रोंग नंबर वाली की राईट चूत चुदाई-6

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

रोंग नंबर वाली की राईट चूत चुदाई-5

रोंग नंबर वाली की राईट चूत चुदाई-7

हॉट गर्ल Xxx स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरी उस देहाती गर्लफ्रेंड ने मुझे पूरी रात के लिए अपने घर बुलाया. लेकिन जब मैंने उसकी चूची को मसला तो उसने मुझे हटा दिया.

दोस्तो, मेरी इस हॉट गर्ल Xxx स्टोरी में आपने जाना था कि मेरा दोस्त कुच्ची मुझसे उस रॉंग नम्बर वाली लौंडिया की चुदाई की कहानी सुनने के बाद मचल गया और मुझे उससे फोन पर बात करने के लिए जोर देने लगा.

गुड़िया से फोन पर बात करते हुए चुदाई की बातें होने लगीं. फिर वो ये कह कर फोन काट कर चली गई कि उसकी अम्मी आवाज दे रही हैं.

अब आगे की हॉट गर्ल Xxx स्टोरी:

इतना कह कर उसने फोन रख दिया. अब इधर कुच्ची खुशी से उछल रहा था.

मैंने पूछा- क्या हुआ बे?
कुच्ची- अरे यार ये तो बात ऐसे कर रही है … तो चुदवाती तो खूब मज़े से होगी. तेरा तो मजे हैं … जम कर चोदने को माल मिल रही है.
मैंने कहा- वो सब छोड़ … बस ये बता अब रात में इसको मिलूं कैसे?
कुच्ची- कैसे क्या … मैं हूँ ना … मैं चलूंगा. तुझे उसके घर छोड़ दूंगा, तू मज़े से उसे चोद लेना … फिर जब आना होगा तो मुझे फोन कर देना … मैं आ जाऊंगा.

जब कुच्ची ने ये बात बोली, तो मैंने वहां का पूरा लोकेशन उसे बताया. हमने पूरी प्लानिंग कर ली.

वहां मुझे छोड़ कर उसको एक ढाबे पर रुकना था, जो गुड़िया के गांव के करीब हाइवे पर था. वो ढाबा सारी रात खुला होता था.

हमने सब तैयारी कर ली. बस अब इंतज़ार था उस रात का, जिस रात इस चुदाई को अंजाम देना था.

गुड़िया से भी बात हो रही थी कि कैसे कैसे चोदना और चुदवाना है.

आख़िर वो दिन आ गया, जिस दिन मेरा मतलब रात आ गई, जब मुझे उससे मिलना था.

रात के 8 बजे मैं और कुच्ची निकल गए. एक घंटे में हम उस ढाबे पर आ पहुंचे. वहां पहुंच कर मैंने गुड़िया को फोन किया, पर वो फोन नहीं उठा रही थी. आधा घंटा बीत गया, उसने फोन नहीं उठाया.

कुच्ची बार बार बोलता कि खड़े लंड पर धोखा देगी क्या … और हंसी उड़ाता.

आख़िर आधे घंटे बाद उसने फोन किया.

मैंने कहा- हैलो..
उसने पूछा- कहां हो तुम!
मैं- यार कब से फोन कर रहा हूँ … कहां थी तुम!
वो- पता है जानू तुम फोन कर रहे हो, मैं भी तुम्हारे आने की तैयारी कर रही थी. मैंने सारा मामला फिट कर लिया है. तुम एक घंटे बाद आ जाओ. अभी कहां हो?
मैं- मैं तो आधे घंटे से ढाबे पर हूँ.

वो- ओहो … इतनी जल्दी है मिलने के लिए!
मैं- तुम्हें नहीं है?
वो- हां है न..
मैं- तो एक घंटे बाद क्यों बुला रही हो?
वो- जानू अभी आना ठीक नहीं है … और रात हो जाएगी, तो घर में भी और आस पास के लोग भी सो चुके होंगे. नहीं भी सोए होंगे, तो ठंड इतनी है कि बिस्तर में तो घुस ही जाएंगे. तब तुम आ जाना.

मैं- वो सब तो ठीक है, पर इतनी ठंडी लग रही है यहां.
वो- थोड़ा इंतज़ार करो … फिर मैं तुम्हारी सारी ठंडी दूर कर दूंगी. अच्छा अभी फोन रखती हूँ. मैं फोन करूंगी तो आ जाना.
मैं- ठीक है लेकिन तब तक बात तो करती रहो … तो टाइम बीत जाएगा वरना इंतज़ार कर मुश्किल होगा.
वो- उम्म्मह जानू … समझा करो थोड़ा मम्मी को हैंडल करना पड़ेगा.
मैं- ओके पर जो भी करना है, जल्दी करो.
वो- ओके जानू.

उसने फोन रख दिया, तो कुच्ची बोला- अब भाई तेरी ठंडी तो दूर हो जाएगी मेरा क्या होगा?
मैं- तू ना यहां बैठे बैठे ये कल्पना करना कि अब मैं उसकी चूची चूस रहा होऊंगा … अब वो मेरा लंड छू रही होगी और अब चुदाई हो रही होगी.
कुच्ची- इससे क्या होगा?
मैं- तुझे इससे ठंडी का एहसास नहीं होगा.

हम दोनों हंसने लगे. फिर हम ढाबे के अन्दर गए और एक एक चाय पी. वहां बाहर आग भी जल रही थी तो हम दोनों आग के आ पास गए. आग से थोड़ी शरीर गर्म किया और इधर उधर की बात करते रहे. तब तक उसका फोन आ गया.

मैंने कहा- बोलो.
उसने बोला- आ जाओ.
मैं- ओके आ रहा हूँ.
उसने कहा- गाड़ी घर के पास मत लाना.
मैं- ओके … फोन रखो … घर के पास आकर फोन करूंगा.

हम दोनों ने फोन रखा. मैं कुच्ची के साथ निकल कर वहां पहुंचा.

मैंने कुच्ची से कहा- अब तुम जाओ और ढाबे पर रूकना.
उसने कहा- ठीक है भाई आराम से चोद कर आना टेंशन मत लेना.

इतना बोल कर वो वापस चला गया.

मैंने गुड़िया को फोन किया. सही से रिंग भी नहीं हुई थी कि उसकी आवाज आ गई- हैलो … कहां पहुंचे!
मैं- आ गया हूँ … फोन चालू रखो, जब बोलूंगा … तो दरवाज़ा खोल देना.
वो- आज तुम्हें दूसरे दरवाज़े से आना है.
मैं- कौन से दरवाजे से?
वो- जो गली में है.
मैं- ओके. बस आ गया.
वो- हम्म जल्दी आओ, मैं दरवाज़े पर खड़ी हूँ.
मैं- मैं गली में घुस रहा हूँ.

जैसे ही मैंने कहा तभी मुझे दरवाज़े के खुलने की आवाज़ आई. मैंने देखा तो वो दरवाज़े से झांक रही थी. मैं भी पहुंच गया. उसने मुझे अन्दर आने का इशारा किया, तो मैं अन्दर घुस गया. मैंने अन्दर देखा … तो हम दोनों आंगन में थे.

उसने दरवाजा बंद किया और मुस्कुराती हुई खड़ी हो गयी.

मैंने उसको देखा, तो बस देखता ही रह गया. आज तो वो क़यामत ढा रही थी. होंठों पर गहरी लाल लिपस्टिक, आंखों में काजल, गोल बड़े गले की लाल कुर्ती सूट पहनी हुई थी. जिससे उसकी आधी चुचियां नज़र आ रही थीं.

मैंने तुरंत उसकी कमर में हाथ लगाया और खुद से उसे चिपका लिया.

मैंने किस करना चाहा, तो उसने मेरे होंठों पर अपनी उंगलियाँ रख दीं. मेरे हाथ अपनी कमर से हटाए और एक कमरे की तरफ बढ़ी. मैं भी उसके पीछे चल दिया.

उस कमरे में मैं घुसा तो देखा की कमरे में बेड लगा हुआ है. उसपर एक सफेद चादर … जिसमें लाल रंग के छोटे छोटे फूल बने थे. बड़े सलीके से बिछा हुआ था. सिरहाने दो तकिया लगी थीं. एक रज़ाई रखी हुई थी. सामने टेबल पर एक बोतल में पानी … और एक गिलास रखा हुआ था.

मैं कुछ बोलता कि उसने मुझे बैठने को कहा. मैं उसका हाथ पकड़ कर बेड पर बैठ गया. वाह बेड की गादी काफ़ी आरामदेह थी … शायद स्लीपवेल के गद्दे बिछे हुए थे. मैंने उसका हाथ तो पकड़ा ही हुआ था … उसे अपने पास खींच लिया.

उसकी चुचियां मेरे मुँह के सामने आ गई थीं. मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमर में डाले और उसकी चूची पर मुँह लगा दिया. उसने मेरे दोनों गाल पर हाथ लगाया और मेरे चेहरे को पकड़ कर मुझे अपनी चुचियों से दूर कर दिया.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने कहा- कुछ नहीं. तुम कुछ मत करो … पहले मुझे करने दो.
मैंने कहा- क्या?
वो- जब तुम मुझे चूमने लगते हो तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता और मैं कुछ कर नहीं पाती … पहले मुझे खुद को प्यार करने दो, बाद में तुम जो चाहो कर लेना.

उसने ये बताते हुए अपना हाथ मेरे सामने किए … आज उसने हाथों में मेंहदी लगाई हुई थी.

फिर बोली- मेरे हाथ में तुम्हारा नाम का पहला अक्षर लिखा है … ढूंढो.

मैंने कहा- ये क्या बचपना है?
‘ढूंढो ना..’ उसने इतराते हुए प्यार से बोला.

फिर मैं उसके हाथों में लगी मेंहदी जो बड़ी खूबसूरती से फूल पत्तियों की डिजायन में बनी हुई थी, उसमें अपने नाम का पहला अक्षर ‘ग’ ढूंढने लगा. मुझे थोड़ी मुश्किल हुई, पर मिल गया.

जब मैंने दिखाया तो कहा- ये देखो यहां पर ‘ग’ लिखा हुआ है.

मेरे बताते ही उसने थोड़ा झुक कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और अपना हाथ मेरे लंड पर रख कर उसे पैंट के ऊपर से ही दबाने और सहलाने लगी. मैं भी इधर उसके होंठों को चूसने लगा. बस थोड़ी देर होंठ की चुसाई हुई थी कि वो अलग होकर मेरे पैंट की ज़िप खोलने लगी और अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को जो लगभग खड़ा ही हुआ था, बाहर निकाल कर सहलाने लगी.

मैं फिर से उसके होंठों के पास अपने होंठ ले गया. उसने बस एक किस किया और मुझे धकेल कर बेड पर लिटा दिया. वो खुद झुक कर मेरे लंड पर अपनी जीभ घुमाने लगी. उसके जीभ के स्पर्श से मेरा लंड तनतनाता हुआ अकड़ कर फूल गया.

वो अब लंड हाथ में पकड़ कर मुँह में लंड का सुपारा लेने लगी. मैंने अपना बेल्ट खोला पैंट की हुक खोली और पैंट को थोड़ा नीचे सरका दिया … बाक़ी उसने खुद ही पैंट को उतार कर बेड पर एक साइड में रख दिया.

अब मैं पूरा बेड पर आकर तकिये पर सर रख कर लेट गया. वो मेरे बगल में आकर बैठ गयी. वो मुझे देख कर मुस्कुराई और लंड हाथ से सहलाने लगी.

उसकी आधी चुचियां, जो उसके कुर्ती के बड़े गले की वजह से दिख रही थीं, मैंने उनपर हाथ फेरे और सहलाते हुए दबाने लगा.

वो झुक कर लंड सीधा मुँह में ऐसे भरने लगी, जैसे कि पूरा लंड खाना चाहती हो. गुड़िया ने मेरे आधे लंड को मुँह में भर लिया, फिर मुझे तिरछी नज़र से देखते हुए आराम से लंड को मुँह से निकालने लगी. सुपारे को चूसते हुए उसने लंड बाहर निकाला, फिर मीठी सी मुस्कान के साथ लंड को वापस मुँह में भरने लगी.

उसकी भरी हुई चुचियां उसके झुके होने से ऐसा लग रही थीं, जैसे अभी छलक कर बाहर आ जाएंगी. मेरी नज़रें उसकी चूचियों पर ही टिकी हुई थीं. उसने देखा कि मैं उसकी चूचियों को घूर रहा हूँ, तो उसने अपने कुरते को और खींच कर चूचियों को और बाहर कर दिया.

आह … मैं भी क्या करता. मेरे हाथ उसकी चूचियों पर जैसे खुद ही पहुंच गए. मैं उन्हें कपड़े के ऊपर से जितना हो पा रहा था, उनको सहलाने लगा. फिर कपड़े सहित चूचियों को मसलने लगा … निप्पल पकड़ने लगा. उन्हें कपड़े के ऊपर से ही चुटकी में भर कर मींजने लगा.

इधर वो हॉट गर्ल लंड को हाथ में पकड़े हुए मज़े से चूस रही थी. अब मैं उसके सर को पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा. वो भी पूरा मुँह खोल कर लंड को अन्दर ले रही थी, पर पूरा लंड उसके मुँह में समा नहीं रहा था. वो पूरी कोशिश कर रही थी कि पूरा लंड अपने मुँह में भर सके. कुछ देर तक ऐसा चलता रहा … मगर वो पूरे लंड को मुँह में भर नहीं सकी.

अब मैंने उसे हटाया और खुद बेड से उतर कर खड़ा हो गया. लंड हाथ में लेकर उसे अपनी ओर आने का इशारा किया. वो चेहरे पर मुस्कान लिए बेड पर पेट के बल लेट गयी. उसका मुँह लंड के पास आ गया. मैंने उसके लाल होंठ जो लंड की चुसाई कर थोड़ा फीके से हो गए थे. मैं उसके होंठों पर अपना लंड रगड़ने लगा, तो उसने मुँह खोल दिया. मैंने लंड मुँह में डाला और सर पकड़ कर मुँह को ही चोदने लगा. आराम से धक्के लगाने लगा. उसने मुँह को खुला ही रखा था. फिर मैंने दोनों हाथों से उसका सर पकड़ा और लंड को उसके में ताक़त से घुसाने लगा.

अब उसके मुँह में मैंने अपना पूरा लंड डाल दिया था. उसके मुँह से गों गों … की आवाज़ आने लगी. उसकी आंखें पानी टपकाने लगीं. सांस रुकने लगी. वो मुझे धकेल कर लंड को मुँह से लंड निकालना चाह रही थी … मगर मैंने ऐसा होने नहीं दिया. उसकी आंख में आंसू भर गए. वो छटपटाने लगी और पैर फटकने लगी.

तब मैंने लंड को बाहर निकाल दिया. उसने मुँह पर हाथ लगा खांसते हुए ज़ोर से सांस ली. मुँह में भरे हुए थूक को गले में उतारते हुए बोली- पागल हो?

मैंने कहा- क्या हुआ?
वो- मैं मर जाती तो … मेरी सांस रुक गयी थी.

इतना बोलते हुए वो अपने आंसू पौंछने लगी और उठ कर बैठ गयी.

मैंने उसका सर पकड़ा और होंठों को चूसने लगा. वो मुझे अलग करके गुस्से में लेट गयी. मैं भी उसके बगल में लेट गया. मैंने अपना हाथ फैला कर उसका सर अपने हाथ पर रख दिया. उसने मुँह मेरी तरफ से गुस्से से देखा और सर घुमा लिया.

मैंने उसके सर को पकड़ कर अपने सीने पर चिपका लिया और बोला- सॉरी डार्लिंग.
उसने मुझे मेरे सीने पर दो तीन मुक्के मारे और बोली- तुम्हें क्या … मेरा तो दम घुटने लगा था.
मैंने कहा- सॉरी!

वो मुझे देखने लगी तो मैंने अपने कान पकड़ लिए.
तो वो हंसने लगी.

मैंने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर आकर होंठों को चूसने लगा. अब वो भी साथ देने लगी. होंठों को चूसते हुए उसकी चुचियों को भी मसलने लगा.

फिर मैं उठकर अपनी शर्ट को उतार दिया और उसे बैठा कर उसके कुरते को भी निकाल दिया. अन्दर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी. उसके बड़े बड़े चुचे उसमें पूरी तरह फिट नहीं थे. आधी से ज़्यादा चुचियां बाहर दिख रही थीं.

मैं ब्रा के ऊपर से ही चुचियों को मसलने लगा. उसने अपने हाथ पीछे किए और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया. मैंने उसकी ब्रा को उतारा और उसकी चूची के निप्पल को जीभ से छेड़ने लगा. वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चुचियां मेरे मुँह दबाने लगी.

मैंने भी अब उसके एक चुचे को मुँह में भर लिया और चूसने लगा. दूसरे को हथेली से भंभोड़ने लगा. बारी बारी से उसकी दोनों चुचियों को मैंने खूब चूसा और दबाया. उसने भी मज़े से अपने मम्मे चुसवाए.

अब मैंने उसकी सलवार में हाथ लगाया और ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा. उसने आज भी पैंटी नहीं पहनी थी. उसकी चुत गीली थी. मैं सलवार के कपड़े के ऊपर से ही उसकी चुत में उंगली घुसाने लगा. वो अपने होंठों को दांत से काटने लगी. मैंने सलवार की डोरी पकड़ी और उसे खींच दी. सलवार खुल गयी. मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसको लिटा दिया और लिटा कर होंठों पर किस किया.

मैं उठने लगा तो उसने मुझे पकड़ लिया. वो मुझे उठने नहीं देना चाहती थी. फिर मैंने वापस उसके होंठों पर किस किया … गर्दन पर रेंगते हुए धीरे धीरे किस करते करते चूचियों पर आ गया. उन्हें थोड़ी देर बारी बारी से चूसा.

जब मैं उसकी चुचियां चूसता, तो वो नीचे से अपनी पीठ उठाकर चुचियां मेरे मुँह और अन्दर धकेल देती. फिर मैं इसी तरह चूसते चूमते हुए पेट पर आ गया. मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी. उसने मेरा सर पकड़ लिया.

मैंने सलवार में हाथ लगाया, तो उस हॉट गर्ल ने अपने चूतड़ उठा दिए. मैंने सलवार उतार दी. अब उसकी गीली चुत मेरी आंखों के सामने थी. मैंने पहले उसकी चुत पर हाथ लगाया और उसके चुत की फांकों को मसल दिया.

उसके मुँह से ‘आहह..’ निकल गयी.

मैं उसका हाथ उसकी चुचियों पर ले गया. उसने निप्पल अपनी चुटकी में ले लिए और मींजने लगी. तभी मैंने झुक कर उसकी चुत में मुँह लगाना चाहा, तो उसने मुझे धकेल दिया और खुद बैठ गयी.

उसकी इस हरकत से मैं एक बार के लिए कुछ सोचने लगा. मगर उसने ऐसा क्यों किया था, वो मैं आपको अगली बार लिखूंगा. आपको मेरी हॉट गर्ल Xxx स्टोरी कैसी लग रही है? मुझे मेल करना न भूलना.

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हॉट गर्ल Xxx स्टोरी जारी है.