यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक इस सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैं, मेरी बीवी, मेरा साला और सलहज हम चारों ने चुदाई का मजा ले लिया था और हम सब सो गए थे. अलसुबह के किसी समय मेरा साला नीरज उठ गया था और वो अपनी बहन की मस्त जवानी को देख रहा था.
अब आगे:
उस वक्त कोई पांच सुबह बज रहे थे. संजू की नाईटी घुटने तक उठी हुई थी. उसकी चुचियों का उभार साफ नजर आ रहा था. नीरज चुपके से संजू की नाईटी को ऊपर उठाने लगा.
तभी संजू जग गई, उसने अपने भाई को देखा, तो बोली- क्या हुआ भैया?
नीरज ने संजू के बाल पर हाथ फेरते हुए कहा- संजना, तेरी चुदाई करने का मन कर रहा है.
संजू बोली- भैया, रात को दो बजे तो हम सब सोये हैं, प्लीज अभी सोने दीजिये ना.
उसने हम लोगों को देखा. मैंने सोने का नाटक किया.
संजू बोली- देखिए न … सब लोग सोये हुए हैं.
नीरज बोला- प्लीज बहन, मान जाओ ना … तुम्हारे सेक्सी बदन के साथ खेलने का मन कर रहा है. आज तक तुम्हारी जैसी मदमस्त जवानी नहीं देखी है … इसलिए मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. प्लीज अपना यौवन रस पिला दो.
इस बात पर संजू हंस दी और बोली- ठीक है … मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
संजू उठ कर बैठ गई और उसने एक जोरदार अंगड़ाई ली, जिससे उसकी गदराई चुचियों का पूरा उभार सामने आ गया.
नीरज ने ये देखा तो बोला- क्या मार डालने का इरादा है … इतनी कातिलाना जवानी … उफ्फ …
इस बात पर संजू फिर से मुस्कुराई और बोली- अच्छा बाबा अब इतनी भी तारीफ नहीं कीजिये … मैं बस फ्रेश होकर आ रही हूँ.
संजू बाथरूम चली गई. इधर नीरज उठा और उसने हमें और प्रियंका को देखा तो पाया कि हम दोनों सो रहे हैं. वो गेस्टरूम में गया और वहां से कुछ लाया और अपने लंड को निकाल कर उस पर पूरा स्प्रे किया.
मैंने गौर से देखा तो वो सेक्स टाईम बढ़ाने का प्रभावशाली स्प्रे था.
अगले दिन मुझे पता चला कि वो स्प्रे दो एमएल का आता है … जिसकी कीमत पांच सौ रूपए होती है. उस स्प्रे को लंड पर करने के बाद नीरज ने फिर से अपने रूम में रख दिया और आकर सोफा पर बैठ गया.
मैं समझ गया कि आज वो मेरी बीवी को जी भर के चोदना चाहता है.
तभी संजू रूम में आई, वो पूरी फ्रेश लग रही थी.
अभी वो रूम में घुसी ही थी कि नीरज ने उसे दबोच लिया और उसके होंठ को चूसने लगा.
संजू बोली- आराम से भैया.
इस पर नीरज बोला- क्या करूं बहना, तुम्हें देखकर बर्दाश्त ही नहीं होता है.
ये कहकर नीरज अपनी बहन के पीछे आ गया और अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को नाईटी के ऊपर से ही मसलने लगा. वो उसकी गर्दन, कान तथा होंठों को चूसने और चाटने लगा.
अब संजू भी उसका साथ देने लगी. तभी उसी पोज में नीरज संजू को पकड़कर सोफा पर बैठ गया और संजू को गोद में बिठाकर उसके चुचों को मसलने लगा. साथ ही होंठों को किस करने लगा.
अब संजू भी धीरे धीरे गर्म हो गई थी. तभी नीरज ने उसी स्थिति में बैठे अपने एक हाथ से संजू की नाईटी को ऊपर कर दिया और अपने हाथ से संजू की चूत को सहलाने लगा.
संजू ने आंखें मूंद लीं.
नीरज ने देखा कि उसकी बहन की चूत गीली हो गई है … तो उसने उसमें एक उंगली को डाल दिया.
संजू ‘ईस्स्स …’ कर उठी.
फिर नीरज उसी पोज में कोई दो मिनट तक एक हाथ से चुची को मसलते रहे. वो दूसरे हाथ से अपनी बहन की चूत में फिंगरिंग कर रहे थे और होंठों से कभी गर्दन, कभी कान, तो कभी संजू का मुँह घुमाकर उसके होंठ चूस रहे थे.
इन विभिन्न क्रियाओं से संजू पूरी गर्म हो गई थी. उसकी चूत से पानी निकलने लगा था. फिर वो उठी और उसने अपनी नाईटी उतार दी और पूरी नग्न अवस्था में आ गई. उसे नीरज को पेंट गंजी खोलने का इशारा किया.
नीरज ने भी अपने कपड़े उतार दिए. उसका गोरा लंड फुंफकार मार रहा था. लंड की नसें उभर आई थीं. शायद स्प्रे की वजह से ऐसा हुआ था.
संजू ने नीरज को सोफा पर ढकेल दिया और स्वयं उसकी गोदी में बैठ गई. गोद में बैठते ही संजू ने अपने भाई का लंड अपनी चूत में सैट किया और घप्प से बैठ गई.
लंड चुत के मिलन से एकाएक दोनों के मुँह से ‘ईस्स …’ की आवाज निकली.
नीरज सोफा पर बैठा हुआ था और अपनी पीठ को सोफा की पुश्त से टिकाये हुआ था. संजू ने उसी पोज में उसके लंड में अपनी चूत को फंसाये हुए अपनी चुचियों को नीरज के मुँह से सटा दिया. नीरज अपनी बहन की चूचियों को चूसने लगा.
संजना मदहोश हो गई. उसके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- ईस्ससस … उम्म्ह… अहह… हय… याह… चूस ले मेरे भैया … आह अपनी बहन के दूध चूस ले.
उसकी कामुक आवाजें आ रही थीं. उसी पोज में वो अपने भाई के लंड के ऊपर अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी.
नीरज ने उसकी चुचियों को पांच मिनट तक चूसा. इससे संजू की चूत से पानी निकलना शुरू हो गया. उसकी चूत में अपने भाई का लंड कुछ हार्ड सा महसूस हो रहा था.
संजू बोली- भैया, अभी आपका लंड ज्यादा टाईट लग रहा है … ऐसे जैसे कोई रॉड मेरी चुत में घुसी हो.
इस बात पर नीरज को जोश आ गया. वो नीचे से लंड को उठा उठा कर अपनी बहन की चूत में पेलने लगा. संजू की पूरी गांड भी लंड के झटकों के साथ ऊपर नीचे हिलने लगी.
संजू- आह … ओह … ईस्सस … भैया मजा आ रहा है.
उसी समय मैंने जानबूझ कर आंखें खोल दीं और बैठ कर बहन भाई की चुत चुदाई देखने लगा. संजू का मुँह मेरी तरफ था. उसने मुझे देखा, तो मुस्कुरा दी.
वो मेरे पेंट में खड़े हो चुके लंड को देखकर बोली- आ जाइए ना आप भी!
उसकी इस बात से नीरज ने सर आगे करके मुझे देखा और बिना कोई रियेक्शन के संजू को चोदने लगा.
मैंने लंड सहलाते हुए संजू से कहा- तुम लोग चुदाई का मजा लो, मैं यहीं से देख रहा हूँ.
संजू ने भी अपनी आंखें मूंद लीं और नीरज के हर प्रहार पर सीत्कार करने लगी.
उन दोनों की चुदाई होते होते लगभग आधा घंटा हो चुका था. तभी संजू एकदम से उछलने लगी और बोली- आह भैया, मेरा होने वाला है.
इस बात पर नीरज ने और जोर से चोदना शुरू कर दिया. पूरा कमरा ‘फच … फच..’ की आवाज के साथ गूंजने लगा.
तभी संजू का बदन अकड़ा और वो नीरज से लिपट कर झड़ने लगी.
दो मिनट बाद वो उठी और हैरानी से अपने भाई का खड़ा लंड महसूस करते हुए बोली- भैया, आपका नहीं हुआ?
नीरज ने कहा- नहीं.
संजू बोली- वाह भैया आपका स्टेमिना तो बढ़ गया.
इस बात पर नीरज ने शेखी बघारी और बोला- हां मैं भी कम नहीं हूँ.
संजू नीरज के लंड से उठी, अभी भी नीरज का लंड फुंफकार मार रहा था. नीरज भी उठा और उसने संजू को सोफा पर लिटा दिया. नीरज ने संजू की चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसे चूसने लगा.
संजू को चुत चुसवाने में मजा आने लगा. यही गुण मेरी बीवी में है कि वो लगातार एक-दो घंटा तक सेक्स कर सकती है.
पता नहीं, इतनी कामुकता उसमें कहां से आ गई है.
नीरज संजू की चूत को चूसे जा रहा था, जिससे संजू फिर से गर्मा गई थी.
नीरज ने उसकी चूत को चूसते चूसते संजू की गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी और छेद में जीभ चलाने लगा.
संजू बोली- उन्ह … भैया … वहां नहीं कीजिए ना, गुदगुदी लगती है.
पर नीरज उसकी गांड के छेद को जीभ से चाटने लगा और जीभ को अन्दर करने का प्रयास करने लगा. संजू को अब इसमें भी मजा आने लगा था.
संजू बोली- तो भैया अब डाल दो ना, मेरा मन कर रहा है.
नीरज ने गांड की तरफ इशारा करके बोला- इसमें?
इस पर संजू बोली- धत्त भैया … आप भी ना … मैं इसमें नहीं करवा पाऊंगी. इसके लिए आपके बहनोई भी लालायित रहते हैं, पर मैंने आज तक गांड में लंड नहीं पेलने दिया है. मुझमें हिम्मत नहीं होती है.
नीरज बोला- तो बहना आज हिम्मत कर लो ना!
संजू बोली- नहीं भैया … प्लीज … बहुत दर्द करेगा.
नीरज बोला- तेरी भाभी भी यही कहती थी, पर एक दिन हमने ये किया तो उसे बहुत मजा आया.
संजू बोली- क्या भाभी पीछे करवा चुकी हैं.
नीरज ने हां में सर हिलाया.
संजू ने कुछ देर सोचा, फिर बोली- नहीं भैया मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी.
नीरज बोला- अरे पगली तेरी भाभी इतनी दुबली पतली होते हुए गांड मरवा चुकी है … और तुम तो यौवन की देवी के समान हो.
संजू अपनी बढ़ाई सुन कर गदगद हो गई, पर बोली- प्लीज भैया आज नहीं.
नीरज ने उदास होकर कहा- ठीक है अच्छा थोड़ा फिंगरिंग तो करने दोगी.
संजू ने अपने भाई का चेहरा देख कर कातिलाना नजर से देखते हुए कहा- ठीक है.
चूंकि गांड में प्रचुर मात्रा में थूक था, फिर भी नीरज ने बुद्धिमता का परिचय देते हुए उसी कमरे की ड्रेसिंग टेबल पर रखी वैसलीन की डिबिया उठाकर उसमें से ढेर सारी वैसलीन निकाल कर संजू की गांड में भर दी और गांड की मालिश करने लगा.
संजू ने आज तक गांड नहीं मरवाई थी, सो मैं भी ये सीन देख कर गर्म हो गया. मैं भी उठकर संजू के पास आ गया और संजू के मुँह के पास अपना खड़ा लंड दे दिया.
संजू बोली- हम्म … तो आप भी इस मौके पर आ ही गए.
मैं बोला- बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तुम बोलती हो, तो मैं चला जाता हूँ.
इस पर संजू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी.
ये कह कर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
उधर नीरज लगातार गांड में वैसलीन लगा रहा था. एकाएक उसने गांड में अपनी एक बीच वाली उंगली थोड़ी सी घुसा दी. संजू चिहुंक उठी, मुझे लगा मामला बिगड़ सकता है.
मैं भी संजू की गांड मरवाना और मारना चाहता था … इसलिए मैंने संजू के मुँह में लंड डाले ही 69 पोज में आकर संजू की चूत को चाटने लगा और उसकी क्लिट को जीभ से लपलपाने लगा.
ये तो संजू की कमजोरी थी, वो तुरंत गर्मा गई और सिसकारियां निकालने लगी.
मैं समझ गया कि अब संजू जन्नत का मजा ले रही है. मैंने उसी अवस्था में नीरज को गांड में उंगली अन्दर बाहर करने को बोला.
वो गांड में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
संजू मजे ले रही थी, तभी नीरज ने उसकी गांड में दो उंगली घुसा दीं.
संजू को दर्द हुआ, वो कुछ बोलना चाह रही थी … पर मेरा लंड उसके मुँह में था इसलिए वो ‘ओं … ओं..’ करके रह गई.
वैसलीन की चिकनाई और लगातार अन्दर बाहर करने से अब गांड में दोनों उंगलियां जाने लगीं.
उसे दर्द तो कर रहा था पर मेरे द्वारा उसकी क्लिट को चूसने से उसे मजा ज्यादा आ रहा था.
तभी मैंने नीरज को कुछ इशारा किया, नीरज ने संजू की गांड के नीचे दो तकिया लगा दिए. मैं संजू की चुत की क्लिट चूसे जा रहा था. संजू की चूत से भरपूर पानी निकल रहा था.
तभी मेरा इशारा पाकर नीरज ने अपने पूरे टाईट लंड के ऊपर वैसलीन लगा कर उसे संजू की गांड पर टिका दिया. फिर थोड़ा जोर से लंड को ठेल दिया. लंड का सुपारा संजू की गांड में घुस गया.
संजू दर्द से तिलमिला उठी, वो अभी कुछ कोशिश करती कि तभी मैंने नीरज से कहा- जल्दी से पूरा लंड घुसाइए.
उसने जोर से धक्का मार कर पूरा लंड अपनी बहन की गांड में पेल दिया.
संजू कराह उठी और वो मेरा लंड को मुँह से निकाल कर चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने कहा- थोड़ा सब्र करो.
पर वो नहीं मान रही थी.
मैंने नीरज से उसी अवस्था में रुकने को कहा और मैंने पुनः संजू की चूत पर होंठ लगा दिए और उसकी क्लिट को चूसने लगा.
संजू को थोड़ी सी राहत मिली और अब वो चूत चूसे जाने की वजह से चूत से पानी निकालने लगी और सीत्कार करने लगी.
उधर नीरज धीरे धीरे अपनी बहन की गांड में लंड थोड़ा-थोड़ा अन्दर बाहर करने लगा. संजू को अब उतना दर्द नहीं कर रहा था.
मैंने फिर से अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और 69 की पोज में उसकी क्लिट को मुँह में भर कर चॉकलेट की तरह चूसने लगा.
संजू की सीत्कारें बढ़ने लगीं. अब मेरे इशारे पर नीरज भी अपने लंड को बहन की गांड में थोड़ा तेजी से अन्दर बाहर करने लगा. उसका लंड संजू की गांड में इतना टाईट जा रहा था, जैसे दीवार में कोई कील अन्दर जाती हो.
मेरी फैंटेसी भरी सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी? आपकी मेल का स्वागत है.
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सेक्स कहानी जारी है.