यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की इस सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैं अपनी बीवी के साथ अपने साले सलहज की चुदाई के बीच में ही उनके कमरे में आ गए थे. उधर बहन भाई के बीच सेक्स शुरू हो गया. संजू ने अपने भाई का लंड चूसना शुरू कर दिया.
इसके बाद हम चारों में अपने साथी बदल कर चुदाई की सहमति बन गई और हम सभी मेरे मास्टर बेडरूम में आ गए.
मैंने अपनी सलहज की आंखों में कामुकता से देखा, तो वो मुझे मादकता से देख कर मुस्कुराते हुए बोली- क्यों मेहमान का माल कैसा लगा?
अब आगे:
मैंने कोई जवाब नहीं दिया और उसके होंठों को अपने मुँह से खाने लगा. अपने दोनों हाथों से कभी उसकी गांड, तो कभी उसकी चूचियां मसलने लगा.
कुछ ही पलों में वो पूरी गरम हो गई थी और मेरा साथ देने लगी.
उधर नीरज ने बड़े प्यार से अपनी बहन की कभी गर्दन, तो कभी कान, तो कभी होंठ, तो कभी उसकी कांख को चूसे जा रहा था.
संजू काफी गर्म हो गई थी और मुँह से सिसकारी भर रही थी. फिर नीरज ने संजू की शर्ट का इकलौता बटन खोल दिए.
संजू की ब्रा मैंने पहले ही खोल दिया था, सो बटन खुलते ही संजू की गदराई हुई चुचियां आजाद हो गईं. नीरज उसके चूचे देखते ही रह गए. संजू की चुचियां 34सी साइज़ की हैं, जो काफी गोरी तथा जरा सी भी लटकी हुई नहीं थीं. अर्थात पूरी कड़क चूचियां थीं.
नीरज ने संजू की एक चुची को किस किया, जिससे संजू गनगना गई. फिर नीरज ने उसकी शर्ट को उसके जिस्म से अलग कर दिया और संजू की कैपरी को भी खोल दिया. संजू ने आज पेंटी भी नहीं पहनी थी. उसकी चूत एकदम सफाचट थी.
उसके भैया ने ये देखा, तो उसके मुँह से अनायास ही वॉव निकल गया. आखिर मेरी बीवी थी ही इतनी आकर्षक और सुंदर. उसकी गांड 36 की साईज की अलग ही छटा बिखेर रही थी … तथा उसका पूरा गोरा बदन जगमगा रहा था.
नीरज ने कहा- वाह संजना, इतना खूबसूरत और गदराया जिस्म मैंने आज तक नहीं देखा है.
मेरी बीवी संजू ये सुनकर हल्की सी मुस्कुराई, इस बात पर मेरी बांहों में लिपटी मेरी सलहज ने भी कहा- वाह संजना … वाकयी में आपका जिस्म का कोई जोड़ नहीं.
इधर मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल दिए थे और मेरा लंड फुंफकार मार रहा था.
प्रियंका ने मेरा लंड देखा, तो उसके मुँह से भी वॉव निकल गया. वो बोली- वाह जीजाजी … आपका लंड तो मेरे नीरज से ज्यादा बड़ा है.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया. वो बड़े अच्छे से लंड को चूसने और चाटने लगी. मैं अपने हाथों से उसकी चुचियों को मसल रहा था. कभी उसके छोटे छोटे से कड़क निप्पलों को छेड़ रहा था. वो भी पूरी गरम हो गई थी.
अब मैंने उसे उठाया और उसकी दोनों चुचियों को अपने मुँह में भर लिया. उसकी पूरी चूचियां समाए जा रही थीं मैं उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.
वो ‘आह … आह…’ करने लगी. अब मैंने उसे बेड पर एक साईड में लिटा दिया और उसके जिस्म के एक एक अंग को जंगलियों की तरह चूसने लगा.
वो सीत्कार करने लगी.
मैं फिर से उसकी चुचियों पर टूट पड़ा और उसे जैसे खाने लगा. वो कसमसाई और बोली- आह थोड़ा धीरे … दर्द करता है न!
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे चूसता रहा. उसकी चुचियां पूरी लाल हो गई थीं.
फिर मैं नीचे आ गया. उसकी चूत पूरी सफाचट थी. चूत से पानी रिस रहा था.
मैंने चूत पर चूमा लिया, तो वो उछल पड़ी. मैंने अब उसकी चूत को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा. मेरी सलहज का जिस्म इधर उधर होने लगा. वो बेड की चादर को मुठ्ठी में भरकर अपने सर को इधर उधर फेंकने लगी.
मैं पागलों की तरह उसकी चूत को चूसे जा रहा था.
उधर नीरज भी संजू के पूरे जिस्म को चूम रहा था. उसने संजू के पीछे जाकर उसकी गदराई हुई चुचियों को बड़े प्यार से पकड़ा और मसलने लगा. संजू की भारी चूचियां उसके भाई के हाथों में नहीं आ रही थीं वो संजू की चूचियों की घुंडियों को घुमाने लगा.
संजू दर्द से मचल गई और बोली- आह भैया प्लीज … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
नीरज बोला कि तो डाल दूँ?
संजू बोली- नहीं … पहले चूत चूसो ना.
नीरज ने संजू को प्यार से बेड पर एक तरफ लिटा दिया. अब प्रियंका और संजू का सर लगभग सटा हुआ था. फिर नीरज अपनी बहन की चूत में अपनी जीभ घुसाने लगा, तो उसने देखा कि संजू की चूत से पानी की धार निकल रही थी.
उसकी चूत से इतना पानी निकला था कि संजू की चूत के आसपास, उसकी गांड तक पूरा पानी पानी हो गया था.
ये देख कर नीरज ने आव देखा ना ताव, अपनी बहन की चूत को चूसने और चाटने लगा. नीरज ने अपनी बहन की चूत का सारा पानी चाट कर साफ कर दिया.
संजू के मुँह से बस ‘आह … ओह..’ निकल रहा था.
इधर मैं प्रियंका की चूत को चूसते चूसते लाल कर दिया था.
एकाएक प्रियंका बोली- जीजा जी, मेरा निकलने वाला है.
मैं उसकी क्लिट को मुँह में लेकर चुभलाने लगा, वो सह नहीं पाई और बेतहाशा मेरे मुँह में ही झड़ने लगी. उसने चूत झाड़ते हुए अपने पूरे बदन को अकड़ा दी.
मेरी सलहज झड़कर हांफने लगी थी.
उधर संजू अब तक चूत चुसवा ही रही थी.
जैसा कि मैंने पहले भी बताया था कि संजू को मेरे साथ सेक्स करते करते थोड़ा देर से झड़ने की आदत हो चुकी थी.
नीरज संजू की चूत चूसते चूसते लगभग थक गया था. उसने चूत चूसना छोड़ दिया.
संजू बोली- आह भाई … क्यों छोड़ दिया?
वो बोला- यार, कितना चुसवाती हो तुम? मैं तो थक गया.
संजू बोली- कोई बात नहीं आप पीठ के बल लेट जाइए.
नीरज उसकी बात समझते हुए लेट गया, संजू उठी और नीरज का गोरा लंड, जो कि पूरा टाईट था. उसको देखा और उसके आंड को अपने मुँह में भर कर चुभलाने लगी.
इससे नीरज की सीत्कार निकल गई. उसका लंड और भी ज्यादा फूल गया और झटका देने लगा. संजू से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो नीरज के ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत को उसके लंड पर सैट करके घप्प से एक ही झटके में लंड लील गई.
लंड लेते ही संजू के मुँह से ‘ईस्स … स्स उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की लंबी सीत्कार निकल गई और वही सीत्कार नीरज के भी मुँह से भी निकल गई.
अब संजू पूरा जंगली शेरनी की तरह नीरज के लंड पर उठक बैठक करने लगी थी. पूरे कमरे में ‘चप … चप … घप … घप..’ की आवाजें आने लगी थीं.
संजू की चूत से पानी बहुत ही ज्यादा निकल रहा था, जो कि रिस कर नीरज के आंड के आसपास फैल रहा था.
संजू जैसे जैसे नीरज के लंड पर उछलती, उसकी चुचियां ऊपर नीचे हिल रही थी और उसकी गांड भी ऊपर नीचे हिलते हुए मस्त लग रही थी. बड़ा ही मादक सीन था.
मैंने इधर अब अपने लंड को अपनी सलहज की चूत में सैट किया और घुसाने लगा.
इस पर प्रियंका बोली कि जीजा जी मेरा तो हो गया … अब छोड़ दीजिए ना.
मैं हंसने लगा और बोला- मैं तो अभी आपको एक दो बार और झाडूंगा.
वो बोली- ऐसा भी होता है क्या?
मैंने बोला- मैं आपकी ननद संजू को अक्सर दो बार झाड़ता हूँ.
वो बोली- मैं तो अब तक हमेशा एक ही बार झड़ी हूँ.
मैंने हंसते हुए अपना मोटा लंड उसकी चूत में घुसाने लगा पर उसकी चूत सूख गई थी. मैंने उसकी चूत में थूका और उससे चूत को गीला किया. फिर अपने लंड पर भी थोड़ा थूक लगाया.
अब मैं प्रियंका की चूत में अपना लंड डालने लगा, परंतु लंड इतनी आसानी से नहीं जा रहा था.
वो बोली- आह दर्द कर रहा है.
मैं बोला- बस कुछ मिनट में मजा आने लगेगा.
मैंने थोड़ा जोर लगाया, तो मेरा सुपारा प्रियंका की चूत में चला गया. वो थोड़ा चिहुंकी. मैंने देर ना करते हुए एक जोर को झटका दिया, जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समा गया.
वो कराहने लगी और उसकी चीख निकल गई. वो तड़फ कर बोली- आह मर गई … निकालिए … आपका बहुत बड़ा लंड है … दर्द कर रहा है.
पर मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दो-तीन मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा और वो जोर जोर से सीत्कार भरने लगी.
उसकी चूत में मेरा लंड पूरा टाईट जा रहा था. उसकी चूत से फिर से पूरा पानी निकलने लगा. अब वो जन्नत में गोता खाने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने उससे बोला- भाभी आप ऊपर आ जाओ, आपको जैसे चुदना हो … खुद चुद कर मजा लो.
वो बहुत खुश नजर आ रही थी. मैं नीचे लेट गया, वो मेरे ऊपर आ गई और धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठने लगी. मैंने नीचे से एक जोरदार धक्का दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वो चीख उठी और फिर शांत होकर मुस्कुराकर बोली- आह … धत्त आप कितने बेदर्दी हैं.
फिर वो आंखें मूंद कर मेरे लंड, जो कि उसकी चूत में पूरा टाईट घुसा हुआ था … के ऊपर आगे-पीछे होने लगी और अपने होंठ को दांतों से दबाते हुए जन्नत की सैर करने लगी.
उधर संजू नीरज के लंड पर पूरा जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी. नीरज उसकी आक्रामकता को देखे जा रहा था. एकाएक संजू उसी अवस्था में नीरज के ऊपर झुकी और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल कर अपनी गांड को किसी पोर्न स्टार की तरह ऊपर नीचे करते हुए पूरा स्पीड में फकिंग करने लगी. इससे उसकी बड़ी गांड पूरी हिलने लगी.
कमरे में ‘फच. … फच … फचाक … फच…’ की आवाजें आने लगीं.
संजू को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसका अब होने वाला है.
तभी नीरज बोला- बहन, मेरा निकलने वाला है.
संजू चुदते चुदते बोली- थोड़ी देर और रुक जाइए … मेरा भी होने वाला है.
परंतु नीरज अपने को संभाल नहीं पाया और बेतहाशा संजू की चूत में झड़ने लगा.
संजू एकदम से चिल्लाते हुए बोली- नहीं … अभी नहीं थोड़ा सा रुक जाइए.
परंतु वीर्य कहीं रुकने वाला होता है. नीरज ने संजू की चूत में झड़ते झड़ते उसको कसके अपने सीने से चिपका लिया, जिससे संजू की चुचियां नीरज की छाती पर छितरा गईं.
नीरज अपने लंड का पूरा वीर्य संजू की चूत में उतारने के बाद वो निढाल हो गया.
संजू बोली- ओह … नो … ये आपने क्या कर दिया … मैं भी झड़ने वाली थी.
इस पर नीरज बोला- बाप रे … बाप कितना चुदवाती हो … मेरा तो पूरा पसीना निकाल दिया.
संजू थोड़ी मायूस हुई, वो किसी भी कीमत पर झड़ना चाह रही थी, परंतु नीरज का लंड मुरझा चुका था.
एकाएक संजू नीरज के ऊपर से उठी, उसके उठते ही संजू की चूत से नीरज का गाढ़ा वीर्य नीरज के मुरझाये लंड एवं आंड पर गिरने लगा.
संजू के उठते ही नीरज भी उठने लगा, पर ये क्या … संजू ने नीरज को उठने नहीं दिया. उसने नीरज के मुरझाये लंड को अपने मुँह में ले लिया … और लंड चूसने लगी.
नीरज को यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी बहन इतनी कांमांध हो सकती है. संजू नीरज के लंड चूसने के क्रम में वहां पर जितना भी वीर्य गिरा था, उस सबको चाट गई. अब भी वो लंड को चूसते ही जा रही थी, वो किसी भी तरह लंड को खड़ा करना चाह रही थी.
संजू ने अपने भाई नीरज के लंड तथा उसके आसपास गिरे वीर्य का एक एक कतरा चाट लिया, फिर भी नीरज का लंड नहीं खड़ा हुआ.
संजू अपने स्खलन के बिल्कुल नजदीक थी, परंतु बिना लंड के वो स्खलित नहीं हो पा रही थी.
तभी उसकी नजर हम दोनों पर गई, जहां मेरी सलहज यानि कि उसकी बड़ी भाभी मेरे लंड पर बैठकर आगे पीछे करते हुए जन्नत का मजा उठा रही थी और मुँह से ‘ईस्स … ओह … ओह…’ कर रही थी.
एकाएक संजू उठी और उसने अपनी भाभी को दबंगों की तरह मेरे लंड से जबरदस्ती उठा कर अलग कर दिया.
ये प्रियंका को जरा सा भी अच्छा नहीं लगा. वो बोली- ये क्या कर रही है संजना?
आखिर वो भी तो जन्नत का मजे ले रही थी. परंतु संजना ने बात अनसुनी करते हुए मेरे लंड पर अपना चूत सैट करके एक ही झटके में घप्प से बैठ गई.
मेरे मुँह से ‘आह..’ और संजू के मुँह ‘ओ … हो … अअह..’ निकल गया.
अब संजू मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी. मैं संजू की मनोदशा को समझ रहा था कि वो अपने स्खलन के अंतिम पड़ाव में है.
मैंने भी आव देखा ना ताव नीचे से जोर-जोर से शॉट मारने लगा. संजू निहाल हो गई. उसे ऐसा ही आक्रमण चाहिए था.
दो मिनट में ही वो बोली- हां … हां … मेरे राजा … मैं आने वाली हूँ.
मैंने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया. मेरी संजू बेतहाशा झड़ने लगी और मेरे सीने से कसकर लिपट गई और हांफने लगी.
थोड़ी देर बाद वो उठी और प्रियंका … जो कि ये सब देख कर अपनी चूत में एक उंगली घुसाकर अन्दर बाहर कर रही थी, को बोली- सॉरी यार मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, इसलिए ऐसा किया. आओ अब तुम मेरे पति के लंड का मजा ले लो.
मेरी इस उत्तेजना भरी रिश्तों में सेक्स की कहानी के लिए आपकी मेल का स्वागत है.
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सेक्स कहानी जारी है.