मैंने अपनी नौकरानी को चोदकर उसके कैसे मजे लिए, इस सेक्स कहानी में आपको मैं यही बताने वाला हूँ. यह मेरी पहली Xxx वर्जिन मेड सेक्स कहानी है, इसमें इसके पात्रों के नाम बदले हुए हैं बाकी सब सच है. मैं उस समय दिल्ली में रहा करता था. मैं वहां अपनी एक दूर के चाचा चाची के यहां रह कर पढ़ाई कर रहा था.
तब चाचा जी ने अपने छोटे बच्चे के लिए एक नौकरानी लगा रखी थी जो सारे दिन घर पर रहा करती थी.
वह घर का सारा काम करती थी और साथ में बच्चे को भी संभालती थी. उसकी उम्र 21 साल थी और वह देखने में बहुत ही कामुक शरीर की और अच्छी टाइट सी लौंडिया थी.
जब वह अपना काम खत्म कर कर टीवी देखती थी तो मैं उसको देखता रहता था.
उसको देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था.
मेरी उससे बातचीत होती रहती थी; मैं उसकी पटाने की कोशिश में लगा रहता था.
एक बार चाचा चाची मूवी देखने गए और वो अपने साथ बच्चे को भी ले गए थे.
उस दिन नौकरानी घर पर अकेली थी.
जब चाचा चाची मूवी देखने चले गए तो मैं उसके पास आ गया और उससे उसकी पुरानी बातें करने लगा.
उसके फ्रेंड और उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मेरा आज तक एक भी बॉयफ्रेंड नहीं बना.
तब मैंने सोचा कि मैं इसे आज किसी तरह पटा लूँ, तो मजा आ जाए.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
वो हॉल में टीवी देख रही थी तो मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
वो जाड़े के दिन थे, मैंने एक कंबल उठाया और अपने पैर पर डाल लिया.
कुछ पल बाद मैंने धीरे से वो कम्बल उसके पैर पर भी डाल दिया और उसने भी कुछ न कहते हुए कम्बल को अपने ऊपर ओढ़ लिया.
मैंने उससे थोड़ी सेक्स की बातें करना शुरू कर दीं.
उसे भी थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था.
मैंने उससे कहा- तुम्हें फिल्म में सबसे अच्छा क्या देखना लगता है?
वो बोली- रोमांस.
मैंने कहा- क्यों?
वो हंस कर बोली- बस अच्छा लगता है.
मैंने कहा- अच्छा वो सब देख कर क्या लगता है?
वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
शायद वो मेरी भावनाओं को समझ रही थी और उसका भी कुछ कुछ मन हो रहा था.
मैं कहा- बताओ न?
वो बोली- बस दिल में कुछ कुछ होने लगता है.
मैंने कहा- कुछ कुछ क्या होने लगता है?
वो बोली- अब ऐसे कैसे बताऊं?
मैंने कहा- जब हीरो हीरोइन को किस करता है, तब कैसा लगता है?
वो बोली- तब तो समझो ऐसा लगता है कि काम ही हो गया है.
ये कह कर वो जोर जोर से हंसने लगी.
मैंने कहा- कैसा काम हो जाता है बताओ न?
ये कह कर थोड़ी देर तक मैं उसका हाथ मलता रहा. उसको मेरी बातें अच्छी लग रही थीं. वो बस चुप थी.
फिर मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी चीज दिखाता हूं, आंखें बंद करो.
उसने वैसे ही किया.
मैंने उसका हाथ अपनी पैंट के अन्दर डाल दिया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.
उसने आंख खोल कर देखा और वो एकदम से डर गई.
वो बोली- यह क्या कर रहे हो आप?
पर मुझे पता था कि उसको मन ही मन में अच्छा लग रहा है.
मैंने उससे कहा कि तुम्हें हाथ में पकड़ने में मजा नहीं आ रहा क्या?
उसने नाटक किया कि मैं चाचा चाची को सारी बात बता दूंगी.
मुझे पता था कि वह ऐसा नहीं करेगी. उसका मन है, वह खाली मुझे डरा रही है.
मैंने उससे कहा- जिसको बताना है बता देना. मैं तुम्हें प्यार करता हूं. जब से मैंने तुम्हें एक बार सुबह सुबह देखा था, तब से मैं तुम्हारे कामुक का प्यासा हूं. मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं.
पहले तो उसने यह बात सुनकर नखरा किया कि आपको मैं इतना बढ़िया इंसान समझती थी, आप इतने बुरे निकले.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स तो करूंगा ही. इस समय मौका भी अच्छा है, तो तुम्हें भी पहली बार सेक्स का मजा मिल जाएगा. मेरा साथ दो और मजा ले लो.
वो धीरे-धीरे शांत हो गई, उसको भी प्यार आने लगा.
उसने मेरे कान में कहा- मैं भी आपसे चुदना चाहती थी, पर मैं चाचा चाची के सामने कह नहीं पाई. मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया है, आज मुझे भी सेक्स करना है. पर मेरी एक शर्त है कि उसके बदले में मुझे किसी बड़े से होटल में ले जाकर खिलाना पड़ेगा. मैं कभी बड़े होटल में नहीं गई.
मैंने भी उसकी इस शर्त को सुन कर कहा- जानेमन, मैं उसी होटल में तेरी लूंगा भी और तू जो बोलेगी तुझे खिलाऊंगा भी. तुझे पहले ही बता देना चाहिए था कि मैं तुम्हें देना चाहती हूं, पर तू इतना नाटक क्यों करती है.
फिर उसने कहा- चलो अब तो कह दिया है. बस धीरे-धीरे करना. मेरा पहली बार है.
मैंने उससे कहा- साइड में आ जा.
उसका हाथ एक बार फिर मैंने अपने लंड पर रख दिया और उससे कहा- इसे हिलाओ, मैं तुझे चोदना सिखाता हूं.
उसने पहले धीरे-धीरे किया.
जब मैंने उससे कहा कि जोर-जोर से ऊपर नीचे करो, तब उसने जोर से ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मुझे भी अन्दर से कामसुख की प्राप्ति होने लगी.
मैंने उससे कहा- इसको अपने मुँह से करो.
उसने कहा- घर का मेन गेट बंद कर लो और रूम में चलो.
मैंने कहा- चिंता मत कर … चाचा चाची शाम को आएंगे.
वो बोली- तब भी दरवाजा बंद कर लो.
फिर मैंने दरवाजा बंद किया और उसको अपनी बांहों में उठा कर अपने रूम में ले गया.
उधर मैंने उसके होंठों पर किस किया और उससे कहा- तुझे सेक्स करना था तो इतने नखरे क्यों कर रही थी.
वो हंस कर बोली- तो क्या सीधे लंड पकड़ लेती.
मैंने उसको अपने बेड पर लिटाया और उसके कपड़े निकालना शुरू किए.
पहले उसका टॉप निकाला और उसके बाद उसका पजामा निकाला.
अब उसके बदन पर केवल ब्रा और पैंटी रह गई थी.
उसने मेरी टी-शर्ट को और पैंट को निकाला.
मैं केवल अंडरवियर पहने हुए था.
वो मुस्कुराने लगी और बोली- अब करो न.
मैंने उससे कहा- सबसे पहले क्या करूं?
उसने कहा- जो आपकी मर्जी हो, जो आप करना चाहो.
मैंने उसकी ब्रा निकाली और उसकी पैंटी को निकाला.
वो पूरी नंगी थी.
मैंने उसको सीधा लिटा दिया.
वो मेरे सामने अपने हाथों को अपनी बुर पर रख कर बुर ढके हुई थी.
मैंने उससे कहा- अपने हाथों को हटाओ.
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है आप पहले लाइट बंद करके आओ.
मैंने उसके सामने ही लाइट बंद कर दी.
उसने मेरी अंडरवियर के अन्दर हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाला और उसको हिलाने लगी.
मैंने अपनी अंडरवियर को निकाल दिया.
अब हम दोनों एकदम नंगे थे.
मैंने उससे कहा- अब तुम्हें जो करना है, वह बताओ.
उसने कहा- यह मेरा पहली बार है, मैंने अब तक सिर्फ सेक्सी फिल्म देखी थी.
मैंने कहा- एक बार फिर से देखोगी?
वो हां में सर हिलाने लगी.
मैंने अपने फोन में उसको एक ब्लू फिल्म दिखाई.
उस वीडियो में जैसे-जैसे लड़का लड़की के साथ कर रहा था, वैसे वैसे मैं उसके साथ करने लगा.
मैंने पहले किस से शुरुआत की.
फिर अपने हाथ से उसके बूब्स पकड़ कर मुँह से चूसने लगा, उसके हाथ को बुर से हटाकर अपने लंड पर रख दिया.
मैंने उसको मेरा लंड अपने मुँह में डालने को कहा.
उसने ऐसा ही किया और अब उसको मजा आने लगा था.
मैंने उसको धीरे-धीरे गर्म करना शुरू कर दिया. मैंने उसके बूब्स दबाए और उसका हाथ उसकी बुर पर से हटा दिया, अपना लंड की उसकी बुर के ऊपर रखा और धीरे-धीरे उसको अन्दर करने लगा.
उसके मुँह से थोड़ी थोड़ी आवाज आने लगी.
मुझे यह पता चल गया था कि उसकी आज तक किसी ने भी नहीं ली है. आज उसकी पहली बार चुदाई होने वाली है; वर्जिन मेड सेक्स का मजा मुझे मिलने वाला है.
मैंने उसके हाथों को अपने हाथों में लिए और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर जोर से उसकी बुर में अपने लंड के धक्के मारना शुरू कर दिए.
उसको पहले थोड़ा दर्द होने लगा, वह मरी हुई कुतिया सी आवाज करने लगी.
वो मुझे रोकने लगी- आह मुझे दर्द हो रहा है मत करो.
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा. थोड़ा सा दर्द होगा, बाद में मजा आएगा.
वो चुप हो गई और लंड झेलने लगी.
थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा और अब वो गांड हिलाने लगी.
लंड भी मस्ती से बुर की चुदाई में लग गया.
उसने मस्ती भरी आवाज में कहा- थोड़ी जोर जोर से करो.
कुछ दस मिनट तक शॉट मारने के बाद मैं झड़ने को हो गया और लंड बुर से निकाल कर उसके पेट के ऊपर ही अपना वीर्य गिरा दिया.
मैं थक कर उसके ऊपर ही लेट गया.
वह भी मुझसे लिपटकर मेरे साथ ही लेट गई.
फिर 15 मिनट बाद मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं.
वो राजी हो गई.
मैंने उसको उल्टा लिटाया और उसकी गांड में थूक लगा कर गांड मारना शुरू किया.
उसको अचानक से लंड गांड में लेने से बहुत तेज दर्द हुआ और वह चिल्लाने लगी- अरे नहीं … मत मारो … दर्द हो रहा है बाद में कर लेना.
मुझे उसकी गांड तो मारनी थी जिसे वो साली मुझे दिखाकर मटका मटका कर चलती थी.
मुझे तो आज अभी ही उसकी गांड मारनी थी तो मैंने मन पक्का कर लिया था कि आज चाहे जो हो जाए, मैं इसकी गांड तो मार कर ही रहूंगा.
उसके बाद मैं किचन से थोड़ा सा तेल लेकर आया और उसकी गांड पर लगा दिया.
अपने लंड को भी थोड़ा चिकना कर लिया.
फिर उसके पेट के नीचे दो तकिए रखकर उसकी गांड को थोड़ा पोजीशन में लाया.
अब मैंने उसकी गांड में लंड लगाया और उसकी पीठ के ऊपर हाथों से सहलाते हुए जोर से झटका मारा.
मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया.
मेरा लंड लेते लेते उसकी गांड फट गई.
उसकी आंखों में आंसू आ गए.
अब मैंने लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया.
थोड़ी देर में उसको दर्द कम होने लगा और अब उसे भी थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा.
अब मैं थोड़ा तेज तेज उसकी गांड मारने लगा.
मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
उसने कहा- हां अब मजा आ रहा है और तेज तेज चोदो.
मैं उसकी गांड को तेजी तेजी से मारने लगा.
दस मिनट बाद मैंने उसकी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और लेट गया.
वो खुश ही गई थी.
इसके बाद हम दोनों बिंदास चुदाई का मजा लेने लगे थे. मैं और वह जब भी मौका पाते हैं, तब सेक्स कर लेते हैं. वह मुझे बिल्कुल अपने हस्बैंड की तरह ही ट्रीट करती है. जब भी हम दोनों घर में अकेले होते हैं, तब तो घंटों मेड सेक्स करते हैं.