इस हिंदी सेक्ससी कहानी में पढ़ें कि कैसे एक मैडम ने मुझे उनकी वासना को ठंडी करने के लिए बुलाया था. मैडम ने मुझे बाथरूम में लेजाकर अपनी चूत की प्यास कैसे बुझाई.
हैलो फ्रेंड्स, मेरी सेक्स कहानी में आपका फिर से स्वागत है. इस हिंदी सेक्ससी कहानी के पहले भाग
अकेली चूत को लंड का सुख-1
में अब तक आपने पढ़ा कि मैडम ने मुझसे चुदवाने के लिए मुझे बुलाया था. वो चुदने से पहले मुझे बाजार ले गई थीं और मेरे लिए पांच जोड़ी कपड़े खरीद लिए थे. करीब तीन घंटे बाद हम दोनों वापस घर आ गए.
अब आगे की हिंदी सेक्ससी कहानी:
उसके बाद जैसे ही हम दोनों घर में घुसे … वो तो मानो जैसे बेसब्र हो गई थीं.
मैडम मुझे हग करके फिर से किस करने लगीं. इस बार और भी जोरदार किस था. वो मेरा हाथ अपनी एक चूची पर रखवाने लगीं. मैं भी दोनों हाथ रख कर उनकी दोनों चूचियों को मसलने लगा.
उनकी चूची की साइज 36 इंच की थी. मैं उन्हें किस करने के साथ उनकी चूचियों को दबाते जा रहा था.
वो कामुकता के शिखर पर चढ़ती जा रही थीं. साथ ही बीच-बीच में बोल रही थीं- आह जान … मैं बरसों की प्यासी हूं. तुमने मुझे फोन सेक्स करके और ज्यादा भड़का दिया था. पहली बार तुमने जब मेरे साथ फोन सेक्स किया था. उसी बार से मैं सोच रही थी कि मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूं.
मैं मैडम को सुने जा रहा था और बीच-बीच में उन्हें किस किए जा रहा था. मैंने भी यही सोच लिया था कि आज मैं इनको पूरा सुन लूंगा, फिर जो ये कहेंगी, वही करूंगा.
करीब दस मिनट बाद मैडम बोलीं- चलो साथ में स्नान करते हैं.
मैंने उन्हें प्रश्नवाचक नजरों से देखा कि मैंने अभी तो स्नान किया था.
उन्होंने बोला- कोई बात नहीं … गर्मी का मौसम है … फिर से नहा लेते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उनके साथ बाथरूम में चला आया.
अपने कपड़े भी मैं नहीं उतार पाया था. मैं बस अपना मोबाइल और पर्स ही निकाल कर बाहर रख पाया था. वो मुझे लगभग घसीटते हुए बाथरूम में ले जाने लगी थीं. मैं भी उनके साथ चला गया.
अन्दर आकर उन्होंने शॉवर चला दिया और मुझसे लता सी लिपट गईं. मैं उन्हें किस करता जा रहा था. फव्वारे के पानी में उनका बदन भीगता जा रहा था.
उनकी कुर्ती गीली हो चुकी थी. मैं भी देख रहा था कि उनकी कुर्ती उनके शरीर मानो घुसने लगी थी.
गर्मी के मौसम में वैसे भी लोग सूती के वस्त्र पहनते हैं.. और जब उस पर पानी पड़ता है, तो वह शरीर से बिल्कुल ऐसे चिपक जाता है … मानो शरीर नंगा हो गया हो. ख़ास तौर से महिलाओं की बता करूं तो उनकी ब्रा और पैंटी साफ़ दिखने लगती हैं.
इधर तो मामला ही चुदाई का था, तो मैडम ने एकदम पतले कपड़े की स्किन कलर की कुर्ती पहनी हुई थी और उसी रंग की ब्रा पैंटी थी. जब पानी से उनकी कुर्ती भीग कर जिस्म से चिपकी, तो ऐसा लगने लगा था कि उन्होंने कुछ पहना ही न हो.
मैं उनके चुचे के ऊपर से दबा रहा था और अभी तक उनके होंठों को ही चूसे जा रहा था.
उनकी चूचियों को ढकती हुई ब्रा की डिजायन साफ़ दिखने लगी थी. मैंने पीछे से उनकी कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर ब्रा को खोल कर नीचे कर दिया. उनके चुचे कुर्ती में ही थे मगर अब वे आजाद हो गए थे. मैं कुर्ती के ऊपर से ही चूचों के निप्पलों को चूसना चाहता था. मैडम को भी मजा आने लगा था.
मैं कुर्ती के ऊपर से उनकी चूचियों को चूस रहा था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. वो भी बहुत मजे से अपनी चूचियां चुसवा रही थीं. उनके सीने के उभार मेरे मुँह में मानो समाने के लिए बेताब थे.
मैंने धीरे-धीरे करके उनकी कुर्ती को निकाल दिया. अब उनका शानदार तराशा हुआ बदन मेरे सामने नग्न था. उनकी तनी हुई चूचियां कहीं से भी उनकी उम्र की चुगली नहीं कर रही थीं.
जोश में आकर मैंने एक चूची को चूसना शुरू कर दिया था. कपड़े के ऊपर से चूची के चूसने का मजा और होता है और जीभ का सीधे चूचुक पर हमला करना और होता है. मेरे होंठों में निप्पल दब गया था और उनकी मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं. मैं भी बीच-बीच में निप्पल छोड़ कर उनके होंठों को भी चूम रहा था.
कुछ देर बाद मैडम बोलीं- पहले एक बार मुझे चोद दो … बड़ी आग लगी है.
लेकिन मैंने सोचा कि इतनी जल्दी चुदाई नहीं होनी चाहिए. मैंने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया और धीरे-धीरे नीचे आते हुए उनके पेट पर किस करने लगा.
मैं अपने दांत से हल्के हल्के से उन्हें काट भी रहा था. वो भी इस पल का आनन्द ले रही थी.
उनके मुँह से जो भी बन पा रहा था, वह बोल रही थीं- आह .. तुम बहुत अच्छे हो .. तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले. मैं सिर्फ तुम्हारी हूं.
उनके मुँह से ये सब मुझे भी अच्छा लगा था. उसके बाद धीरे-धीरे मैंने उन्हें पूरी नंगी कर दिया और अचानक से उनकी चूत में एक उंगली को डाल दिया.
मैंने उंगली को जरा सा ही डाला था कि वो एकदम से उचक गईं. मुझे अहसास हुआ कि उनकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट है.
मैंने उंगली डाले हुए ही कहा- आपकी चूत तो बहुत टाइट है.
उन्होंने कहा कि हां सालों से मैंने इसे संभाल कर रखा है .. सालों बाद आज मैं इसे तुम्हें सौंप रही हूं. तुम मेरे पति के अलावा दूसरे मर्द हो .. और अब तुम ही इसके मालिक रहोगे.
मैंने औरतों की चुदाई के समय ऐसी भावनात्मक बातें कई बार सुनी थीं. इसलिए मुझे ये कोई नई बात नहीं लगी थी.
मैं उनके नीचे होकर घुटनों पर बैठ गया. मैंने मैडम की चूत पर एक किस कर दिया. चुत को जीभ से सहलाया और चाटा.
वो तो जैसे मचल गईं. मैडम मीठी आह निकलते हुए बोलीं- आज तक मेरे पति ने भी मेरी चूत को नहीं चाटी थी.
वो मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगीं. मैं भी पूरी तन्मयता से चुत चूसने में लगा रहा. कुछ ही देर तक मैंने उनकी चूत को चाटा होगा कि उनकी चूत से पानी निकल गया. वो झड़ने लगीं और बड़ी जोर से चीखते हुए मेरे सर पर गिर गईं.
मुझे लगा कि क्या हुआ .. कहीं कुछ हो तो नहीं गया.
फिर मैंने उन्हें संभाला. उनका पूरा शरीर कांप रहा था. मेरे मुँह पर उनकी चुत का पानी बहुत ज्यादा आ गया था. इतना गीलापन देख कर पहले तो मुझे लगा कि कहीं उन्होंने पेशाब तो नहीं कर दी. लेकिन चुतरस का स्वाद चखकर समझ आ गया कि नहीं, ये चुत रस ही है.. शायद बहुत दिन बाद झड़ी हैं … तो ज्यादा बह गई हैं.
मैं उनके सारे पानी को पी गया.
फिर मैंने सहारा देकर खड़ा किया. अब वो मुझे बड़ी हसरत भरी नजरों से देख रही थीं.
मैडम झड़ चुकी थीं, फिर भी मैंने उनकी चूत को चाटना नहीं छोड़ा.
उन्होंने सीत्कारते हुए कहा कि तुम जितना मजा फोन पर करवा देते थे, उससे ज्यादा मजा तो अभी आ रहा है.
मैंने उनसे कहा- मैंने आपको पहले ही बोला था कि आपको किसी बात की कमी नहीं रहने दूंगा.
मैडम मेरे सर को सहलाने में लग गईं और मैं धीरे-धीरे उनकी चुत को चाटता रहा.
कुछ देर बाद मैडम लंड पकड़ कर बोलने लगीं- आप इसे इसके साथी से मिला दो. प्लीज़ अब देर न करो. मेरी चुत में आप अपना लंड डाल दो.
मैडम मुझसे रिक्वेस्ट करने लगी थीं, कातर भाव से विनती करने लगी थीं कि आपको और जो भी करना है, बाद में कर लेना. अभी मेरी आग बुझा दो.
बाथरूम में उधर पानी चल रहा था, जिसकी बूंदों में वो भी भीग रही थीं और मैं भी.
मैंने कुछ सोचा और मैडम से इंतजार करवाना उचित नहीं समझा.
मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतार कर उन्हें हल्का सा झुका दिया.
वह बोलीं- नहीं पहली बार में सीधे में करो.
मैंने उन्हें उनकी पीठ के बल, बाथरूम की दीवार से सटा दिया और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
वो इतनी ज्यादा बेकरार थीं कि उनसे रुका ही नहीं जा रहा था. मैडम ने अपनी चूत को उठाते हुए आगे को कर दी. लेकिन उनके चूत उठाते ही, मैं अपना लंड पीछे कर लेता था. वो लंड चुत में लेने के लिए मानो कसमसा उठी थीं.
फिर मैं उन्हें किस करने लगा और उनकी एक टांग को उठा कर उनकी चूत में लंड लगाते हुए एक धक्का दे दिया. लंड अन्दर जाते ही मैडम एकदम से चिहुंक गईं.
मुझे लंड पेलते ही समझ आ गया था कि सच में उनकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी.
मैंने उनसे पूछा- इतनी टाइट कैसे?
वो बोलीं- क्यों मजा नहीं आया?
मैंने कहा- वो तो सील पैक लौंडिया जैसा आ रहा है.
फिर वो बोलीं- बहुत दिन बाद सेक्स करने के बाद ऐसा हो गया होगा.
ये सच है कि बहुत दिन तक चुदाई नहीं करने पर ऐसा हो जाता है. मुझे उनकी चुत में लंड पेलते हुए ऐसे लग रहा था कि मैं किसी 20- 22 साल की लड़की की बिना चुदी चूत को चोद रहा हूँ.
कुछ ही देर में लंड ने चुत में जगह बना ली और मैं उन्हें पूरी रफ्तार से चोदे जा रहा था. लंड अन्दर बाहर करने के साथ में मैं मैडम के होंठ भी चूस रहा था … और एक हाथ उनके चुचे को भी दबा रहा था. वो भी दीवार से टिक कर बड़े मजे से चुद रही थीं. चुदाई के बीच में ही दो बार उनका पानी भी निकल गया था.
चुदाई के बीच में मैंने पोजीशन बदलनी भी चाही, तो मैडम बोलीं- नहीं … ऐसे ही मजा आ रहा है.
मैं भी उनकी मस्त चुदाई किये जा रहा था.
करीब 15 मिनट के बाद मेरा भी रस निकलने वाला हो गया था. मैंने उनसे पूछा- मेरी रानी माल कहां पर लेना पसंद करोगी … मुँह में या अन्दर ही!
तो उन्होंने बोला- अभी मुँह की बारी नहीं आई है … अभी अन्दर ही लेना पसंद करूंगी.
उनकी बात सुनकर मैं जोरों के धक्के मारता हुआ उनकी चूत में ही झड़ गया.
उसी समय मैडम भी मेरे साथ एक बार फिर झड़ गईं और मुझसे चिपक गईं.
मैडम मुझे किस करती हुई बोलीं- तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद … बड़ा सुख दिया है. मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि तुमने मुझे क्या दिया है.
मैंने मैडम को किस किया और उसके बाद हम दोनों फव्वारे के नीचे खड़े होकर स्नान करने लगे.
नहाने के बाद उन्होंने ही मुझे तौलिए से पौंछा और खुद को भी पौंछा.
मैंने उनसे तौलिया ले लिया और उन्हें लपेटना चाहा.
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है.
फिर मैडम मुझे किस करती हुई नीचे बैठ गईं और मेरे लंड पर किस करती हुई बोलीं- अब मेरे मुँह में जाने की इसकी बारी है … लेकिन अभी नहीं.
मैं समझ गया और उसके बाद हम लोग बाथरूम से बाहर आ गए. मैडम मुझे सोफे पर बैठने के लिए बोलीं, तो मैं बैठ गया.
वो अपने किचन में चली गईं. वहां से पीने के लिए मैडम कुछ गिलास में लेकर आईं.
मैंने उनसे गिलास लेते हुए पूछा कि आपका गिलास कहां है?
उन्होंने कहा- वो तुम्हारे पास है.
मैंने पूछा- मेरे पास!
उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- पहले तुम पियो तो सही. मैं उसी में से पी लूंगी.
मैं उनको पिलाते हुए खुद भी पीने लगा.
पूरा गिलास खत्म होने के बाद मैडम बोलीं- तुम कमरे में चलो … मैं आती हूं.
मेरी कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. मगर मुझे क्या पता था कि अब चॉकलेट के साथ नमकीन चुदाई की बारी है.
उसके बाद मैं रूम में गया, तो वह लिक्विड चॉकलेट लेकर आ गईं. आज मैडम की तन्हा चुत में जो आग लगी थी उसे किस तरह से लंड से बुझाना है, मैं समझ गया था.
अगली बार की मैडम की चुदाई की कहानी में लंड चुत की रंग रेलियां आपके तन बदन में आग लगा देंगी.
मेरी इस इस हिंदी सेक्ससी कहानी पर आपके मेल का स्वागत है.
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हिंदी सेक्ससी कहानी का अगला भाग: अकेली चूत को लंड का सुख-3