यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अभी तक आपने पढ़ा कि अपनी सगी के साथ वाइल्ड सेक्स का मजा करने के बाद उसने मुझे चोदने का कहा. उसकी चुदाई के लिए मैं पापा मम्मी के कमरे की बालकनी में ले आया. जिधर उसके साथ मैं चुदाई की तैयारी करने लगा.
अब आगे:
“आआ आआह उम्म यस्सस्स..”
मैंने उसके निपल्स को चाटते हुए दांतों से दबा लिया. वो दर्द से चिहुंक गई- आ आहह आहह.
मैंने उसके निप्पल को छोड़ा और उसके चुचों को चूसना जारी रखा. वो आंखें बंद किये मजे ले रही थी. मैं नीचे की तरफ बढ़ा, मैंने उसके नंगे सपाट पेट पे किस किया.
वो सिसकारियां भरके मजे ले रही थी. मैं चूमते हुए नीचे आया. उसके सपाट पेट पे सबसे कामुक जगह उसकी नाभि थी. मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमा दी. वो वासना से सिहर उठी. उसके मुँह से ‘ईस्स ऊम्म … हम्मम..’ की आवाज निकली. उसके हाथ उसके बालों में थे. वो वासना के वशीभूत होके अपने बालों को नोंच रही थी.
मैं किस करते हुए नीचे पहुंचा. मैंने देखा कि नाभि के नीचे अपनी कमर पे उसने एक ज्वेलरी पहन रखी थी जो कि पतली सी चैन थी. उस पर एक छोटा सा ताला बना था. वो गोल्डन चैन थी. इसी लिए मेरी नजर पड़ी. छोटे ताले पे कुछ लिखा था … जोकि इतनी कम रोशनी में मैं पढ़ नहीं सकता था.
मैं किस करते हुए उसकी झांटों के भाग में पहुंचा. उसकी झाटें बिल्कुल साफ क्लीन थीं, जैसे कभी उगी ही न हों.
वैसे वो हमेशा क्लीन रखती थी. मैंने उस भाग पे किस किया. वो पीछे हटी, मैंने हाथ पीछे ले जाके उसके चूतड़ों को पकड़ के खींचा और जीभ से चाटने लगा. मैं हाथ से उसके चूतड़ों को दबाता हुआ उसकी चुत के ठीक ऊपर के हिस्से को चाट रहा था.
वो पागल हुई जा रही थी. अपने हाथों से वो बालों से खेल रही थी. आंख बंद किये हुए सिसकारियां ले रही थी. मैंने जीभ उसकी चुत पे फिराई और इसके चुत में खोंस दी. वो तो जैसे बिन पानी के मछली जैसे छटपटा रही थी. ‘उम्म्म हम्म आहह उम्म्म …’ की आवाजें निकली.
मैंने जीभ जितना अन्दर जा सकी, ठूंस दिया. मैं जीभ उसकी चुत की अंदरूनी दीवारों पे फेर रहा था.
वो बस ‘उम्म ओह्हः सीईईई यसस्स हम्मम्म.’ कर रही थी. मैंने कुछ देर चुत चाटने के बाद उसे छोड़ा क्योंकि मैं उसे झड़ने नहीं देना चाहता था. लेकिन वो चाहती थी कि मैं उसकी चुत को खा जाऊं क्योंकि वो काफी गर्म थी. उसको ऐसे सेक्स के लिए तड़पाना मुझे अच्छा लगता था.
प्रीति के शब्द:
मेरी हालात तो जैसे किसी रंडी जैसी हो गयी थी. मैंने भाई को पूरी तरह से खुद को समर्पित कर दिया था. उसे जो मन करे, वो मेरे साथ कर रहा था. मैं उसकी गुलाम थी. वो मुझे 2 घण्टे से अलग अलग तरीकों से गर्म कर रहा था. अब मैं भाई से जबरदस्त चुदाई की उम्मीद कर रही थी. लेकिन उसे मुझे तड़पाने में मजा आता था. ये बात मुझे और उत्तेजित करती थी.
लेकिन आज भाई जैसे मेरे बदन से खेल रहा था. ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ. खुले में चुदाई की मेरी फैन्टसी सच हो रही थी. मुझे एहसास हो रहा था कि भाई मेरी इच्छाओं का कितना ख्याल रखता था. यही कारण था शायद मुझे उसकी गुलाम बनाने में खुशी मिलती थी. उसकी हर यातनाएं मुझे अच्छी लगती थीं.
विशाल के शब्द:
मैं उसे टांगों पे किस करने लगा. मैं दोनों टांगों पे किस करते हुए ऊपर उठा उसके सामने आ गया. उसने हांफते हुए आंख खोली और परेशानी से मुझे देखा. फिर हांफते हुए बोली- कर न, रुक क्यों गया!
मैंने उसके बाल पकड़ के खींचे और उसे घुमा दिया. मैंने उसका सर दीवार में दबा दिया. वो आगे की तरफ दीवार से सटी हुयी थी. उसने अपने हाथ ऊपर कर के दीवार का सहारा लिया हुआ था. वो हांफ रही थी.
मैंने उसके सर को दीवार में दबाये हुए पूछा- यू लाइक इट हार्डर (तुम्हें तो जंगली सेक्स पसंद है न)
उसने हांफते हुए कहा- हां … हम्म … आई लाइक इट हार्ड (जंगली तरीके से करना मुझे पसंद है)
मैंने उसके बालों को हटा के उसकी गर्दन पे किस किया. फिर मैंने उसके कंधे पे किस किया. उसके पीठ पे किस करता हुआ नीचे आने लगा.
वो ‘आहह उम्म्म हम्म …’ की सिसकारियां भरती रही. मैं उसके चूतड़ों पे पहुंचा. मैं उसके चूतड़ों को किस करने चाटने लगा. वो “आहह उम्म्म इसस हम्मम आहह..” की मादक आवाजें निकाल रही थी.
हम खुल्लम खुल्ला ये सब कर रहे थे. हमें डर भी नहीं लग रहा था. अगर कोई सुन ले तो क्या कहेगा … इस बात से हम दोनों को कोई असर नहीं था. हम वासना की आग में सब कुछ भूल चुके थे कि हम कहां हैं और क्या कर रहे हैं.
खैर डरने की कोई बात थी भी नहीं. हमें देखने वाला कोई नहीं था. रही बात आवाजों की, तो सबको यही लगता. लगता कि आज मिसेस जायसवाल (मम्मी) और मिस्टर (पापा) बालकनी में काफी मजे कर रहे हैं.
मेरा लंड कड़क हो चुका था. अब चुदाई के लिए वो भी तैयार थी. मैंने उसे वैसे बाल पकड़े लाया और झूले वाले सोफे पे पटक दिया.
हमारी इस बालकोनी में एक छोटा सा झूला था. पास में कुछ कुर्सियां थीं. पाप मम्मी अक्सर यहां बैठ के बातें किया करते थे. कभी कभी हम भी आके बैठते बातें करते.
मैं आपके आगे की कहानी में बताऊंगा कि यह जगह मेरे लिए काफी लकी रही है. क्योंकि यहीं मुझे वो मिली थी.
उसने गिरते गिरते सोफे के किनारे को पकड़ कर अपने हाथों से खुद को सम्भाला. उसने पीछे मुझे देखा, बोली- आराम से … पूरी रात के लिए तुम्हारी ही हूँ.
मैंने उसके बाल पकड़ के उसके सर को आगे सोफे पे दबाया और चूतड़ों पे चपत लगाई, मैं बोला- नो वर्ड्स (एक शब्द नहीं बोलोगी तुम)
वो दर्द भरी वासना से कराहते हुए नशीली आवाज में बोली- आहह उम्म्म ओकेकके मास्टर!
मैंने उसी हालात में एक झटके में लंड उसकी चुत में ठूंस दिया. वो दर्द से चिल्लाई ‘आ ओओओओ सीईई.’
वो धक्के से आगे सोफे के किनारे पे गिर गयी, जिसे पकड़ के वो सम्भली थी.
मैं उसकी स्थिति बता दूं. वो घुटने मोड़ कर एक पैर सोफे पे रखे थी. उसका एक पैर नीचे था. वो हाथ मोड़ के कोहनी के सहारे सोफे के किनारे से अपने को संभाले हुई थी. उसके चुचे लटक रहे थे. मेरा लंड उसकी चुत में था. मैंने उसके बल पकड़ के सर को सोफे पे दबाये हुआ था. मैंने इसी स्थिति में दूसरा धक्का दिया. मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया.
वो चिल्लाई- आहह आहह … ओह ईस्स.
मैं रुका, मैंने जमीन पे गिरी उसकी पैंटी ली उसके मुँह में ठूंस दिया. मैंने धक्के लगाने चालू किये. वो हर धक्के के साथ गूं गूं की आवाजें निकल रही थी. उसके मुँह में पैंटी थी. वो खुल के सिसकारियां नहीं ले पा रही थी. फिर भी उम्म … हुम्म … की आवाज आ रही थी.
मेरे धक्कों से पूरा झूला हिल रहा था. जिससे खचर खचर की तेज आवाज हो रही थी. मैं खचाखच धक्के लगाये जा रहा था. झूला कोई ठोस स्थिर वस्तु थी नहीं होती है, इसीलिए यहां बैलेंस बनाना काफी मुश्किल था.
मैंने 10-15 धक्कों के बाद उसे उठाया. वो घुटनों के बल आ गयी. मैंने पैंटी निकाली और लौड़ा उसके मुँह में पेल दिया. कुछ देर उसके मुँह की चुदाई करने के बाद मैंने उसे झूले के स्टैंड बार के सहारे झुकाया. उसकी चुत को चाटने लगा. वो मस्त हो उठी.
जब मैं उसकी चुत चाट रहा था, वो ‘उम्म्म हम्मम्म यस यस्स हम्म.’ की आवाजें निकाल रही थी. चूत चाटने के बाद मैं उठा और पैंटी को फिर से उसके मुँह में ठूंस दिया. अब लौड़ा उसकी चुत में पेल कर धक्के लगाना शुरू कर दिया. वो ‘गूं गूँ गूँ …’ की आवाजें निकाल रही थी. मेरे हर धक्के के साथ उसकी तेज स्वर में ;गूं गूं हम्म गूं उम्म्म …’ की आवाज निकल रही थी.
मैंने धक्के देना थोड़े और तेज किये. उसके माथे पे हल्की सी शिकन आई. मैंने धक्के लगाना जारी रखे.
करीब 10 मिनट उसे इसी स्थिति में चोदने के बाद जब मैंने लौड़ा बाहर निकाला, तो वो घूम गई. उसने झटके से पैंटी को अपने मुँह से निकाल कर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और पूरे जोश में चूसने लगी.
कुछ पल लंड चुसाई का मजा लने के बाद मैंने उसे उठाया और झूले के स्टैंड बार के सहारे खड़ा कर दिया.
उसने एक हाथ ऊपर करके स्टैंडबार से लपेट के पकड़ रखा था. वो स्टैंड बार पर पीठ का सहारा दे कर खड़ी थी. इस स्थिति में उसने अपना बायां पैर झूले पे टिका रखा था … जिससे उसकी चुत साफ खुल के नजर आ रही थी. मैंने उसी स्थिति में लौड़ा उसकी चुत में फिट किया और धक्के लगाना शुरू कर दिया.
मैं उसके चेहरे को देख पा रहा था, उसके चेहरे पे कामुक भाव थे … माथे पे हल्की सी शिकन थी. वो लंड की हर थाप के साथ ‘उम्म्मम्म हूम्म हम्म उम्ममम…’ की आवाजें निकालते हुए चुत चुदाई का मजा ले रही थी. उसके मम्मे हर धक्के के साथ उछल कूद कर रहे थे.
मैंने उसे कुछ देर ऐसे चोदने के बाद उसके बाएं पैर को उठा लिया और चोदने लगा. बीच बीच में मैं उसके होंठों को जीभ फेर देता. उसने दोनों हाथ सर के पीछे करके स्टैंड को पकड़ रखा था. जिससे उसकी नंगी बगलें मेरी तरफ खुल गई थीं.
मैं उसे चोदते हुए उसकी बगलों पे जीभ फेर देता, तो वो और गर्म हो जाती.
कुछ देर ऐसे ही चुदने के बाद वो मेरी कमर में अपने पैर को लपेटने लगी. उसकी सांसें तेज हो गईं … उसका बदन अकड़ने लगा. तभी उसकी पकड़ ढीली हुई और वो मेरे ऊपर आ गिरी. वो मेरे बदन से चिपक गयी और मुझे अपने आगोश में लिए झड़ने लगी.
वो ‘आह हम्मम्मय सीसीईई हम्ममम हम्म…’ की आवाजें निकलते हुए जर्क लेते हुए झड़ रही थी … इस वक्त वो कांपते हुए झड़ रही थी. वो मेरी गर्दन में हाथ डाले हुए थी और अपने पैर मेरी कमर से लपेटे मेरे बदन से चिपकी हुयी थी. मैं उसे चूतड़ों से उठाये अपने सीने से चिपकाये बेडरूम में लाया और बेड पे पटक दिया. इस दौरान मेरा लौड़ा उसकी चुत में ही था.
वो कमर से ऊपर तक पीठ के बल बेड पे लेटी थी. मेरा लौड़ा उसकी चुत में था. वो आंखें बंद किये अपने तेज चलती सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी. मैं झुका और उसके होंठों पे होंठ रख दिए. अब मैं मेरी रंडी बहन के होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसकी उंगलियां मेरे बालों में थीं. वो मेरे सर को पकड़ के मेरे होंठों को जोर से चूस रही थी. वो इतनी जोर से चूस रही थी, लग रहा था मानो खा जाएगी.
कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो रही थी. वो अब फिर से गांड हिलाने लगी. मैं उससे अलग हुआ और उसके दोनों हाथों को उसी अवस्था में सर के तरफ ले जाके क्रमशः अपने दोनों हाथों से पकड़ के बेड में दबा दिया. इससे मुझे एक पोजीशन मिली. उसने कमर पे मेरे पैरों की पकड़ थोड़ी ढीली कर दी. मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. उसकी चुत अब लंड खाने की पोजीशन में आ गयी थी. मैंने धक्के लगाना चालू किए.
वो बस ‘आह हम्म आह एससस्स हम्मम यसस्स हम्म…’ की आवाज निकाल रही थी.
मेरे धक्कों की गति बढ़ी … तो उसकी भाषा बदल गई. अब वो तेज स्वर में बोलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… फक मी … फक हार्ड … (चोदो चोदो चोदो और तेज चोदो)
मैं और तेज धक्के देने लगा.
वो और तेज चिल्लाने लगी. वो बोली- चोद दे … आह और जोर से चोद दे यस … भुर्ता बना दे मेरी चुत का. सॉरी मास्टर उम्म्म हम्म फ़क योर लिटिल स्लट हार्डर मास्टर (अपनी इस छोटी सी रंडी को और जोर से चोदो)
मैंने उसके दूध मसलते हुए चुदाई तेज कर दी.
“ओह्ह आह हम्म आई एम योर स्लट सिस्टर मास्टर. … फ़क मी!” (मैं आपकी रंडी बहन हूँ मास्टर, चोद डाले मुझे)
मैं उसकी इन सब बातों से उत्तेजित हो रहा था. उत्तेजना में मैं जल्दी झड़ जाता हूँ. मैं अपना एक हाथ उसके बांहों से हटा के उसके मुँह पे लाया और उसके मुँह को दबा दिया. अब वो कुछ बोल नहीं पा रही थी. मैंने फुल स्पीड बढ़ा दी, मेरी ताकत जबाव देने लगी थी. मैं उससे बोला- आह मैं गया.
अगले 5 मिनट में मैं झड़ गया. मैं उसके बदन पे निढाल सा गिर गया. मैं हांफ रहा था. वो मेरे नीचे दबी थी. उसने मुझे धकेल के अपने ऊपर से हटाया. मैं हट उसके बगल में बेड पे पीठ के बल लेट गया. मैं अपने सांसों पे काबू पाने की कोशिश ही रहा था.
तभी वो उठी और बोली- लेकिन अभी मेरा नहीं हुआ.
वो मेरे टपकते लौड़े मुँह में लेके चूसने लगी. जब कुछ देर में मैं सामान्य हुआ तो मैंने देखा. मैं बेड पे पीठ के सहारे लेटा था. वो गांड मेरी तरफ किये लौड़े को चूस रही थी. उसकी खुली हुई चुत का लाल सुराख़ मुझे दिख रहा था.
क्या मस्त पाव रोटी की तरह थी उसकी चुत. उसकी चुत से मेरा और उसका सम्मलित रस टपक रहा था. उसकी गुलाबी चुत चमक रही थी. मैंने एक उंगली डाल के उसकी चुत का मुआयना किया. कोई हलचल नहीं हुई. वो अपने काम में लगी हुई थी.
मैंने देखा उसकी चुत एकदम गीली हो चुकी थी. मैंने 2 उंगलियां डाल दी कोई फर्क नहीं पड़ा. मैंने चार उंगलिया पेल दीं, उसने लौड़ा मुँह से निकाला और चीख उठी- आह आहह आहह …
उसका एक हाथ मेरे लौड़े पे अभी भी चल रहा था. मैंने उंगलियां निकालीं, जो उसके रस से भीगी हुई थीं. मैं उंगलियों को उसके मुँह के पास ले गया. वो चाट गयी और मुझे एक कामुक स्माइल दी.
मैंने भी उसकी चुत रस को चाटा. चुत रस सेक्स क्रिया में एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है. मेरी बहन की चूत का रस तो मेरे लाइफ का सबसे टेस्टी माल था.
अब वो आगे झुक गयी और लौड़े को वापस मुँह में ले लिया और चूसने लगी. उसके फूले हुए चूतड़ तथा उभरी हुई गांड मुझे साफ नजर आ रही थी. मैंने एक हल्की सी चपत उसके चूतड़ों पे लगा दी. उसके चूतड़ों में कम्पन हुयी, तो मुझे बड़ा मजा आया. मैं ऐसे ही धीरे धीरे उसके चूतड़ों पे चपत लगाता रहा. उसके चूतड़ कामुक अंदाज में हिलते.
वो आगे की तरफ झुकी, मेरे लौड़े को फिर से खड़ा करने के मशक्कत में जुटी थी. कभी मेरी बहन मेरे लौड़ा को पूरा मुँह में ले के चूसती, मेरे बॉल्स को चाटती. वो पूरे मन से लौड़ा चूस रही थी.
कुछ मिनट बाद उसकी मेहनत रंग लाई. मेरा लौड़ा फिर से फुंफकारने लगा. मेरा लौड़ा फिर रॉड की तरह टाइट हो गया. वो फिर से तैयार था, उसकी चुत के परखच्चे उड़वाने के लिए.
मैं उसके चूतड़ों पे किस करते हुए उठा और मैंने उसे वहीं बेड पे ही घोड़ी बना दिया. मैं खुद घुटने के बल बेड पे खड़ा हुआ और लौड़ा पीछे से उसकी चुत पे सैट करके एक झटके में पेल दिया. इस झटके से वो थोड़ा आगे खिसक गई. उसकी चुत गीली थी, हम दोनों एक बार झड़ चुके थे. लौड़ा सरसराते हुए उसकी चुत के अन्दर घुस गया. उसकी चीखें निकल गईं- आहह आहह आहह उफफ सीईईई … मार डाला रे.
उसने दांत भींच लिए. मैंने उसके बाल पकड़ के धक्के लगाना चालू किए. वो हर धक्के के साथ मस्त हो रही थी, उसकी ‘आह आह … आहह ओह हम्मम फ़क फ़क हम्म..’ की आवाजें निकल रही थीं. मैं उसके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर उसे ऐसे धक्के लगा रहा था जैसे कि वो मेरी घोड़ी है और मैं उसकी सवारी कर रहा हूँ.
मैं कुछ देर ऐसे ही धक्के लगाता रहा. फिर मैं बेड के नीचे उतर गया.
अब उसकी स्थिति मैं आपको बता देता हूँ. वो बेड पे कोहनी के सहारे थी. बाकी उसका पूरा शरीर हवा में था. मैंने उसकी दोनों जांघें कमर के नीचे पकड़ के उसे उठा रखा था. वो लगभग हवा में लटकी पोजीशन में थी. उसकी कोहनियों को छोड़ के उसका पूरा शरीर हवा में था. मेरा लौड़ा उसकी चुत में सैट था. मैं उसकी टांगें उठा कर चुदाई कर रहा था.
मैं तेज धक्के लगाने लगा. वो सर को बेड के गद्दे में घुसाये मादक चीखें निकाल रही थी- आह आह ओओ … फक आहह.
उसकी नंगी पीठ मेरे सामने थी. दोस्तो, जब भी उसकी नंगी पीठ को देखता हूँ न, तो मैं उत्तेजित हो उठता हूँ. मैं जंगली हो जाता हूँ. जैसा कि वो मुझे देखना चाहती थी. मेरा मन करता है उसकी मखमली सॉफ्ट पीठ को खूब चूमूं, चाटूं, काटूं, खाऊं. लेकिन यहां इस पोजीशन में यह अभी संभव नहीं था.
मैंने उसे खड़ी किया और एक पैर मोड़ के बेड पर रखवा दिया. उसकी नंगी पीठ पे चूमते हुए मैं उससे चिपक गया और अपना लौड़ा उसकी चुत में पेल दिया. अब मैं उसकी नंगी पीठ को मैं अपने सीने पे महसूस कर सकता था. मैंने हाथ आगे ले जाकर उसके मम्मों को मुठ्ठी में भींच कर अपने से चिपका रखा था. मेरा मुँह उसके दाएं कंधे पे था. उसने दाएं हाथ को ऊपर करके मेरे गर्दन को सहारे के लिए पकड़ रखा था. मैं उसे ऐसे ही पेलने लगा.
मैं लौड़ा उसकी चुत में बराबर पेल के चोद रहा था. उसका बदन गर्म था. चुदाई का एक राउंड हो चुका था. उसकी गर्दन पे पसीने की बूंदें थीं. उसके हाथ ऊपर थे, जिससे उसकी बगलों से आती हुई खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
मैं और जोर जोर से चोदने लगा. मैं उसे साइड से देख सकता था. वो आंख मूंदे थी, मुँह खुला था. वो कामुक की आवाजें निकाल रही थी- आह आहह ओह फक आआह.
मैंने उसके बाल पकड़ के खींचा और ले जाकर दीवार के सहारे झुका दिया. वो हाथ से सहारा लिए दीवार से हल्की झुकी थी. मैंने छोटा वाला स्टूल पैर से खींचा और उसकी दाएं पैर को स्टूल पे रखवा दिया. इससे उसकी गांड उठ गई. मैंने लौड़ा पेल दिया और चुदाई करने लगा. वो होंठों को भींचे जोर जोर से कामुक आवाजें निकाल रही थी.
फिर मैंने उसे विंग चेयर पे पटक दिया. वो पिछले भाग से आगे की तरफ टांगें उठाए हुए चुदाई का मजा ले रही थी.
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के मैंने उससे आँख मिलाई, तो वो समझ गई और मेरी कमर से लिपट कर बिना लंड निकाले लटक गई. मैंने उसे यूं ही लेकर बिस्तर पर लेट गया. वो मेरे ऊपर थी और मम्मे हिलाते हुए मुझे चोदने लगी थी.
कुछ ही देर में वो स्खलित हो गई और मेरे ऊपर ही झड़ गई. उसके साथ ही मैं भी झड़ गया.
मेरी रंडी बहन मुझे चुद कर मेरे सीने पर पड़ी थी.
बहन की कामुक चुदाई की कहानी का स्वाद आप सब को कैसा लगा प्लीज़ मुझे मेल करें. आपके कमेंट्स का स्वागत है.
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