हिंदी चुदाई कहानेया में पढ़ें कि कैसे एक मैडम ने मेरी अन्तर्वासना कहानी पढ़ कर मुझसे सम्पर्क किया और मुझे अपने घर बुलाया. मैं भी चला गया. वहां क्या हुआ? अकेली चूत को लंड का सुख-2
अब मैं फिर से अपनी एक और रसीली हिंदी चुदाई कहानेया की ओर आपको ले जाना चाहता हूं. जो मेरे साथ एक और दूसरी मोहतरमा के साथ घटी थी.
हर किसी की जिन्दगी में अपने अपनी परेशानियां होती हैं … और हर एक मनुष्य उस परेशानी मैं अपनी खुशी ढूंढना चाहता है. उसी तरह कुछ महिलाएं मेरे साथ चुदाई के जरिए से अपनी उस समस्या में खुश रहना चाहती हैं. उन्हीं में से एक महिला की सेक्स कहानी आज पेश है.
मुझे किसी पाठिका ने अन्तर्वासना की साइट पर मेरी मादक कहानियां पढ़ कर मुझे मेल की थी. शुरू शुरू में तो वह बहुत संकोच कर रही थीं. लेकिन दो-तीन दिन बात करने के बाद जब उन्हें विश्वास हो गया कि मैं उनके विश्वास के लायक आदमी हूं. तो धीरे-धीरे उन्होंने अपनी बातें और अपनी परेशानियां कहनी शुरू कर दीं.
मैं उनकी सारी बातों को बहुत ध्यान पूर्वक सुनता रहा. ये मेरी आदत भी है कि मैं इस तरह की किसी भी औरत से जब बात करता या मिलता हूं, तो पहले उनकी बातों को ध्यान से सुनता हूं. इससे सामने वाली को भी अच्छा लगता है. मैं भी उन्हें बोलने देने का पूर्ण मौका देता हूं.
जब उन्होंने मुझे अपनी बातें कहीं, तो मैंने उनसे कहा कि चलिए आज से आप मुझे दोस्त मानिए. मैं उम्मीद करता हूं कि तीन-चार दिनों में आपको थोड़ा सा मेरे ऊपर विश्वास हो गया होगा. अब आप अपनी बातें मुझसे बेहिचक कह सकती हैं.
तो उन्होंने कहा= क्या मैं आपसे मिल सकती हूं?
मैंने कहा- जी बिल्कुल … आपको विश्वास मुझ पर है, तो मुझे आपसे मिलने में कोई कठिनाई नहीं है.
फिर उनसे और भी बातें हुईं. उसके बाद उन्होंने बताया कि वो भी यहां पर जॉब करती हैं. उनके दो बच्चे हैं. उनके बच्चे बड़े हैं. वे भी अपनी लाइफ में खुश हैं. जबकि मैं अपनी लाइफ में बहुत तन्हा महसूस करती हूं. मेरे हस्बैंड से मेरा तलाक भी हो गया था … पति से तलाक हुए करीब 10 साल हो गए हैं. इसलिए मैं और भी अकेली महसूस करती हूँ.
उन्होंने अपने पति से तलाक का ना कोई कारण बताया … और ना मैंने उनसे पूछा. क्योंकि मैं उन्हें दुखी देखना नहीं चाहता था.
उन्होंने कहा- बच्चे जब से बड़े हो गए हैं और अपने दुनिया में व्यस्त हो गए हैं. तब से मैं यहां बहुत तन्हा महसूस करती हूं. मैंने अपनी तन्हाई को लेकर इंटरनेट पर लोगों से मिलना शुरू किया. मेरे ऑफिस में भी बहुत लोग हैं, जो मुझे हवस भरी नजरों से देखते हैं. लेकिन मुझे उन पर विश्वास नहीं होता है कि कहीं वह लोग मुझे ब्लैकमेल ना करने लगें. इसलिए मैं उन्हें किसी तरह का इशारा नहीं देती हूँ.
मैं उनकी बातों को बड़ी धैर्यता से सुन रहा था और वे मुझे सब बताती जा रही थीं.
उन्होंने आगे कहा- मैं इधर उधर के लोगों पर ज्यादा विश्वास नहीं कर सकती हूँ. लेकिन आपकी कुछ कहानियों को पढ़कर मुझे लगा कि मैं पहले धीरे-धीरे आपसे बात करूं.
मैंने पूछा- तो आपको मुझसे बात करके कैसा लगा?
उन्होंने कहा- मुझे लगा कि आप मेरे लिए काम में आ सकता हैं. तभी मैंने आपसे मिलने की बात की.
मैं उन्हें बोलने दिया.
उन्होंने आगे कहा- आपसे 5 दिन बात करने के बाद मुझे अच्छा लगा. मुझे लगा कि आप सिर्फ व्यस्क कहानी में सिर्फ लिखते ही नहीं हैं, बल्कि आप सच में विश्वास करने के लायक हैं. मैं आप पर विश्वास कर सकती हूं.
इस तरह से मुझसे बातचीत करते हुए उन्होंने मुझे अपने शहर का नाम आदि बता दिया था. मैं भी उनके साथ सेक्स चैट करने लगा था.
इसके बाद मैंने उनकी उम्र पूछी. हालांकि मुझे तो लग ही गया था कि उनकी उम्र 50 साल के आस पास या कुछ अधिक ही होगी. फिर भी मैंने पूछा, तो उन्होंने अपना उम्र 49 साल बताई.
अब मैंने उनसे उनकी पिक मांगी, तो उन्होंने अपनी दो-तीन पिक मुझे भेज दीं.
तस्वीर में देखने में मैडम हल्की सांवली थीं. मगर उन्होंने अपने आपको काफी मेंटेन किया हुआ था. उनको देखने से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि उनकी उम्र 49 साल होगी.
पिक भेजने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा- आपका मेरे बारे में क्या ख्याल है?
मैंने कहा कि आपकी उम्र तो 40 के आसपास लगती है.
उन्होंने हंसते हुए कहा- हां … मगर अभी बीच में मैं थोड़ी हेल्थी हो गई थी. लेकिन मैं आपकी कहानियों को पढ़कर आप से करीब दो-तीन महीने पहले से बात करने की कोशिश कर रही हूं. तो मुझे लगा कि मुझे आपके लायक बननी चाहिए.
मैंने कहा- आपने मेरे लिए इतना सोचा, वही काफी है.
उनके चेहरे की छवि अच्छी थी … तो मैंने उनकी तारीफ भी की.
कोई दस दिन तक सेक्स चैट करने के बाद उन्होंने मुझसे मिलने के लिए कहा.
चूंकि मैंने उन्हें पहले ही बता दिया था कि आपको मेरे वहां ठहरने का इंतजाम आपको ही करना है. तो उन्होंने भी मुझे बोल दिया था कि आप उन सब बातों के लिए निश्चिंत रहिए. आप मेरी खुशी के लिए आ रहे हैं, तो मैं आपको किसी भी तरह की तकलीफ नहीं होने दूंगी.
इसके बाद उन मोहतरमा ने समय और दिन निश्चित किया और उस दिन मुझे आने के लिए बोल दिया. मैंने उनसे रुकने का पूछा … तो उन्होंने कहा कि आप मेरे घर में ही रुक जाना, आपको कोई दिक्कत नहीं होगी. मैं अपने घर में अकेली ही रहती हूं.
फिर निश्चित दिन पर मैंने ट्रेन ले ली. उनके शहर की लगभग 22 घंटे की यात्रा है. मैं अगले दिन ही ट्रेन से उनके शहर पहुंच गया.
गाड़ी चूंकि एक घंटे लेट हो गई थी, तो मैंने उन्हें बता दिया था. ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने के दो मिनट बाद ही उनका मेरे नंबर पर कॉल आया.
मैडम ने मुझसे पूछा- आप कहां हैं?
मैंने बताया- मैं स्टेशन से बाहर आ रहा हूं.
उन्होंने मुझे अपनी लोकेशन बताई. मैं वहीं चला गया और देखा कि वहां पर उनकी गाड़ी खड़ी थी. उन्होंने मुझे दूर से ही देख कर हाथ हिला कर विश किया.
मैंने भी उन्हें हाय किया.
मैं उनके पास गया, तो उन्होंने मुझे बिंदास अपने गले से लगा लिया. मैंने भी उनके ठोस मम्मों के स्पर्श का जायजा लिया और उन्हें कान में हल्के से बोल दिया कि पहाड़ियां बड़ी मस्त हैं.
वो हंस दीं.
फिर हम दोनों कार में बैठे, तो उन्होंने बोला- मुझसे आपका इंतजार ही नहीं हो रहा था. मैं पिछले एक घंटे से यहां पर आपका इंतजार कर रही थी.
मैं उनकी बेचैनी समझ सकता था.
कार घर की तरफ बढ़ चली. कुछ ही देर बाद मैंने उनके साथ उनके घर आ गया. उनका घर एक अच्छे एरिया में था.
उन्होंने मुझे बताया कि ये मेरा अपना निजी मकान है.
फिर मैं उनके घर के अन्दर गया और उन्होंने जैसे ही अपना दरवाजा बंद किया … पलट कर मुझे जोर से हग करने लगीं.
मैडम ने मुझे एक लंबा लंबा सा किस दिया. मैंने भी उनकी भावनाओं को बहने दिया और उनका साथ दिया.
हमारा चुम्बन करीब 10 मिनट तक चला होगा. उनके होंठ बहुत मस्त थे. दूध भी बहुत अच्छे लग रहे थे, मैडम ने बहुत सलीके से अपने आपको मेंटेन किया हुआ था.
मुझे किस करने के बाद वे बोलीं- मैं अब आपकी हूं.
मैंने उनकी आंखों में बड़ी गौर से देखा. एक अलग ही कशिश और पाने की लालसा थी.
उनकी आंखें यह भी कह रही थीं कि तुम्हारे आने से मुझे अच्छा लगा, मैं तुमसे संतुष्ट होना चाहती हूं.
मैंने अपनी आंख से उन्हें जता दिया कि आपको मायूसी नहीं होगी.
मैडम कहने लगीं- तुमने मुझसे कितना इंतजार करवाया है, भले ही मैं तुमसे कुछ दिन पहले से बात कर रही हूं. लेकिन ऐसा लगता है कि मुझे बहुत दिनों से तुम्हारा इंतजार था
मैंने हंसते हुए कहा कि मुझे स्नान तो कर लेने दीजिए.
उन्होंने भी मुस्कान बिखेरी और मेरा बैग देखा. मैं मुश्किल से कुछ ही कपड़े लेकर गया था.
उन्होंने कहा- बस इतना ही सामान है? क्या ज्यादा कपड़े लेकर क्यों नहीं आए?
मैंने कहा- आपने कोई दिन तो बताए नहीं थे, इसीलिए मैं एक-दो दिन की सोच कर आ गया.
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं है … अभी हम दोनों मार्केट चलेंगे. मैं तुम्हारे लिए कुछ कपड़े भी ले लूंगी.
मैं हंस दिया.
उन्होंने कहा- मैं देखना चाहती हूं कि तुम जो फोन पर फोन सेक्स करते थे, सच में मुझे उतना मजा देते हो कि नहीं.
मैंने कहा कि बस आप देखते जाइए … भरोसा रखिए, मैं आपको निराश नहीं करूंगा.
फिर मैं स्नान करके बाहर आया. वह मुझे बड़ी गौर से देख रही थीं.
मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा, तो मैडम बोलीं कि अभी हमें बाहर निकलना है. इसीलिए मैं तुम्हें अभी कुछ नहीं करूंगी. लेकिन अगर नहीं निकलना होता, तो मैं एक बार अभी ही चुद लेती.
मैंने उनके मुँह से चुदने की बात सुनकर कहा- कोई बात नहीं … मैं आपके लिए ही आया हूं … पहले चुद लीजिए. अभी मार्केट का छोड़िए … कल हो आएंगे.
उन्होंने कहा- नहीं … पहले बाजार ही चलते हैं. बाद में समय नहीं मिलेगा.
मैं उनकी इस बात को समझ नहीं पाया था. फिर भी मैंने हामी भर दी और कपड़े पहन कर तैयार हो गया.
मैडम तो मेरे साथ मार्केट जाने के लिए पहले से ही तैयार थीं.
बाजार जाकर मैंने दो जोड़ी कपड़े पसंद किए, तो उन्होंने पांच जोड़ी कपड़े खरीदने के लिए अलग रख दिए.
मैंने उनसे कहा- इतने कपड़ों की क्या जरूरत है.
उन्होंने मुझे चुप कराते हुए कहा- तुम बस पसंद करते रहो. तुम मेरे दोस्त हो.
पहले तो मैंने कुछ कहना चाहा, फिर चुप रहना ही उचित समझा. मुझे मालूम था कि कुछ समय में ही मालूम पड़ जाएगा मैडम कि मैं आपका दोस्त हूं या सब कुछ हूँ.
कपड़े लेने के बाद हम बाहर आ गए और एक होटल में जाकर खाना खाने लगे.
वो मेरे साथ ऐसे बर्ताव कर रही थीं, जैसे वो मेरी पत्नी या प्रेमिका हों.
मैडम के साथ बिताए गए सेक्सी पल को वासना के मोतियों में पिरो कर आपके सामने लिखने की कोशिश कर रहा हूँ. आपको मेरी हिंदी चुदाई कहानेया पर मेल करने की पूरी छूट है … मुझे इन्तजार रहेगा.
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