड़ लिया और उसे फील करने लगी.
“बड़ी अजीब चीज है ये!” वो बोली.
मौका देख कर मैंने उसके बाक़ी के कपड़े उतार दिए और उसकी चूत में उंगली डाल दी.
वो गीली हो रही थी.
“इस को चूत कहते हैं.”मैंने मीशा को बताया.
“चूत? ओह चूत इसे कहते हैं? लड़के अक्सर मुझ से कहते हैं चूत देने को … मेरी समझ में नहीं आता था कि वो क्या मांग रहे हैं. पर अगर इसे चूत कहते हैं तो ये किसी और को दी कैसे जा सकती है?” मीशा ने भोलेपन से पूछा.
“ये लंड जब चूत में डाला जाता है तो उसे चूत देना कहते हैं.” मैंने समझाया.
“क्या? ये इतना मोटा और सख्त लंड इस छोटी सी चूत में जा सकता है? और क्यों कोई चूत में लंड डालता है?” मीशा के भोलेपन पर मैं मर मिट चुका था.
“जब चूत में लंड डाला जाता है तो चूत और लंड दोनों को बहुत मजा आता है.” मैंने उसे समझाने का प्रयत्न किया.
“पर मेरी चूत तो बहुत छोटी सी है, इस में इतना मोटा और लम्बा लंड कैसे जायेगा, इस में तो उंगली भी बड़ी मुश्किल से जाती है.” वो पूछने लगी.
“अच्छा, तुम्हारी चूत में उंगली भी नहीं जाती है क्या? ज़रा इधर तो लेटो, मैं अपनी उंगली डाल के देखता हूँ कि तुम्हारी चूत में उंगली जाती है या नहीं!” यह कह कर मैंने मिशा को बेड पर लिटा लिया.
मैंने उसकी दोनों टाँगें खोल कर उसकी अन्छुयी नाजुक चूत खोली. चूत पर बस झांटों के नाम पर सुनहरा सा रुआँ था. मीशा की चूत वाकयी बहुत छोटी सी थी. गोरी गोरी चूत, गुलाबी गहराई लिए दिख रही थी.
धीरे से मैंने उसकी चूत के चिपके हुए लबों को एक उंगली और अन्गूठे की सहायता से खोला और दूसरे हाथ की एक उंगली मीशा की चूत में डाली.
मीशा के मुख पर थोड़ी दर्द भरी रेखाएं उभर आयी और उसके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
“देखो तुम्हारी चूत में मेरी उंगली जा रही है.” मैंने उसे करके दिखाया.
मीशा की चूत लसलसी हो गयी थी, वो चुदने को तैयार हो चुकी थी.
मैं धीरे धीरे उस नवयौवना की कुंवारी चूत में उंगली अन्दर डालने लगा, और फिर पूरी उंगली मैंने मीशा की छोटी सी चूत में घुसा दी. दरअसल ये चूत बड़ी फ्लेक्सिबल होती है. इस में जो डालो, उस के लिए जगह बना लेती है.
उंगली पूरी जाने पर मीशा की आँखें खुली रह गई. उसके चेहरे पर दर्द झलक रहा था लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसके दर्द पर काबू कर लिया था.
“इस का मतलब … ये लंड भी इसमें पूरा चला जायेगा?” उसने हैरानी से पूछा.
मेरी उंगली की चूत में रगड़ लगने से उसे मजा आने लगा था और वो चूत में लंड डलवाने को आतुर हो उठी थी.
“हां हां … लंड पूरा चला जायेगा, तुम कहो तो अभी अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल के तुम्हें विश्वास दिला दूँ? और इसमें तुम्हें मजा भी आएगा.” मैंने मीशा के दूध और निप्पल रगड़ कर पूछा.
“हां भैया, प्लीज मुझे करके दिखाओ!” वो उत्सुकता से बोली.
उसे पता नहीं था कि लंड जब पहली बार चूत जाता है तो चूत में बहुत दर्द होता है, सील फट जाती है. लेकिन अगर मैं उसे ये सब पहले बता देता तो शायद वो मुझे अपनी सील पैक चूत में लंड डालने नहीं देती. और फिर कभी न कभी तो उसे चुदना ही था, तो क्यों ना मैं ही आज चोद दूँ?
यह सोच कर मैं मीशा के नंगे बदन के ऊपर आया, उसकी जांघों को फैलाया, खुद को उसकी नंगी टांगों के बीच में अवस्थित किया और अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत की दरार में रगडा.
मीशा के बदन में झुरझुरी सी फ़ैल गयी और उसके मुख से कामुक सिसकारी निकली. उसकी आँखें एक बार तो बंद हो गयी.
मैंने उसे आँखे खोलने को कहा और पूछा- मीशा, कैसा लग रहा है?
“अच्छा लग रहा है है भैया… और करो ना!” मीशा वासनात्मक स्वर से बोली.
अब मैंने उसे बताया कि जब मैं पहली बार लंड अंदर घुसाऊँगा तो उसे मामूली सा दर्द हो सकता है.
वो बोली- कोई बात नहीं भैया! आप करते रहो ना… लंड को रगड़ो ना मेरी चूत में … बहुत अच्छा लग रहा है मुझे!
जब वो दर्द सहने को तैयार दिखी तो मैंने उसे कहा- लेकिन किसी किसी लड़की को पहली बार लंड घुसवाते समय ज्यादा दर्द भी होता है. अगर तुम्हें ज्यादा दर्द हुआ तो?
वो कामज्वर से पीड़ित होकर बोली- कोई बात नहीं भैया आप करो! मुझे बहुत बेचैनी लग रही है … आप अंदर डालो, मैं दर्द सह लूंगी.
अब मुझे लगा कि मीशा अपनी अक्षत योनि के भेदन के लिए पूर्णतया तैयार है. मैंने दो चार बार लंड को उसकी चूत की दरार में घिसाया और फिर छेद के मुहाने पर लंड के अग्र भाग को टिकाया. अब मेरा सख्त लंड मीशा की छोटी सी चूत के अंदर प्रवेश को तैयार था.
और मैंने धीरे से अपने चूतड़ उचका कर धक्का मार कर लंड चूत में डाला. पहले धक्के में ही मेरा लंड गोरी और चिकनी चूत में आधा घुस गया. पर मीशा की चूत बहुत टाइट थी. मेरा लंड आधी चूत में फंस गया.
चूँकि चूत में पहली बार लंड गया था इसलिए मीशा को अब बहुत दर्द हुआ.मीशा चीख पड़ी- ऊई मेरी माँ, मर गयी उई उई उई … ये तो बहुत मोटा है, भैया बड़ा दर्द हो रहा है, मर गई मैं तो, मर गई आप तो कह रहे थे थोड़ा सा दर्द होगा. प्लीज लंड बाहर निकाल लो.
“पहली बार जब चूत की सील टूटती है तो दर्द होता है, अभी तुम्हें मजा आने लगेगा.” मैंने मीशा को समझाया और बिना समय गंवाए मैंने चूत में लंड का और जोर से धक्का मार कर पूरा लंड पेल दिया.
लंड मुश्किल से पर पूरा चूत में घुस गया. अब मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा था. मीशा की सील टूट चुकी थी.
मीशा अब भी दर्द से कराह रही थी और बार बार मुझे धीरे धीरे करने का आग्रह कर रही थी. मैं बिना रुके धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करता रहा. उसकी चूत से निकले रक्त से मुझे गीलापन चिक्नायी मिल रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरा लंड मीशा की चूत में कसा कसा जा रहा था. इतना मजा तो मुझे मेरी अपनी बीवी की चूत पहली बार चोद कर भी नहीं आया था. हालांकि मेरी बीवी सुहागरात को कुंवारी थी, उसकी चूत से भी खून निकला था. लेकिन शायद यह उम्र का फर्क होगा, मेरी बीवी उस समय 25 साल की थी और मीशा अभी 18 की है.
खैर कुछ देर बाद मीशा को दर्द के साथ साथ थोड़ा मजा आने लगा था.
वो अब नीचे से अपने चूतड़ उछाल रही थी, उछल कर अपनी कमर चला रही थी.
थोड़ी देर बाद मेरा काम तमाम हो गया लेकिन मैंने ध्यान रखा और मैंने झड़ने से पहले अपना लंड मीशा की रक्तरंजित चूत से बाहर खींच लिया था.
उस दिन मीशा को चोद कर मुझे बहुत आनंद आया.
एक कमसिन लड़की की अनचुदी चूत का मजा.
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