हेलो दोस्तों, मैं आपका सेक्सी फ्रेंड चार्ली हूँ. मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहता हूँ. मैंने बी इ की डिग्री पास कर ली है और अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ पर यह मेरी छठी कहानी है. जिनको मेरी कहानियाँ पढ़नी हैं वो मेरी स्टोरीज़ इस कहानी के शीर्षक के नीच लिखे मेरे नाम पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
मेरी पिछली कहानी
पापा के दोस्त ने मुझे नंगी देखा और …
प्रकाशित होने के बाद काफी मेल आये मुझे. उनमें से कुछ लड़कियों के मैसेज थे और कुछ भाभियों के. जिन्होंने भी मुझे मेल किया उनका धन्यवाद करता हूँ.
मुझे बहुत सारे लड़के ऐसे भी मिले जो मुझसे कह रहे थे कि उन्हें भी मैं अपने ग्रुप में शामिल कर लूँ लेकिन उनको मैं कहना चाहता हूँ कि मैं कोई ऐजेन्ट नहीं हूँ जो आप लोगों के लिए सेटिंग करता फिरूँ.
मेरी दो कहानियां, मैं प्यासी भाभी से सेट हो गया, गांड चुदवाने के लिए मचली मैरिड भाभी कुछ माह पहले प्रकाशित हुई थी. उनमें मैंने संजना (बदला हुआ नाम) की चुदाई की थी, मैंने लिखा था कि मैंने कैसे संजना की गांड मारी.
उसी कहानी को मैं इस भाग में और आगे बढ़ा रहा हूँ. मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस कहानी को इंजॉय करेंगे.
एक बार फिर से अपना संक्षिप्त परिचय देते हुए बताना चाहता हूँ कि मेरी हाइट 6 फीट के करीब है और शरीर भी ऐवरेज ही है. मेरे लंड का साइज 6.5 इंच लंबा है जबकि मोटाई 2.5 इंच है. तो चलिए मैं आपका ज्यादा समय ना लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूं.
तभी अचानक बेडरूम का दरवाजा खुला और शीना अंदर आ गयी। हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे की बांहों में थे और पूरा बेड बिखरा पड़ा था। शायद गलती से संजना ने मेन दरवाजा सही तरह से लॉक नहीं किया था तो शीना ढूंढते हुए अंदर आ गयी थी।
जब शीना ने यह सब देखा तो उससे बर्दाश्त न हुआ. उसका नतीजा क्या हुआ कि वह भी हमारे खेल में शामिल होने की जिद करने लगी और उसने मुझे सेक्स के लिए धमकाना शुरू कर दिया. मगर संजना भी साथ में थी. संजना को मनाना आसान नहीं था इसके लिये.
तो जैसी मेरी और संजना की गांड मराई खत्म हो गई, शीना वहां पर हम दोनों की चुदाई का लाइव शो देख रही थी. हम दोनों को उसने रंगे हाथ पकड़ लिया था जिससे ना हम उसको कुछ सफाई दे पाते और ना ही उसको कुछ कह पाते.
पर यह तो बात तय थी कि शीना हम दोनों की इस इस चुदाई वाली बात को किसी के साथ नहीं शेयर करेगी क्योंकि मुझे तो पता था कि शीना भी मुझसे चुदना चाहती है.
अब बस संजना की दिक्कत थी क्योंकि शीना को देखने के बाद संजना बहुत ज्यादा डर गई थी और उसने अपने आप को संवारने की बहुत ज्यादा कोशिश की. यह सब कुछ इतनी जल्दी-जल्दी हुआ कि ना तो हमें अपने आप को ढकने का मौका मिला और ना ही हमें किसी दूसरी रूम में जी भागने का मौका मिला.
शीना वहीं पर खड़ी खड़ी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और हम दोनों की तरफ देखे जा रही थी. पर ना तो अभी तक उसने कुछ बोला था और ना हमारे मुंह से कुछ निकला था.
इस सबके बीच में मैंने शीना के निप्पल जो हमारी ठुकाई देखने से खड़े हो गए थे, उनको भाँप लिया था और मैं बस उन्हीं की तरफ देखे जा रहा था. शीना ने भी इस बात को भांप लिया था पर फिर भी वह कुछ नहीं बोली.
ऐसे में करीब 5 मिनट निकल गए.
तब मैंने सोचा कि क्यों ना मैं ही पहल करके अपने आप को और संजना को इस मुसीबत से निकाल दूं.
इसलिए मैंने अपना मुंह खोला पर मेरे मुंह से कुछ बात ही नहीं निकल रही थी. हम दोनों की इस हालत पर शीना तो बहुत ज्यादा मजे ले रही थी.
मैंने ऐसी हालत में मैंने संजना की तरफ देखा तो वह तो बिचारी पसीने से भीग चुकी थी.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने ही हिम्मत करके शीना से कहा- कम से कम दरवाजा खोलते वक्त आवाज तो किया करो. तुम तो बहुत अच्छे घर की हो; तुम में इतनी भी तमीज नहीं कि किसी के कमरे में जाते वक्त दरवाजा खटखटाना चाहिए?
मैंने यह सब थोड़ा गुस्से में ही बोला क्योंकि शीना ने अंदर आकर बिचारी संजना की हालत पतली कर दी थी और उसके साथ साथ मेरी भी.
शीना के ऊपर मेरे चिल्लाने से संजना भी थोड़ी सी अपने आपको ठीक महसूस कर रही थी. हम दोनों मैं और संजना अभी तक बिल्कुल नंगे ही थे. ना ही संजना के बदन पर कोई कपड़ा था और ना ही मेरे.
जैसे ही मैं कुछ आगे बोलने को हुआ, शीना आगे बढ़ी और उसने सीधे से आकर मेरा लण्ड अपने हाथों में पकड़ लिया जो अभी तक मुरझाया हुआ था और मेरे लण्ड को खींचकर बोली- अगर किसी के घर में बिना दरवाजा खटखटाए आना किसी अच्छे घर के इंसान की निशानी नहीं है तो क्या किसी और की बीवी की गांड मारना बड़े घर वालों की निशानी है? मेरे सामने तुम इसकी गांड मार रहे थे और और यह संजना बिल्कुल मजे लेकर अपनी गांड मरवा रही थी तो तुम दोनों भी मुझे ऐसा कोई ज्ञान मत चोदो. नहीं तो पूरे गांव को यहां पर बुला लूंगी और तुम दोनों की करतूत सबको बता दूंगी. तब मुझसे ना कहना कि मैंने पहले नहीं बताया था. और हां मैंने तुम दोनों की सेक्स की वीडियो भी बना ली है; तुम मुझे इतना मत सुनाओ वरना …
उसका इतना कहना ही था कि संजना रोने लगी और शीना से भीख मांगने लगी- किसी को यह बात ना बताना … वरना मैं कहीं मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूँगी.
यह बात सुनते वक्त शीना मुस्कुरा गई और संजना के पास जाकर बोली- मेरी जान … मैं किसी को क्यों बताऊंगी? मुझे उससे क्या मिलेगा? मैं तो पहले से ही चार्ली पर फिदा थी क्योंकि जब उसने मेरी मदद की थी वह भी तो सिर्फ तुम्हारे कहने पर! तभी मुझे शक हो गया था कि चार्ली के दिल में तुम्हारे लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर है. और जब मैंने चार्ली को अपने गले से लगाया था, तब मैंने तुम्हारे चेहरे को अच्छे से पढ़ लिया था कि कहीं ना कहीं तुम भी उसको चाहती हो. जब चार्ली बस तुम्हारे ही नाम की माला जपता था तब तो मेरा शक यकीन में बदल गया था कि तुम दोनों के बीच कुछ ना कुछ तो चल रहा है. परसों जब चार्ली का फोन मुझे आया था तभी मैंने एक प्लान बनाया कि मैं तुम दोनों के बीच में चाहे जो भी हो उसको जानकर ही रहूंगी. पिछले कई दिनों से मैं इस मौके की तलाश में थी कि तुम दोनों को मैं रंगे हाथ पकड़ लूं और तुम दोनों का मजा ले सकूं.
पर तुम डरो मत मेरी जान, मैं किसी से कुछ भी नहीं कहूंगी. हम दोनों सहेलियां कम और बहनें ज्यादा हैं. मुझे पता है कि तुम चार्ली को अपना पति मानती हो. मुझे पता है तुम चार्ली से कितना प्यार करती हो … मैंने तुम दोनों का यह खेल शुरू से देखा है जब चार्ली घर के अंदर आया था और मैं तब से तुम दोनों की बातें सुन रहीं हूँ और करतूतें देख रही हो.. इसलिए ही मैंने तुम दोनों का खेल बीच में नहीं रोका और पूरा खत्म होने के बाद ही तुम्हारे सामने आई.
तुम्हारा यह प्यार देखकर ही मुझे भी चार्ली पसंद आ गया … और मैं चाहती हूँ कि चार्ली तुम्हारे साथ साथ मुझे भी चोदे. हम दोनों आज से चार्ली की दो पत्नियां हैं यह समझो!
और अगर तुम इस बात को नहीं मानोगी तो मैं तुम दोनों का वीडियो सबको भेज दूंगी तो फिर देख लेना कि तुम्हारा क्या हाल होता है.
शीना ने एक ही सांस में यह सब कह डाला और हम दोनों भी कुछ ना बोल सकें.
मैं तो पूरी तरह से शॉक में था. उधर संजना का तो बहुत बुरा हाल हो गया था क्योंकि एक तरफ उसका प्यार था और दूसरी तरफ समाज की बदनामी … यह सब सुनकर संजना फिर से रोने लगी.
तब मैंने भी गुस्से में आकर शीना से सीधा कह दिया- मैं चाहे जो भी कर लूं पर जो लड़की मुझसे इतना प्यार करती हो मैं उसको धोखा नहीं दे सकता.
यह कहते हुए मैंने संजना को अपने गले से लगा दिया; फिर अपना शर्ट उठा कर उसको ढक दिया और फिर से शीना को देखने लगा.
इधर संजना ने भी अपना रोता हुआ चेहरा छुपा के मेरे सीने में दबा दिया था. वह मुझे कस के पकड़े हुए थी … शायद ऐसे कह रही हो कि वह मुझे कभी छोड़ना भी नहीं चाहेगी.
हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए थे और शीना यह सब देख कर और पागल होती जा रही थी.
शायद उसको भी हमारा प्यार सच्चा लगा था और आखिर में उसकी भी आंखों से आंसू टपक पड़े क्योंकि मैं और संजना दोनों जानते थे कि शीना चाहे जैसी भी औरत हो … पर दिल की वो इतनी भी बुरी नहीं है, उसका दिल बहुत नर्म है.
फिर अचानक से शीना ने अपने हाथ जोड़कर हम दोनों से माफी मांगी और वहां से बीना कुछ बोले चली गई. शायद उसका दिल तो मुझ पर आया ही था पर क्या करें उसने ऐसा रास्ता चुना था जो शायद हम तीनों को बर्बाद कर सकता था.
जैसे ही शीना संजना के घर से निकली वैसे ही मैंने जाकर दरवाजा बंद कर दिया और आकर संजना के साथ लिपटकर रोने लगा.
हम दोनों भी ना कुछ बोल रहे थे और ना कुछ बोलने की हालत में थे … बस एक दूसरे से चिपक कर रोए जा रहे थे.
फिर थोड़ी देर बाद संजना को संभालते हुए मैंने उसे चुप करवाया. जैसे ही वो चुप हुई उसके मुँह से एक ही सवाल निकला- इतना प्यार करते हो मुझसे कि मेरे लिए इतना ख़तरा मोल लिया? और ऐसा मौका गंवा दिया? तुम चाहते तो शीना की चुदाई कर सकते थे पर तुमने मेरे लिए यह सब किया? मैं आज तक ऐसा ही प्यार तलाश कर रही थी जो मुझे तुम में मिला … प्लीज़ कभी मुझसे अलग मत होना, नहीं तो मैं खुद की जान ले लूँगी. तुम चाहे शादी किसी से भी करो पर हमेशा मेरे लिए अपने दिल में थोड़ी सी जगह दे देना … तुम चाहे जितनी भी औरतों को चोदो, मैं कुछ नहीं बोलूँगी. अगर तुम्हें कोई पसंद आ जाए तो मुझे बता देना, मैंने तुम्हारे लिये उसको तैयार करने की कोशिश करूँगी. पर मुझे कभी अपने से अलग मत करना!
उसकी ये बातें सुन कर मैं उसके प्रति और प्यार महसूस करने लगा था. हमारे बीच इसके बाद कुछ हुआ नहीं और मैं वहाँ से खाना खाकर चला आया.
उसके 5 दिन तक न मेरी शीना से बात हुई और न ही संजना से. मैं अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी ही गया था जिससे मुझे उनको फोन करने का वक़्त भी नहीं मिला.
पर मुझे कहाँ पता था कि संजना ने मेरे लिए कुछ और ही प्लान बनाया है.
एक सप्ताह बाद मैं जब ऑफिस में था, मुझे संजना का मेसेज आया- आज रात का खाना मेरे घर पे खाओगे. तुम्हारे लिए एक सरप्राइज भी है, तुम खुश हो जाओगे. और आते वक़्त सेक्स की दवाई लेते आना ताकि अगले 2 दिनों तक बस चुदाई हो सके. मेरी सास बाहर जा रही है 2 दिनों के लिए और अपने साथ ऋषि को भी ले जा रही है. तो तुम आज शाम मेरे घर पे आ जाना, मैं और तुम्हारा सरप्राइज दोनों इंतज़ार में रहेंगे.
मैंने भी सोचा कि कल शनिवार है और परसों रविवार … तो दोनों दिन मैं संजना की चुदाई कर सकता हूँ अच्छे से … तो मैंने भी सरप्राइज के बारे में बिना पूछे ही ‘ठीक है’ का जवाब भेज दिया.
मुझे पता नहीं था कि संजना का प्लान क्या है, मैं तो बस इसलिए खुश था कि संजना ठीक लग रही थी. उसकी बातों में आज कोई डर नहीं था, वह पहले जैसे बिंदास लग रही थी.
मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि संजना कोई ऐसा कदम उठाएगी जिससे हम दोनों की सेक्स लाइफ में फुल मजा आएगा. मैंने सोचा था कि संजना ने इस बार कुछ नया तरीका सोच रखा होगा चुदाई का!
कहानी जारी रहेगी.
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कहानी का अगला भाग: ब्लैकमेल कर भाभी की सहेली ने चुदवाया-2