नमस्ते दोस्तों, मैं मुंबई के ठाणे से आयुष हूँ. आज मैं आपको करीब डेढ़ साल पहले हुई एक घटना बताने वाला हूँ. मैं कमाने लगा था और शादी की उम्र हो रही थी. मगर मेरा शादी करने का कभी ज्यादा मन नहीं करता था. फिर भी मेरे घर वालों ने मेरी शादी की बात शुरू कर दी.
एक दिन उन्होंने मुझे एक लड़की का फोटो दिखाया. लड़की पहली ही नजर में मुझे पसंद आ गयी. वो हमारे ही पास के कस्बे की थी. लड़की मुझे पसंद आने पर मेरे घरवाले भी खुश हो गये.
हम लोग उसके घर पर रिश्ते की बात पक्की करने के लिये गये. जब मैंने उसको असल में देखा तो मेरे होश ही उड़ गये. वो जैसी फोटो में लग रही थी उससे तो कहीं ज्यादा सुन्दर थी. देखने में बिल्कुल ही शांत और शालीन थी.
नाम था श्यामली लेकिन रंग गोरा था. गदराया हुआ बदन था और हाइट 5.4 फीट के करीब की थी. उसका वेट 60 किलोग्राम के आसपास था. उसके बूब्स बड़े बड़े थे जो उसकी साड़ी से बाहर निकलने को हो रहे थे.
उसको देख कर तो किसी भी मर्द का दिल उस पर आ जाये और उसको चोदने के लिए तैयार हो जाये. मेरी शादी की बात उसके साथ पक्की होना मेरी लॉटरी लगने से कम नहीं था. मेरे मन में तो उसको देख देख कर लड्डू फूट रहे थे.
बात पक्की हो गयी और दो महीने के अंदर हमारी शादी भी हो गयी. शादी की पहली सुहागरात के लिए मैं बहुत ही उत्तेजित हो रहा था.
मैं रूम में गया तो वो बेड पर बैठी हुई थी. पूरा कमरा महक रहा था. फूलों की सजावट थी. मैं उसके पास बैठ गया और उससे एक दो बातें उसके बारे में पूछी. उसकी पसंद नापसंद के बारे में पूछा और वो थोड़ा खुल गयी.
उसके बाद मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वो शरमाने लगी. उसके बाद मैं उसकी साड़ी को खोलने लगा तो उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. मैंने उसको बेड पर लिटा लिया. वो देखने में किसी परी से कम नहीं लग रही थी.
मैंने उसकी साड़ी के पल्लू को उतार दिया. उसके ब्लाउज में कसे हुए उसके चूचे एकदम से उठे हुए थे. वो आजाद होने के लिए उतावले से लग रहे थे और मालूम हो रहा था कि अगर उनको आजाद नहीं किया गया तो वो खुद ही बाहर निकल आयेंगे. उसकी चूचियों की वक्षरेखा इतनी गहरी लग रही थी कि उन अंधेरों में डूब जाने का मन कर रहा था.
फिर मैंने उसकी साड़ी को कमर से खोल दिया. वो ब्लाउज और पेटीकोट में रह गयी. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा. वो पहले तो शरमाती रही और फिर मेरा साथ देने लगी. मैं उसके चूचों को दबाने लगा और दोनों ही गर्म होने लगे. अब वो भी मुझे अपनी बांहों में लिये हुए मेरे होंठों को चूस रही थी.
मेरा छोटा सा लंड मेरी पैंट में उछल कूद करने लगा था. हां दोस्तो, इस मामले में मेरी किस्मत ज्यादा अच्छी नहीं थी. मेरे लंड का साइज ज्यादा बड़ा नहीं था. मगर मैं आश्वस्त था कि मेरी बीवी को इस बात से ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होगी. औरत को संतुष्ट करने के लिए साइज ज्यादा मायने नहीं रखता है ऐसा मैंने कई जगह पढ़ा हुआ था.
तो दोस्तो, उसके बाद मैंने श्यामली के ब्लाउज को उतरवा दिया. उसकी चूचियां एकदम दूध के जैसी सफेद थीं. उसके भूरे रंग के निप्पल काफी मोटे थे और एकदम से कंचे की गोटी के आकार के दिख रहे थे. मैंने उसके चूचे को मुंह में ले लिया और पीने लगा. वो धीरे धीरे कसमसाते हुए चूची पिलाने लगी.
एक चूची को मैंने कई मिनट तक पीया और उसके बाद दूसरी चूची को पीने लगा. तीन-चार मिनट तक दूसरी चूची को पीने के बाद मैं अब नीचे आने लगा. मैंने उसके पेटीकोट को खोल दिया. उसने नीचे से सफेद पैंटी पहनी हुई थी.
मेरी दुल्हन की पैंटी में उसकी चूत अलग से ही उभरी हुई दिख रही थी. ऐसा लग रहा था कि उसके बदन को मसलने और चूमने से उसकी चूत गर्म होकर फूल गयी हो. मैंने धीरे से उसकी चूत के ऊपर से उसको किस किया तो वो अपनी जांघों को भींचते हुए अपने पंजों को आपस में रगड़ने लगी.
मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहला दिया. फिर मैंने उसकी पैंटी को धीरे धीरे नीचे करते हुए उतारना शुरू किया और बहुत ही धीरे धीरे उसकी चूत को नंगी कर दिया. मेरी दुल्हन बीवी की चूत सच में बहुत ही प्यारी थी. उसकी चूत एकदम से क्लीन शेव की हुई थी. हल्की सांवली थी.
धीरे से मैंने उसकी चूत पर अपने गर्म होंठ रख दिये और उसकी चूत को किस कर दिया. अब मैं भी ज्यादा देर नहीं रुक सकता था. कई मिनट से मैं उसके बदन के साथ खेल रहा था और अब ऐसा लग रहा था कि अगर मैं ज्यादा देर रुका तो मेरा पानी निकल ही जायेगा.
इसलिए मैंने एक तरफ होकर अपने कपड़े भी उतारना शुरू कर दिये. श्यामली पूरी नंगी पड़ी हुई थी और मैं भी अपना कुर्ता उतार कर आधा नंगा हो गया था. उसके बाद मैंने पजामी उतारी और केवल अंडरवियर में रह गया.
श्यामली मेरे अंडरवियर को देखने लगी. मेरा लंड तना हुआ था. वो शरमा रही थी. फिर मैंने अंडरवियर उतार दिया और जल्दी से नंगा होकर श्यामली के पास आकर उसको चूमने लगा.
फिर मैंने उसकी चूत को एक दो बार किस किया और फिर उसकी टांगों को फैला कर अपना लंड उसकी चूत पर लगा दिया. मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी थी लेकिन मैं किसी तरह खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था.
एक तो मेरी बीवी सुन्दर ही इतनी ज्यादा थी. दूसरे उसकी चूत बहुत ही सेक्सी और कसाव वाली थी. तीसरे, मैंने कभी आज तक सेक्स नहीं किया था. इसलिए लंड में तनाव कुछ ज्यादा ही था. जैसे ही चूत पर लंड रखा तो लगा कि बस ये निकला.
उसके बाद मैं श्यामली को चूमने लगा और नीचे से हिलते हुए उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. मेरा छोटा सा लंड उसकी चूत में घुसने की कोशिश करने लगा. फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और जैसे ही लंड चूत के छेद के सामने आया तो वो गच्च से मेरी दुल्हन की चूत के अंदर चला गया.
मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया. मैं उसको जोर जोर से चूमने लगा और पूरा हिलते हुए उसकी चूत में लंड को धकेलने लगा. बहुत मजा आ रहा था. ऐसा आनंद मुझे कभी महसूस नहीं हुआ था. मेरी बीवी की चूत बहुत टाइट थी. लंड उसकी चूत में रगड़ रगड़ कर जा रहा था.
मेरा पूरा बदन मेरी नंगी बीवी के बदन पर सटा हुआ था. मैं उसकी चूचियों को पकड़ कर उसकी चूत को चोदने लगा. मगर ये क्या? अचानक ही मैं चरम सीमा पर पहुंच गया और इससे पहले कि मैं वीर्य वेग को थोड़ा रोकने की कोशिश करता मेरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया.
मुझे काफी अजीब लगा. मैं डेढ़ दो मिनट में ही फारिग हो गया. मुझे शर्मिंदगी होने लगी. चुपचाप लंड को निकाल कर एक तरफ लेट गया.
मेरी नयी नवेली बीवी उठी और मेरी ओर देखने लगी. मैंने कुछ नहीं बोला.
वो शायद सोच रही थी कि मैं एक बार फिर से करूंगा. मैं करना चाहता भी था लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी. श्यामली ने चादर ओढ़ ली और लेट गयी. मैं भी लेटा रहा. दिन भर की थकान के कारण जल्दी ही मेरी आंख लग गयी. मैं सो गया.
अगली सुबह जब उठे तो सब कुछ नॉर्मल था. श्यामली भी नॉर्मल थी. दिन गुजर गया और फिर दूसरी रात आई. इस बार मैंने सोचा कि ज्यादा टाइम चूमा-चाटी में नहीं लगाऊंगा और थोड़ा किस करने के बाद लंड को सीधा चूत में डाल दूंगा.
उस रात फिर मैंने जल्दी जल्दी में अपनी बीवी को नंगी किया और उसके चूचे दबा दबा कर उसको गर्म कर दिया. एक दो बार उसकी चूत को छेड़ा और चाटा और फिर अपना लंड उसकी चूत में लगा दिया. मैंने देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत में दे दिया और चोदने लगा.
मैं आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत को चोद रहा था. बहुत मजा आ रहा था. 10-15 धक्के लगाने के बाद फिर से मेरा वीर्य निकलने को हो गया तो मैं वहीं रुक गया. मगर वीर्य का वेग रुका ही नहीं और फिर से मैं उसकी चूत में स्खलित हो गया.
आज मुझे बहुत ही ज्यादा शर्म महसूस हुई. मैं एक तरफ होकर लेट गया. श्यामली ने भी कुछ नहीं कहा और चुपचाप चादर ओढ़ कर लेट गयी.
अगले दिन मैं उससे कुछ बात भी नहीं कर पा रहा था. फिर घर वालों ने हमें हनीमून पर भेजने का प्लान किया.
हम दोनों हनीमून के लिए चले गये. दोस्तो, आप सभी जानते हैं कि शादी के बाद हनीमून सबके लिये कितना खास होता है. जिन्दगी की हसीन शुरूआत के लिए लोग हनीमून का पूरा मजा लेना चाहते हैं.
मगर मेरी किस्मत में हमारे हनीमून का पूरा मजा लेना भी नहीं था. हम लोग एक होटल में रुके. पहले दिन हमने आराम किया. फिर अगले दिन हम घूमने गये और शाम को फिर हनीमून की पहली रात थी. मैं श्यामली को खुश रखने की पूरी कोशिश कर रहा था.
उस रात मेरी बीवी ने जालीदार ब्रा और पैंटी का सेट पहना हुआ था. उसमें वो किसी हिरोइन के जैसी लग रही थी. मैंने सोचा था कि मैं इन दिनों में बीवी को सेक्स का पूरा मजा दूंगा. इसलिए मैंने सेक्स पावर बढ़ाने की गोली चुपके से अपने साथ रख ली थी.
मैंने सेक्स करने के समय से एक घंटा पहले वो गोली खा ली. उसके बाद फिर हम दोनों सेक्स करने लगे. मैंने अपनी बीवी को गर्म करके चूत में लंड डाला और चोदने लगा. मुझे लगा कि गोली का असर होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
वहां भी मैं दो मिनट के पहले ही झड़ गया.
उस रात के बाद से मेरी बीवी मुझसे उखड़ी उखड़ी रहने लगी. हम तीसरे दिन अपने हनीमून से लौट आये. घर आने के बाद लाइफ पहले जैसी हो गयी. वही रोज का ऑफिस जाना और शाम को थक कर आ जाना.
आने के बाद मैं अपनी बीवी को चोदने लगता तो वही होता. जैसे ही लंड डालता तो थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल जाता. 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा. मेरी बीवी अब मुझसे कुछ खास लगाव नहीं रखती थी. घरवालों के सामने हम नॉर्मल रहते लेकिन अपने ही कमरे में दूरियां पैदा हो गयी थीं.
फिर कुछ दिन और बीते. गुजरते समय के साथ हम दोनों में अनबन रहने लगी. फिर हालात ये हो गये कि मेरी बीवी बात बात पर मुझसे झगड़ने लगी. हर बात पर शिकायत करती रहती थी.
मैंने उससे एक दिन खुल कर पूछ लिया कि समस्या क्या है.
तो वो बोली कि वो मेरे साथ खुश नहीं है. वो सेक्स में संतुष्ट नहीं हो पाती है.
वो बोली कि मेरा लंड बहुत छोटा है. अगर छोटा लंड भी नजरअंदाज कर दिया जाये तो भी सेक्स में कोई मजा नहीं. मेरा जल्दी झड़ जाना उसको बहुत अखरता था. वो कहने लगी कि तुम्हारे अंदर चोदने वाला दम है ही नहीं.
श्यामली की बातों से लग रहा था जैसे कि वो कहना चाहती हो मुझसे शादी होकर उसकी जिन्दगी बर्बाद हो गयी हो. मैं उसको समझाने लगा लेकिन फिर लगा कि मेरी नाकामी के कारण अगर वो संतुष्ट नहीं हो पा रही है तो उसमें उसकी कोई गलती नहीं है.
मुझे लगा कि उसको भी खुश रहने का अधिकार है. अब मैं श्यामली से ज्यादा लड़ाई झगड़ा नहीं करता था. कमी मुझमें थी और मैं अपनी बीवी को खुश करने का कोई और तरीका सोच रहा था.
मैंने कई जगह इसके बारे में पता किया. मुझे कोई भरोसेमंद इन्सान नहीं मिला जो मेरी इस समस्या का हल बता सके. एक दिन मैं ऐसे ही चिंता में लेटा हुआ था.
मुझे ख्याल आया कि अगर मेरी जगह यदि मेरी बीवी के साथ कोई और सेक्स करे और किसी गैर मर्द के साथ चुदने के बाद यदि वो खुश रहने लगे तो कैसा रहेगा.
मैं तो अपनी बीवी की चुदाई में उसको खुश नहीं कर पा रहा था मगर कोई बाहर का आदमी तो उसको खुश कर ही देगा. इसलिए मैंने अपनी बीवी को पराये मर्द से चुदवाने का सोच लिया. इसके बारे में मैंने श्यामली को कुछ नहीं बताया.
अब मैं अपनी बीवी की चूत के लिए कोई दूसरा लंड तलाशने लगा. कई बार तो ये सोच कर कि जब मेरी ही आंखों के सामने कोई और मर्द मेरी बीवी की चुदाई करेगा तो कैसा लगेगा, ये सोच कर मेरी भी लुल्ली खड़ी हो जाती थी.
मैं ख्यालों में अक्सर अपनी बीवी को किसी गैर मर्द से चुदते हुए देखने लगा था. मैंने सोच लिया था कि अगर उसके दुखी होने का कारण मैं हूं तो मुझे ही उसकी खुशी के लिए भी कुछ इंतजाम करना होगा.
मेरे लिये यह कदम उठाना काफी मुश्किल था क्योंकि अपनी ही बीवी को किसी और चुदवाने में बहुत हिम्मत चाहिए होती है. मगर फिर भी मैं श्यामली की खुशी के लिए ऐसा करने के लिए तैयार था. मैं उसको किसी भी कीमत पर खुश देखना चाहता था.
इसके लिये मैंने अपने नेटवर्क में तलाश शुरू कर दी. मैं एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ गया. मैं रोज उस ग्रुप में चैट देखता रहता था. उस ग्रुप में कई कपल भी थे जो अपनी चुदाई की कहानी शेयर करते रहते थे. मैं भी सबकी चैट पढ़ता रहता था.
फिर एक दिन मुझे एक लड़का मिल गया. मेरी उससे इस बारे में बात हुई.
अन्तर्वासना हिंदी स्टोरी अगले भाग में जारी रहेगी.
दूसरे भाग में मैं आपका बताऊंगा कि कैसे मैंने एक पराये मर्द को अपनी बीवी की चुदाई के लिए तैयार किया. उसने मेरी बीवी की चूत को खुश कैसे किया और उसके बाद क्या हुआ.
इस अन्तर्वासना हिंदी स्टोरी पर अपने कमेंट्स के जरिये मुझे बतायें कि मैंने ये फैसला करके सही किया या नहीं? मेरी जैसी समस्या में अपनी ही बीवी को किसी गैर मर्द से चुदवाना कहां तक सही है? मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार है.
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कहानी का अगला भाग: छोटे लंड वाले पति की सजा-2