नमस्कार मित्रो, मेरी पिछली हिंदी सेक्सी स्टोरी
भाभी की चूत की प्यास की कहानी-1
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने करिश्मा भाभी के घर जा कर उनके बेडरूम में उनकी चुदाई की। अब आगे-
तो उस धुंआधार चुदाई के बाद हम दोनों बेड पर पड़े थे, करिश्मा भाभी बड़ी प्यार भरी नजरों से मुझे देख रही थी।
फिर वो उठी और बाथरूम में जाने लगी।
मैं भी उनके पीछे पीछे बाथरूम में गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया, मेरा एक हाथ उनकी कमर में था और दूसरा उनके स्तनों पर… उनके मम्मे मसलते हुए मैं उनकी गर्दन के साइड वाले हिस्से को चूमने लगा जिससे वो फिर से उत्तेजित होने लगी।
मेरा एक हाथ उनके निप्पल मसल रहा था और दूसरा हाथ उनकी चूत से खेलने लगा। उनकी सांसें तेज़ होने लगी, मेरा खड़ा लंड उनकी गांड की दरार में घिसने लगा। उनकी चूत फिर से गीली होने लगी और मैंने अपनी एक उंगली उसमें डाल कर फिर से उन्हें उंगली से चोदने लगा।
थोड़ी जगह बनते ही मैंने दो उंगलियाँ अंदर डाल दी और वो भी कमर हिला हिला के मेरी उंगली से चुदने लगी। भाभी ने अपना मुँह पीछे घुमाया और हम किस करने लगे।
फिर अचानक से मैंने उसे घुमा कर सीधा किया और सामने से उसे जकड़ते हुए ज़बरदस्त वाला स्मूच किया।
हम दोनों अगले राउंड के लिए तैयार थे।
मैंने उससे अलग होकर शावर चालू किया और उसके नीचे हम दोनों दोबारा चुम्बनरत हो गए। वो अपने मम्मे मेरी छाती पर घिसने लगी और मैं अपना लंड उसकी चूत पर… वो अपनी कमर को नीचे करके लंड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी, पर मैंने सोचा इन्हें थोड़ा और तड़पाया जाए तो मैंने लंड अंदर नहीं घुसाया और चूत की दरार पर ही उसे घिसने लगा।
मदहोशी में भाभी की आंखें बंद थी और मुँह से आहें निकल रही थी। जब मैंने लंड अंदर नहीं किया तो वो आँखें खोल मुझे बड़े सेक्सी अंदाज़ से देखने लगी। जैसे उसकी आंखें मुझसे विनती कर रही हो कि अंदर डालो न!
किस करने के लिए वो आगे बढ़ी पर मैंने अपना मुंह पीछे खींच लिया। उसने 3-4 बार कोशिश की पर मैंने उसे किस नहीं करने दिया। इससे उसकी तड़प और बढ़ गई और उसने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपने होंठ मेरे होंठों से मिला दिए। वो मुझे ज़बरदस्त स्मूच करने लगी और मैंने भी देर न करते हुए भाभी की चूत में लंड डाल ही दिया।
उसके मुंह से हल्की सी चीख निकली जो कि मेरे मुंह मे दब गई।
अब हम दोनों शावर के ठंडे पानी के नीचे किस करते हुए चुदाई के आनन्द के सागर में गोते लगाने लगे। उसका एक पैर मेरी कमर पे लिपटा हुआ था और मादक सीत्कारों के साथ अपनी कमर हिलाते हुए वो बड़े प्यार से चुद रही थी।
मैं कभी उसकी गर्दन, कभी गाल तो कभी होंठ चूम रहा था। साथ ही उसके मम्मे भी मसल रहा था तो कभी निप्पल पे काट रहा था।
भाभी के मुँह से ऊह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह आह आआहा जैसी मादक सीत्कारें बहुत ही सेक्सी आवाज़ में निकल रही थी और मेरा जोश बढ़ा रही थी।
उसकी चूत से लबालब झरना बह रहा था, अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी और थोड़ा थकने लगी थी।
मैंने उसका दूसरा पैर भी अपनी कमर में डालते हुए उसे अपनी गोदी में ले लिया और दीवार से टिका कर और ज़ोर से चोदने लगा। उसकी गर्म सांसें मेरी सांसों से टकरा रही थी और उसकी हर आह के बीच उसे किस करते हुए मेरा जोश आसमान छूने लगा। मुझसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया और ज़ोरदार धक्कों के साथ मैं उसकी चूत में झड़ने लगा।
मेरा हो जाने पर मेरी कमर तो रुक गई पर उसकी कमर रुक नहीं रही थी। मैं समझ गया कि ये भी झड़ने के करीब है तो मैंने झट से अपनी उंगलियों से उसे चोदना जारी रखा। उसकी आंखें बंद थी और दोनों हाथ ऊपर थे। मेरा एक हाथ उसकी गर्दन को पीछे से पकड़े हुए था और उसकी गर्दन और होंठों को चूमते हुए मैं दूसरे हाथ से उसे तेज़ तेज़ फिंगरिंग कर रहा था।
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तभी अचानक अपने दोनों हाथों से मुझसे लिपटते हुए वो झमाझम झड़ने लगी। मैंने उसकी चूत पे थपकी लगाते हुए उसे अच्छे से झड़ाया।
लेकिन उसकी इन मदहोश अदाओं से मेरा लंड फिर खड़ा हो चुका था।
अभी के लिए बाय बाय।
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