यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
राहुल जैसे ही घर पहुंचने वाला था, उसे फिर वही आवाज़ सुनाई दी जो उसे शेफ़ाली को चोदते हुए सुनाई दी थी- राहुल तुम्हें घर जा कर फिर से वो पुराने वाला राहुल बन जाना है जिसका दिमाग अभी बच्चे जैसा है!
‘तुम फिर आ गए? तुम हो कौन और चाहते क्या हो?’ राहुल ने मन में सोचा.
‘राहुल मैं कौन हूँ… इस बात को भूल जाओ, मैं तुम्हें अपनी पहचान अभी नहीं बता सकता लेकिन मैं तुम्हारा दोस्त हूँ! मेरा विशवास करो!’
‘दोस्त हो तो सामने क्यों नहीं आते?’
‘नहीं आ सकता… पर तुम्हें कई शक्तियां, जो मैं तुम्हें दे चुका हूँ, उनके बारे में सुन लो!’
‘शक्तियां? क्या बकवास है… तुम सिर्फ मेरे दिमाग से खेल रहे हो!’
‘नहीं, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ और शक्तियों की एक झलक देखने के लिए अपने मन में सोचो कि तुम गायब हो जाओ!’
‘कितना फेंकोगे यार…’ राहुल ने मन में गायब होने की बात सोची और दूसरे ही पल उसके हाथ गायब हो गए फिर… धड़ और फिर वो सारा गायब हो गया।
राहुल ने अपना सिर पकड़ लिया और वहीं सड़क के किनारे बैठ गया।
‘अब यकीन आया तुम्हें?’ कुछ देर बाद उसे वही आवाज़ फिर सुनाई दी।
‘यह कैसे मुमकिन हो सकता है?’ राहुल ने हैरानी भरे लहजे में पूछा।
‘यह मुमकिन है क्योंकि तुम खास हो… बेहद खास! तुम कोई आम इंसान नहीं हो! अब मेरी बात ध्यान से सुनो!’ आवाज़ कुछ देर के लिए चुप हुई.
राहुल, तुम सिर्फ गायब ही नहीं हो सकते, अब तुम जिस भी चीज़ के पीछे देखना चाहो देख सकते हो, तुम पहले से 500 गुना ज्यादा ताकतवर हो और अपने शरीर को या किसी भी अंग को कितना भी छोटा या बड़ा कर सकते हो… लोगों की बातें सुन सकते हो 200 मीटर के दायरे में!’
राहुल अभी भी गायब ही था पर अब वो अपने बदन को महसूस कर सकता था। उसने मन में सोचा ‘दिखने लगूँ’ तो वो फिर से समान्य हो गया। पर वो खुश से ज्यादा हैरान था कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है।
‘राहुल पर मेरी बात याद रखना की इन शक्तियों के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए किसी को भी नहीं.. और तुम्हें पहले ही वाले राहुल की तरह अभिनय करना होगा! समझ गए ना?’
‘नहीं पता चलेगा!’ राहुल ने मन में सोचा।
राहुल घर के गेट से अंदर जाने ही वाला था कि उसे वो आवाज़ फिर सुनाई दी- रुको, मैं तुम्हें तुम्हारी दो सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों के बारे में बताना तो भूल ही गया… अब तुम्हारा दिमाग किसी भी इंसानी दिमाग से 50 गुना अधिक तेज़ी से काम करेगा और ज़रूरत पड़ने पर तुम 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकोगे… विदा राहुल… पर हम जल्दी ही मिलेंगे!’
राहुल को अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा था कि जो बातें वो आवाज़ कह के गई है. वो सही हैं। वो असमंजस की हालत में घर में दाखिल हुआ उसके कमरे यानि सीढ़ियों के नीचे के तहखाने के आस पास कोई नहीं था, वो जल्दी से अंदर चला गया और दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी और अपने बिस्तर पर पसर गया।
उसने अपनी कैमिस्ट्री की किताब उठा ली और उसे पढ़ने लगा, पढ़ते हुए ही केमिस्ट्री के फॉर्मूले, रिएक्शन्स उसके दिमाग में ऐसे घुसने लगे कि जैसे वो कोई कहानी पढ़ रहा हो। उसने जल्दी से कपड़े उतारे और अपनी बाजू को आगे किया और लम्बा करने कि सोची तो उसकी बाजू इतनी लम्बी हो गई कि सामने वाली दीवार से जा टकराई।
राहुल समझ गया जो कुछ भी उस आवाज़ ने कहा था वो बिल्कुल सही था और अब वो पहले से राहुल बिल्कुल भी नहीं रह गया था।
राहुल ने टाइम देखा तो 8 बज चुके थे ‘अब कोई बड़ा बहाना बनाना होगा.’ उसने मन में सोचा पर ‘पहले यह देख लेता हूँ कि माँ क्या कर रहीं हैं।’
रमा बाथरूम में थी… बहुत सारे कपड़े उसके आसपास बिखरे पड़े थे पर वो एक कोने के साथ सट कर बैठी हुई थी और टाँगे खोल कर और राहुल का नाम ले ले कर उंगली कर रही थी, उसके मोटे-2 स्तनों पर पानी की बूंदें गिरी हुई थी, उसकी आंखें बंद थी और वो लगातार उंगली करती जा रही थी.
राहुल यह नजारा देखकर गर्म हो गया और उसका घोड़े का सा लंड फिर सलामी देने लगा।
‘लो बन गया काम… आज तो एक तीर से दो निशाने लगाऊंगा’ उसने खुद से कहा।
उसने जल्दी से कपड़े पहने और कपड़ों को जगह जगह से फाड़ दिया ताकि लगे कि उसे किसी ने मारा है। फिर एक कील उठा कर जल्दी से उसने अपनी टांग के बिल्कुल ऊपरी हिस्से पर कुछ खरोंचें बना दीं और रोने का नाटक करते हुए बाथरूम की तरफ चल पड़ा।
‘माँ… माँ…’ उसने बाथरूम का दरवजा खटखटाते हुए रोती सी आवाज में कहा।
‘बेटा मैं नहा रही हूँ!’ रमा की अंदर से आवाज आई।
‘माँ… माँ… मुझे आज लड़कों ने बहुत मारा!’ राहुल ने चाल चली।
रमा ने जब यह सुना कि राहुल को लड़कों ने मारा है तो उसने झट से दरवाजा खोल दिया और राहुल को अंदर आने के लिए कहा।
राहुल भी बिना समय गंवाए अंदर घुस गया। रमा उसके बिल्कुल पास खड़ी थी, एकदम नंगी… 30 के पार की उम्र के बावजूद वो बेहद सुन्दर थी। गोरा रंग, श्वेता तिवारी जैसा फेस कट और सुडौल अंडाकार मम्मे!
‘हाय राम यह क्या हालत कर दी है तेरी उन्होंने… मेरे बच्चे को कहीं चोट तो नहीं लगी?’ रमा राहुल के फटे कपड़ों को देखकर बोली।
‘माँ… माँ… मुझे न…मुझे… न… कुछ लड़कों ने मारा और मेरी टाँग पे कील मारी बहुत दुख रहा है.’ राहुल ने नाटक को जारी रखते हुए कहा।
‘हाय राम…’ रमा ने राहुल बाहों में भरते हुए कहा।
रमा की बड़ी-2 तनी हुई चुची राहुल की छाती में धंस गई… राहुल ने भी रमा को जफ्फी डाल दी और उसकी नंगी पीठ को धीरे-2 सहलाने लगा।
‘कहाँ लगी है चोट?’ रमा ने फिर पूछा.
‘टाँग पे…’ राहुल ने जवाब दिया.
‘दिखा तो?’
राहुल ने झट से कपड़े खोल दिये और रमा को अपने कच्छे के थोड़ा नीचे खरोंचे दिखाने लगा।
रमा ने उन पर सेवलोन लगा दिया पर फिर उसकी नज़र तंबू बने हुए राहुल के कच्छे पर गई और सोचने लगी ‘हाय राम क्या लौड़ा है इस लड़के का… अभी इसी के नाम की मुठ मार रही थी और अब ये मेरे सामने है.’
‘माँ क्या सोच रही हो?’
‘कुछ नहीं… और कहीं तो चोट नहीं लगी? ज़रा अपना कच्छा तो उतार के दिखा?’
रमा के कहने की देर थी और राहुल ने झट से कच्छा नीचे कर दिया। रमा उसके 12 इंच के सांड जैसे लौड़े को देख कर हैरान रह गई।
‘कितना बड़ा है!’ रमा के मुंह से अचानक ही निकल गया।
‘क्या कितना बड़ा है माँ?’ राहुल ने भोलेपन का नाटक करते हुए कहा।
‘बड़ा नहीं राहुल, मैंने कहा कितना सूज गया है.’ रमा ने बात संभालते हुए कहा।
‘माँ मेरा नुन्नू न दुख रहा है, लड़कों ने मुझे यहाँ पर भी मारा था ‘ राहुल ने रमा को खुलने का मौका देने के लिए कहा।
‘अच्छा …ला मालिश कर दूं ‘ रमा घुटनों के बल बैठ गई और उसने राहुल का लंड मुँह में ले लिया और आगे-2 पीछे हो होकर चूसने लगी।
‘हाँ हाँ माँ ऐसे ही… दर्द कम हो रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह…’ राहुल मज़े के आसमान में उड़ते हुए कहते जा रहा था। शेफाली चाहे जवान थी पर वो लंड को इतने अच्छे से चूस नहीं पा रही थी, वहीं रमा बिल्कुल किसी रंडी की तरह राहुल का मोटा लंड चूस रही थी।
रमा ने अपने एक हाथ से राहुल के लंड को पकड़ रखा था तो दूसरे से अपनी चूत को रगड़ती जा रही थी।
रमा ज्यादा देर तक खुद को रोक नहीं सकी और आहें भरने लगी आह… आह… आह और जब और रुकना उसके लिए नामुमकिन हो गया तो उसने सारे नल खोल दिये और दो टूटियों को पकड़ के झुककर खड़ी हो गई।
उसकी मांसल मोटी गांड राहुल के सामने थी पर नादानी का अभिनय करते हुए खड़ा रहा।
‘राहुल देख क्या रहा है डाल दे मेरी चूत में अपना लौड़ा!’ रमा बोल उठी… उसके लिए एक-2 सेकंड घंटों की तरह बीत रहा था।
‘क्या किसमें डाल दूँ?’
‘अरे मेरे भोंदू राजा, अपने इस नुन्नू को नीचे वाले छेद में डाल दे!’ रमा ने अपनी उंगली को अपनी चूत में डाल के दिखाते हुए कहा। माँ अपने बेटे को माँ की चुदाई करने को कहा रही थी.
राहुल को हरी झंडी मिल चुकी थी, उसने आव देखा न ताव झट से रमा को कमर से कस पकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट करके ज़ोर से घस्सा दे मारा।
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‘आई माँ… क्या मस्त लौड़ा है चूत एक ही झटके में भर गई है’ रमा चिल्लाई।
पर इससे पहले वो खुद को तैयार करती, दूसरा झटका पड़ गया… फिर तीसरा… चौथा… पाँचवा…’ कमीने मादरचोद धीरे डाल…’ रमा ने दर्द से तड़पते हुए गाली दी। लंड उसकी बच्चेदानी से बुरी तरह टकरा रहा था जिससे उसे और ज्यादा दर्द हो रहा था पर मजा भी पूरा आ रहा था।
बिना कुछ कहे-सुने राहुल ने धक्कों की ट्रेन शुरू कर दी… वो लंड पर चूत का कसाव साफ महसूस कर सकता था, उसे लंड अंदर बाहर करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी पर वो पूरी रफ्तार से माँ की चुदाई किए जा रहा था।
इतने भयंकर वारों के आगे माँ की चूत ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया… चूत के पानी ने तेल का काम किया और चूत का कसाव भी कम हो गया… राहुल ने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी, वो आंखें बंद किये बस धक्के दिए जा रहा था.
और रमा उसका जोश बढ़ा रही थी- हाँ ऐसे ही आ… आ… आह… उम्म… चोद… और तेज़ चोद… फाड़ के प्यास बुझा दे अपनी माँ की चूत की आह… कितने.. दिनों बाद आज सकून मिला है … आह आह… तेरा बाप तो नपुंसक है, उससे तेरी माँ की चुदाई होती ही नहीं… आह आह…’
राहुल चोदते हुए रमा के गांड के छोटे से हल्के भूरे रंग के छेद को घूर रहा था, वो कुछ नया करना चाहता था पर डर रहा था कि रमा चिल्ला देगी और घर वाले सुन लेगें।
पर तभी उसके दिमाग में एक स्कीम आई, उसने झट से लंड बाहर निकाला और अपने लंड का आकार छोटा करके उसे रमा की चूत पर रगड़ने लग पड़ा।
‘क्या हुआ राहुल क्यों निकाल लिया?’
‘खुद बाहर आ गया माँ!’
रमा ने अपना हाथ पीछे करके राहुल के लंड को टटोला वो सच में सिकुड़ चुका था… 12 इंच का अजगर अब 5 इंच की छिपकली बन चुका था… रमा को लगा लड़के की पहली बार है तो ऐसा हो जाता होगा कि मर्द बिना झड़े ही ठंडे हो जाते हैं।
‘आह… आह… राहुल नहीं रुका जाएगा मुझसे ऐसे ही दोबारा डाल दे!’ रमा तड़पती हुई बोली।
राहुल मौका ताड़ गया उसने रमा की गांड का निशाना लगाके एक कस के झटका मारा… उसका लंड क्योंकि इस समय काफी छोटा था, पूरा का पूरा रमा की गांड में समा गया।
‘मा चोद यह कहाँ डाल दिया… आह… मर गई!’
पर इससे पहले की रमा को कुछ समझ आता राहुल ने उसकी गांड में अपने लौड़े को फिर नार्मल साइज का कर लिया और दे दनादन झटकों की रेल चलानी शुरू कर दी।
रमा की गांड बेहद सिकुड़ी हुई थी एक बार तो उसे लगा कि लंड दवाब से फट जाएगा पर कुछ झटकों में ही लंड ने अपनी जगह बना ली।
रमा को अजीब तो लगा कि लंड गांड में फिर कैसे बड़ा हो गया पर क्योंकि अब उसे दोहरा मजा मिल रहा था तो वो फालतू की बातें भूल गई.. राहुल का मूसल लंड उसका गुदा चोदन कर रहा था तो राहुल के बड़े-2 अंडे उसकी चूत के दाने से टकरा टकरा के उसे बार-2 झड़ने को मजबूर कर रहे थे।
उस रात वो राहुल के झड़ने से पहले न जाने कितनी बार झड़ी। राहुल भी रमा की कसी हुई गांड में ज्यादा देर न टिक पाया और जल्दी ही उसका भी समय आ गया और वो एक ज़ोरदार झटके के साथ रमा की गांड में ही झड़ गया।
चुदाई खत्म होने के बाद दोनों नहाए, रमा ने राहुल को नए कपड़े पहने को दिए और बाथरूम से बाहर भेज दिया।
राहुल बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो बाहर खड़ी तनु से टकरा गया।
माँ की चुदाई वाले इस भाग के बारे में शीघ्र प्रतिक्रिया मुझे भेजें.
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