यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
राहुल को स्कूल से पैदल आना पड़ता था। वो कोई 2.30 बजे घर पहुंचा, कपड़े बदले और खाना खाने के लिए रसोई में चला गया।
रमा वहाँ बर्तन साफ़ कर रही थी, राहुल को देखते ही रमा ने अपने हाथ धोये और राहुल को खाना निकाल कर दिया।
राहुल को अजीब तो लग ही रहा था कि न उसे रात में उठाया गया, न सुबह… फिर दिन के बर्तन भी माँ ने खुद ही धो लिए, उसे पक्का यकीन हो गया कि रमा उससे नाराज़ है।
‘माँ तुम मुझसे नाराज़ हो?’ राहुल ने खाना खाते हुए पूछा।
‘मैं क्यों नाराज़ होने लगी भला?’
‘वो कल मैं टयूशन से लेट आया था न!’
‘हा हा… सही कहते हैं लोग, तू बहुत भोला है… इतनी छोटी सी बात पे मैं क्यों नाराज़ होने लगी!’
‘माँ अगर तुम नाराज़ नहीं हो तो फिर तुम सारा काम खुद क्यों कर रही हो? पहले तो मुझे भी अपनी मदद करने देती थी!’
राहुल की भोली भाली बातें सुन रमा की आँखों में आँसू आ गए, वो सोच रही थी कि उसके अपने बच्चों ने भी उसकी इतनी फ़िक्र नहीं की और ये जिसे वो नौकरों की तरह रखती थी, उसका कितना ख्याल रखता था।
रमा ने आँखें पौंछी और राहुल को बेटे की तरह अपनी बाँहों के आगोश में ले लिया.
माँ का प्यार पा राहुल भी रो पड़ा।
दोनों को एक दूसरे की ज़रुरत थी पर दोनों के मन में एक दूसरे के असीम प्यार भी पैदा हो गया था।
राहुल की टयूशन का टाइम हो रहा था, उसने जल्दी से खाना खत्म किया और टयूशन भागा।
शेफाली ने आज सब बच्चों की छुट्टी कर रखी थी, ऊपर से घर पर कोई नहीं था, वो जानती थी कि इससे अच्छा मौका उसे नहीं मिलेगा.
उसने सिर्फ नाइटी पहन रखी थी ताकि कोई ताम झाम न हो कपड़े उतारने में!
राहुल टाइम से पहले ही पहुँच गया। शेफाली ने उसे जल्दी से अंदर खींचा और दरवाजे को कुण्डी लगा दी।
शेफाली को नाइटी में देखते ही राहुल का लंड पूरी तरह तन गया।
‘राहुल जल्दी से दिखाओ कि तुम्हारा तम्बूरा कितना स्ट्रांग हुआ है?’ उसने राहुल के अंदर घुसते ही कहा।
राहुल भी अपने लंड को और स्ट्रांग बनवाने के लिए तड़प रहा था तो बिना शरमाये उसने अपनी पैंट उतार दी.
‘हाय राम, कितना मूसल लंड है!’ शेफाली के मुंह से ये निकल गया।
‘दीदी आपको मेरा लंड अच्छा लगता है?’ राहुल ने मासूमियत से पूछा
‘अच्छा नहीं बहुत अच्छा लगता है!’ शेफाली ने जवाब दिया।
‘अच्छा ये बता राहुल दुद्दू पियेगा?’ शेफाली ने अपनी नाइटी उतार के अपने मम्मों को हिलाते हुआ पूछा.
‘हाँ दीदी पियूँगा… आपके दुद्दू कितने गोल गोल हैं.’
‘ठीक है, मैं तुझे दुद्दू पीने दूंगी पर पहले तुझे मेरी चूत को स्ट्रांग बनाना है, याद है न?’ शेफाली ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा।
‘याद है दीदी मैं ज़रूर आपकी चूत को स्ट्रांग बनाऊंगा… पर ये चूत होती क्या है?’ राहुल ने जवाब दिया।
‘अरे मेरे भोले शेर, ये जो छोटा सा छेद है न इसे कहते हैं चूत!’ शेफाली ने उसे अपनी बिना बालों वाली चूत को अपनी उँगलियों से खोल के दिखाते हुए कहा।
‘ओह दीदी ये तो बहुत छोटी है ये कैसे स्ट्रांग बनेगी?’ राहुल ने शेफाली के छोटे से छेद को हैरानी से देखते हुए पूछा।
राहुल के इस मासूम सवाल पर शेफाली की हँसी छूट गई- राहुल चूत जितनी छोटी हो, उतनी ही अच्छी होती है! अब जल्दी से मेरी टाँगों के बीच आजा और मेरी चूत की ख़ुशबू लेकर देख!
राहुल उसकी टाँगों के बीच चला गया और उसने धीरे-2 अपना चेहरा उसकी चूत की पास किया और फिर एक गहरी साँस ली ताकि वो ख़ुशबू को सूंघ सके। चूत की खट्टी-2 ख़ुशबू उसे अच्छी भी लगी और अजीब भी!
‘राहुल, अब अपनी जीभ से इसे धीरे-2 चाट… जैसे तू कुल्फी को चाटता है.’ शेफाली ने उसे थोड़ी सख्त आवाज़ में हुक्म देते हुए कहा ताकि राहुल इन्कार न कर सके।
राहुल ने उसकी बात सुनते ही अपनी जीभ निकाल ली और शेफाली की चूत को चाटने लगा जैसे वो अपने खाने की प्लेट को चाटता था, जब कभी उसे अच्छा खाना मिलता था।
‘आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह… ओह राहुल ऐसे ही हाँ… माँ… आह रुक मत बस चाटता रह आह…’ शेफाली आनन्द से सराबोर लम्बी-2 आहें लेते हुए कहती जा रही थी।
‘दीदी आप ठीक तो हो ना?’ राहुल ने पूछा.
‘हाँ मेरे चोदू… मैं ठीक हूँ, तू रुक मत, चाट मेरी मुनिया… मन लगा के चाट… अच्छे से चाटेगा तो मैं तुझे बड़ी सी चॉकलेट दूँगी!’
चॉकलेट की बात सुनते ही राहुल जोश से भर गया और शेफाली को खुश करने के लिए पूरी रफ़्तार से चाटने लगा। चूत से निकलता पानी उसकी जीभ से उसके मुँह में जा रहा था इस अजीब से द्रव का स्वाद राहुल को और भी उत्तेज़ित करता जा रहा था… उसने शेफाली की मुलायम सुडौल टांगों को कस के पकड़ लिया और पूरी रफ़्तार से बुर को चाटने लगा।
शेफाली अब अपने चर्म पर पहुँचती जा रही थी और अह… अह… के सिवा उसके मुँह से कुछ नहीं निकल रहा था. उसका बदन कांपने लगा था, उसने राहुल के मुँह को पकड़ के ज़ोर से अपनी चूत पर लगा दिया और उसके मुँह में ही झड़ गई।
उसकी चूत से निकला रस इतना ज्यादा था कि न चाहते हुए भी राहुल उसका काफी रस निगल गया।
शेफाली निढाल होकर बिस्तर पर लेट गई। वो राहुल तने हुए तम्बूरे को देख रही थी जो किसी नागराज की तरह राहुल की टाँगों के बीच झूल रहा था। उसने सोचा तो था कि पहले वो राहुल को चुदाई लायक बनाएगी, उसे सिखाएगी की चुदाई कैसे होती होती है पर अब उसके तने हुए लौड़े को देखकर उसने डायरेक्ट एक्शन करने की सोच ली।
शेफाली ने राहुल को बिस्तर पर लेटने को कहा और खुद खड़ी हो गई और टेबल पर रखी वैसलीन की डिब्बी में से उसने अच्छी खासी वैसलीन निकाली राहुल मूसल लंड पर मल दी ताकि मूसल उसकी चूत में आसानी से जा सके।
‘राहुल अब मैं अपनी चूत को ताकतवर बनाऊँगी, तुझे थोड़ा दर्द हो सकता है पर तू आवाज़ मत निकालना, ठीक है न?’
‘ठीक है!’ राहुल ने मासूमियत से कहा।
शेफाली ने राहुल के मूसल को नजर भर के देखा जो अब पहले से भी बड़ा और मोटा लग रहा था और फिर शेफाली अपनी टाँगें खोल कर खड़ी हो गई, अब उसकी चूत के बिल्कुल नीचे राहुल का मूसल लंड 90 डिग्री के कोण पर तना हुआ था।
वो धीरे धीरे नीचे हुई और अपनी चूत को राहुल के लंड के मोटे टोपे पर सेट कर लिया और फिर उस पर आहिस्ता-2 बैठती चली गई।
पर लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था, चूत में आसानी से घुसने का नाम ही नहीं ले रहा था। पर शेफाली इतने बड़े लौड़े को लेने का थ्रिल मिस नहीं करना चाहती थी इसिलए उसने अपना पूरा वजन डाल दिया और आखिर लंड उसके अंदर वैसे ही घुसने लगा जैसे केक के अंदर तेज़ धार चाकू घुसता है। दर्द से शेफाली बिलबिला उठी पर उसने खुद पर काबू रखा और वजन डालती गई. उसे लग रहा था जैसे कोई लोहे का खम्बा उसकी चूत में डाल दिया गया हो।
किसी तरह पूरा लंड लेने के बाद शेफाली ने उठक-बैठक निकालनी शुरू की जब भी वो ऊपर उठती तो उसे ऐसा लगता कि उसकी चूत ही उलट के बाहर आ जायेगी पर उसे एक अनोखे आनन्द की अनुभूति हो रही थी इसिलए वो बेसुध सी उठक बैठक करती जा रही थी और हर गुज़रते पल के साथ उसकी आहें तेज़ और तेज़ होती जा रही थी। उसे इस बात की भी होश नहीं थी कि बेचारे राहुल पर क्या गुज़र रही होगी… ‘आह… आह..’ करते हुए वो अपनी चुदाई खुद कर रही थी.
इधर राहुल को शेफाली का वजन भी महसूस हो रहा था और दर्द भी हो रहा था, उसे लग रहा था कि शेफाली दीदी आज उसका लंड तोड़ ही देंगी पर दीदी का मज़ा खराब नहीं करना चाहता था सो बिना कुछ बोले चुपचाप पड़ा रहा जैसे वो इंसान नहीं कोई सेक्स डॉल हो।
राहुल की उत्तेजना डर और दर्द बढ़ते जा रहे थे.
तभी अचानक उसे एक मर्द की आवाज़ सुनाई दी- राहुल… राहुल..’
राहुल ने हैरानी से इधर उधर देखा पर कमरे उसके और उसके लंड पर ऊपर नीचे होती शेफाली के अलावा कोई नहीं था।
आवाज़- मैं तुम्हारे मन की आवाज़ हूँ, मुझे सिर्फ तुम सुन सकते हो। और तुम्हें अगर कुछ भी पूछना हो तो मन में ही पूछना मैं समझ जाऊंगा।
राहुल मन में सोचता है- तुम मुझसे क्यों बात कर रहे हो? और तुम मेरे मन तो नहीं हो, फिर कौन हो तुम?
आवाज़- मैं तुम्हारा दोस्त हूँ और तुम्हें इस नीच इंसान से बचाने आया हूँ। ये नीच इंसान बस अपने मज़े के लिए तुम्हारा इस्तेमाल कर रही है कुछ ही समय बाद ये तुम्हें ऐसे ही छोड़ देगी तुम्हें कभी पूरा मजा नहीं आ पायेगा पर अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें ऐसी शक्तियां दे सकता हूँ जिससे तुम बेहद शक्तिशाली हो जाओगे और सभी तुम्हें प्रेम करने लगेंगे।
राहुल जो शेफाली को बेसुध सी अपने लंड पर ऊपर नीचे होते देख रहा था, उसे आवाज़ पर यकीन नहीं हुआ।
‘नहीं दीदी ऐसा कभी नहीं करेंगी…’ पर इससे पहले ही कि वो अपनी बात पूरी कर पाता उसे अपने लंड पर गीला-2 महसूस हुआ और शेफाली निढाल होके बिस्तर पर पसर गई. उसने राहुल की ओर देखा भी नहीं।
राहुल का मन था कि वो शेफाली की चूत से खेले… बेचारा उदास हो गया।
आवाज़- देखा राहुल, मैं सच बोल रहा था न? अब अगर तुम चाहो तो मैं सब ठीक कर सकता हूँ।
राहुल मन में- ठीक है।
आवाज़- हम्म ये हुई न बात… अब मैं तुम्हारे दिमाग को पूरा विकसित कर रहा हूँ, अब तुम्हें 10 मिनट बाद होश आएगा और तुम्हें मेरी याद नहीं रहेगी पर तुम बेहद शक्तिशाली हो चुके होगे।
इतना कह कर आवाज़ गायब हो गई और राहुल को नींद आ गई।
शेफाली बेहद थक चुकी थी वो नंगी ही राहुल के बगल में पड़ी रही। उसे लगा राहुल थक कर सो गया है उसने उसे कुछ आराम कर देने का फैसला किया और खुद भी वैसे पड़ी रही।
पर अचानक राहुल जाग गया, शेफाली को लगा जैसे राहुल के चेहरे के आव-भाव बदल गए हों।
राहुल- दीदी सो रही हैं?
शेफाली- नहीं, तो मैं तो बस तुम्हें सोते हुए देख रही थी.
राहुल- अच्छा तो चलो, फिर आपकी चूत को स्ट्रांग बनाते हैं।
शेफाली- अरे मेरे भोंदू, मैंने आज की एक्सरसाइज कर ली। अब कल करेंगे।
राहुल- नहीं दीदी, अभी मेरा तम्बूरा आपकी चूत को और मजबूत बनाएगा, वो अपनी दोस्त को इतना कमजोर नहीं देख सकता।
शेफाली- आज नहीं कल, कहा न, मैं थक गई हूं। अब तू घर जा… तेरी मम्मी तेरा इंतज़ार कर रही होगी।
राहुल- दीदी, ऐसी हलात में कैसे जाऊं? देखो तो मेरा लंड अभी भी तना हुआ है।
राहुल ने शेफाली को अपने लंड दिखाते हुए कहा और ये कह कर वो शेफाली की टाँगों के बीचों बीच आ गया, घुटनों के बल बैठ के उसने अपने लौड़ा शेफाली की चूत पर लगा दिया।
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शेफाली ने धक्का देकर राहुल को हटाने की कोशिश की पर राहुल उसके ऊपर लेट गया और उसने शेफाली की बाजुओं को पकड़ लिया और शेफाली के होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उन्हें चूसने लगा।
शेफाली के नर्म मुलायम होंठों का स्पर्श उसे ऐसे लग रहा था जैसे स्ट्राबेरी आइस क्रीम खा रहा हो। शेफाली उसके नीचे मछली की तरह छटपटा रही थी पर वो कुछ नहीं कर पा रही थी. राहुल उससे कई गुना ताकतवर था, अब शिकारी खुद शिकार बन चुका था, शेफाली पूरी कोशिश कर चुकी थी पर वो उसे न हटा पाई, वो जान चुकी थी अब कोई फायदा नहीं है तो उसने विरोध करना बंद कर दिया।
शेफाली की छटपटाहट रुकते ही राहुल भी रुक गया, वो अपने घुटनों के बल बैठ गया और लौड़े को शेफाली की चूत पर मसलने लगा।
‘दीदी आपको क्या लगता है ये एक ही धक्के में पूरा घुस पायेगा?’ उसने लौड़े को शेफाली की चूत पर थपथपाते हुए कहा।
‘मुझे नहीं पता, राहुल क्या हो गया है तुझे?’
राहुल ने शेफाली के निप्पल को दो उंगलियों से पकड़ लिया और ज़ोर से दबा दिया… शेफाली की ज़ोर चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… राहुल मत करो, मुझे दर्द हो रहा है।
राहुल- तो बताओ कि एक ही धक्के में मेरा लंड आपकी चूत में घुस पायेगा या नहीं?
शेफाली- ये भी कोई पूछने की बात है, ये कोई अंधा भी बता दे कि इतना बड़ा लौड़ा एक घस्से में पूरा अंदर नहीं जा सकता।
राहुल- आज आप देखो कि कैसे घुसता है यह एक ही झटके में!
राहुल ने शेफाली को उसकी कमर से पकड़ लिया और इतनी ताकत से झटका मारा कि पूरा बेड चरमरा गया और लंड सीधा जा के शेफाली की बच्चेदानी से टकरा गया।
‘आई माँ… मर गई… बहनचोद कोई ऐसे करता है क्या… साले हरामी निकाल बाहर…’ शेफाली दर्द से बिलबिलाती हुई चीखी।
पर राहुल ने तो जैसे उसकी बात सुनी ही न हो, उसने लंड को बाहर निकाला और एक और वैसा ही धक्का मारा… दो तीन झटकों में ही शेफाली की चूत ने रस छोड़ दिया।
राहुल ने शेफाली की चूत से रस से भीगा हुआ लंड बाहर निकाला और शेफाली को दिखाते हुए बोला- क्या दीदी इतने जल्दी? देखो बेचारा अभी भी कैसे तड़प रहा है.
शेफाली की चूत जल रही थी, बेचारी पहले ही हमले से सदमे थी पर राहुल के सांप की तरह फुंफकारते लंड को देखकर वो समझ गई कि जब तक वो इस नागराज को शांत नहीं कर देती, उसे शांति नहीं मिलेगी। उसे लगा कि ठीक है लड़के का स्टैमिना काफी अच्छा है पर कितनी देर टिकेगा चूस के अभी झाड़ती हूँ।
शेफाली डॉगी पोजीशन में आ गई और उसने राहुल के लंड को दोनों हाथों से पकड़ लिया और और कुतिया की तरह उसे चाटने लगी। लंड पर लगे अपनी चूत के रस ने उसे फिर से गर्म कर दिया। शेफाली थोड़ी आगे झुक आई और उसने टमाटर जैसे फूले हुए टोपे को मुँह ले लिया और उसे वैसे ही चूसने लगी जैसे वो बचपन में कुल्फी चूसती थी। वो लंड को गले तक ले जाती और फिर पीछे हो जाती फिर लंड को मुंह तक ले जाती फिर पीछे होती.
राहुल की भी सिसकारियाँ निकलने लगी… उसने शेफाली के सिर को पकड़ लिया और शेफाली के मुंह को चूत की तरह चोदने लगा… हर घस्से के बाद लंड और अंदर तक चला जाता!
शेफाली की तो सांस ही रुकने लगी, उसे लगा जैसे दम घुटने की वजह से वो मर ही जाएगी पर राहुल बिना तरस खाय उसके मुख का चोदन किये जा रहा था।
कोई 10 मिनट उसका मुख चोदन करने के बाद राहुल रुक गया।
राहुल- शेफाली, इससे कुछ नहीं होने वाला… मुझे तुम्हारी चूत ही चोदनी होगी। ऐसे तो मैं शाम तक भी न शांत हो पाऊंगा।
शेफाली- नहीं नहीं राहुल, प्लीज ऐसा मत करो, मेरी चूत दर्द कर रही है। तुम कल जितनी चाहो उतनी चुदाई कर लेना पर आज मुझे छोड़ दो।
राहुल- नहीं, मुझे आज ही करना होगा।
शेफाली ने सोचा अच्छा मौका है, भाग जाती हूँ… और वो बिस्तर से उतरने लगी पर राहुल ने बीच में ही पकड़ लिया शेफाली की टाँगें तो बेड पर थीं पर धड़ बिस्तर से नीचे लटक रहा था।
राहुल ने शेफाली को थोड़ा सा ऊपर खींच लिया ताकि वो गिरे न!
अब शेफाली का केवल मुंह और गर्दन नीचे लटक रहे थे। राहुल ने जानबूझ कर ऐसा किया था ताकि शेफाली ये ना देख पाए कि क्या होने जा रहा है।
राहुल ने शेफाली को उसके मम्मों से पकड़ लिया और लंड को उसकी की चूत पे सेट करके ज़ोरदार झटका मारा, थूक से भीगा हुआ लौड़ा जड़ तक अंदर समा गया।
आई… माँ… मर गई… आह… शेफाली चीख पड़ी।
राहुल बिना समय गवाएं फुल स्पीड पर घस्से मारने लगा, उसके बड़े-2 टट्टे शेफाली की गांड से टकरा के फच-फच का संगीत पैदा कर रहे थे।
शेफाली लगातार झड़ती जा रही थी… एक बार… दो बार… 6 बार… फिर शेफाली ने गिनना ही बंद कर दिया। उसे ऐसा लग था जैसे वो लगातार झड़ रही हो… चुदाई का इतना मज़ा उसे आज तक नहीं आया था।
राहुल उसे बुलेट ट्रेन की स्पीड से चोद रहा था। काफी देर की चुदाई के बाद राहुल अपने चर्म पर पहुंच गया वो शेफाली पर लेट गया, उसने घस्सों की स्पीड धीरे कर दी पर धक्कों को पहले से ज्यादा ताकत से मारने लगा, 5-6 ज़ोरदार धक्कों के बाद वो शेफाली की चूत में ही झड़ गया और थक के बिस्तर पर बेसुध सो गया।
लगभग 1 घंटे के बाद शेफाली ने उसे जगाया और कॉफी पीने को दी।
शेफाली- तुम तो छुपे रुस्तम निकले, छोटा दिमाग होने का नाटक करके काफी बड़ा हाथ मारा है।
राहुल- तुम जैसा भी समझो, पर सच तो यह है कि जब तुम मुझ पर चढ़ी हुई थी तब अचानक मेरे दिमाग की वायरिंग सही हो गई। इसके लिए मैं ज़िन्दगी भर तुम्हारा एहसानमंद रहूंगा। तुम बताओ कैसी हो? मजा आया?
शेफाली- तुम्हारा व्यवहार अचानक बदल जाने के कारण डर भी लगा और स्टार्टिंग में बेहद दर्द भी हुआ पर दूसरे राउंड ने सारी कसर पूरी कर दी।
राहुल- शेफाली, मेरी जान मुझे भी बड़ा मजा आया पर आगे हम और भी ज्यादा मजा करेंगे।
शेफाली- राहुल, प्लीज़ मुझे कभी मत छोड़ना, मैं तुम्हारी दीवानी हो चुकी हूँ।
राहुल- मेरी या मेरे इस लौड़े की?
उसने अपने सांप की तरह लटक रहे लौड़े की और इशारा करते हुए कहा।
शेफाली- दोनों की…
राहुल और शेफाली काफी देर बातें करते रहे।
राहुल जब उसके घर से निकला तो 7 बज चुके थे यानि वो पूरे दो घंटे लेट था। पर आज उसे कोई डर नहीं था वो जानता था कि क्या बोलना है और क्या करना है।
कहानी जारी रहेगी.
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