यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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मेरी इस सेक्स कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं तब सिर्फ 36 साल की थी कि मैं विधवा हो गयी थी. मैं अपनी जवानी की प्यास कालबॉय से बुझती रही. का भी. लेकिन मेरा बेटा जब जवान हो गया तो मेरी नजर उसकी जवानी पर पड़ी. मैंने अपने बेटे को अपने जवान जिस्म के कुछ जलवे दिखाए और उसके साथ शिमला घूमने जाने का कार्यक्रम बना लिया.
अब आगे:
मैं एयरोड्रम पहुंच कर प्लेन तक का रास्ता तय करते वक्त अपने बेटे की बांहों में बांहें डाल कर चल रही थी. देखने वाले सब लोगों को यही लग रहा था कि हम दोनों एक कपल हैं.
कुछ देर बाद हम चैक इन करके फ्लाइट में बैठ गए.
मैं वंश से बोली- वंश क्या हम रियल कपल नहीं बन सकते?
वंश मेरी तरफ देखता हुआ बोला- मम्मी आप ये क्या बोल रही हो?
मैं बोली- हां … मैं ठीक बोल रही हूँ … जो तूने सुना है मैं वही कहना चाहती हूँ.
वंश ने मद्धिम स्वर में कहा- लेकिन मम्मी ये गलत है.
मैं बोली- वंश, हमारे पास करोड़ों रुपए हैं … हम दोनों चाहें, तो पूरी जिन्दगी ऐश करेंगे, फिर भी पैसा खत्म नहीं होगा. फिर जब तेरा मुझसे मन भर जाएगा, तब मैं तेरी शादी करा दूंगी. अभी तू 20 का है … मैं 41 की हूँ. पन्द्रह साल बाद मैं 56 की हो जाऊंगी, तब तेरा भी मन भर जाएगा या उससे पहले भी भर गया, तो मैं तेरी शादी करा दूंगी. अगर तुझे ये अजीब लग रहा है, तो सुबह मेरे नंगे जिस्म को देख कर तेरा लंड क्यों खड़ा हुआ था. मैंने इसके बाद तुझे अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाया, तब भी तुझे मेरा साथ पसंद आया था.
मेरी इस खुली भाषा को सुनकर वंश के चेहरे के रंग बदलने लगे. मैं भी इतना कह कर वंश की तरफ देखने लगी. उसकी आंखें मुझे और सुनने के लिए मेरे चेहरे पर ही लगी थीं. शायद वो राजी था, पर वो सब कुछ मुझसे ही उगलवाना चाहता था.
मैंने उसके पैन्ट पर लंड के पास हाथ रखते हुए कहा. इसके ठीक बाद उसकी आंखों में वासना की हवस और हल्की सी शर्म दोनों दिखने लगी थीं. मैंने उसको गले से लगाया और उसके लंड को पकड़ कर उसको लिप किस कर दिया. उसने भी मेरी चूचियों को हल्के से दबा दिया. हम दोनों ने एक दूसरे का मन पढ़ लिया था. इस हवाई सफर के दौरान हम दोनों एक दूसरे के हाथ को हाथों में लिए बस कसमसाते रहे और अपनी भावनाओं को आंखों से ही व्यक्त करते रहे.
हम दोनों में इतना तय हो गया था कि मैं उसको वंश ही कहूंगी और वो मुझे हनी कहेगा.
कुछ देर बाद हम दोनों शिमला पहुंच गए. मैंने पहले से ही एक होटल में हनीमून रूम बुक करा दिया था. हम दोनों न्यू कपल के जैसे रूम में गए. रूम सर्विस वाला आया, तो उसने एक रेड वाइन की बोतल कॉमप्लीमेंट्री दी, मिनरल वाटर दिया.
फिर वो बोला- सर कुछ और चाहिये हो तो प्लीज़ 9 नम्बर पे कॉल कर दीजिएगा.
वंश ने एक ब्लैक डॉग की बोतल लाने की कह दिया, जोकि वो कुछ ही देर में ले आया.
सर्विस ब्वॉय के जाते ही मैं उठ कर डोर बन्द करने गई. मैंने ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का साइनबोर्ड लगा कर डोर लॉक कर दिया और अन्दर आ गई. वंश सोफे पर बैठा था. मैं जा कर उसकी गोद में बैठ गई.
मैं बोली- वंश तू सच सच बता, जब उस दिन मैं तेरे पास आई थी, तब तूने मुझे देख कर क्या सोचा था.
उसने हंस कर मेरी बात को टाल दिया.
मैंने उससे आगे पूछा- उसके बाद मेरी गोद में कॉफ़ी पीते टाईम और मेरे निप्पलों को देख कर क्या महसूस किया था. तू एक बार मुझे सच बता दे वंश कि मेरे नंगे जिस्म को देख कर तेरा लंड खड़ा क्यों हुआ था. वंश मैं तुझे जिन्दगी भर बहुत खुश रखूँगी.
वो मेरे कंधों को सहलाता हुआ बोला- हनी मैं तुमको नहीं पहचान पाया था … मैं सोच रहा था कि साला कितना मस्त माल आया है. पर जब मेरी कार में नजर गई, तब मैं तुमको पहचान पाया था. फिर जब तुम फ्लैट में अन्दर आई थीं, मैं तब से यही सोच रहा था कि तुम कितनी हॉट हो गई हो, सेक्सी हो गई हो.
मैं उसकी बात से खुश होकर उसके लंड को दबा दिया और कहा- हम्म … इसके आगे तुमने क्या सोचा?
वंश- आगे जब तुम गर्लफ्रेंड बनने का बोलीं, तब मेरे मन में लग रहा था कि अगर रियल में तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ तो कितना मजा आ जाएगा.
मैंने- फिर?
वंश- जब तुम फ्लाइट में मुझसे लंड शब्द यूज करते हुए बोलीं, तो मुझे लगा शायद तुम मुझे चैक कर रही हो … इसलिए मैं थोड़ा डर गया था.
मैंने उसके ऐसा बोलते ही उसके होंठों में अपने होंठों को रख दिया और चूसने लगी.
कुछ ही पलों आग भड़क उठी और हम दोनों की जीभें एक दूसरे के मुँह में एक दूसरे के रस को चूस रहे थे. इसी तरह किस करते करते दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.
वंश ने वाइन की बोतल उठाई और खोल कर एक घूँट मुँह में लिया और मेरे मुँह में डाल दिया. मैं भी चूंकि हाई सोसाइटी में रह कर ड्रिंक और स्मोकिंग करने लगी थी. इसलिए मैं रेड वाइन पी गई.
‘उउफ्फ्फ … मेरा वंश आई लव यू..’
वंश भी बोला- आई लव यू माय हनी.
मैं बोली- यस हनी ही कहना … मम्मी नहीं … बल्कि तू मुझे कविता डार्लिंग बोल.
वंश बोला- हाँ कविता डार्लिंग.
मैं बोली- वंश तू आज उस चूत को चोदेगा … जहाँ से तू निकला है.
इसके बाद मैंने अपने पर्स से ट्रिपल फाइव सिगरेट का पैकेट निकाला और एक सिगरेट सुलगा ली. एक ही सिगरेट को हम दोनों ने बारी बारी से खींचते हुए पूरी वाइन पी ली.
हम दोनों इस दौरान एक दूसरे के जिस्म को चाट रहे थे. जल्दी ही हम दोनों 69 में आ गए. मैं और मेरा बेटा वंश पूरी जीभ डाल के एक दूसरे की गांड चाट रहे थे. मैं उसका लंड गले तक ले रही थी और वो मेरी चूत और गांड को अपनी जीभ को नुकीली करके अन्दर तक चाट रहा था.
उसको और मुझे वाइन ज्यादा पीने की वजह से सुसु आ गई. मैंने और मेरे बेटे ने एक दूसरे की सूसू भी पी ली.
उउउफ्फ क्या नमकीन मस्त स्वाद था.
उसके बाद वंश बोला- कविता डार्लिंग आज तो मैं पहले अपनी मम्मी को चोदूंगा … कल से गर्लफ्रेंड को चोदूंगा.
मैं बोली- हाँ मेरे लाल … जल्दी से अपनी माँ चोद दे … साले तू पहले मादरचोद बन जा.
उसने मुझे गाली देते सुना तो उसने मुझे भी गाली देते हुए बिस्तर लाके पटक दिया और मेरी टांगें फाड़ते हुए लंड सैट किया. फिर वो बोला- ले मेरी छिनाल मम्मी … ले बहन की लौड़ी मेरा एक बार में पूरा लंड ले.
उसने अपना 8 इंच का मोटा लंड एक बार में ही मेरी चूत में पूरा घुसेड़ डाला.
उसका मोटा लंड लेते ही मेरी आह निकल गई ‘आआह्ह्ह … साले मादरचोद … धीरे चोद भोसड़ी के … आह्ह्ह … आज ही चूत फाड़ेगा क्या?’
वंश ने कहा- साली छिनाल तू न जाने कितने लौड़े खा चुकी होगी … तब मेरे लंड से चुदने आई रंडी साली … ले कुतिया.
मैं बोली- तू भी तो मादरचोद नौसीखिया नहीं दिख रहा है … सच सच बता भोसड़ी के इसके पहले तूने किस किस को चोदा है?
वंश मेरी चूत में अपने मूसल की ठोकर देता हुआ बोला- मेरी छिनाल मम्मी … हफ्ते में एक दो कॉलगर्ल्स को चोदे बिना तो मेरी आग ही शांत नहीं होती है.
मैं कह उठी- वाह जियो मेरे लाल … मैं भी कई कॉलब्वॉय्स से चुदी हूँ, पर तेरे जितना तगड़ा लंड नहीं मिला. इतना बड़ा लंड तो तेरे बाप का भी नहीं था. आह चोद बेटा … अपनी रांड मम्मी को पेल … आआअहह … उउउफ्फ बेटा … चोद आई लव यू बेटा … मेरा वन्शू … आआअह्ह चोद दे फाड़ दे मेरी चूत आआह्ह … बेटा चोद दे …
वंश- यस मम्मी उउ … आज तो तेरी चूत का भोसड़ा ही बना दूंगा. आह मम्मी आई लव यू.
मैंने कहा- बेटा क्या हम दोनों शादी करके मुंबई में रह सकते हैं.
बेटा बोला- हाँ मम्मी …
मैं उसके लंड का मजा लेने लगी- उउउह … उम्म्म … आह्ह्ह … आआहहह … उउउफ्फ चोद दे बेटा.
उसने बोला- इसके बाद मम्मी मुझे तेरी गांड चोदना है.
मैं बोली- मैं पूरी तरह से तेरी हूं मेरे लाल.
ये सुनते ही वंश बोला- तो चल घोड़ी बन जा मेरी रंडी … अभी तेरी गांड का भी मजा लेने का मूड बन गया … साली कुतिया.
मैं जल्दी से घोड़ी बन गई और उसने पहले कुछ पल मेरी गांड चाटी और अपना लंड लहराते हुए मेरी गांड में डाल दिया.
उसका मोटा बांस जैसा लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया. वो तो गनीमत थी कि मेरी गांड का छेद पहले से खुला हुआ था. ये मेरे पति ने एक बार मुझे दारू के नशे में टुन्न करके अपने एक अधिकारी के लंड से खुलवाया था. उसके बाद तो न जाने कितनी बार मेरी गांड ने तरह तरह के लंड निगले थे.
तब भी इस बार काफी दिनों से मेरी गांड में लंड न जाने से मेरी गांड मुंद सी गई थी. वंश का लंड गांड में खलबली मचा गया. मेरी एक तेज स्वर में आह्ह्ह्ह निकल गई. मेरे आंसू आ गए.
साला अपने बाप पर ही गया था मादरचोद बेटा था. बहन का लौड़ा मेरे जैसा ही अय्याश निकला था. उसने पीछे से हाथ बढ़ा कर मेरे झूलते मम्मों को अपनी मुठ्ठी में दबोचा और मेरी गांड को चोदना चालू कर दिया.
हालांकि कुछ ही करारे धक्कों के बाद मेरी गांड ने मस्ती करना शुरू कर दिया था. पूरे कमरे में हमारी गरमागरम सांसों की जोर जोर से आवाज और ‘फ्च्फ्च्फ् … व्ह्च्फ्च..’ और मेरे कंठ से निकलती ‘आअह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आउउऊ उउउ …’ की गूंजें फ़ैल गई थीं.
कुछ ही देर में वो और मैं झड़ने वाले थे. मैं बोली- आअहह बेटा आई लव यू मेरी जान … मेरी चूत में ही झड़ना.
वो बोला- मम्मी आप प्रेगनेंट हो जाओगी.
मैं बोली- तू जी भर के चोद बेटा … मैंने आपरेशन करा लिया है … डर मत बस अपनी आग शांत कर ले.
लेकिन उसने पूरा वीर्य मेरे मुँह में और मेरे चेहरे पर डाला.
‘आआहह उउम्म्म्म … ऊआह्ह्ह..’
अपनी औलाद से चुदने में पूरी कसर निकल गई थी … मैं अपने बेटे से सुबह 5 बजे चुदती रही. हम दोनों थक हार के ब्लैक डॉग के दो दो पैग लगा के सो गए.
मेरे बेटे के लंड ने मेरी जवानी को कुचल कर रख दिया था. मुझे आज बड़ी तृप्ति मिली थी.
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