नमस्ते दोस्तो यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है। जिन्दगी ने मुझे बहुत रहमत दी, जरूरत और समय पर मुझे हर चीज़ मिली। मैं हमेशा से लड़की हो या औरत, मैं चूत के चक्कर में हर आइटम की तरफ आकर्षित रहा हूँ।
3 साल पहले की बात है, मैं गाजियाबाद में एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाता था और वहीं पास ही एक कमरा किराए पर ले कर रहता था।
मेरे कमरे के सामने एक बंगाली परिवार था। उसकी 2 लड़कियां थीं, बड़ी सुमन 22 साल की थी और नेहा 18 की थी।
नेहा का साइज़ 32-30-34 का इतना मस्त था कि साली की चूत जिसको मिल जाए, वो चोद कर मस्त हो जाए। दूसरी तरफ सुमन का साइज़ 34-32-34 का था। जब सुमन चलती तो उसकी मदमस्त चाल देख कर मेरी पूरी बॉडी में आग लग जाती थी। मैंने बहुत कोशिशों के बाद सुमन को पटा लिया।
अब सुमन जब भी मुझसे मिलने आती, तो नेहा को भी साथ ले आती थी। मुझे भी सुमन को कुछ देना होता तो नेहा के हाथों भेज देता।
हम लोग टाइम निकाल कर मिलते, तो साथ में नेहा भी होती। पहले तो नार्मल बातें होती थीं, फिर हम लोगों में किस करना और चुची को दबाना नार्मल हो गया।
मगर मुझे फुल-फ़्लैश चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था।
हम लोग नेहा के सामने ही किस करने और मस्ती करने लगे। नेहा भी यह सब देख कर गर्म हो जाती थी, ये मैं भी नोट कर रहा था।
इसी चक्कर में सुमन अपनी चुदाई के लिए मुझे अकेली नहीं मिल पा रही थी।
एक बार सुमन ने कहा- मुझे ब्रा और पेंटी चाहिए।
मैंने उसके एक बहुत सेक्सी ब्रा और पेंटी खरीदी, मैंने सुमन से बोला मैं तेरे लिए ब्रा-पेंटी लाया हूँ, पहन कर देख ले।
उसने नेहा को ब्रा-पेंटी लेने के लिए भेज दिया। नेहा जब आई तो शाम के साढ़े सात बज गए थे, वो मेरे पास बैठ गई।
वो पास बैठी तो मैंने उसको चॉकलेट दी और ब्रा और पेंटी की पोलीथिन देकर बोला- ले अपनी दीदी को दे देना!
उसने देखा तो बोली- सारी चीजें दी को ही ला कर देना, मुझे बस चॉकलेट ही देते रहना। मेरी उम्र अब चॉकलेट खाने की नहीं है, मैं नहीं खाती तुम्हारी चॉकलेट!
और उसने गुस्से में चॉकलेट फेंक दी।
मैंने उसको देखा और हँसते हुए कहा- यार तुम्हारी दीदी ‘के’ तो मैंने पकड़ के देखे हैं, तो मुझे पता है कि उसका क्या साइज़ है।
नेहा इस पर तुरन्त बोली- तो मैंने मना किया है क्या? लो पकड़ कर देख लो और मुझे इससे अच्छी वाली लाके देना!
मैंने उसको देखा और बोला- चलो मेरे कमरे पे, तेरा नाप भी ले लूँ।
मैंने दूकान बढ़ाई और नेहा को लेकर कमरे पर आ गया. वो तुरंत मेरे पास आ गई, मैंने उसके मम्मों को सहलाना चालू कर दिया और उसको किस करने लगा। फिर मैंने उसकी कुर्ती को ऊपर करके उसका एक दूध मुँह में दबा कर चुसकने लगा। वो भी मस्त हो कर मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैंने तुरंत अपना लंड उसके हाथों में दे दिया और वो भी मस्त होकर मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने उसकी सलवार खोल दी और पेंटी नीचे करके उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा।
वो पागल हुए जा रही थी। मैंने अपने सब कपड़े निकाल दिए और उसके भी निकाल दिए।
वो बोल रही थी- अमित मैं कब से तुम से मिलना चाहती थी.. जब तुम दी को किस करते थे, मेरी चूत पानी छोड़ देती थी। मैं घर जा कर अपनी चूत में उंगली करती तब जा कर मुझे राहत मिलती थी।
मैंने उसको किस करते-करते बिस्तर पर लिटा दिया और पलट कर 69 में हो गया। अब मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर खेलने लगा, तो उसने भी मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।
मैं भी लंड चुसवाने में मस्त हो गया। अब वो इतनी गर्म हो उठी थी कि अपनी चूत को मेरे मुँह में घुसेड़ने को मचलने लगी गई थी।
दोस्तो, वो इतनी गर्म हो गई कि मुझे उसको संभालना मुश्किल हो गया। कुछ ही पलों में उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।
कुछ देर रस चाटने के बाद मैं उसके बगल में आ गया और उसको किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मैंने उसकी टाँगें खोलीं और अपने 7 इंच के मूसल लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसकी चूत पर रख दिया। अब मैंने उसके दूध सहलाए और लंड का हल्का सा धक्का लगा दिया। लंड की नोक क्या घुसी.. साली दर्द से चिल्लाने को हुई।
मैंने तुरंत उसके होंठों पर होंठ रख दिए और एक जोरदार धक्का दे मारा। इस धक्के में मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसता चला गया। वो छटपटाने लगी और मुझे धकेलने लगी, तो मैं रुक गया।
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मैं उसको चूमने और सहलाने लगा। उसको बहुत दर्द हो रहा था।
वो बोली- अमित.. बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज़ हट जाओ।
मैं बोला- बस 5 मिनट और मेरी जान.. अभी जादू देखना तेरी चूत को कितना मजा आता है।
वो मान गई.. जब उसकी चूत में दर्द होना कम हुआ.. तो मैंने उसे किस करते हुए एक धक्का और मारा.. लंड चूत की गहराइयों में घुस गया। उधर उसकी चीख मेरे मुँह में ही दब कर रह गई। वो दर्द से बिलख कर रोने लगी। मैंने बड़े प्यार से बोला- जानू पहली बार तो दर्द होता ही है.. अब आगे बिल्कुल नहीं होगा।
मैं उसको चूमने लगा। जब उसका दर्द हल्का हुआ तो मैं भी आराम-आराम से उसे चोदने लगा।
अब मैं उसको मसल रहा था और वो भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ किए जा रही थी।
कुछ ही देर बाद वो झड़ गई और मुझसे चिपट गई।
मैं भी उसको ‘ले.. जान.. पूरा ले..’ बोलते हुए चोदता रहा और फिर मेरा भी पानी निकल गया। मैं भी उससे चिपट गया।
जब मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला, तो देखा सारी चादर पर खून लग गया था। नेहा ने भी दर्द मिश्रित मुस्कान के साथ ‘आई लव यू..’ बोला और उठने लगी।
उसको उठने में दर्द हुआ तो मैं उसे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और उसकी चूत को धोया। उसने मुश्किल से कपड़े पहने, तो मैंने उसको दर्द निवारक गोली दे दी।
अब तक नौ बज गए थे, उसकी दी का फ़ोन आया कि नेहा अभी तक घर नहीं आई।
मैंने कहा- मैंने उसको भेज दिया है, पर आते टाइम गिरने से उसके पैर में मोच आ गई है, तो दवा ला कर देने में देर हो गई है, वो बस आ ही रही है।
फिर मैंने नेहा को किस करके उसके घर भेज दिया।
इसके बाद की सेक्स स्टोरी लिखना अभी शेष है। इधर तक की चुदाई की कहानी आप लोगों को कैसी लगी, प्लीज़ मुझे लिखिएगा।
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