यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी प्यारी कविता, सभी सेक्सी माँ और बेटों को मेरा प्रणाम. मेरी इस सेक्स कहानी के दूसरे भाग में आप लोगों ने पढ़ा था कि मैंने कैसे अपने सगे बेटे को पटाया, उसके साथ शिमला गई और अय्याशी की.
अब उससे आगे:
चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.
मेरी नींद सुबह 11 बजे खुली, तो वंश का हाथ मेरे चूचों में था. हमने रात में ड्रिंक की थी, तो नशा उतरा नहीं था. मैं फ्रेश होने गई, वहां से आई और वंश की बांहों में आ गई.
मैं उसको चूमते हुए बोली- बेबी, सुबह हो गई.
उसने आंख खोली तो मैंने उसके होंठों में अपने होंठ लगा कर उसे किस किया. वो मुझसे लिपट गया. मैं उसकी गर्दन में चुम्बन करने लगी, फिर उसके सीने में जीभ से चाटते हुए मैं उसकी नाभि तक आ पहुंची. वंश समझ गया था. वो सीधा होते हुए एकदम से चित लेट गया. मैं भी नंगी थी, लगातार उसके जिस्म को चूमते चाटती जा रही थी.
उफ्फ … उसके बाद उसके लंड को देखा, तो वो एकदम मूसल सा खड़ा लहरा रहा था. मैंने अपने बेटे के लंड को पकड़ा और ऊपर करके उस पर अपनी जीभ फिराते हुए लंड को चाटने का मजा लिया. फिर वंश के लंड के लड्डुओं पर आकर मैंने एक लड्डू को अपने मुँह में भर लिया. उसके एक लड्डू को मैंने पूरे मनोयोग से चूसा.
आह्ह्ह …
फिर मैंने जांघों के बीच में चाटा और वंश को बोला- बेटा गुड मॉर्निंग!
यह कहते ही मैंने उसके लंड को गप से पूरा अन्दर ले लिया और पूरे मन से उसके लंड को ऐसे चूसने लगी, जैसे लॉलीपॉप चूसते हैं. वंश के मुँह से सिर्फ ‘आअहह फ्फ्फ मम्मी डार्लिंग … स्वीटहार्ट कविता आई लव यू..’ के सिवा कुछ नहीं निकल रहा था. मेरे मुँह में बेटे का लंड और उसकी गांड में मेरी उंगली थी, जिसे मैं बीच बीच में चाट भी रही थी. उसके बाद मैंने उसकी गांड चाटी.
तभी मेरे प्यारे बेटे ने मुझे पलट दिया और हम 69 में आ गए.
उफ्फ्फ … अभी भी वो सब आपको बताते हुए मेरी चुत गीली हो रही है.
उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ टिका दी और मेरे मुँह में वंश का लंड चलने लगा. मैं उसके लंड को चूस जरूर रही थी, लेकिन एक तरह से इस वक्त वंश मेरे मुँह को चोद रहा था. उसने मेरी चूत के दाने को अपने होंठों में दबाते हुए खींचा, जिससे मेरी रो पड़ी. मेरी चूत का रस छूट गया. चूत भलभला कर रिसने लगी. वंश ने अपने होंठों को फैला कर मेरी चूत पर एक तरह से ढक्कन सा लगा लिया था और वो मेरी चूत से टपकने वाले मेरे चूतरस का एक कतरा भी खराब नहीं जाने देना चाहता था.
इससे उसकी कामोत्तेजना भी बढ़ गई और वो भी मेरे मुँह में झड़ने लगा.
हम दोनों झड़ गए थे. हम दोनों ने एक दूसरे का पूरा माल पी लिया. वंश ने मेरी चूत का रस चाट चाट कर मेरी चूत को फिर से गर्म कर दिया था. सुबह का वक्त था, तो वैसे भी अभी उत्तेजना जल्दी से बढ़ गई थी. मेरी चूत लंड लंड करने लगी थी. इसलिए मैंने भी अपने बेटे के लंड को चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.
वंश चूत चाट कर चित लेटा हुआ था. मैं झट से पलट सीधी हुई और अपने बेटे के खड़े लंड पर बैठ गई. मैंने उसके लंड को अपने हाथ से अपनी फुद्दी के छेद में फ़िट किया और तभी नीचे से वंश ने ठोकर मार दी. उसका पूरा लंड सरसराता हुआ मेरी चूत में अन्दर तक घुसता चला गया. मैं अपनी चूचियों को उछालते हुए उसके लंड पर जोर जोर से घुड़सवारी करने लगी.
पूरा कमरा सिर्फ ‘फच फच..’ और ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह..’ की आवाज़ों से गूंज रहा था.
मैं लंड पर कूदते हुए अपने बेटे से बोली- बेबी मुझे कुछ दिन तेरी गर्लफ्रेंड बन के रहना है.
वो बोला- ठीक है मम्मी.
मैं उससे चुदती रही.
‘आआहह आअह्ह उफ्फ आअह्ह्ह …’ उसके मजबूत लंड से मेरी चुत को खुजली से बड़ी राहत मिल रही थी. मैं अपनी गांड ऊपर तक उठा कर लंड ले रही थी और मेरा बेटा भी नीचे से झटके दे दे कर मेरी चूत का बजा बजा रहा था.
‘आअह्ह जोर जोर से आआहह उह बेटा … चोद चोद बेटा आअह …’
वंश बोला- हाँ मम्मी आअह्ह ले ना.
मैं- आअह उफ्फ … बेटा तूने मम्मी समझ के तो मुझे रात भर चोदा है ना … अब रांड कॉल गर्ल छिनाल समझ के चोद … आअहह बेटा.
वंश बोला- हाँ मेरी रंडी कविता … आअहह आई लव यू उउम्म … आह्ह्ह … आअहह उफ्फ … उम्म … मुउह्ह्ह्हा …
वो मुझे बड़ी बेदर्दी से चोदे जा रहा था. मुझे बड़ी राहत मिल रही थी.
तभी उसने एक झटके में मुझे पलट दिया और कमर के नीचे तकिया लगा कर मेरे ऊपर छा गया. मैंने जल्दी से उसका लंड अपनी चूत में सैट कर लिया. उसने एक जोरदार झटका मारा और अपना पूरा मूसल मेरी चूत की जड़ तक गाड़ दिया. उसकी इस हरकत से मेरी चीख निकल गई- आआ ह्ह्ह … मार दिया मादरचोद ने.
वो हंसने लगा और साला कमीना रुका भी नहीं. उसने मुझे धकापेल चोदना चालू कर दिया.
धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा और मैं सातवें आसमान में उड़ने लगी. मैं बोली- आह बेटा वेरी गुड … आअहह चोद दे … मैं बहुत खुशनसीब हूं कि तेरे जैसा बेटा मुझे मिला.
मैं इसी तरह अपने बेटे से चुदती रही और मेरा प्यारा बेटा चोदता रहा.
आखिरकार बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं लस्त पस्त हो गई. मेरी चूत बहने लगी. उसने भी लंड निकाल कर अपना रस मेरे पेट पर निकाला और वो मेरी चूत चाटने लगा.
उसके बाद थोड़ी देर तक हम दोनों ने रेस्ट किया. फिर साथ में बाथरूम में आ गए. मैंने ब्रश में पेस्ट लगाया और मग में सूसू की. मैंने वंश से भी मग में सूसू करवाई. हम दोनों ने उसी सूसू से अपना मुँह गीला किया. उसके बाद मैंने और वंश ने साथ में एक ही ब्रश से ब्रश किया और सूसू से मुँह साफ़ किया.
उफ्फ्फ्फ क्या मज़ा आया.
उसके बाद हमने कमरे में आकर वोदका के पैग बनाए और वापस बाथरूम में आ गए.
कमोड को बन्द करके उस पर वंश बैठ गया और मैं उसकी जांघों में बैठ गई. हम दोनों ने इसी अवस्था में पैग लगाये और सिगरेट का मजा लिया.
तभी वंश को सुसु लग गई, तो मैं झट से नीचे बैठ गई और उसने कमोड से खड़े होकर मेरे ऊपर मूतना चालू कर दिया. उसका मूत मेरे सर में बालों से होते हुए माथे में … और माथे से होते हुए नाक में … और नाक से मुँह में जाने लगा. मुझे उसके नमकीन मूत्र का मजा आने लगा. इसके बाद बाकी का मूत्र धीरे-धीरे मेरे पूरे जिस्म पर फ़ैलने लगा.
उफ्फ … वो क्या मस्त रंगीन माहौल था. मैं अपने बेटे के मूत को किसी अमृत के जैसे पी रही थी और चाट रही थी. मेरे मुँह से आहें और कराहें निकली जा रही थीं- उम्म … आह्ह्ह उम्म्म … ऊऊहह … आआहह उफ्फ … आई लव यू वंश … मेरा प्यारा बेटा … मेरा बेबी म्म्मुआहह.
उसने मुझे अपने मूत से नहलाया. उसके बाद मेरे ऊपर वोदका डाल दी और फिर मेरे जिस्म को चाटा.
आअह्ह्ह … कितना हसीन था ये सब.
वंश बोला- मम्मी मैं आपके पूरे जिस्म को चाटूंगा … आई लव यू मम्मी … आपके जैसा जिस्म किसी का भी नहीं होगा.
मैं बोली- तेरे लिये ही तो जिम और योग करके शरीर को ऐसा मस्त बनाया है. बेटा आई लव यू टू मच. आह्ह!
उसके बाद वो कमोड पर बैठ गया और मैंने उसकी जांघों को अपनी जांघों के ऊपर रख कर पैरों को फ्लश की तरफ करते हुए उसके पैरों को अपनी कमर में फंसा लिया. अब मेरे वंश ने अपने लंड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदना चालू कर दिया. मेरा बेटा मेरे मम्मों को दबा रहा था और मैं उसके मुँह में अपना थूक डाल कर उसे चूस रही थी. वो भी मेरे थूक को जीभ निकाल कर चाट कर मुझे मजा दे रहा था. साथ ही वो मुझे जोर जोर से चोद भी रहा था.
‘आआह उफ …’ इस तरह से चुदाई करने में बड़ा मजा आ रहा था. हम दोनों बेताबी से किस करने लगे और एक दूसरे की लार को चाटे जा रहे थे. वो मेरे मुँह में अपना मुँह लगा कर मेरी चूत में अपना पूरा लंड पेल कर मुझे चोद रहा था.
जैसे ही बीच बीच में वो मेरे होंठों को छोड़ता, मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगतीं- आह्ह्ह्ह … और जोर जोर से चोद दे मेरी जान … ऊफ्फ्फ आअह्ह … मुआहह.
दस मिनट मुझे यूं ही हचक कर चोदने के बाद उसने मुझे घुमा दिया और फ्लश के पास टिका दिया. अब वो नीचे बैठ के पीछे से मेरी गांड चाटने लगा. अपनी पूरी जीभ मेरी गांड में अन्दर तक डाल कर मुझे मजा देने लगा.
मैं बोली- बेटा टट्टी आ जाएगी.
वंश बोला- मैं चाट लूँगा.
‘आआह्ह्ह … बेटा आई लव यू.’
उसने मेरी पूरी गांड को अन्दर तक अपने थूक से गीली कर दिया. इसके बाद बिना मुझे बताए उसने अपने मोटे लंड को एक बार में मेरी गांड में पूरा का पूरा डाल दिया. एकदम से बांस जैसा लंड मेरी गांड में घुस जाने से मेरी सांस रुक गई और आंखों में आंसू आ गए. उसने अपने बलिष्ठ हाथों से मेरा सर फ्लशटैंक से चिपका दिया. मैंने घूमना चाहा तो उसने मेरे सर फ्लशटैंक में दबा कर जानवर बना गया.
अब वो पीछे से जोर जोर से मेरी गांड मार रहा था. मेरा बेटा अपनी माँ की गांड मारने के लिए एकदम से जंगली जानवर बन गया था.
मैं सिर्फ ‘आह … औउऊ … ऊऊई … मर गईईई..’ बोल पा रही थी.
वो मेरे बालों को पकड़ कर अपने लंड को जबरदस्त तरीके से मेरी गांड में अन्दर बाहर करते हुए बोल रहा था- ले साली रंडी … माँ की लौड़ी छिनाल अब मुझसे ऐसे ही चुदने की आदत डाल ले कुतिया … आआहह … ले पूरा लंड अन्दर ले.
उसकी हाहाकारी ठोकरों से कुछ ही मिनट में मेरी गांड का दर्द थोड़ा कम हो गया और मुझे भी मज़ा आने लगा.
मैं भी अपनी गांड के छेद का सत्यानाश करवाते हुए बोली- आह मेरे लाल आअह्ह … चोद दे … मेरी गांड को भी फाड़ दे … आअह्ह … उफ्फ्फ आई लव यू वंश माय बेबी … उम्म्महह!
वंश बोला- आई लव यू टू मम्मी मेरी जान उफ्फ्फ… आआहह … क्या गांड मरवाती हो!
गांड में उसके लंड के साथ मैं अपनी चूत के दाने को भी मसले जा रही थी.
कुछ ही देर में हम दोनों साथ में झड़ गए और शॉवर ऑन करके वहीं फर्श पर नंगे पड़े रहे.
दस मिनट हम दोनों उठे और एक दूसरे की बांहों में बाहें डाल के बाथरूम से बाहर आ गए.
मैंने रेड ब्रा पेन्टी स्ट्रिंग वाली और ब्लैक कलर का घुटने तक का सिल्क का गाउन पहन लिया. अपने होंठों पर फ़ूड ग्रेड वाली रेड लिपस्टिक लगाई. आँखों में आई ब्रो, आई लाईनर और काजल लगा कर हम दोनों लंच करने जाने के लिए तैयार हो गए. जाने से पहले वंश ने वोदका की बोतल से लम्बे लम्बे दो तीन घूंट नीट ही लगा लिए और मेरी तरफ बोतल बढ़ा दी. उसने एक सिगरेट सुलगा ली. मैंने वंश के हाथ से शराब की बोतल ले कर गिलास में बोदका लेकर पी ली. बोतल से पीने से मेरी लिपस्टिक खराब होने का डर था. इसके बाद वंश ने सिगरेट मेरी तरफ बढ़ाई तो मैंने दो तीन कश खींचे और धुंआ वंश के सीने में फूंक दिया. वंश मुझे आँख मारते हुए अपने हाथों में हाथ डाल कर ले जाने लगा.
आगे की कहानी अगले भाग में लिखूंगी.
मेरे बेटे के साथ मेरी सेक्स कहानी आपको अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल कीजिएगा या अपने बेटे या माँ के साथ सेक्स करने मुझसे कुछ मदद चाहिये हो, तो भी आपका स्वागत है.
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