नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम आशू है. आज मैं आपको अपनी कहानी का दूसरा भाग बता रहा हूं. मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
छोटे लंड वाले पति की सजा-1
में मैंने आपको बताया था कि अपनी बीवी की चूत चुदाई करते समय मेरा जल्दी छूट जाता था.
इस बात को लेकर कुछ महीने के बाद हम पति पत्नी में अनबन होने लगी थी. मेरी बीवी मुझसे अक्सर लड़ाई करती रहती थी. फिर मैंने उसको किसी गैर मर्द से चुदवाने की ठान ली.
अब आगे:
मैं एक व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉइन कर लिया. बात करते करते मेरी बात अमनप्रीत नाम के एक लड़के से होने लगी जो देखने में काफी हट्टा कट्टा था. मैंने उससे उसके लंड की पिक्स मांगी. उसका लंड भी काफी तगड़ा था. मैंने सोचा कि मेरी बीवी की चुदाई के लिए यही परफेक्ट बंदा है.
अमनप्रीत का लंड मूसल जैसा था. ऐसा लंड मैंने पोर्न मूवी में ही देखा था. अमनप्रीत मुम्बई का रहने वाला था. मैंने उससे अपनी बीवी की चूत चोदने के बारे में बात की. उसने श्यामली की फोटो मांगी.
मैंने फोटो भेजी तो वो उसको देख कर दीवाना हो गया. अमनप्रीत कहने लगा कि यदि श्यामली अगर उसकी बीवी होती तो वह उसको दिन रात चोद रहता. श्यामली को देख कर वो बहुत उत्तेजित हो गया.
वो बोला- मैं सांड हूं और मैं तेरी बीवी को अपनी रखैल बना कर उसको जानवरों के जैसे चोदने के लिए मरा जा रहा हूं. एक बार तू अपना लंड भी दिखा कैसा है?
मैंने उसको अपने लंड की फोटो दी तो वो उसको देख कर हंसने लगा और बोला- तू तो नामर्द है, तेरा लंड तो बहुत ही ज्यादा छोटा है.
मैंने कहा- हां, मैं नामर्द हूं तभी तो अपनी बीवी को तुमसे चुदवाने की कह रहा हूं.
अमनप्रीत- ठीक है, कोई बात नहीं. मैं हूं ना। मैं तुम्हारा और तुम्हारी बीवी का मर्द बनूँगा। तुमसे भी अपना लंड चुसवाऊंगा। तेरी बीवी अगर मेरी बीवी होती तो मैं उसको दिन रात चोदता उसको और हमेशा ब्रा ही पहना कर रखता।
मैं बोला- अमनप्रीत, मैं खुद आपका बिस्तर सजाऊंगा और श्यामली को दुल्हन की तरह सजाऊंगा आपके लिए।
अमनप्रीत- मैं तुम्हारी बीवी को अपनी बीवी बनाऊंगा। उसे मंगलसूत्र पहनाऊंगा और उसके साथ सुहागरात मनाऊंगा।
मैं- जैसा आपको ठीक लगे मालिक।
अमनप्रीत- जब मैं तेरी बीवी को चोदूंगा तेरे सामने तो फिर तुझसे भी अपना लौड़ा चुसवाऊंगा।
उसकी बात पर मैं बोला- ठीक है मालिक, मैं आप दोनों की सेवा किया करूंगा. जो आप कहोगे वो किया करूंगा. बस आप मेरी बीवी को चोद चोद कर खुश कर देना.
वो बोला- चिंता मत कर, मैं तेरी बीवी को ऐसा चोदूंगा कि वो फिर और कोई लौड़ा नहीं लेगी। उसको रुला रुला कर चोदूंगा। अगर वो थक गयी तो फिर तेरी गांड मारूंगा.
मैं बोला- ठीक है मालिक, आप जैसा कहोगे मैं वैसा करने के लिए तैयार हूं. अब आप ही मेरे घर के मालिक हो. जैसा आप हुक्म करोगे मैं वही करूंगा.
अमनप्रीत- ठीक है मेरे कुत्ते, नामर्द गांडू, मेरी रखैल के पति, मैं तेरी बीवी की चूत फाड़ने के लिए तैयार हूं. मुझे तेरी उस रंडी बीवी की गांड फाड़नी है. अब से तू मेरा गुलाम है और तू मेरी गांड चाटेगा और मेरा मूत भी पीयेगा.
अमनप्रीत की बातें मुझे उत्तेजित करने लगी थीं. मैं उसकी बातों से बहुत एक्साइटेड हो रहा था.
मैं बोला- जी मालिक, मेरी बीवी आपकी ही कुतिया बनेगी. मैं खुद अपने हाथ से आपका लंड उसकी चूत में डालूंगा. मैं आपका मूत भी पी लूंगा, आपकी गांड भी चाट जाऊंगा.
अमनप्रीत- हां मेरे कुत्ते, मैं चाहता हूं कि तू अपनी बीवी की ब्रा और पैंटी पहन कर मेरी सेवा करे.
मैं बोला- आह्ह, हां मालिक, मैं अपनी बीवी की ब्रा पैंटी भी पहनूंगा, उसी में आपकी सेवा करूंगा और उसको चुदते हुए देखूंगा.
उसकी बातों से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया था. अब तो खुद मेरा मन उसका लंड मुंह में लेने के लिए करने लगा था. मैं जान गया था कि यही हम दोनों का मर्द है. यही वो मर्द है जो अपनी मर्दानगी से हम दोनों के अंदर की आग को बुझायेगा.
अब तो मुझे रात में सपने भी यही आने लगे थे कि अमनप्रीत मुझे और मेरी बीवी को चोद रहा है. मैं भी उसके लंड के सपने देखने लगा था. मगर इस बारे में अभी श्यामली को कुछ पता नहीं था. ये सब करने से पहले उसको भी इस बारे में बताना जरूरी था.
मैंने उससे बात करने की सोची. मुझे बहुत डर लग रहा था क्योंकि एक तो मैं पहले उसकी नजरों में गिर गया था. अब अगर उसको ये पता लगा कि मैं उसको किसी और मर्द से चुदवाने जा रहा हूं और खुद भी उसका लंड लेने का प्लान कर रहा हूं तो वो पता नहीं क्या करेगी.
गर फिर भी मैं बात करने गया. उसके पास जाकर मैंने कहा- श्यामली मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
श्यामली- बोलो जो बोलना है। मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है.
मैं- मुझे पता है कि तुम मेरे से संतुष्ट नहीं हो। मगर मैं तुम्हें दुखी नहीं देख सकता।
बीवी- तुमसे तो होता नहीं है तो भला तुम क्या कर लोगे?
मैं- मैं चाहता हूं कि जो काम मैं नही कर पा रहा हूं वो कोई और करे।
बीवी- तुम्हारे लंड के साथ साथ लगता है तुम्हारे दिमाग की नसें भी मर गयी हैं, ये क्या अनाप शनाप बोले जा रहे हो तुम?
मैं- नहीं, रुको, मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूं.
मैंने श्यामली को मोबाइल में बीवी की गैर मर्द से चुदाई की कहानी पढ़वाई. वो कहानी को ध्यान से पढ़ने लगी. उसके बाद मैंने उसको अमनप्रीत और मेरी चैट दिखाई.
चैट में अमनप्रीत का फोटो और उसके लंड का फोटो भी था.
उस बांके जवान हट्टे कट्टे मर्द को देख कर उसकी आंखों में चमक आ गयी. अंदर ही अंदर उसके मन में वासना जा गयी मगर मेरे सामने नाटक करते हुए कहने लगी- नहीं, ये सही नहीं है.
मैंने कहा- ये तो बहुत अच्छा है. तुम्हें बहुत खुश कर देगा. ये तो तुम्हें देखते ही तुम्हारा दीवाना हो गया है, कह रहा था कि पटक पटक कर चोदूंगा तुम्हारी बीवी को मैं.
श्यामली के मन में भी उसके हट्टे कट्टे जिस्म को देख कर लालच आ गया था. उसने थोड़ी सी ना नुकर के बाद फिर हां कर दी. मगर उसने वो चैट भी पढ़ ली जिसमें अमनप्रीत मेरी गांड मारने की बात कर रहा था और अपनी गांड चटवाने को भी बोल रहा था.
वो बोली- मुझे पता था कि तू नामर्द है मगर तू तो गांडू भी है! ये तो बहुत अच्छा हो गया.
इतना कह कर वो खुशी से उछलने लगी. फिर वो अमनप्रीत से बात करने की कहने लगी.
मैंने अमनप्रीत से उसकी बात करवाई. बातों बातों में ही मेरी बीवी पूरी गर्म हो गयी. वो मेरे सामने ही अपने कपड़े खोल कर अमनप्रीत से फोन पर बात करते हुए अपनी चूत में उंगली करने लगी.
उसके बाद फिर हम तीनों ने मिलने का प्लान बनाया. दो दिन बाद मुम्बई में मिलना फिक्स हुआ. उसके बाद हम मुम्बई के लिए निकल गये. मेरी बीवी काफी खुश थी. आखिरकार वो भी अब एक असली मर्द से चुदने वाली थी.
मुम्बई पहुंच कर हमने एक होटल बुक कर लिया. अमनप्रीत भी तय किये गये समय पर पहुंच गया. अमनप्रीत और श्यामली की आज सुहागरात होने वाली थी. इसलिए श्यामली का मेकअप करने वाली भी आई हुई थी. मैं अमनप्रीत के साथ दूसरे रूम में था और फूल सजा रहा था.
हम दोनों बात कर रहे थे कि उसने अपना लौड़ा अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया. उसका लम्बा मोटा और तगड़ा लंड देख कर मैं तो भौंचक्का रह गया. इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था रियल लाइफ में. उसका लंड मेरे लंड से 2 गुना बड़़ा था.
लंड को देख कर मुझसे भी रुका न गया और मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया. उसके लंड को प्यार से हाथ फिराते हुए सहलाने लगा. उसका लंड तनाव में आना शुरू हो गया. फिर उसने मेरे सिर को पकड़ा और अपने लंड पर झुका दिया. उसका आधा लंड मेरे मुंह में भर गया.
मैं अमनप्रीत का लौड़ा चूसने लगा. सच कहूं तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था उसका लंड चूसते हुए. पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि मेरे अंदर भी एक औरत है जो अपने लिये मर्द तलाश कर रही है.
इधर अमनप्रीत के मुंह से भी सिसकारियां निकलने लगी थीं- आह्ह … ओह्ह चूस मेरी रंडी. पूरा चूस जा इसको. ये तुझे खुश कर देगा. मगर तू इसको चूस चूस कर खुश दे.
मैं भी मजे से उसके लंड को मुंह में भर भर कर चूस रहा था. वो मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था. वो मुझे अपनी रांड और न जाने क्या क्या बुला रहा था.
काफी देर तक वो मुझे अपना लंड चुसवाता रहा. उसके बाद उसने मुझे पलट दिया और मेरी गांड को सहलाने लगा. उसने फिर तेल की शीशी ली और मेरी गांड में तेल लगाने लगा. उसने मेरी गांड में उंगली से अंदर तक तेल डाल दिया.
फिर उसने मुझे औंधे मुंह लिटा लिया और मेरी गांड पर लंड लगा दिया. मेरी गांड के छेद पर अपने मूसल लौड़े को सेट करके उसने मेरी गांड में अपना लंड धकेल दिया. मेरी चीख निकल गयी. मैं दर्द से चिल्ला उठा. गांड में लंड लेने का ये मेरा पहला अनुभव था.
अमनप्रीत ने मुझे कस कर अपनी पकड़ में ले लिया ताकि मैं हिल डुल न सकूं. उसके बाद धीरे धीरे जोर लगाते हुए मेरी गांड में लंड को अंदर फंसाने लगा. उसका लंड मेरी गांड को चीरता फाड़ता हुआ अंदर फंसने लगा.
धीरे धीरे करके उसने पूरा लंड फंसा दिया और मेरी हालत खराब हो गयी. लंड को पूरा फँसा कर वो मेरे ऊपर लेट गया. मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरी गांड फैलने लगी. मुझे मजा आने लगा.
उसके बाद अमनप्रीत ने अपना लंड मेरी गांड में चलाना शुरू किया. वो मेरी गांड को चोदने लगा. अब मैं भी गांड मटका मटका कर चुदने लगा. उसका सहयोग करने लगा. मुझे तो ऐसा लगा जैसे कि यही जन्नत है. इतना मजा मुझे चूत मारने में कभी नहीं आया जितना लंड से चुदने में आ रहा था.
मैं अमनप्रीत की कुतिया बन कर चुदने लगा. वो मुझे आशिका कह कर बुलाने लगा. मैं उसकी दूसरी बीवी आशिका बन गयी थी. उसने मेरी गांड को चोद चोद कर उसको नयी कर दिया. मैं बहुत खुश हो रहा था. मुझे भी अपना मर्द मिल गया था.
उसके बाद अमनप्रीत ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और चुसवाने लगा. उसने अपना माल मेरे मुंह में निकाल दिया. अब तक श्यामली भी तैयार हो गयी थी.
मैं रूम में गया और मैंने उन दोनों का बिस्तर सजा दिया. उसके बाद सजावट वाले रूम में श्यामली को ले गया. अमनप्रीत अपना लंड अपनी पैंट की जिप से बाहर निकाल कर बेड पर लेटा हुआ था.
श्यामली ने अमनप्रीत को देखा और फिर उसकी पैंट में से बाहर आये लंड को देखा. उसके लंड को देखकर मेरी बीवी भी अपने होश खो बैठी. उसकी आंखों में ऐसी चमक आ गयी जैसे उसको कोई हीरा मिल गया हो.
अमनप्रीत के पास जाकर मैंने श्यामली को बैठा दिया और अपनी बीवी का हाथ पकड़ कर अमनप्रीत के लंड पर रखवा दिया और बोला- श्यामली, आज से ये ही तुम्हारे मर्द हैं और अमनप्रीत जी, आज से श्यामली भी आपकी औरत है.
ये बोल कर मैं उन दोनों से अलग हो गया. अब एक तरफ बैठ कर उन दोनों की चुदाई देखने का आनंद लेने का समय था. अमनप्रीत मेरी बीवी को किस करने लगा और उसको अपनी मजबूत बांहों में उठा लिया.
धीरे धीरे वो दोनों नंगे हो गये. अमनप्रीत ने मेरी बीवी के बूब्स दबाना शुरू कर दिया. श्यामली के चेहरे पर आज एक अलग ही मजा मुझे दिखाई दे रहा था. वो मदमस्त होकर कराह रही थी. अमनप्रीत उसकी चूचियों को जोर जोर से दबा और मसल रहा था.
अब मेरी बीवी से भी नहीं रुका गया और उसने अमनप्रीत के लंड को अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. वो उसके लंड को इतनी शिद्दत के साथ चूस रही थी जैसे वो जन्मों की प्यासी हो. इतनी मस्ती मैंने श्यामली के अंदर पहली बार देखी थी.
श्यामली के मुंह से लंड को खींच कर अमनप्रीत ने उसे लिटा लिया. फिर मुझे भी बुला लिया.
अपने पास बुला कर अमनप्रीत मुझसे बोला- मेरा लंड तू ही अपने हाथ से इसकी चूत में डालेगा.
मैंने उसका हुक्म माना और उसका लंड पकड़ कर अपनी बीवी की चूत पर लगा दिया. मैं उसकी चूत पर अमनप्रीत का लंड रगड़ने लगा. श्यामली पगला गयी और गाली बकने लगी और बोली- जल्दी कर गांडू, अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
अमनप्रीत भी ये सुन कर हंसने लगा.
वो बोला- डाल भी दे आशिका मेरी जान, मेरी रखैल को ऐसे मेरे लंड के लिए क्यों तड़पा रही है, इसकी चूत को भी तेरी गांड की तरह मेरे लंड की सख्त जरूरत है. जल्दी से डाल दे अब.
मैंने अमनप्रीत का हुक्म माना और उसका लंड श्यामली की चूत में डाल दिया. अमनप्रीत अब चुदाई के मोड में आ गया और मेरी बीवी की चूत को पेलने लगा. तेज रफ्तार से उसकी चूत को चोदने लगा. श्यामली की आंखें बाहर आने लगीं. उसके मोटे लंड के धक्के वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और दर्द से चिल्ला रही थी.
इतना बड़ा लंड पहली बार लिया था उसने. फिर कुछ देर के बाद उसकी चूत खुलने लगी और उसको भी मजा आने लगा. फिर वो दोनों मेरे बारे में गंदी गंदी बातें करने लगे.
अमनप्रीत- बोल मेरी रखैल, कैसा लग रहा है मेरा लंड?
श्यामली- आह्ह, इतना बड़ा लंड तो मैंने आज तक नहीं लिया है आह्ह … बहुत मजा आ रहा है.
अमनप्रीत- तुझे आज पता चलेगा कि मर्द की चुदाई कैसी होती है. आखिरकार आज तू औरत बनेगी और चुदाई का असली मज़ा लेगी।
श्यामली- हां, बहुत मज़ा आ रहा है। आह आह … इस गांडू का लंड तो मेरी चूत में पता ही नहीं चलता था. आह्ह आज तो मगर मैं अंदर तक तृप्त हो रही हूं. आज जाकर मुझे मर्द मिला है. मर्द के लंड से चुदाई का मजा अलग ही है.
अमनप्रीत- तेरे गांडू पति की भी आज मैंने जमकर चुदाई की है.
श्यामली- हां, ये तो है ही गांडू, इसको लंड ही चाहिए था. अच्छा किया इसकी गांड मारकर.
इस तरह से करीब घंटे भर तक उन दोनों की चुदाई चली. इस दौरान श्यामली 4 बार झड़ गयी. उस दिन के बाद से अमनप्रीत ही श्यामली का पति बन गया. जब भी श्यामली को लंड चाहिए होता था तो अमनप्रीत ही उसकी चुदाई करता था.
अमनप्रीत मेरी गांड भी मारता था. इस तरह से हम तीनों को ही अपना अपना साथी मिल गया था. अब मेरी बीवी भी खुश हो गयी थी. मैं भी अमनप्रीत को पाकर खुश हो गया था और अमनप्रीत भी मेरी बीवी की चूत और मेरी गांड की चुदाई करके हम दोनों के मजे ले रहा था. इस तरह से मैं उन दोनों की सेवा करता रहा.
दोस्तो, आपको मेरी यह स्टोरी कैसी लगी मुझे अपनी राय जरूर बतायें. मुझे आप लोगों के फीडबैक का बेसब्री से इंतजार है. मुझे बतायें कि इस तरह से शादीशुदा जीवन में सेक्स का मजा लेना कहां तक सही है? अपनी राय नीचे दी गयी ईमेल पर भेजें.
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